Wednesday, April 27, 2022

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में करियर

कोरोना काल के बाद से देश-विदेश में करियर के नए अवसर उभरकर आने लगे हैं (Career Options). अब काफी चीजें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence Jobs) पर निर्भर हो गई हैं. अगर आप आईटी सेक्टर (IT Jobs) के नए क्षेत्र में करियर की राह ढूंढ रहे हैं तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स (Artificial Intelligence Course) करके इसमें अपना भविष्य चमका सकते हैं. इस सेक्टर में भविष्य में अपार संभावनाएं नजर आ रही हैं.

आईटी सेक्टर में हर साल कुछ न कुछ नया होता रहता है. इस सेक्टर में जॉब की भी हमेशा भरमार रहती है. मौजूदा समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) सेक्टर में जॉब्स की डिमांड काफी बढ़ी है. इंटरनेशनल एजेंसी गार्टर (International Agency Garter) की रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में 40 प्रतिशत काम इस तकनीक के माध्यम से ही होगा. इसमें मशीन लर्निंग (Machine Learning Course) सहित रोबोटिक साइंस (Robotic Science Course) जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं.

एआई का बढ़ रहा है दायरा
कोरोना काल के बाद से मैन पावर के बजाय एआई पर निर्भरता बढ़ती जाएगी यानी इसका दायरा बढ़ जाएगा. इंजीनियरिंग क्षेत्रों (Engineering Fields) की अपेक्षा इसमें प्रतियोगिता अभी कम है. आने वाले समय में आईटी, फाइनेंस, सिक्योरिटी, डेटा कलेक्शन सहित कई जगह संभावनाएं बढ़ेंगी.

एआई के लिए जरूरी योग्यता

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स करने के लिए कंप्यूटर और गणित विषय अनिवार्य हैं. कंप्यूटर साइंस (Computer Science) से ग्रेजुएट उम्मीदवार भी इस फील्ड में काम कर सकते हैं. इंजीनियरिंग के छात्र एआई टेक्नोलॉजी (AI Technology) के माध्यम से सॉफ्टवेयर एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, प्रोग्रामर्स, गेमिंग क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं.

एआई में करियर के लिए करें ये कोर्स
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence Course) में करियर बनाने के लिए के लिए कम्प्यूटर साइंस, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम, पीजी प्रोग्राम इन मशीन लर्निंग प्रमुख कोर्स (Machine Learning Course) हैं.

बदल गया है नौकरियों का स्वरूप
गूगल, फेसबुक और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर आर्टिफिशियल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. यहां रोजगार के कई मौके हैं. स्मार्टफोन की तर्ज पर अब हर उपकरण को चलाने के लिए इस फील्ड की जरूरत है

Wednesday, April 20, 2022

लेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर में करियर

प्रिय दोस्तों यदि आप इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर बनना चाहते हैं और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में अपना बेहतर भविष्य बनाना चाहते हैं तो दोस्तों आप बिल्कुल सही जगह पहुंचे हैं क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में आप अपना करियर कैसे बना सकते हैं साथ ही साथ इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स कैसे कर सकते हैं

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर कैसे बने


यदि आप एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर बनना चाहते हैं तो इसके लिए आपको डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स अथवा बीटेक इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करना पड़ेगा बात करें दोस्तों डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की तो इसके लिए प्रत्येक वर्ष प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करवाए जाते हैं और विद्यार्थियों को उनके रैंक के हिसाब से सरकारी तथा सहायता प्राप्त कॉलेज किए जाते हैं


इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग कोर्स


बी टेक इन  इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग

बी ई इन  इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग

एमटेक इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग

डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग


दोस्तों यदि आप बी टेक इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो आपको 12 वीं पास होना जरूरी है इसके पश्चात आप 4 साल का बी टेक कोर्स कर सकते हैं परंतु यदि आप डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो यह कोर्स दसवीं के पश्चात भी कर सकते हैं इसके लिए प्रत्येक वर्ष प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करवाई जाती है इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करके आप अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के बाद सरकारी विभाग में नौकरियां

दोस्तों आपको बता दें कि बहुत सारे विद्यार्थियों का यह सपना होता है कि वह सरकारी संस्थानों में काम करें तो आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको यह बताना चाहते हैं कि यदि आप एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करते हैं तो आपके लिए सरकारी संस्थानों में नौकरी के कौन-कौन से अवसर होंगे

ISRO

DRDO

DMRC JE

NMRC JE

RAILWAY LOCO PILOT

TECHNICIAN

NTPC

दोस्तों यदि आप इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं तो आप अपने सरकारी नौकरी करने का सपना रेलवे की नौकरी पाकर पूरा कर सकते हैं भारतीय रेलवे इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरों को सहायक लोको पायलट तथा जूनियर इंजीनियर टेक्नीशियन के रूप में नौकरी के अवसर प्रदान करती है डीआरडीओ एनटीपीसी तथा इसरो जैसी प्रमुख संस्थाएं भी इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरों को प्रतिवर्ष नौकरी के अवसर प्रदान करती है 

दोस्तों यदि आप इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से पढ़ाई करके आप अपना कैरियर प्राइवेट क्षेत्र में बनाना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपके पास बहुत सारे कंपनियों का ऑप्शन रहता है जिसमें आप अपना सुनहरा भविष्य बना सकते हैं आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की कुछ महत्वपूर्ण प्राइवेट कंपनियों का विवरण देंगे जिनमें लाखों रुपए आराम से कमा सकते हैं

ABB INDIA LIMITED

BAJAJ  ELECTRONICS LIMITED

HAVELLS LIMITED

EXIDE INDUSTRIES LIMITED

FINOLEX CABLES LIMITED

SAMSUNG INDIA LIMITED

EXICOM TELECOM COMPANY

BHARAT ELECTRONICS LIMITED

VIVO

OPPO INDIA

NOKIA 

MIDAS COMMUNICATION TECHNOLOGY

JABIL CIRCUIT

VVDN

CENTUM ELECTRONICS

PHILIPS ELECTRONICS INDIA

THE SAMTEL GROUP

O.E.N

सहायक लोको पायलट कैसे बन सकते हैं?


दोस्तों यदि आप इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हैं तो आप रेलवे में सहायक लोको पायलट बनने का सपना पूरा कर सकते हैं जिसके लिए आपको डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग बीटेक इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग इसके अलावा यदि आपने आईटीआई किया है तो भी आप सहायक लोको पायलट के प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेकर के आप अपना रेलवे में ड्राइवर बनने का सपना पूरा कर सकते हैं

दोस्तों आपको पोस्ट पढ़ने के उपरांत यह जानकारी हो गई होगी कि आप लोग इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के किन किन क्षेत्रों में आप अपना करियर बना सकते हैं इसके लिए आपको कौन से कोर्स करने की आवश्यकता है

इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग करने के प्रमुख संस्थान

दोस्तों आपको बता दें कि वैसे तो भारत में आईआईटी को ही देश का सबसे सर्वोत्तम संस्थान माना जाता है आईआईटी से आप बीटेक और एमटेक का कोर्स कर सकते हैं परंतु दोस्तों यदि आप डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं तो प्रमुख सरकारी संस्थान निम्नलिखित है

राजकीय पॉलिटेक्निक दिल्ली

राजकीय पॉलिटेक्निक लखनऊ

हिवेट पॉलिटेक्निक लखनऊ

राजकीय पॉलिटेक्निक कानपुर

राजकीय पॉलिटेक्निक गाजियाबाद

दोस्तों बता दें यदि आप डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग का कोर्स करते हैं तो आपको प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी के बहुत सारे अवसर उपलब्ध होंगे और आप अपना करियर प्राइवेट क्षेत्र में बना सकते हैं

Saturday, April 16, 2022

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में करियर

आज संचार जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है। चाहे मोबाइल हो या टीवी यह हर व्यक्ति की जरूरत है। क्या आप ऐसे जीवन की कल्पना कर सकते हैं जहाँ मोबाइल काम ना करे। अपने मन पंसद प्रोग्रामों को देखने के लिए आपके पास टेलीविजन ही ना हो। ऐसे जीवन की कल्पना करना भी अच्छा नहीं लगता है। आपकी सुविधाओं को हकीकत में बदलने का काम किया है, कम्युनिकेशन इंजीनियरों ने। इनकी कला की बदौलत ही आज हर व्यक्ति पूरी दुनिया से जुड़ा हुआ है। अगर आप चाहें तो इस क्षेत्र में अपना भविष्य बना सकते हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत व चुनौतीपूर्ण है। इसके अंतर्गत माइक्रोवेव और ऑप्टिकल कम्युनिकेशन , डिजिटल सिस्टंस , सिग्नल प्रोसेसिंग , टेलीकम्युनिकेशन , एडवांस्ड कम्युनिकेशन , माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इंजीनियरिंग की यह शाखा रोजमर्रा की जिंदगी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। साथ ही इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी , इलेक्ट्रिकल , पॉवर सिस्टम ऑपरेशंस , कम्युनिके सिस्टम आदि क्षेत्रों में भी इसके महत्व को कम करके नहीं आंका जा सकता। आइए इस ब्लॉग के जरिए जानते हैं कि कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्या है? और इसके बारे में संपूर्ण जानकारी।

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्या हैं? 

कम्युनिकेशन इंजीनियर उन प्रणालियों का समर्थन करते हैं जो सूचना को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करती हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियर दूरसंचार, इंटरनेट प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्किंग, ब्रॉडबैंड प्रौद्योगिकी और रेडियो संचार सहित कई क्षेत्रों में काम करते हैं। एक दूरसंचार इंजीनियर एक कम्युनिकेशन इंजीनियर होता है जिसे दूरसंचार प्रणालियों में विशिष्ट प्रशिक्षण प्राप्त होता है।  वे सिस्टम पर काम करते हैं जो वीडियो, डेटा और वॉयस ट्रांसमिशन का समर्थन करते हैं।  दूरसंचार इंजीनियर संचार उपकरण स्थापित, परीक्षण, रखरखाव और उन्नयन करते हैं।  कुछ दूरसंचार इंजीनियर अंतरिक्ष यात्रा एजेंसियों के लिए काम करते हैं जो उन प्रणालियों को डिजाइन और बनाए रखते हैं जो अंतरिक्ष यान को पृथ्वी पर जमीनी नियंत्रण के साथ संचार करने की अनुमति देते हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियर जो विशेष रूप से कंप्यूटर सिस्टम के साथ काम करते हैं, सॉफ्टवेयर स्थापित करते हैं, नेटवर्क सुरक्षा बनाए रखते हैं, और नेटवर्क दक्षता में सुधार करते हैं। ये कम्युनिकेशन इंजीनियर वायरिंग और नियंत्रण जैसे विद्युत घटकों पर भी काम कर सकते हैं।

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्यों चुने?

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग करने के बाद भविष्य में नौकरी के अवसर बढ़ जाते है। यह कोर्स करने के बाद आप मैन्युफैक्चरिंग, कम्युनिकेशन, एविएशन, कंस्यूमर, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंटरसिटी प्लांट्स, ट्रांसपोर्टेशन और कंप्यूटर एप्लीकेशन में जॉब पा सकते हैं। इसके अलावा ब्रोडकास्टिंग, डाटा कम्युनिकेशन, एंटरटेनमेंट और सिस्टम स्पोर्ट्स के फील्ड में आगे बढ़ सकते हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आपके पास बहुत सारे जॉब आप्शन्स होते हैं जिनमे जॉब करके आप अपना करियर बेहतर बना सकते हैं।

  • ये कोर्स करने के बाद आप विदेशों में भी बहुत अच्छी सैलरी पा सकते हैं।
  • इस इंजीनियरिंग में आपको इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग और डिजिटल ट्रांसमिशन और डाटा रिसेप्शन, माइक्रोप्रोसेसर सेटेलाइट, कम्युनिकेशन माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, एंटीना और वेव प्रोग्रेशन के बारे में बहुत अच्छी जानकरी दी जाती है।
  • ये कोर्स करने के बाद शुरुआत में जॉब पाना काफी मुश्किल होता है लेकिन 1 या 2 साल काम करने के बाद इसमें बहुत ही अच्छा एक्सपीरियंस और सैलरी पा सकते हैं। 

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स 

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए कुछ स्किल्स का होना जरुरी है जो इस प्रकार है: 

हार्डवेयर के साथ परिचित

सफल संचार इंजीनियरों के पास संचार उपकरण स्थापित करने, बनाए रखने और समस्या निवारण का अनुभव होना चाहिए जो उनकी विशेषज्ञता के लिए विशिष्ट है।

कोडिंग

संचार इंजीनियरों को अपने उद्योग में आमतौर पर उपयोग की जाने वाली कोडिंग भाषाओं, जैसे C, C++ और पायथन में दक्ष होना चाहिए।

परियोजना प्रबंधन

उन्नत इंजीनियरों को परियोजनाओं के सफल समापन को सुनिश्चित करने के लिए टीम के सदस्यों को शेड्यूल और प्रबंधित करने में सक्षम होना चाहिए।

गणित

इस क्षेत्र में उन्नत गणित, भौतिकी और डेटा विश्लेषण में प्रवीणता की आवश्यकता है।

मजबूत यांत्रिक कौशल

संचार उपकरणों को स्थापित, अपग्रेड और समस्या निवारण करने वाले संचार इंजीनियरों के लिए यांत्रिक कौशल आवश्यक हैं।

समस्या-समाधान कौशल

सफल कम्युनिकेशन इंजीनियर समाधान की दिशा में काम करने और अक्षम प्रक्रियाओं को समाप्त करने में कुशल होते हैं।

विवरण-उन्मुख

सिस्टम की समस्या का निवारण करते समय या संचार प्रणाली को डिज़ाइन करते समय विवरण पर नज़र रखना महत्वपूर्ण है।

दबाव में शांत

कम्युनिकेशन इंजीनियरों को अपने ग्राहकों और टीम के सदस्यों को व्यावसायिकता प्रदर्शित करने के लिए चुनौतीपूर्ण प्रणाली के मुद्दों को शांत तरीके से निपटना चाहिए।

रचनात्मकता

कम्युनिकेशन प्रणालियों को डिजाइन और समस्या निवारण करने के लिए अक्सर रचनात्मक सोच की आवश्यकता होती है, खासकर अगर किसी समस्या को हल करने के पारंपरिक तरीके काम नहीं करते हैं।

टीम वर्क

कम्युनिकेशन इंजीनियर अक्सर इंजीनियरों, तकनीशियनों और आईटी पेशेवरों की एक टीम के साथ काम करते हैं, इसलिए कुशल सहयोग महत्वपूर्ण है।

समय प्रबंधन

अच्छा समय प्रबंधन कौशल संचार इंजीनियरों को निर्धारित समय सीमा के भीतर और बजटीय बाधाओं के भीतर अपनी परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करता है।

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग का सिलेबस 

सेमेस्टर- lसेमेस्टर- ll
इंजिनियरिंग मैथमेटिक्स- lएलिमेंट्स ऑफ़ मैकेनिकल इंजीनियरिंग
इंजिनियरिंग मैथमेटिक्स- llबेसिक कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
इंजिनियरिंग फिजिक्सबेसिक कम्युनिकेशन
इंजिनियरिंग कैमेस्ट्रीकांस्टीट्यूशन ऑफ़ इंडिया एंड प्रोफेशनल एथिक्स
प्रोग्रामिंग एइन सी एंड डाटा स्ट्रक्चर एनवायरनमेंटल स्टडीज
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैबोरेटीइंजीनियरिंग फिजिक्स लैब
एलिमेंट्स ऑफ़ सिविल इंजीनियरिंग इंजिनियरिंग कैमेस्ट्री लैब
कंप्यूटर एडेड इंजीनियरिंग ड्रॉइंगवर्कशॉप प्रैक्टिकल
सेमेस्टर -lllसेमेस्टर -lV
इंजिनियरिंग मैथमेटिक्स- lllइंजिनियरिंग मैथमेटिक्स -lV
एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स सीकेटीएसमाइक्रोकंट्रोलर्स
लॉजिक डिजाइनकन्ट्रोल सिस्टम
नेटवर्क एनालिसिससिग्नल्स एंड सिस्टम
इलेक्ट्रॉनिक इंस्ट्रूमेंटेशनफंडामेंटल ऑफ एफडीएल
फील्ड थ्योरीलीनियर आईसीएस एंड एप्लीकेशंस
एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक्स लैबमाइक्रोकंट्रोलर्स लैब
लॉजिक डिजाइन लैबएचडीएल लैब
सेमेस्टर- Vसेमेस्टर- Vl
मेनेजमेंट एंड एंटरप्रन्यूरशिपडिजिटल कम्युनिकेशन
डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंगमाइक्रो प्रोसेसर
एनालॉग कम्युनिकेशनमाइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सर्किट्स
इनफॉर्नेशन थ्योरी एंड कोडिंगएंटेन्नस एंड प्रोपेगेशन
फंडामेंटल ऑफ सीएमओएसऑपरेटिंग सिस्टम
वीएलएसआइएडवांस्ड कम्युनिकेशन लैब
डीएसपी लैब माइक्रोप्रोसेसर लैब
एनालॉग कम्युनिकेशन  –
लैब+ एलआईसी लैब  –
सेमेस्टर- Vllसेमेस्टर -Vlll
कंप्यूटर कम्युनिकेशन नेटवर्कवायरलेस कम्युनिकेशन
ऑप्टिकल फाइबर कम्युनिकेशनडिजिटल स्विचिंग सिस्टम
पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्सप्रोजेक्ट वर्क कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
एंबेडेड सिस्टम डिजाइनसेमिनार कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
वीएलएसआई लैब  –
पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स लैब  –

कम्युनिकेशन इंजीनियर कैसे बनें?

इंजीनियरिंग के फील्ड में कम्युनिकेशन इंजीनियर बेहतर करियर ऑप्शन हो सकता है। यह सेक्टर जॉब की मांग के मामले में हमेशा एक विकल्प है। घरेलू उपयोग से लेकर औद्योगिक और स्पेस एप्लिकेंशस तक हर क्षेत्र में कम्युनिकेशन इंजिनियरिंग की काफी ज्यादा जरूरत होती है। ऐसे में कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग बनने के लिए 12 वीं के बाद आप कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या बीटेक कर सकते हैं। कम्युनिकेशन इंजीनियर में कोर्स के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ से 12 वीं पास होना जरूरी है। गवर्नमेंट कॉलेज में इस कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है।

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए प्रसिद्ध विदेशी विश्वविद्यालय 

  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रुड़की
  •  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), गुवाहाटी
  •  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटीके), सूरथकली
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), वारंगल
  •  इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईएसएम), धनबाद
  •  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी), त्रिची
  • भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास
  •  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर
  •  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, गुवाहाटी
  •  राजीव गांधी प्रौद्योगिकी संस्थान
  •  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान
  •  भारतीय विज्ञान संस्थान
  •  दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
  •  विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बैंगलोर 

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए योग्यता

भारत में विश्वविद्यालय यूजी एवम पीजी डिग्री पर कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अध्ययन कार्यक्रम प्रदान करते हैं।  मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एमई), / मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी (एम.टेक) जैसी डिग्री प्रदान की जाती हैं।  यूजी स्तर पर संबंधित अध्ययन विषयों जैसे इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग आदि में कार्यक्रमों की पेशकश की जाती है। बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बी.ई.) / बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) जैसी डिग्री प्रदान की जाती हैं।

  •  स्यूजी पाठ्यक्रम में शामिल होने के लिए, छात्रों को भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित और अंग्रेजी के साथ 10 + 2 स्तर या समकक्ष योग्यता की आवश्यकता होती है।  प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। पीजी पाठ्यक्रम का अध्ययन करने के लिए छात्रों को इंजीनियरिंग में यूजी की योग्यता परीक्षा (गेट) में अर्हता प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  •  विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान, संचार प्रणाली इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी) और पोस्ट डॉक्टरेट रिसर्च फेलोशिप के पुरस्कार के लिए अग्रणी अनुसंधान कार्यक्रम प्रदान करते हैं।  प्रवेश गेट, सीएसआईआर जेआरएफ, आदि जैसी परीक्षाओं के आधार पर दिए जाते हैं।

विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया

विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है:

  • रिसर्च करें और अपनी रुचि के अनुसार सही कोर्स खोजें। इसके लिए आप हमारे Leverage Edu विशेषज्ञों की मदद लें सकते है।
  • यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं। 
  • अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।  
  • शैक्षणिक योग्यता के साथ IELTSTOEFL, प्रवेश परीक्षा स्कोर, SOPLOR की जानकारी भरें। 
  • रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
  • अंत में आवेदन पत्र जमा करें।
  • आवश्यक दस्तावेज

विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:

  • 10+2 मार्कशीट
  • सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पासपोर्ट फोटोकॉपी
  • वीजा 
  • अपडेट किया गया रिज्यूमे
  • अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
  • सिफारिश पत्र या एलओआर
  • स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस

कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षा

जेईई मेन ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (मेन)जेईई (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) एडवांस्ड
गेट (ग्रैजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग)बिहार कम्बाइंड एंट्रेंस कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन बीसीईसीई
झारखंड कॉमन एंट्रेंस एग्जाम जेईईसीईयूपीएसईई (उत्तर प्रदेश स्टेट एंट्रेंस एग्जामिनेशन)
एपी ईएएमसीईटी (आंध्र प्रदेश इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)टीएस ईएएमसीईटी(तेलंगाना स्टेट इंजीनियरिंग एग्रीकल्चर एंड मेडिकल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट)

टॉप रिक्रूटर्स

  • भारतीय टेलीफोन उद्योग
  • नागरिक उड्डयन
  • दूरसंचार
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग / आईटी
  • बिजली क्षेत्र रक्षा
  • एनपीएल
  • एआईआर
  • डाक और टेलीग्राफ विभाग
  • रेलवे
  • भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड
  • डी.आर.डी.ओ
  • हार्डवेयर विनिर्माण
  • घरेलू उपकरण
  • टेलीविजन उद्योग और अनुसंधान एवं विकास
  • सीमेंस
  • विप्रो लाइटिंग कॉर्पोरेट
  • माइक्रोटेक
  • टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी
  • अदानी पावर लिमिटेड
  • श्नाइडर इलेक्ट्रिक
  • हैवेल्स
  • क्रॉम्पटन ग्रीव्स 

करियर और नौकरी की संभावनाएं

दूरसंचार क्षेत्र में कम्युनिकेशन इंजीनियरों के लिए बड़ी संख्या में अवसर मौजूद हैं, जिनमें रेडियो, टेलीविजन, टेलीफोन और मोबाइल संचार और कंप्यूटर आदि शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार उत्पादों का निर्माण करने वाले उद्योगों को अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, कार्यशालाओं, प्रबंधन और विपणन आदि में संचार इंजीनियरों की सेवाओं की आवश्यकता होती है। संचार इंजीनियरों को अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ तकनीशियनों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के रूप में भी काम के अवसर मिलते हैं।  शिक्षाविदों में, व्याख्याताओं, प्रोफेसरों और शोधकर्ताओं के रूप में अवसर प्रदान किए जाते हैं।

वेतन

कम्युनिकेशन इंजीनियरों को उद्योग में आकर्षक वेतन पैकेज प्राप्त है।  एक शुरुआती संचार इंजीनियर का वेतन औसतन लगभग रु 20,000 प्रति माह होता है। एचआरए, टीए, डीए, और भत्तों और प्रदर्शन बोनस जैसी कई अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।  काम के प्रदर्शन और अर्जित पदोन्नति आदि के आधार पर कमाई कई गुना बढ़ जाती है। कम्युनिकेशन इंजीनियरों को समुदाय में उच्च सामाजिक सम्मान प्राप्त है।

FAQs

क्या मैं चार साल की डिग्री के बिना कम्युनिकेशन इंजीनियर के रूप में काम कर सकता हूं?

बिना डिग्री के कम्युनिकेशन  इंजीनियर के रूप में काम करने के कुछ अवसर हैं।  दूरसंचार, कंप्यूटर सिस्टम या इसी तरह के क्षेत्र में एक सहयोगी की डिग्री आपको कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग तकनीशियन के रूप में शुरू कर सकती है।  यदि आप वर्तमान में एक संचार फर्म के लिए काम कर रहे हैं, तो आप कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के लिए नौकरी पर प्रशिक्षण में भी भाग लेने में सक्षम हो सकते हैं।

कम्युनिकेशन इंजीनियर कहाँ काम करते हैं?

कम्युनिकेशन इंजीनियर आमतौर पर कार्यालय के वातावरण में काम करते हैं।  इंजीनियर एक साथ कई प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं।  काम कार्यालय समय के दौरान होता है, हालांकि यदि कोई विशेष रूप से जरूरी समस्या है तो आप अतिरिक्त घंटे काम कर सकते हैं। यदि आप एक कम्युनिकेशन इंजीनियर हैं जो दूरसंचार उपकरणों का निरीक्षण और रखरखाव करते हैं, तो आपको अपनी नौकरी के लिए यात्रा करने की आवश्यकता हो सकती है।  इसके लिए असामान्य परिस्थितियों में बाहर काम करना पड़ सकता है, जैसे सेल टावरों पर।

क्या कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग एक बढ़ता हुआ क्षेत्र है?

कम्युनिकेशन इंजीनियर हमेशा बदलती वैश्विक संचार प्रणालियों का समर्थन करते हैं, जिसका अर्थ है कि वे मांग में हैं।  यू.एस. ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग- वह क्षेत्र जिसका कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग एक हिस्सा है- तकनीकी प्रगति के साथ बने रहने के लिए लगातार बढ़ रहा है।

Tuesday, April 12, 2022

जेनेटिक इंजीनियरिंग

मेडिकल साइंस एक जरूरी फील्ड है, जो टेक्नोलॉजी में काफी आगे है। जब रिसर्चर ने बायोलॉजी को प्रोग्रेसिव टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ा, तो इसने बायोटेक्नोलॉजी के व्यापक क्षेत्र को बनाया और मेडिकल साइंस में क्रांति ला दी। नए उभरते क्षेत्रों के साथ, बायोलॉजी कई ब्रांच में उभरा है। बायोलॉजी की ऐसी ही एक ब्रांच है, जेनेटिक इंजीनियरिंग है जो बायोटेक्नोलॉजी और जेनेटिक के साइंस को मिक्स करती है। यह किसी विशेष जीव के जीन के सीधे हेरफेर की सुविधा के लिए बायोटेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। 
यदि आप इस बारे में उत्सुक हैं कि कैसे जेनेटिक और टेक्नोलॉजी हमारे मेडिकल साइंस को देखने के तरीके में क्रांति ला सकती है, तो आप दुनिया भर में ऑफर किए जाने वाले कई जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स में से चुन सकते हैं।

जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स का सिलेबस (Syllabus of Genetic Engineering Courses)

बायोकेमेस्ट्री (Biochemistry)
बायोकेमेस्ट्री को बायोलॉजी की ब्रांच के रूप में रिफर्ड (referred) किया जा सकता है जो किसी भी बायोलॉजिकल प्रोसेस के केमिकल एसपेक्टस से संबंधित है। ऑर्गेनिक मटेरियल के बजाय सिंथेटिक के आ जाने के कारण कंटेम्पररी रिसर्च में बायोकेमेस्टी साइंस की एक जरूरी ब्रांच है। इस बदलाव ने हेल्थ सेक्टर के साथ-साथ माइक्रोबायोलॉजी सेक्टर को भी प्रभावित किया है और बायोकेमेस्ट्री के क्षेत्र में महत्व (significance) लाया है।

इम्यूनोलॉजी (Immunology)
इम्यूनोलॉजी एक जीव की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) का अध्ययन है और यह कैसे परजीवियों (parasites) और अन्य रोग पैदा करने वाले जीवों (disease-causing organisms) से अपनी रक्षा करता है। इम्यूनोलॉजी माइक्रोबायोलॉजी का एक अनिवार्य हिस्सा है, क्योंकि कुछ घातक बीमारियां जिससे मानव शरीर ग्रस्त हैं, बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों के कारण होती हैं। इम्यूनोलॉजी इन जीवों से होने वाले नुकसान का पता करने में मदद करती है और इन बीमारियों का इलाज विकसित करने और भविष्य में उन्हें रोकने पर काम करती है।
 
बायोइनफॉरमैटिक्स (Bioinformatics)
यह एक अंतःविषय (interdisciplinary) सब्जेक्ट है जो जैविक डेटा को समझने के लिए जीव विज्ञान, कंप्यूटर एप्लीकेशन और मैथ्स को जोड़ता है। इस क्षेत्र का उपयोग मुख्य रूप से जैविक डेटा का आकलन करने और रिसर्च करने के लिए वैध (valid) और आवश्यक (necessary) एलिमेंटस की पहचान करने के लिए किया जाता है। 

नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology)
नैनोटेक्नोलॉजी एक अन्य अंतःविषय (interdisciplinary) फील्ड है जो जेनेटिक इंजीनियरिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आणविक (molecular) या परमाणु पैमाने (atomic scale) पर पदार्थ के हेरफेर (manipulation) से संबंधित है। हेल्थ केयर में शामिल विभिन्न प्रक्रियाओं को देखने के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग में इस क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। नैनो टेक्नोलॉजी और जेनेटिक इंजीनियरिंग दो प्रमुख क्षेत्र हैं जिन्होंने हेल्थ सेक्टर में सुधार के लिए गहन रूप से काम किया है।

जेनेटिक इंजीनियरिंग कोर्स के लिए योग्यता (Genetic Engineering Courses: Eligibility Criteria)
जेनेटिक इंजीनियरिंग में प्रोफेशनल डिग्री हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स व बायोलॉजी के साथ अपने 10 + 2 साइंस के बाद बीटेक कोर्स कर सकते हैं। जेनेटिक इंजीनियरिंग में बीटेक में एडमिशन विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा इन-हाउस आयोजित प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से या देश भर में आईआईटी / एनआईटी और सीएफटीआई के लिए जेईई जैसी राष्ट्रीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के अंकों के माध्यम से किया जाता है।
 
भारत में टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज (Top Genetic Engineering Colleges in India)
  1. एसआरएम विश्वविद्यालय चेन्नई, तमिलनाडु
  2. भारत विश्वविद्यालय चेन्नई, तमिलनाडु
  3. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, बिहार
  4. जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र, बैंगलोर, कर्नाटक
  5. महात्मा ज्योति राव फूल विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान
  6. भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान, चेन्नई, तमिलनाडु
  7. भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर, कर्नाटक
  8. कुवेम्पु विश्वविद्यालय, कर्नाटक
  9. मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, तमिलनाडु
  10. इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी स्कूल (सेट), शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा