Saturday, March 25, 2023

फैशन डिजाइनिंग कोर्स करने के बाद कहां मिलती है नौकरी

 फैशन की इस दुनिया में अब हर दिन ट्रेंड बदल रहा है. इस बदलते ट्रेंड के अनुसार हर कोई अच्छा दिखना चाहता है. ऐसे में बड़े-बड़े सेलिब्रिटी से आम लोग जो भी कपड़े खरीदते हैं वह ट्रेंड फैशन को ध्यान में रखकर खरीदते हैं. ऐसे में जैसे-जैसे फैशन इंडस्ट्री डेवलप हो रही है वैसे-वैसे मार्केट में फैशन डिजाइनर के मांग भी बढ़ रही है. वहीं फैशन डिजाइनिंग ने एकेडमिक क्षेत्र में भी जगह बना ली है.

आज यूजी और पीजी लेवल पर कई फैशन डिजाइन कोर्स हैं. ये कोर्स स्टूडेंट्स को फैशन की दुनिया के हिसाब से ग्रूम करते हैं. छात्रों को फैशन डिजाइनिंग, टेक्सटाइल इंडस्ट्री, फैशन मैनेजमेंट और ऐसी ही अन्य चीजों के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिलता है. अगर आप भी फैशन डिजाइनिंग में अपना करियर बनना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है आइए जानते हैं कि फैशन डिजाइनर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए और उनका काम क्या होता इसके साथ ही उनकी सैलरी क्या होती है , ऐसे ही ढेर सारे सवाल का जवाब आपको यहां मिलेगा. 

जानें आयु सीमा
फैशन डिजानइर का कोर्स करने वाले अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु सीमा 19 वर्ष होनी चाहिए और अधिकतम आयु 40 वर्ष होनी चाहिए. 

जानें शैक्षणिक योग्यता 
यूजी लेवल पर फैशन डिजाइनिंग कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए युवाओं को किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं कक्षा कम से कम 50 प्रतिशत अंको के साथ पास करनी चाहिए.फैशन डिजाइनिंग कोर्स में एडमिशन के लिए छात्रों को NID, DAT, UCEED और NIFT जैसी एंट्रेंस एग्जामिनेशन को भी क्वालीफाई करना पड़ता है.

फैशन डिजाइनिंग में कोर्स
फैशन डिजाइनिंग में बैचलर ऑफ फैशन डिजाइनिंग, बीएससी इन फैशन डिजाइनिंग, बैचलर ऑफ फैशन कम्युनिकेशन, डिप्लोमा इन फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स किए जा सकते है. अलग-अलग इंस्टीट्यूट्स में अलग-अलग कोर्स कराए जाते हैं जिनकी ड्यूरेशन भी अलग-अलग होती है. ये कोर्स 1 से 4 साल की अवधि के हो सकते हैं.

जानें कहा से कर सकते हैं यह कोर्स 

  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन  टेक्नोलॉजी, दिल्ली
  • एमिटी स्कूल  ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी, नॉएडा
  • नेशनल इंस्टिट्यूट  ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी, मुंबई
  • सिम्बायोसिस इंस्टिट्यूट  ऑफ  डिज़ाइन , पुणे
  • नेशनल इंस्टिट्यूट  ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी , बेंगलुरु
  • पर्ल अकादमी , दिल्ली
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी , चेन्नई
  • पर्ल अकादमी , जयपुर
  • नेशनल इंस्टिट्यूट  ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी,पटना
  • नेशनल इंस्टिट्यूट  ऑफ  फैशन  टेक्नोलॉजी , हैदराबाद
  • निफ्ट -टिया कॉलेज  ऑफ  निटवियर  फैशन , दिल्ली
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID)
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT)
  • पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन (PAF)
  • सिम्बोयसिस सेंटर ऑफ डिजाइन (SID)
  • नॉर्दन इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIIFT)

जानें कहां मिलती है नौकरी
बुटीक, डिपार्टमेंटल स्टोर या लाइफस्टाइल, जारा, एम्पोरियो अरमानी आदि जैसे बड़े ब्रांडों में नौकरी पाना बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. इसके साथ ही अरविंद मिल्स भारती वेलमार्ट, केरियन, डिजाइन एन डेकोर, फैबिंदिया, कार्ले इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, विशाल मेगा आदि कंपनियों में जॉब्स कर सकते हैं. 

Friday, March 24, 2023

Certificate in VFX

VFX यानि विजुअल एफेक्ट्स कोर्स आजकल बहुत लोकप्रिय हो गया है, जो फिल्मों, टीवी शो और वीडियो गेम्स में विशेष अंदाज और उदाहरण बनाने में मदद करता है। एक सर्टिफिकेट इन वीएफएक्स कोर्स, जिसे संक्षिप्त में वीएफएक्स सर्टिफिकेट कोर्स भी कहा जाता है, इस फील्ड में कैरियर बनाने के लिए एक उत्कृष्ट मार्ग हो सकता है।

इस कोर्स के माध्यम से छात्रों को विभिन्न वीएफएक्स टेक्नोलॉजी, टूल्स और सॉफ्टवेयर सीखाए जाते हैं। इसमें छात्रों को स्पेशल इफेक्ट्स, आइ बॉल, रोटोस्कोप, कंपोजिटिंग, ट्रैकिंग, मैट और ऑटोमेटेड विशेष अंदाज बनाना सिखाया जाता है।

इस कोर्स की अवधि कुछ हफ्तों से कुछ महीनों तक हो सकती है, इसलिए यह एक छोटा संक्षिप्त कोर्स होता है।

इस कोर्स को भारत में कई संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है। कुछ प्रमुख संस्थानों के नाम निम्नलिखित हैं:

Arena Animation

Maya Academy of Advanced Cinematics (MAAC)

Digiquest Academy

Frameboxx Animation and Visual Effects

इसके अलावा, भारत में अन्य विश्वविद्यालय और संस्थान भी वीएफएक्स कोर्स प्रदान करते हैं जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

Whistling Woods International

National Institute of Design (NID)

Srishti Institute of Art, Design and Technology

Wiztoonz Academy of Media and Design

Asian Academy of Film and Television (AAFT)

इन संस्थानों के अलावा, ऑनलाइन वीएफएक्स कोर्स भी उपलब्ध हैं, जिन्हें विभिन्न वेबसाइटों के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

सर्टिफिकेट इन वीएफएक्स कोर्स के उपलब्धता, अवधि और शुल्क भिन्न-भिन्न संस्थानों में भिन्न हो सकते हैं, इसलिए आपको संस्थान की वेबसाइट पर जाकर इस संबंध में अधिक जानकारी लेनी चाहिए।

इसके अलावा, कुछ संस्थान वीएफएक्स कोर्स को संबोधित श्रेणियों में भी विभाजित करते हैं, जैसे कि:

VFX for Film and Television

VFX for Games and Interactive Media

VFX for Advertising and Marketing

VFX for Architecture and Interior Design

ये विभिन्न श्रेणियां वीएफएक्स कोर्स के विभिन्न एप्लिकेशन के लिए उपलब्ध होती हैं। आपको अपने कैरियर के उद्देश्य के आधार पर इनमें से एक को चुनना चाहिए।

इसके साथ ही, वीएफएक्स कोर्स में पाठ्यक्रम के अंत में छात्रों को प्रदर्शनी के लिए एक परियोजना पूरी करनी होती है। यह परियोजना विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग होती है और इसके द्वारा छात्रों की वीएफएक्स कौशल का मूल्यांकन किया जाता है।

इसलिए, यदि आप वीएफएक्स कोर्स में दाखिला लेने का विचार बना रहे हैं, तो आपको संस्थान के पाठ्यक्रम, विशेषताएं, अवधि, शुल्क और परियोजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।आप भारत में कुछ प्रमुख संस्थानों से वीएफएक्स कोर्स कर सकते हैं। यहाँ कुछ संस्थानों के नाम हैं जो वीएफएक्स कोर्स प्रदान करते हैं:

Maya Academy of Advanced Cinematics (MAAC)

Arena Animation

Frameboxx Animation and Visual Effects

Zee Institute of Creative Art (ZICA)

National Institute of Design (NID)

Anibrain School of Media Design

इन संस्थानों में से कुछ संस्थान ऑनलाइन वीएफएक्स कोर्स भी प्रदान करते हैं, जो आप अपने घर से भी कर सकते हैं।

आपको संस्थान के पाठ्यक्रम, विशेषताएं, अवधि, शुल्क और प्रवेश प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उनकी वेबसाइट या संबंधित विभागों से संपर्क करना चाहिए।

Thursday, March 23, 2023

कंप्यूटर एकाउंटिंग करियर स्कोप

आजकल तकरीबन हरेक काम कंप्यूटर्स पर होने लगा है. इसलिए, अगर आप कंप्यूटर एकाउंटिंग में एक्सपर्ट हैं तो इस आर्टिकल में आपके लिए भारत में उपलब्ध कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज, करियर ऑप्शन्स और करियर स्कोप के बारे में सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रस्तुत है.

इस इंटरनेट और डिजिटल दौर में कंप्यूटर एकाउंटेंसी की डिमांड लगातार बढ़ रही है. अब कंप्यूटर एकाउंटिंग के कई बेहतरीन सॉफ्टवेयर्स आ गए हैं और अधिकतर कंपनियों तथा इंस्टीट्यूशंस के लिए इनकम और एक्सपेंडीचर का हिसाब-किताब रखना या इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन अपलोड करना एकाउंट्स विभाग के कुछ ऐसे जरूरी काम होते हैं जो इन सॉफ्टवेयर्स के माध्यम से काफी कम समय में और सटीकता के साथ संपन्न किए जा सकते हैं. भारत में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लागू होने के बाद, इन कंप्यूटर एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर्स और ऑनलाइन टूल्स का महत्व निरंतर बढ़ रहा है. दरअसल, इन दिनों प्रत्येक ऑफिस या इंस्टीट्यूट में आपको सभी प्रोफेशनल्स अक्सर अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हुए दिखते हैं.

इसलिए, इस नए दौर में अधिकतर कंपनियों और दफ्तरों के एकाउंट्स डिपार्टमेंट्स भी बहुत हद तक कंप्यूटर एकाउंटिंग पर निर्भर हो गये हैं. हमारे देश में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी और ICWA एक्सपर्ट्स भी अब कंप्यूटर एक्सपर्ट्स होते हैं और अपने डेली ऑफिस वर्क को अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर बड़ी आसानी से, कम समय में पूर्ण सटीकता के साथ निपटा लेते हैं. इसलिए, इस आर्टिकल में हम आपके लिए भारत में उपलब्ध कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज के साथ ही करियर स्कोप के बारे में चर्चा कर रहे हैं:  

कंप्यूटर एकाउंटिंग का परिचय और महत्त्व 

सन 1980 के दशक तक हमारे देश में एकाउंट्स की फील्ड से संबंधित सभी काम कई किस्म की एकाउंट्स बुक्स जैसेकि, लेजर, कैशबुक, स्पेशल पर्पस बुक और एकाउंट्स बहीखाता आदि के माध्यम से किया जाता था. अब इन सभी एकाउंट्स बुक्स की जगह कंप्यूटर शीट्स ने ले ली है. अब कम्प्यूटर की मदद से ये सारे काम बहुत आसान हो गए हैं.  आज के इस डिजिटल दौर में हम कंप्यूटर एकाउंटिंग को बिलकुल अनदेखा नहीं कर सकते हैं क्योंकि सभी मॉल्स, शोरुम्स, BPO, KPO, इंडस्ट्रीज और हरेक ऑफिस, बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट में एकाउंट्स का हरेक काम अब कंप्यूटर पर होने लगा है. दरअसल, कंप्यूटर एकाउंटिंग के महत्व को हम निम्नलिखित पॉइंट्स में प्रस्तुत कर सकते हैं:

•    कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से अधिक से अधिक डाटा काफी कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है जिस वजह से हरेक ऑफिस या कंपनी का काफी समय बच जाता है.  
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से फाइनेंशियल रिपोर्ट्स सटीक होने के साथ ही बहुत जल्दी तैयार हो जाती हैं.
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग से कागज़ की खपत काफी कम हो गई है.
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग में सारे डाटा का ट्रैक रिकॉर्ड होने की वजह से चोरी और धोखेबाजी को रोकने में कामयाबी मिली है.
•    ऑनलाइन क्लाउड फैसिलिटी का उपयोग करते हुए कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से कंप्यूटर के काफी कम स्पेस में सारा डाटा स्टोर किया जा सकता है जिससे रैम की स्पीड के साथ ही  कंप्यूटर की परफॉरमेंस भी अच्छी रहती है.
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए स्किल्ड मैनपावर की जरूरत होती है.
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए हरेक ऑफिस या कंपनी अपनी जरूरत के मुताबिक एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करती है और आजकल टेक्निकल प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने के लिए ऑप्शनल कंप्यूटर सॉफ्टवेयर तथा एक्सपर्ट्स IT पेशेवरों की जरूरत भी हरेक ऑफिस या कंपनी को पड़ती है.
•    कंप्यूटर एकाउंटिंग के माध्यम से हरेक कंपनी अपना कारोबार काफी बढ़ा सकती है और कंप्यूटर एकाउंटिंग से बहुत अधिक मात्रा में डाटा प्रोसेसिंग करके एकाउंट्स रिकार्ड्स लंबे समय तक सुरक्षित रखे जा सकते हैं.

कंप्यूटर एकाउंटिंग प्रोफेशनल्स के लिए जरुरी स्किल सेट

एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग से जुड़े सभी काम करने के लिए आजकल कैंडिडेट्स एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के साथ प्रोफेशनल ट्रेनिंग भी लेते हैं. एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग की फ़ील्ड में काम करने के लिए पेशेवरों के पास अगर निम्नलिखित स्किल-सेट हो तो वे लोग अपने काम को बेहतरीन तरीके से पूरा कर सकते हैं और एक सफल पेशेवर के तौर पर अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ काफी अच्छी कमाई भी कर सकते हैं. एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग के लिए जरुरी स्किल्स निम्नलिखित हैं:

•    पेशेवर के पास बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स होने चाहिए.
•    सटीक डाटा प्रोसेसिंग के लिए बेहतरीन एनालिटिक और इंटरपर्सनल स्किल्स भी हैं जरुरी.
•    एकाउंटेंसी से संबंधित सभी लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स की अच्छी जानकारी होनी चाहिए.
•    मैथमेटिक्स में मास्टरी भी इस पेशे के लिए बहुत जरुरी है.
•    एकाउंटिंग और कंप्यूटर एकाउंटिंग के बेसिक्स की अच्छी जानकारी और समझ होनी चाहिए.
•    कंप्यूटर पर कंप्यूटिंग एरियाज में कई घंटे तक काम करने में सक्षम हों.

कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में उपलब्ध हैं ये प्रमुख कोर्सेज

किसी भी मान्यताप्राप्त एजुकेशनल बोर्ड से 12वीं पास (प्रेफरेबली कॉमर्स सब्जेक्ट के साथ) स्टूडेंट्स कंप्यूटर एकाउंटिंग में ग्रेजुएशन/ पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल का डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. हमारे देश में कंप्यूटर एकाउंटिंग से संबंधित प्रमुख कोर्सेज निम्नलिखित हैं:

•    क्विक टैली
•    स्मार्ट टैली
•    टैली प्रोफेशनल
•    स्मार्ट एक्सेल (2010)
•    मास्टर इन एक्सेल (2010)
•    सर्टिफाइड ई-एकाउंटेंट्स

अन्य प्रमुख कोर्सेज निम्नलिखित हैं:

•    NSDC स्किल कोर्सेज
•    वर्चुअल MBA
•    मिड ब्रेन एक्टिवेशन
•    इज़ी टॉक (स्पोकन)

भारत के इन प्रमुख कॉलेज और इंस्टीट्यूट्स से करें कंप्यूटर एकाउंटिंग के कोर्सेज 

•    दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
•    दी इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंपनी सेक्रेटरीज़ ऑफ़ इंडिया, नई दिल्ली
•    इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंप्यूटर एकाउंटेंसी, पूसा रोड, दिल्ली
•    नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फाइनेंस एकाउंट्स, दिल्ली
•    कॉलेज ऑफ़ कंप्यूटर एकाउंटेंट्स, पुणे, महाराष्ट्र

कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में उपलब्ध प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स/ करियर ऑप्शन्स

•    एकाउंटेंट
•    ऑडिटर
•    सीनियर एकाउंटेंट
•    एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव
•    एकाउंट्स असिस्टेंट  
•    सीनियर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव
•    एकाउंटिंग क्लर्क
•    एकाउंटिंग मैनेजर
•    कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटेंट
•    टैक्स कंसल्टेंट्स
•    ऑडिट ऑफिसर्स
•    कैशियर्स
•    कमर्शियल असिस्टेंट
•    बिजनेस एग्जीक्यूटिव
•    फाइनेंस मैनेजर/ फाइनेंस ऑफिसर
•    फाइनेंशियल एडवाइज़र
•    फाइनेंशियल एग्जीक्यूटिव
•    डायरेक्टर – फाइनेंस
•    स्टॉक ब्रोकर
•    एकाउंट्स एंड GST स्पेशलिस्ट
•    सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट
•    चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर
•    कंपनी सेक्रेटरी
•    चार्टर्ड एकाउंटेंट

कंप्यूटर एकाउंटिंग: भारत में मिलता है यह सैलरी पैकेज

पेस्केल.कॉम के मुताबिक हमारे देश में किसी सीनियर एकाउंटेंट की एवरेज सैलरी 4.1 लाख रुपये सालाना या उससे अधिक हो सकती है. किसी फ्रेशर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव की एवरेज सैलरी 2.65 लाख रुपये सालाना और सीनियर एकाउंट्स एग्जीक्यूटिव की एवरेज सैलरी 3.96 लाख रुपये सालाना तक होती है. एकाउंटिंग मैनेजर को एवरेज 6.6 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. इसी तरह, कंप्यूटर एकाउंटिंग की फील्ड अभी नई है और इस फील्ड में एक्सपर्ट पेशेवरों को आजकल कॉर्पोरेट हाउसेस और MNCs में कई लाख रुपये सालाना के काफी आकर्षक सैलरी पैकेज मिल रहे हैं.

अगर आप एकाउंट्स की फील्ड के पेशेवर हैं या कॉमर्स और एकाउंट्स के स्टूडेंट हैं तो आप कंप्यूटर एकाउंटिंग की फील्ड में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके एकाउंटिंग से जुड़े विभिन्न करियर ऑप्शन्स में से कोई सूटेबल करियर चुन सकते हैं. हमारे देश में अब एकाउंट्स की फील्ड में काफी अधिक एजुकेशनल कोर्सेज और प्रोफेशनल ट्रेनिंग उपलब्ध होने के साथ-साथ लगातार विकसित होती इंडियन इकॉनमी और मार्केट तथा ऑनलाइन मार्केटिंग ग्रोथ के कारण अब आपके पास विभिन्न सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स में एकाउंटिंग की फील्ड में अपने लिए कोई सूटेबल जॉब ज्वाइन करने के ढेरों अवसर उपलब्ध हैं. इसलिए जरुर इन अवसरों से पूरा फायदा उठायें. ऑल दी बेस्ट!  

Wednesday, March 22, 2023

बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी

बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी (B.Sc in X-Ray Technology) एक तकनीकी पाठ्यक्रम होता है जिसमें छात्रों को रेडियोलॉजी, एक्स-रे तकनीक और उनके सम्बंधित विषयों का गहन ज्ञान प्रदान किया जाता है। इस पाठ्यक्रम का लक्ष्य एक्स-रे तकनीक और संबंधित उपकरणों का उपयोग करके रोगों और घावों के चित्रों का उत्पादन करना होता है। छात्रों को इस तकनीक को समझने के लिए प्रैक्टिकल ट्रेनिंग की भी प्रदान की जाती है।


इस पाठ्यक्रम में छात्रों को रेडियोग्राफी, स्कैनोग्राफी, एक्स-रे का उपयोग और उनकी प्रक्रिया, एक्स-रे मशीन के संरचना और उपयोग, एक्स-रे विवरण, उपचार, एक्स-रे का उपयोग करने वाले उपकरणों के लिए संरचना और उपयोग, और डिजिटल इमेजिंग और अन्य उपकरणों के बारे में शिक्षा दी जाती है।


बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम की अवधि तीन साल की होती है। यह पाठ्यक्रम समस्त भारत में कई सरकारी और निजी कॉलेजों में उपलब्ध है।

बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी में छात्रों को एक्स-रे विज्ञान के विभिन्न पहलुओं, रोगों और विकारों को पहचानने और उनका उपचार करने के लिए अधिकांश तकनीकों का पता चलता है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को एक्स-रे इमेजिंग, उत्तरदायी रेडिएशन सुरक्षा, पतंजलि विज्ञान और संचालन और आपरेशनल टेक्नोलॉजी जैसे विषयों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की जाती है।

इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत स्नातक के लिए आवेदन करने के लिए अधिकतम पात्रता मानदंड होते हैं। आमतौर पर, एक्स-रे टेक्नोलॉजी संबंधित विषयों में 10 + 2 के साथ स्नातक पाठ्यक्रम पूरा करना आवश्यक होता है। कुछ विश्वविद्यालय इस पाठ्यक्रम के लिए ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भी प्रदान करते हैं।

एक्स-रे टेक्नोलॉजी में स्नातक पाठ्यक्रम के बाद, छात्र नौकरियां ढूंढ सकते हैं

बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी कोर्स छात्रों को एक्स-रे से सम्बंधित अस्पतालों, क्लिनिक और अन्य स्वास्थ्य संगठनों में तकनीशियन के रूप में करियर बनाने का अवसर देता है। इसमें छात्रों को अन्य फील्ड्स से संबंधित विषयों जैसे फिजिक्स, रेडियोग्राफी, एनाटोमी, रेडिएशन प्रोटेक्शन और प्रोफेशनल कम्युनिकेशन के बारे में शिक्षा दी जाती है।

इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्र एक्स-रे स्कैन, संग्रहण और विश्लेषण करने के लिए जानते होते हैं। वे इस फील्ड में नवीनतम टेक्नोलॉजी के बारे में भी जानते हैं जो इस फील्ड में उपलब्ध होती है। इसके अलावा, वे दायरिक विवरणों को समझते हैं और अधिक विशेषज्ञों के साथ सहयोग करते हैं।

इस कोर्स की अधिकतम अवधि तीन साल होती है और इसमें दो वर्षों का अध्ययन और एक वर्ष का ट्रेनिंग शामिल होता है। 

बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी को भारत के कई शहरों में उपलब्ध किया जाता है। कुछ प्रमुख संस्थानों में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध होता है, जैसे कि:

आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, नई दिल्ली

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़

जमिया हमदर्द, नई दिल्ली

क्रिस्ट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, घाजियाबाद

संजय गांधी मेडिकल कॉलेज, लखनऊ

बीएमएचएस एंड एमएस फाउंडेशन, बंगलौर

अर्विंद मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, कोयंबटूर

सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज, बंगलौर

छात्रों को इन संस्थानों में बीएससी इन एक्स-रे टेक्नोलॉजी के लिए एडमिशन लेने के लिए आवेदन पत्र भरना होता है। इसके लिए छात्रों को उच्च विद्यालय के आधार पर एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।--

Tuesday, March 21, 2023

बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी

बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी (BSc in Audiology and Speech Therapy) एक विशेषकरविश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रम है जो आवाज और संचार विकारों के निदान और उपचार में विशेषज्ञता प्रदान करता है। इसपाठ्यक्रम मेंछात्रों को आवाज और संचार विकारों के निदान और उपचार के लिए आवश्यक ज्ञान के साथ-साथअधिक सेअधिक ग्राहकों के साथ संचार करने की कला का भी ज्ञान प्रदान किया जाता है।


पाठ्यक्रम की अवधि चार वर्ष होती है और इसमें विषयों की एक संख्या शामिल होती हैंजैसे:


आवाज शास्त्र

संचार विकारों के निदान के लिए उपकरण विज्ञान

भाषा पाठ्यक्रम

विज्ञान एवं समाजशास्त्र

समान्य और संवेदनशील विज्ञान

यह पाठ्यक्रम छात्रों को निम्नलिखित क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए तैयार करता है:


ऑडियोलॉजी विशेषज्ञ

स्पीच थेरेपिस्ट

भाषा पठन और लेखन शिक्षक

वैद्य

शिक्षक

छात्रों को इस पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में अंशक

बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी पाठ्यक्रम में छात्रों को विभिन्न प्रयोगात्मक अनुभव प्रदान किए जाते हैं ताकि वेआवाज और संचार विकारों के निदान और उपचार में आत्मविश्वासपूर्ण हो सकें। इसके अलावाइस पाठ्यक्रम में छात्रों कोअधिकांश निम्नलिखित क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है:


संचार विकारों के प्रकारछात्रों को विभिन्न संचार विकारों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती हैजैसे अल्पसंवादमूकताउच्च आवाज या ध्वनि का  निकलना।


निदान तकनीकयह विषय छात्रों को विभिन्न उपकरणों के बारे में जानकारी प्रदान करता है जो संचार विकारों का निदान करनेमें उपयोग किए जाते हैंजैसे कि ऑडियोमीटरटाइम-फ्रीक्वेंसी डिस्क्रिमिनेशनवोकल फोल्ड आदि।


उपचार तकनीकछात्रों को विभिन्न उपचार तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है जो संचार विकारों को उपचारकरने में उपयोग 

बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी को भारत के कुछ सरकारी विश्वविद्यालयों और निजी कॉलेजों में प्रदान कियाजाता है। यहां कुछ ऐसे संस्थानों के नाम दिए गए हैं जो बीएससी इन ऑडियोलॉजी एंड स्पीच थेरेपी की पाठ्यक्रम प्रदानकरते हैं:


आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेजनई दिल्ली

अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालयउत्तर प्रदेश

बीएसपी मेडिकल कॉलेजपुणे

भारती विद्यापीठ दार्शनिक विश्वविद्यालयपुणे

जमिया मिलिया इस्लामियानई दिल्ली

राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटलचेन्नई

नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ओटो-रेस्पिरेटरी कार्यक्रम एंड स्पीच पथोलॉजीभोपाल

इनसे अलावा भी अन्य संस्थान इस पाठ्यक्रम को प्रदान करते हैं। इसलिएआपको इन संस्थानों की वेबसाइट पर जाकरविवरण जानना चाहिए।


Monday, March 20, 2023

बीएससी इन अप्थलमीक टेक्नोलॉजी

बीएससी इन अप्थलमीक टेक्नोलॉजी (B.Sc. in Ophthalmic Technology) एक तकनीकी कोर्स है जो छात्रों को आँखों के लिए परीक्षण और उपचार करने के लिए शिक्षा प्रदान करता है। यह एक तकनीकी कोर्स है जो छात्रों को आंखों से संबंधित विभिन्न बीमारियों के लिए डायग्नोस्टिक और उपचार के लिए तकनीकी ज्ञान और कौशल प्रदान करता है।


इस कोर्स का अध्ययन करने के लिए अभ्यर्थी कम से कम 50% मार्क्स वाले 10+2 (Science) पास होना चाहिए। इसके अलावा कुछ संस्थानों में एंट्रेंस टेस्ट भी लिया जाता है।


इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को निम्नलिखित विषयों पर पढ़ाई कराई जाती है:


बेसिक एनाटॉमी और फिजियोलॉजी

बेसिक ओप्थाल्मिक इंस्ट्रुमेंटेशन और मशीनरी

ओप्थाल्मिक फार्माकोलॉजी और थेरापी

ऑप्टिकल डिस्पेंसिंग और फिटिंग

ऑप्टिकल बायोमेट्री और संचार

ओप्थाल्मिक सर्जरी

ऑप्टिकल कोहरेंसी टोमोग्राफी और उल्ट्रासाउंड डायग्नोसिस

बीएससी इन अप्थलमीक टेक्नोलॉजी कोर्स के अंतर्गत छात्रों को विभिन्न विषयों पर पूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है जैसे - आंखों की विस्तृत जांच, आंखों की रोशनी के लिए उपचार तथा सर्जरी आदि। छात्रों को अप्थल्मिक टेक्नोलॉजी में अनुसंधान और विकास के अवसरों के बारे में भी प्रशिक्षण दिया जाता है। छात्रों को अप्थल्मिक उपकरणों के बारे में भी जानकारी दी जाती है, जिसमें आँखों की स्कैनिंग और टेस्टिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण शामिल होते हैं।


छात्रों को अप्थल्मिक टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर विकल्प भी प्रदान किए जाते हैं, जैसे रोशनी उपचार तकनीशियन, स्पेशल टेक्नोलॉजिस्ट, ऑप्टोमेट्रिस्ट, आँखों की संचालन और दृष्टि शिक्षण अधिकारी आदि।


इस बीएससी कोर्स की अधिकतर प्रवेश परीक्षाएं राज्य स्तरीय होती हैं, 

अप्थलमीक टेक्नोलॉजी में बीएससी कोर्स छात्रों को ऑप्टोमेट्री, नेत्र रोगों का निदान, नेत्र रोगों के उपचार, नेत्र विज्ञान, नेत्र विज्ञान के तंत्र, नेत्र उपचार तकनीक, नेत्र चिकित्सा इमेजिंग, नेत्र फारेंसिक्स और नेत्र संबंधी बिजली का अध्ययन कराता है। इसके अलावा, यह छात्रों को नेत्र विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में ज्ञान प्रदान करता है, जैसे कि नेत्र ज्योतिष, नेत्र रोग रोकथाम, नेत्र विज्ञान में नवीनतम विकास आदि।


इस कोर्स को पूरा करने के बाद, छात्र विभिन्न चिकित्सा केंद्रों, नेत्र रोग विशेषज्ञों, नेत्र चिकित्सा शासकीय और गैर-शासकीय संस्थानों, वैज्ञानिक और तकनीशियन के रूप में नौकरियों के लिए योग्य हो जाते हैं। छात्र इस कोर्स के बाद अपना स्वयं का नेत्र चिकित्सा केंद्र खोल सकते हैं या किसी नेत्र चिकित्सा केंद्र में काम कर सकते हैं।

बीएससी इन अप्थलमीक टेक्नोलॉजी को भारत में कई विश्वविद्यालय और कॉलेज ऑफर करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख विश्वविद्यालयों के नाम हैं:


आई एम टी, गाजियाबाद

अखिल भारतीय अनुद्योगिक ट्रेनिंग संस्थान (एआईआईटी), दिल्ली

महाराष्ट्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, नाशिक

डीयू, दिल्ली

अलिगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलिगढ़

बरेली हिंदी विश्वविद्यालय, बरेली

संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ

बाबा फ़रीद विश्वविद्यालय, फ़रीदाबाद

इनके अलावा भारत में कई अन्य संस्थान भी हैं जो बीएससी इन अप्थलमीक टेक्नोलॉजी की पाठ्यक्रम समर्थित करते हैं। आप इन संस्थानों की वेबसाइट और पूर्व स्टूडेंट्स से बातचीत करके अपने रुचि और आवश्यकताओं के अनुसार अपना चयन कर सकते हैं।

Saturday, March 18, 2023

बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी

बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Bachelor of Occupational Therapy) एक उच्च शिक्षापाठ्यक्रम है जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्तियों को तैयार करता है। यह एकतकनीकी डिग्री है जो छात्रों को रोगोंघातक घटनाओंदुर्बलताओं और अन्य समस्याओं सेपीड़ित व्यक्तियों की चिकित्सा करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करता है। इसपाठ्यक्रम में छात्रों को व्यावसायिक अवसरों की बहुत अधिक मांग होती है। इसमें छात्रों कोमनोविज्ञानएनाटॉमीफिजियोथेरेपीसामाजिक विज्ञानबायोमेकेनिकलथेरापी और अन्यअनुशासनों का प्रभाव और इनके समस्याओं के लिए एक अधिकृत विशेषज्ञ बनाने के लिएशिक्षा दी जाती है। यह कोर्स आमतौर पर 4 वर्षों का होता है और पाठ्यक्रम में अधिकांशअध्ययन परिपक्वतास्थायित्व और प्रैक्टिकल कौशलों पर ध्यान केंद्रित होता है। बैचलरऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (Bachelor of Occupational Therapy) एक उच्च शिक्षापाठ्यक्रम है जो छात्रों को उन्हें बनाने के लिए तैयार करता है जो विभिन्न प्रकार के रोगों औरदुर्बलताओं से पीड़ित लोगों के रोग-निदानउपचार और रिहाबिलिटेशन के लिए काम करनाचाहते हैं। यह पाठ्यक्रम छात्रों को शारीरिकमानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर लोगों कीमदद करने के लिए तैयार करता है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गतछात्रों को शिक्षित किया जाताहै कि कैसे वे रोगी के लक्षणों को विश्लेषित कर सकते हैंरोगी की अवधि को निर्धारित करसकते हैंरोगी के देखभाल के लिए योजनाएं बना सकते हैं और उन्हें विभिन्न व्यायाम तकनीकोंका प्रशिक्षण दे सकते हैं। छात्रों को रोगी की देखभाल करने के लिए भी सिखाया जाता हैताकि वे एक स्वस्थ रहने वाले रोगी की अच्छी तरह से देखभाल कर सकें। बैचलर ऑफऑक्यूपेशनल थेरेपी (B.O.T) कार्य रूप से अस्पतालोंचिकित्सा केंद्रोंरहबिलोंशैक्षणिकसंस्थाओं और स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में किया जाता है। यह एक चिकित्सा विज्ञान है जोमनोरोग या शारीरिक विकलांगता से पीड़ित लोगों को उनके दैनिक जीवन के काम करने मेंमदद करता है। यह थेरेपी स्किल्स के माध्यम से लोगों की शारीरिक या मानसिक समस्याओंको दूर करने में मदद करता है। B.O.T का अध्ययन तीन वर्षों का होता है और इसमें प्रथम वर्षमें विज्ञानबायोमेकेनिक्ससमाजशास्त्रएनाटोमीफिजियोलॉजीफार्माकोलॉजी औरबाईकमेकेनिक्स की अध्ययन की जाती है। दूसरे वर्ष में अस्पतालों में स्थानों पर काम करते हुएशिक्षण दिया जाता है और तीसरे वर्ष में अधिक विस्तृत शिक्षण दिया जाता है जिसमें विभिन्नविषयों को शामिल किया जाता है जैसे कि शारीरिक चिकित्सामनोविज्ञान और विशेषविषय। बैचलर ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपी (ओटीको भारत में कई संस्थानों में प्रदान कियाजाता है। यहां कुछ स्थानों के नाम दिए गए हैं जो इस कोर्स को प्रदान करते हैं

अलीगढ़मुस्लिम विश्वविद्यालय - अलीगढ़ 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया - नई दिल्ली 

लघुबद्रामहाविद्यालय - लखनऊ 

अमिती विश्वविद्यालय - नोएडा 

भारतीय स्कूल ऑफ़ ऑक्यूपेशनलथेरेपी - नई दिल्ली 

इन कॉलेजों के अलावा भी कई संस्थान भारत भर में बैचलर ऑफऑक्यूपेशनल थेरेपी (ओटप्रदान करते हैं।