Sunday, August 30, 2015

बागवानी : एक फलता-फूलता कॅरिअर

रोजगार समाचार, 15-21 सितंबर 2012 यदि आप किसी व्यावसायिक बागवान के लिए कार्य करते हैं तो खेतों, उद्यानों, बागों और गोल्फ कोर्स के भूदृश्याकंन, जुताई, रखरखाव तथा पैदावार आदि जैसे कार्य आपको करने होंगे, भूदृश्यांकन उद्देश्य वाले होटल, रिसोर्ट तथा विस्तृत भूमि वाले निजी बंगले भी इस क्षेत्र में रोज़गार के अन्य विकल्प हैं। निर्माण कंपनियों और भूदृश्य वास्तुकला फार्मों को पौधों एवं पौधों की देखरेख पर सलाह देने के लिए आप सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।आपके जन्म-दिन पर आपको उपहार के रूप में कोई विदेशी पौधा मिलता है तो क्या आप हर्ष-विभोर हो जाते हैं? क्या आपको आश्चर्य होता है कि आपके मित्र के मस्तिष्क में यह शानदार विचार कैसे आया! तो, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उपहार के रूप में पौधे देना, पर्यावरण की रक्षा के लिए चिंतित इस विश्व में एक नई परिपाटी है। आपके लिए यह और रुचिकर हो सकता है कि उपहार के पौधे एवं फूल बेचना एक शानदार उद्यम है। इसलिए यदि आप पौधों में रुचि रखते हैं और पौधों के माध्यम से धन-राशि अर्जित करने के विकल्प तलाश रहे हैं तो बागवानी आपके कॅरिअर को दिशा दे सकती है।

बागवानी पौधों की खेती का विज्ञान है, यह फलों, वनस्पति/सब्जियों, फूलों, गिरीदार फलों, मसालों और सजावटी पौधों के उत्पादन से संबंधित है। कार्बनिक उत्पाद, सजावटी फूलों और उपहार में दिए जाने वाले पौधों की मांग के साथ बागवानी क्षेत्र लाभप्रद एवं आकर्षक कॅरिअर के विकल्प के रूप में उभर रहा है।

संभावनाएं :


उद्यानविज्ञानी सरकारी संगठनों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में रोज़गार प्राप्त कर सकते हैं। आप सरकारी अनुसंधान संगठनों में वैज्ञानिक के रूप में या बागवानी विभाग में बागवानी अधिकारी/सहायक/निरीक्षक/फार्म पर्यवेक्षक या निदेशक के रूप में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

बागवानी क्षेत्र के वर्तमान लक्ष्य फलों, सब्जियों/वनस्पति तथा फूलों की नई तथा उन्नत किस्मों को पैदा करना, विदेशी किस्मों का विकास करना, फसल की पैदावार में सुधार लाना, गुणवत्ता तथा पोषण महत्वों को बढ़ाना तथा कीड़ों एवं क्षेत्रों के प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाना है। यदि आप अनुसंधान के क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो पादप शरीर विज्ञान, प्रोपेगेशन, जैव रसायन विज्ञान तथा आनुवांशिक इंजीनियरी वे क्षेत्र हैं, जिनमें आप कार्य कर सकते हैं। कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, भा.कृ.अ.प. नई दिल्ली प्रत्याशित वैज्ञानिकों की भर्ती करता है। जिला बागवानी एवं कृषि अधिकारियों के पद राज्य लोक सेवा आयोग परीक्षाओं के माध्यम से भरे जाते हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र प्रशिक्षक संयोजकों, एसोशिएट तथा सहायक के पदों पर भर्ती करते हैं, सिविल सेवा भी इस क्षेत्र में एक चुनौती पूर्ण विकल्प है।

बैंकों में भी ग्रामीण विकास अधिकारी और कृषि वित्त अधिकारी जैसे पद धारण कर सकते हैं।

निजी क्षेत्र में कई अवसर हैं। आप निजी बीज वैज्ञानिक के अनुसंधान तथा विकास विभागों में वैज्ञानिक के रूप में कार्य कर सकते हैं या निजी बीज या पेस्टीसाइड कंपनी में विपणन कार्यपालक के रूप में कार्य कर सकते हैं। जड़ी-बूटी दवाइयों पर आधारित भेषज कंपनियां भी उद्यान विज्ञानियों की सेवाएं लेती हैं।

यदि आप किसी व्यावसायिक बागवान के लिए कार्य करते हैं तो खेतों, उद्यानों, बागों और गोल्फ कोर्स के भूदृश्याकंन, जुताई, रखरखाव तथा पैदावार आदि जैसे कार्य आपको करने होंगे, भूदृश्यांकन उद्देश्य वाले होटल, रिसोर्ट तथा विस्तृत भूमि वाले निजी बंगले भी इस क्षेत्र में रोज़गार के अन्य विकल्प हैं। निर्माण कंपनियों और भूदृश्य वास्तुकला फार्मों को पौधों एवं पौधों की देखरेख पर सलाह देने के लिए आप सलाहकार के रूप में भी अपनी सेवाएं दे सकते हैं।

यदि आपकी रुचि शिक्षा के क्षेत्र में है तो आप कृषि एवं बागवानी विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकते हैं। इस क्षेत्र में आप लेक्चरर, रीडर, सहायक प्रोफेसर तथा एसोशिएट प्रोफेसर के अवसर तलाश सकते हैं।

उद्यम की संभावनाओं की बात करें तो आपके पास अपना निजी फार्म, व्यावसायिक पौधशाला (नर्सरी) या बाग लगाने के विकल्प हैं। बीज उत्पादन, ड्राइ या कट फ्लॉवर उद्यम, कोल्ड स्टोरेज, उपहार के पौधों की बिक्री एवं फलों/सब्जियों तथा फूलों का निर्यात अन्य संभावित विकल्प हैं। आजकल ग्रीन डेकोर, गुड लक, स्ट्रेस बस्टर, बोन्साइ तथा सजावटी गमलों में पूलों के पौधों की अच्छी मांग है। पैदावार बढ़ाने के लिए कृषि में बागवानी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसानों को प्रेरणा तथा सलाह देने के लिए आप तकनीकी सलाहकार के रूप में या विपणन कंपनियों के साथ एक मध्यस्थ के रूप में भी कार्य कर सकते हैं।

फलों, फूलों और सब्जियों के प्रसंस्करण, परिक्षण तथा विपणन के क्षेत्र में भी अवसर विद्यामान हैं।

शिक्षा


अपना निजी व्यवसाय चलाने के लिए पौधों एवं पौधों की सुरक्षा का अच्छा ज्ञान पर्याप्त है। तथापि, औपचारिक गहन प्रशिक्षण आपके विकल्पों को और व्यापक करेगा।

बागवानी या कृषि विश्वविद्यालय बागवानी में शैक्षिक डिग्रियां देते हैं। बागवानी में स्नातक पाठ्यक्रम एक चार वर्षीय कार्यक्रम होता है और बागवानी में एम.एससी. दो वर्ष की अवधि की होती है। अधिकांश विश्वविद्यालय पीएच. डी कार्यक्रम चलाते हैं। कुछ विश्वविद्यालय अल्प-कालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं।

सफलता मंत्र


विषय के प्रति लगाव तथा व्यापक तकनीकी ज्ञान इस क्षेत्र में सफल होने के लिए अनिवार्य है। पौधों पर मिट्टी मौसम तथा उपचार के प्रभाव का ध्यान रखना तथा विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है। लंबे समय तक तथा विपरीत मौसम में बाहरी पौधों पर कार्य करने के लिए अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डॉ. के. पुरुषोत्तम, अनुसंधान निदेशक, वाई एस.आर. बागवानी विश्वविद्यालय की सलाह है कि खेतों में व्यावहारिक रूप में कार्य करके सीखना और फसल के व्यवहार तथा उन पर जलवायु में परिवर्तन के प्रभाव पर ध्यान रखना और उसके बाद निष्ठा, प्रतिबद्धता और कठोर परिश्रम करना अनिवार्य है। अवसरों की प्रतीक्षा न करें, अवसर की तलाश करें। विषय पर तथा साथ ही कॅरिअर के अवसरों पर भी अपने ज्ञान को निरंतर अद्यतन करें।

उन्नति


अपनी रुचि, प्रवृत्ति, योग्यताओं तथा अनुभव के आधार पर आप बागवानी से जुड़े सगठनों में कार्य कर सकते हैं और अपने कॅरिअर में आगे बढ़ सकते हैं। बागवानी के और विशेषज्ञता वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रशिक्षण आपकी उन्नति को गति देगा। ये क्षेत्र हैं – भूदृश्य, वास्तुकला, शहरी नियोजन, प्रबंधन तथा उपलब्ध अवसरों के अनुसार अन्य विषय। यदि आपकी, अपना निजी व्यवसाय चलाने की योजना है तो उस पर ध्यान दें। व्यवसाय तथा बाजार के विभिन्न पहलुओं का पता लगाएं। आधुनिक तकनीकों जैसे ऑनलाइन विपणन तथा विक्रय का उपयोग करने से आपका व्यावसायिक टर्न ओवर थोड़े से समय में पर्याप्त रूप में बढ़ जाएगा।

बागवानी के क्षेत्र में कॅरिअर बनाने के इच्छुक व्यक्तियों के लिए प्रचुर अवसर हैं। इसलिए इस मिथक कि इस क्षेत्र में अवसर सीमित हैं, को दूर करके विकल्पों का पता लगाएं और अपनी पसंद पर गंभीरतापूर्वक आगे बढ़ें। आपके प्रयास निश्चय सफल होंगे।

कॉलेज एवं पाठ्यक्रम


कॉलेजपाठ्यक्रमपात्रताप्रवेशवेबसाइट
डॉ. वाईएसआर बागवानी विश्वविद्यालयबी.एससी-बागवानीभौतिकीय विज्ञान, जैविकीय/प्रकृति विज्ञान, कृषि विज्ञान में से दो विषयों के साथ इंटरमीडिएट या कृषि में व्यावसायिक पाठ्यक्रमईएएमसीईटीwww.aphu.edu.in
 फलविज्ञान, वनस्पति/सब्जी विज्ञान सहित बागवानी में एम.एससी. पुष्पोत्पादन तथा भूदृश्यांकन एवं मसाले और औषधीय तथा पौध फसल विशेषज्ञता के रूप में हो।बीएससी-बागवानीप्रेवश परीक्षा 
बागवानी कॉलेज एवं अनुसंधान संस्थान, तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालयबी.एससी-बागवानी10+2अर्हता परीक्षा में प्राप्त अंकwww.tnau.ac.in
डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय सोलनबीएससी (ऑनर्स) बागवानी10+2प्रवेश परीक्षा अर्हता परीक्षाwww.yspuniversity.ac.in
 एम.एससी-बागवानी के साथ जैवप्रौद्योगिकी कीट विज्ञान एवं मधुमक्खी पालन पुष्प उत्पादन तथा भूदृश्याकंन, फल प्रजनन एवं आनुवंशिक संसाधन, कवक विज्ञान और पादप रोगविज्ञान फल विज्ञान, फसलोत्तर प्रौद्योगिकी, वनस्पति/सब्जी विज्ञान में विशेषज्ञता के रूप में।बीएससी-बागवानी/कृषिअर्हता परीक्षा में प्राप्त अंक 
डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालयबी.एससी.-बागवानीभौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित एवं अंग्रेजी के साथ 10+2 www.padkv.ac.in
 एम.एस.सी. (बागवानी) फलविज्ञान, वनस्पति/ सब्जी विज्ञान तथा फसलोत्तर प्रौद्योगिकी सहितबी.एससी. बागवानीप्रवेश परीक्षा 

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