कंपनी सेक्रेटरी के रूप में करियर हमेशा से आकर्षक रहा है। एक सीएस के तौर पर आप जहां भी रहेंगे, टॉप पर रहेंगे और आपकी सैलरी भी आसमान छू रही होगी। इस करियर पर एक नजर डाल रहे हैं अमित कुश :
किसी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी के रूप में काम करने के लिए आपको इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) की तरफ से चलाया जाने वाला कोर्स करना जरूरी है। सिर्फ यही संस्थान भारत में कंपनी सेक्रेटरी तैयार करता है और उनके प्रफेशनल एथिक्स पर भी निगाह रखता है। यह संस्थान सीएस का कोर्स डिस्टेंस लर्निंग के जरिए कराता है यानी घर बैठे पढ़ाई का ऑप्शन आपको मनपसंद माहौल में पढ़ाई की सुविधा दे सकता है। आप इंटरमीडिएट या ग्रैजुएशन करने के बाद इस कोर्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। कोर्स की 3 स्टेज होती हैं, फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल। इंटरमीडिएट के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स को फाउंडेशन कोर्स से शुरुआत करनी होगी, जबकि ग्रैजुएशन के बाद सीएस करने के लिए इंटरमीडिएट और फाइनल स्टेज से गुजरना होगा। फाउंडेशन कोर्स में 5 पेपर, इंटरमीडिएट के 2 ग्रुप में 8 पेपर और फाइनल कोर्स के 3 ग्रुप में 9 पेपर होंगे। 3 स्टेज के अलावा 15 महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी जरूरी है। यह ट्रेनिंग किसी कंपनी या इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस करने वाले कंपनी सेक्रेट्री के पास की जा सकती है।
योग्यता
इंटरमीडिएट क्लास में आर्ट, साइंस या कॉमर्स, किसी भी तरह के सब्जेक्ट्स से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सीएस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसी तरह, ग्रैजुएशन में भी फाइन आर्ट्स को छोड़कर बाकी सभी स्ट्रीम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सीएस के इंटरमीडिएट कोर्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। लेकिन नॉन कॉमर्स बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को फाउंडेशन कोर्स के उन सब्जेक्ट्स की कोचिंग लेनी होगी, जिन्हें उन्होंने ग्रैजुएशन में नहीं पढ़ा है। सीएसफाइनल में सीधे दाखिला नहीं लिया जा सकता, इसके लिए पहले इंटरमीडिएट कोर्स पास करना होगा।
एडमिशन
सीएस में पूरे साल में कभी भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, जो 3 साल के लिए वैलिड होता है। हालांकि कोर्स के एग्जाम साल में 2 बार जून और दिसंबर में होते हैं। फाउंडेशन कोर्स के एग्जाम आप दिसंबर में देना चाहते हैं, तो आपको उसी साल 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराना होता है, यानी इस साल यह मौका आपको नहीं मिलेगा। यह एग्जाम आप अब जून 2008 में दे सकते हैं, जिसके लिए आपको 30 सितंबर तक दाखिला लेना होगा। इसी तरह इंटरमीडिएट कोर्स के दिसंबर के एग्जाम के लिए 28 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना होता है। अब आप जून 2008 के एग्जाम के लिए 31 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एडमिशन के फॉर्म इंस्टिट्यूट के दिल्ली स्थित मुख्यालय (आईसीएसआई हाउस, 22 इंस्टिट्यूशनल एरिया, लोदी रोड) या देशभर में मौजूद चैप्टर्स से लिए जा सकते हैं।
फीस
प्रॉस्पेक्टस फाउंडेशन कोर्स : 70 रुपये कैश में, 110 रुपये डाक/कूरियर से
प्रॉस्पेक्टस इंटरमीडिएट कोर्स : 100 रुपये कैश में, 150 रुपये डाक/कूरियर से
फाउंडेशन कोर्स फीस : 3000 रुपये
इंटरमीडिएट कोर्स फीस : 4900 रुपये (फाउंडेशन पास स्टूडेंट्स के लिए) 5250 रुपये (कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए), 5850 (नॉन कॉमर्स के लिए)
फाइनल कोर्स फीस : 4200 रुपये
अवसर
कंपनी सेक्रेट्री का कोर्स पास करने के बाद आप किसी कंपनी में कंपनी सेक्रेट्री की जॉब पा सकते हैं या फिर खुद की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। दो करोड़ या उससे ज्यादा के पेड-अप शेयर कैपिटल वाली हर कंपनी के लिए कंपनी सेक्रेट्री को नियुक्त करना जरूरी होता है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हर कंपनी के लिए भी सीएस रखना जरूरी है। सीएस करने के बाद आप प्राइवेट कंपनीज के अलावा सरकारी कंपनियों या विभागों में भी नौकरी कर सकते हैं। अगर आप जॉब की बजाय खुद की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो भी आपके लिए काफी मौके हैं। आईसीएसआई से 'सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस' लेने के बाद आप यह प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। दस लाख या ज्यादा, लेकिन दो करोड़ रुपए से कम कैपिटल वाली कंपनी के लिए इंडिपेंडेंट सीएस की सेवाएं लेनी जरूरी हैं। सीएस ही कंपनी को कंप्लायंस सटिर्फिकेट जारी करेगा। इसके अलावा, आप कॉलेजों में कॉमर्स या मैनेजमेंट के लेक्चरर के रूप में भी काम कर सकते हैं। साथ ही पीएचडी भी कर सकते हैं।
प्लेसमेंट सर्विस
आईसीएसआई के सेक्रेट्री और सीईओ एनके जैन बताते हैं कि इंस्टीट्यूट अपने मेंबर्स को प्लेसमेंट सर्विस भी उपलब्ध कराता है। इसके लिए मेंबर सीएस को इंस्टीट्यूट में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। फिर उनका डाटा बैंक बनाकर एंप्लायर्स को उपलब्ध करा दिया जाता है। यह डाटा बैंक इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर भी रहता है। मेंबर्स अपना बायो डाटा सीधे भी वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं।
कामकाज
एक कंपनी सेक्रेट्री को कंपनी लॉ, मैनेजमेंट, फाइनैंस और कॉरपोरेट गवर्नेंस की अच्छी-खासी जानकारी होती है। सीएस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, शेयर होल्डर्स और सरकारी व अन्य एजेंसियों के बीच लिंक का काम करता है। यह कंपनी को किसी मुश्किल से तो निकालता ही है, इसकी कॉरपोरेट ग्रोथ में भी खासा योगदान देता है। यह कंपनी के लीगल एक्सपर्ट, चीफ एडवाइजर, फाइनैंशल एडवाइजर, कॉरपोरेट प्लानर आदि कई रूपों में काम करता है।
सैलरी
कंपनी सेक्रेट्री किसी कॉरपोरेट कंपनी के मैनेजमेंट का अहम हिस्सा होता है। इसी से अंदाजा हो जाता है कि सीएस की सैलरी काफी आकर्षक होती है। एक कंपनी सेक्रेट्री को शुरुआत में ही औसतन 6 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिल जाता है।
ऑन लाइन कोर्स
ऑन लाइन एजुकेशन के इस जमाने में इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्रीज ऑफ इंडिया भी हाईटेक हो रहा है। इसने कोर्स का सारा कंटेंट (स्टडी मटीरियल) इंटरनेट के माध्यम से दूर-दराज तक के स्टूडेंट्स तक पहुंचाने की तैयारी की है। अगले 2-3 महीने में दुनियाभर में कहीं भी बैठा स्टूडेंट इसका कोर्स मटीरियल इंटरनेट पर पढ़ सकेगा। न सिर्फ रीडिंग, बल्कि फैकल्टी से लाइव इंटरेक्शन की भी ऑन लाइन व्यवस्था रहेगी, जिससे कोई भी स्टूडेंट अपनी समस्याओं का निदान ओरल क्लासेज की तरह कर सकेगा। इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर (पब्लिक रिलेशंस एंड कारपोरेट कम्युनिकेशन) डॉ. अमिता आहुजा का कहना है कि सीएस का कोर्स केवल मेट्रो सिटीज तक ही न सिमटकर रह जाए, इसलिए ऑन लाइन एजुकेशन की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे इसका फायदा दूर-दराज के छोटे और मध्यम शहरों के युवा भी उठा सकें।
किसी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी के रूप में काम करने के लिए आपको इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) की तरफ से चलाया जाने वाला कोर्स करना जरूरी है। सिर्फ यही संस्थान भारत में कंपनी सेक्रेटरी तैयार करता है और उनके प्रफेशनल एथिक्स पर भी निगाह रखता है। यह संस्थान सीएस का कोर्स डिस्टेंस लर्निंग के जरिए कराता है यानी घर बैठे पढ़ाई का ऑप्शन आपको मनपसंद माहौल में पढ़ाई की सुविधा दे सकता है। आप इंटरमीडिएट या ग्रैजुएशन करने के बाद इस कोर्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। कोर्स की 3 स्टेज होती हैं, फाउंडेशन, इंटरमीडिएट और फाइनल। इंटरमीडिएट के बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले स्टूडेंट्स को फाउंडेशन कोर्स से शुरुआत करनी होगी, जबकि ग्रैजुएशन के बाद सीएस करने के लिए इंटरमीडिएट और फाइनल स्टेज से गुजरना होगा। फाउंडेशन कोर्स में 5 पेपर, इंटरमीडिएट के 2 ग्रुप में 8 पेपर और फाइनल कोर्स के 3 ग्रुप में 9 पेपर होंगे। 3 स्टेज के अलावा 15 महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी जरूरी है। यह ट्रेनिंग किसी कंपनी या इंडिपेंडेंट प्रैक्टिस करने वाले कंपनी सेक्रेट्री के पास की जा सकती है।
योग्यता
इंटरमीडिएट क्लास में आर्ट, साइंस या कॉमर्स, किसी भी तरह के सब्जेक्ट्स से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सीएस कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। इसी तरह, ग्रैजुएशन में भी फाइन आर्ट्स को छोड़कर बाकी सभी स्ट्रीम में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स सीएस के इंटरमीडिएट कोर्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। लेकिन नॉन कॉमर्स बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स को फाउंडेशन कोर्स के उन सब्जेक्ट्स की कोचिंग लेनी होगी, जिन्हें उन्होंने ग्रैजुएशन में नहीं पढ़ा है। सीएसफाइनल में सीधे दाखिला नहीं लिया जा सकता, इसके लिए पहले इंटरमीडिएट कोर्स पास करना होगा।
एडमिशन
सीएस में पूरे साल में कभी भी रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है, जो 3 साल के लिए वैलिड होता है। हालांकि कोर्स के एग्जाम साल में 2 बार जून और दिसंबर में होते हैं। फाउंडेशन कोर्स के एग्जाम आप दिसंबर में देना चाहते हैं, तो आपको उसी साल 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराना होता है, यानी इस साल यह मौका आपको नहीं मिलेगा। यह एग्जाम आप अब जून 2008 में दे सकते हैं, जिसके लिए आपको 30 सितंबर तक दाखिला लेना होगा। इसी तरह इंटरमीडिएट कोर्स के दिसंबर के एग्जाम के लिए 28 फरवरी तक रजिस्ट्रेशन कराना होता है। अब आप जून 2008 के एग्जाम के लिए 31 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एडमिशन के फॉर्म इंस्टिट्यूट के दिल्ली स्थित मुख्यालय (आईसीएसआई हाउस, 22 इंस्टिट्यूशनल एरिया, लोदी रोड) या देशभर में मौजूद चैप्टर्स से लिए जा सकते हैं।
फीस
प्रॉस्पेक्टस फाउंडेशन कोर्स : 70 रुपये कैश में, 110 रुपये डाक/कूरियर से
प्रॉस्पेक्टस इंटरमीडिएट कोर्स : 100 रुपये कैश में, 150 रुपये डाक/कूरियर से
फाउंडेशन कोर्स फीस : 3000 रुपये
इंटरमीडिएट कोर्स फीस : 4900 रुपये (फाउंडेशन पास स्टूडेंट्स के लिए) 5250 रुपये (कॉमर्स स्टूडेंट्स के लिए), 5850 (नॉन कॉमर्स के लिए)
फाइनल कोर्स फीस : 4200 रुपये
अवसर
कंपनी सेक्रेट्री का कोर्स पास करने के बाद आप किसी कंपनी में कंपनी सेक्रेट्री की जॉब पा सकते हैं या फिर खुद की प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। दो करोड़ या उससे ज्यादा के पेड-अप शेयर कैपिटल वाली हर कंपनी के लिए कंपनी सेक्रेट्री को नियुक्त करना जरूरी होता है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हर कंपनी के लिए भी सीएस रखना जरूरी है। सीएस करने के बाद आप प्राइवेट कंपनीज के अलावा सरकारी कंपनियों या विभागों में भी नौकरी कर सकते हैं। अगर आप जॉब की बजाय खुद की प्रैक्टिस करना चाहते हैं, तो भी आपके लिए काफी मौके हैं। आईसीएसआई से 'सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस' लेने के बाद आप यह प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं। दस लाख या ज्यादा, लेकिन दो करोड़ रुपए से कम कैपिटल वाली कंपनी के लिए इंडिपेंडेंट सीएस की सेवाएं लेनी जरूरी हैं। सीएस ही कंपनी को कंप्लायंस सटिर्फिकेट जारी करेगा। इसके अलावा, आप कॉलेजों में कॉमर्स या मैनेजमेंट के लेक्चरर के रूप में भी काम कर सकते हैं। साथ ही पीएचडी भी कर सकते हैं।
प्लेसमेंट सर्विस
आईसीएसआई के सेक्रेट्री और सीईओ एनके जैन बताते हैं कि इंस्टीट्यूट अपने मेंबर्स को प्लेसमेंट सर्विस भी उपलब्ध कराता है। इसके लिए मेंबर सीएस को इंस्टीट्यूट में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। फिर उनका डाटा बैंक बनाकर एंप्लायर्स को उपलब्ध करा दिया जाता है। यह डाटा बैंक इंस्टीट्यूट की वेबसाइट पर भी रहता है। मेंबर्स अपना बायो डाटा सीधे भी वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं।
कामकाज
एक कंपनी सेक्रेट्री को कंपनी लॉ, मैनेजमेंट, फाइनैंस और कॉरपोरेट गवर्नेंस की अच्छी-खासी जानकारी होती है। सीएस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, शेयर होल्डर्स और सरकारी व अन्य एजेंसियों के बीच लिंक का काम करता है। यह कंपनी को किसी मुश्किल से तो निकालता ही है, इसकी कॉरपोरेट ग्रोथ में भी खासा योगदान देता है। यह कंपनी के लीगल एक्सपर्ट, चीफ एडवाइजर, फाइनैंशल एडवाइजर, कॉरपोरेट प्लानर आदि कई रूपों में काम करता है।
सैलरी
कंपनी सेक्रेट्री किसी कॉरपोरेट कंपनी के मैनेजमेंट का अहम हिस्सा होता है। इसी से अंदाजा हो जाता है कि सीएस की सैलरी काफी आकर्षक होती है। एक कंपनी सेक्रेट्री को शुरुआत में ही औसतन 6 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिल जाता है।
ऑन लाइन कोर्स
ऑन लाइन एजुकेशन के इस जमाने में इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्रीज ऑफ इंडिया भी हाईटेक हो रहा है। इसने कोर्स का सारा कंटेंट (स्टडी मटीरियल) इंटरनेट के माध्यम से दूर-दराज तक के स्टूडेंट्स तक पहुंचाने की तैयारी की है। अगले 2-3 महीने में दुनियाभर में कहीं भी बैठा स्टूडेंट इसका कोर्स मटीरियल इंटरनेट पर पढ़ सकेगा। न सिर्फ रीडिंग, बल्कि फैकल्टी से लाइव इंटरेक्शन की भी ऑन लाइन व्यवस्था रहेगी, जिससे कोई भी स्टूडेंट अपनी समस्याओं का निदान ओरल क्लासेज की तरह कर सकेगा। इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर (पब्लिक रिलेशंस एंड कारपोरेट कम्युनिकेशन) डॉ. अमिता आहुजा का कहना है कि सीएस का कोर्स केवल मेट्रो सिटीज तक ही न सिमटकर रह जाए, इसलिए ऑन लाइन एजुकेशन की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे इसका फायदा दूर-दराज के छोटे और मध्यम शहरों के युवा भी उठा सकें।
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