Monday, September 25, 2017

एकाउंटिंग में बनाए अपना करियर

एकाउंटिंग आज के दौर में बेहद डिमांडिंग फील्ड बन गया है। उदारीकरण के दौर में देश में निजी कंपनियों के विस्तार और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से सीए, आइसीडब्ल्यूए, सीएस, कंप्यूटर एकाउंटेंसी के एक्सप‌र्ट्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। एकाउंटिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें आपका करियर ग्राफ तेजी से बढ़ता है। वैसे तो ज्यादातर कॉमर्स के स्टूडेंट्स ही एकाउंटिंग के क्षेत्र में जाना चाहते हैं, लेकिन दूसरे स्ट्रीम के स्टूडेंट्स के लिए भी इसके रास्ते खुले हुए हैं। जानते हैं इससे संबंधित कुछ प्रमुख क्षेत्रों और उनमें एंट्री के बारे में :
सीए
सीए का मतलब है चार्टर्ड एकाउंटेंट। चार्टर्ड एकाउंटेंट ऑडिटिंग, टैक्सेशन और एकाउंटिंग में स्पेशलाइजेशन रखता है। सीए प्रोफेशन निरंतर लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां तक कि छोटी कंपनियों और कारोबारियों को भी अपने आर्थिक मसलों के प्रबंधन के लिए सीए की जरूरत होती है। भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की तो अब विदेशों में भी अच्छी मांग है, खासकर पश्चिम एशिया के देशों, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में।
कंपनी अधिनियम के अनुसार भारत में किसी कंपनी में ऑडि¨टग के लिए सिर्फ चार्टर्ड एकाउंटेंट को ही रखा जा सकता है। सीए को चार्टर्ड एकाउंटेंसी का फाइनल एग्जाम पास करने के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीएआइ) के एसोसिएट के रूप में स्वीकार किया जाता है।
आईसीएआइ का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, कानपुर, चेन्नई, मुंबई और नई दिल्ली में हैं। चार्टर्ड एकाउंटेंसी के करिकुलम में थ्योरिटिकल एजुकेशन के साथ अनिवार्य प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दी जाती है।
इस प्रोग्राम को करने के लिए किसी
छात्र को बारहवीं या उसके समकक्ष एग्जाम पास होना चाहिए। ऑडिटिंग, कॉमर्शियल लॉ, एकाउंटेंसी के साथ कॉमर्स ग्रेजुएट करने वाले छात्र भी इसे कर सकते हैं। आ‌र्ट्स व
साइंस स्ट्रीम के भी स्टूडेंट भी सीए कोर्स कर सकते हैं।
करिकुलम : सीए कोर्स के तीन चरण होते हैं। पहला, कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (सीपीटी) जिसमें चार विषयों एकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स और क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड के एंट्री लेवल के टेस्ट होते हैं। दूसरे चरण में इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कॉम्पिटेंस कोर्स (आइपीसीसी) को पूरा करना होता है। यह सीए करिकुलम का पहला ऐसा चरण है जिसमें एकाउंटेंसी प्रोफेशन के कोर एवं अलायड सब्जेक्ट्स के केवल वर्किग नॉलेज को कवर किया जाता है। तीसरा चरण सीए फाइनल कहा जाता है, जिसके तहत फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, स्ट्रेटेजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस मैनेजमेंट एकाउंटिंग, एडवांस ऑडिटिंग जैसे विषयों के एडवांस एप्लीकेशन नॉलेज को कवर किया जाता है।
आर्टिकलशिप : आइपीसीसी के ग्रुप को पास करने के बाद किसी अनुभवी सीए के पास तीन साल की अवधि के लिए आर्टिकलशिप करनी होती है। इस दौरान स्टाइपेंड भी मिलता है।
सीएस
सीएस का मतलब है कंपनी सेक्रेटरीशिप। कंपनी सेक्रेटरी ऐसा प्रोफेशनल कोर्स है, जिसका प्रबंधन द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आइसीएसआइ) द्वारा किया जाता है। कंपनी अधिनियम के अनुसार जिन कंपनियों की चुकता पूंजी 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा है, उन्हें कंपनी सेक्रेटरी रखना जरूरी होता है।
कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए किसी कैंडिडेट को अब फाउंडेशन कोर्स, एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम और प्रोफेशनल कोर्स पास करना होता है जिन्हें पहले फाउंडेशन एग्जामिनेशन कहा जाता था। इंस्टीट्यूट एक इंटरमीडिएट और फाइनल एग्जाम आयोजित करता है और बाद में कैंडिडेट्स को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करनी पड़ती है। इसके बाद वह कंपनी सेक्रेटरी की सदस्यता के योग्य माना जाता है।
इस प्रोग्राम को करने के लिए कैंडिडेट को बारहवीं या समकक्ष एग्जाम पास होना चाहिए। आइसीडब्ल्यूएआइ या आइसीएआइ का फाइनल एग्जाम पास करने वाले ग्रेजुएट भी इस प्रोग्राम में शामिल हो सकते हैं।
आइसीडब्ल्यूए
आइसीडब्ल्यूए के तहत कॉस्ट और व‌र्क्स एकाउंटेंसी का कार्य आता है। यह प्रोग्राम इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आइसीडब्ल्यूएआइ) द्वारा संचालित किया जाता है। कॉस्ट ऐंड वर्क एकाउंटेंट किसी कंपनी की बिजनेस पॉलिसी तैयार करते हैं और पुराने एवं मौजूदा वित्तीय प्रदर्शन के आधार पर किसी प्रोजेक्ट के लिए अनुमान जाहिर करते हैं।
यह कोर्स करने के लिए छात्र की उम्र कम से कम 17 वर्ष होनी चाहिए और उसे केंद्र या राज्य सरकार के मान्यताप्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास होना चाहिए।
कंप्यूटर एकाउंटेंसी
कंप्यूटर एकाउंटेंसी नए जमाने का एकाउंटिंग कोर्स है। खास बात यह है कि इस कोर्स को करने के लिए कॉमर्स का बैकग्राउंड होना कतई जरूरी नहीं है। दिल्ली के पूसा रोड स्थित आइसीए के डायरेक्टर अनुपम के अनुसार बारहवीं या ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद सीआइए प्लस का एडवांस कोर्स करके एकाउंटेंट के रूप में जॉब आसानी से पाई जा सकती है। दरअसल, आजकल ऑफिसेज में एकाउंटिंग पहले जैसे बहीखाते और लेजर के द्वारा नहीं होता, बल्कि एडवांस कंप्यूटर्स और सॉफ्टवेयर के माध्यम से होता है। कंप्यूटराइज्ड एकाउंटिंग असल में आइटी आधारित कोर्स है। आप महज 10 महीने का कोर्स करके ही एकाउंटेंसी के मास्टर बन सकते हैं। कंप्यूटर एकाउंटेंसी के तहत मुख्यत: बिजनेस एकाउंटिंग, बिजनेस कम्युनिकेशन, एडवांस एकाउंट्स, एडवांस एमएस एक्सेल, टैक्सेज, आइएफआरएस, फाइनेंशियल मैनेजमेंट, इनकम टैक्स प्लानिंग आदि की प्रैक्टिकल और जॉब ओरिएंटेड ट्रेनिंग दी जाती है

Saturday, September 23, 2017

कोरियोग्राफर में करियर

डांस सिखाना यानि कोरियोग्राफर बनना आज कल युवाओं की पसंद बन रहा है.यह एक पैसा और नाम देने वाला करियर है और फिल्म इंडस्ट्री में अच्छे कोरियोग्राफर की डिमांड रात दिन बढ़ती जा रही है.लेकिन इसमें करियर बनाने की सोचने से पहले यह जान लें की कोरियोग्राफी केवल डांस करना ही नहीं है बल्कि दूसरों को नए तरह का डांस सिखाना है. इसलिए सब तरह के डांस, डांसिंग स्टेप्स और डांस को हर तरह के म्यूजिक पर डांस कर सकना ही कोरियोग्राफी है. चलिए जाने डांस मैं करियर कैसे करे कोरियोग्राफर कैसे बने.

कोरियोग्राफर कैसे बने:

कुछ लोगो को बचपन से ही डांस करने का बहुत शौक होता हैं. ऐसे लोग बचपन से डांस सीखते हैं या ऐसे भी उन् लोगो को बहुत अच्छा डांस आता. जो लोग डांस में माहिर होते हैं उन् लोगो के घर में भी बहुत सारे डांस कम्पटीशन’से  जीती हुई ट्रॉफीज होती हैं. ऐसे लोग बढ़े होकर भी अपनी डांस को कंटिन्यू रखना चाहते हैं और डांस मैं अपना करियर बनाना चाहते हैं. लेकिन जिन लोगो को यह अच्छी तरह से पता ही नहीं होता कि उन्हें डांस में करियर बनाने के लिए क्या क्या करने की ज़रूरत हैं उन् लोगो का सपना तो अधूरा ही रह जाता हैं.
लेकिन हमारा सवाल यह हैं की अगर हुनर और जज्बा हैं तो क्यों हमारा कोई भी सपना अधूरा रहे.आज हम अपने इस लेख में आप लोगो को यह बताएँगे की हम डांस मैं अपना करियर बनाने के लिए क्या क्या तरीका अपना सकते हैं.आप लोगो को बस हमारे इस लेख में दिए गए कुछ ट्रिक्स को ध्यान से पढ़ने की और फॉलो करने की ज़रूरत हैं.यकीं मानिये इन् ट्रिक्स को फॉलो करके आप लोग डांस मैं अपना करियर बनाने में कामयाब जरूर हो जायेंगे.
डांस में करियर कैसे बनाये अपने डांस को हमेशा कंटिन्यू रखे:
आपको अगर डांस करने में रूचि हैं और आप डांस मैं अपना करियर बनाना चाहते हैं तोह आप अपने डांस को कभी भी ऑफ मत रखिए.हमारा कहने का मतलब हैं की आप हो सके तो रोज या दो तीन दिन के बाद बाद अपने घर में ही डांस की प्रैक्टिस करिए.आप अगर चाहे तोह एक कमरे को लॉक करके उस कमरे में अपने डांस की प्रैक्टिस कर सकते हैं. आप अगर अपने डांस को एक दम से बंद न करके उसको कंटिन्यू रखेंगे तो आपको डांस में एक्सपीरियंस बना रहेगा और आपको डांस करने में किसी भी तरह की gilt का एहसास नहीं होगा.
स्कूल, कॉलेज etc. में हो रही डांस कॉम्पेटीशन्स में भाग ले:
अगर आप डांस मैं अपना करियर बनाने मैं इंटरेस्टेड हैं तो आप स्कूल, कॉलेज और बाकि छोटे मोटे functions में होने वाले डांस competitions में भाग लेते रहे. ऐसे छोटे मोटे competitions में भाग लेते रहने से आपकी ऐम्बर्रसमेंट वाली फीलिंग ख़तम हो जायेगी और जब आपको किसी के सामने डांस करने से ऐम्बर्रसमेंट का एहसास नहीं होगा तब आप अपने डांस को खुल के कर पाएंगे और डांस मैं अपना करियर बनाने में और डांस की दुनिया में अपनी एक जगह बनाने में कामयाब हो जायेंगे.
डांस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं:
अगर आप डांस मैं अपना करियर बनाना चाहते हैं तोह इस के लिए आपका डांस में माहिर होना बहुत ज़रूरी हैं. और मैं अपने आप को पक्का और निपुण बनाने के लिए आप लोग एक डांस क्लास ज्वाइन कर सकते हैं. ऐसा करने से डांस के प्रति आपका जूनून और डांस मैं आपका नॉलेज दोनों की वृद्धि होगी. और तभी आप डांस के लिए परफेक्ट माने जायेंगे.
कोरियोग्राफर कैसे बने:
कोरियोग्राफर बनने के लिए ज़रूरी है की आप को डांस करने का बहुत शौक हो. इसके लिए सबसे पहले आप किसी अच्छे डांस स्कूल में प्रवेश लें और डांस के बेसिक स्टेप्स को जान लें जिससे किसी के भी सामने आप कुछ डांस कर के बता सकें. अब डांस की पढाई करनी होगी. कोरियोग्राफी को सिखाने के लिए हर जगह स्कूल या यूनिवर्सिटी नहीं है इसलिए आपको कुछ जगहों पर उपलब्ध डांस की ही संस्थाओं में प्रवेश लेना होगा. कुछ प्रमुख संस्थाएं जो कोरियोग्राफी सिखाती हैं
  • संगीत नाटक अकादमी न्यू डेल्ही,
  • नाटय इंस्टिट्यूट ऑफ़ कथाक एंड कोरियोग्राफी बंगलोरे
  • फैकल्टी ऑफ आर्ट्स इन यूनिवर्सिटी मैसोरे
  • स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स एंड म्यूजिक, इंदौर
  • कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी
  • महात्मा गांधी मिशन संगीत अकादमी औरंगाबाद,
  • शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापुर
  • गर्ल्स कॉलेज इंदौर
  • फ्लेम स्कूल ऑफ़ आर्ट्स पुणे
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी वाराणसी,
प्राइवेट इंस्टिट्यूट में भी डांस सिखएं:
जब आप गवर्नमेंट के इन इंस्टिट्यूट से डांस में डिग्री या डिप्लोमा ले लें तो यह मत समझिए कि आपकी डांस की पढाई पूरी हो गयी है.इसके बाद अप्प प्राइवेट संस्थानों से डांस की पढाई करें. कुछ प्रमुख संस्थान जो कोरियोग्राफी सिखाते हैं उनके नाम हैं थे|:
  • डांसवर्क्स परफार्मिंग आर्ट्स अकादमी, मुम्बई
  • र न्यू डेल्ही, शामक डावर इस्टिट्यूट फॉर परफार्मिंग आर्ट्स, मुम्बई
  • श्रुति संगीत विद्यालय जळगाव आदि हैं.
अब किसी मुम्बई के ग्रुप को ज्वाइन करें:
जब आप प्राइवेट इंस्टिट्यूट से भी डांस सीख लें उसके बाद आप मुम्बई के किसी डांस ग्रुप को ज्वाइन कर लें. वैसे तो डांस ग्रुप हर जगह होते हैं पर मुंबई में रहकर आप प्रोड्यूसर और डायरेक्टर्स से संपर्क भी कर सकते हैं इसलिए डांस में करियर बनाने के लिए मुम्बई ही सबसे सही जगह है.
जॉब में ज़्यादा से ज़्यादा सीखें:
अपने इतना सीखा है इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने आपको सबसे अच्छा कोरियोग्राफर समझने लगें. याद रखें पढाई के दौरान सीखने में और जॉब करते समय सीखने में बहुत अंतर होता है. इसलिए जब आप डांस ग्रुप ज्वाइन करें तो आप ज़्यादा से ज़्यादा अनुभव लेने की कोशिश करें.
विडियो CDs से सीखें:
आप कुछ फॉरेन कोरियोग्राफर के डांसेज की CDs खरीद लें. जब आप खाली हों तो आप डांस की CDs चलाकर उनके स्टेप्स को नोट करें और सोचें कि इस स्टेप में और क्या नया हो सकता है. यह सभी नए स्टेप जो आप बना रहे हैं उसे आप अकेले में परफॉर्म करके अपने वीडियो कैमरे में रिकॉर्ड कर लें जिससे की आप यह डांस स्टेप्स भूलेंगे नहीं और समय पर आप किसी प्रोड्यूसर और डायरेक्टर को वह स्टेप्स करके दिखा सकते हैं.
प्रोड्यूसर और डायरेक्टर से संपर्क करें:
जब आपको यकीन हो जाए कि किसी गाने की कोरियोग्राफी आप कर सकते हैं और आपके पास अनेकों नए डांस स्टेप्स हैं तब आप फिल्म प्रोड्यूसर और डायरेक्टर से संपर्क करें और उन्हे पहली मुलाकात में ही हु डांस स्टेप दिखाएँ की फिल्म प्रोड्यूस और डायरेक्टर्स आप से प्रभवित हुए बिना नहीं रह सके और आपको की कोरियोग्राफी करने का अवसर दें. वैसे तो अनेक फिल्म प्रोड्यूसर अच्छे’ कोरियोग्राफर की तलाश करते हैं पर कुछ बड़े बैनर जिनके साथ काम करके आप अपना भविष्य संवार सकते हैं बालाजी टेलीफिल्म्स, मुक्ता आर्ट्स, एरोस इंटरनेशनल, उत्व मोशन पीक्चर्स, भंसाली प्रोड्यूक्शन्स,यश राज प्रोड्यूक्शन्स, धर्मं प्रॉड्यूक्शन्स, विशेष फिल्म्स, राजश्री प्रोड्यूक्शन्स हैं.
क्या सैलरी होती है:
इस करियर में अनुभव के आधार पर सैलरी मिलते है. एक फ्रेशर कोरियोग्राफर के तौर पर 400 से 500 रूपए प्रति घंटा प्राप्त करता है जबकि कुछ अनुभव हो जाने पर कोरियोग्राफर को 2000 रूपए प्रति घंटे तक मिल जाते हैं.फ़िल्म इंडस्ट्रीज से जुड़े अनुभवी और सफल कोरियोग्राफर एक साल में 20 लाख रूपए तक कमा लेते हैं.
आप को यह अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा की डांस में करियर कैसे बना सकते हैं या डांस में करियर बनाने के के लिए हम किन किन तरीको को अपना सकते हैं. हम तो आप लोगो से बस यही कहेंगे कि अपने इस पैशन को ऐसे ही ठंडा मत हो जाने दीजिये

Tuesday, September 19, 2017

फूड साइंस और न्यूट्रिशन में करियर

संतुलित डाइट के महत्व से तो हर कोई वाकिफ है लेकिन अपनी उम्र, शारीरिक क्षमता, कार्य की प्रकृति और दैनिक रुटीन के हिसाब से डाइट कैसी होनी चाहिए, इसको लेकर अध‍िकांश लोग भ्रमित रहते हैं। सही डाइट से जुड़ी हमारी शंकाएं दूर करते हैं डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट। अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ रोमांचक करियर चाहते हैं, तो यह फील्ड आपके लिए बढ़िया है।
लोगों की बदली जीवनशैली और खानपान की खराब आदतों का सबसे ज्यादा असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसीलिए हाल के दिनों में लोगों के बीच बैलेंस्ड डाइट को लेकर जागरूकता बढ़ी है। हालांकि बैलेंस्ड डाइट व्यक्ति विशेष की अपनी जरूरतों पर आधारित होती है, इसीलिए इसे लेकर लोगों में अक्सर भ्रम भी रहता है। इसी भ्रम को दूर करके फूड न्यूट्रिएंट्स के हिसाब से हमें सुझाव देते हैं डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट। अगर आपको भी फूड साइंस और न्यूट्रिशन में रुचि है, तो आप इसमें करियर प्लान कर सकते हैं।

क्या है न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स?
यह फूड साइंस से जुड़ा एक ऐसा कोर्स है, जिसमें फूड न्यूट्रिएंट्स के बारे में अध्ययन किया जाता है। इसी के आधार पर बड़े स्तर पर लोगों में न्यूट्रिशन से जुड़ी समस्याओं को पहचानकर उन्हें दूर करने के लिए सामाजिक और तकनीक के स्तर पर समाधान तलाशे जाते हैं। यही नहीं, सरकारी इकाइयों और स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों को भी इन्हीं के अनुसार स्वास्थ्य नीति में बदलाव के सुझाव दिए जाते हैं।
कौन-से कोर्स?
इस फील्ड में करियर प्लान करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषय लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी होम साइंस व फूड साइंस एंड प्रॉसेसिंग में बीएससी, फूड साइंस एंड माइक्रोबायोलॉजी, न्यूट्रिशन, न्यूट्रिशन एंड फूड साइंस और न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स में बीएससी ऑनर्स कर सकते हैं। इसके अलावा डायटेटिक्स एंड न्यूट्रिशन में डिप्लोमा और फूड साइंस एंड पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन में डिप्लोमा भी किया जा सकता है। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद आप इन्हीं विषयों में एमएससी कर सकते हैं। इस फील्ड में रिसर्च का भी काफी स्कोप है। हायर स्टडीज करने वाले विद्यार्थियों को इस फील्ड में मौके भी बहुत मिलते हैं।

जरूरी स्किल्स
अगर आपको फूड इंग्रीडिएंट्स में रुचि है और अलग-अलग पकवानों में इस्तेमाल होने वाली सामग्री में मौजूद न्यूट्रिएंट्स के बारे में पढ़ना व उनके हिसाब से डाइट में परिवर्तन करना पसंद है, तो आप इस फील्ड में जरूर आएं क्योंकि इसमें आपको नियंत्रित डाइट का सही प्लान बनाने का तरीका सिखाया जाता है। बॉडी मास इंडेक्स के हिसाब से आप अपना खुद का फूड चार्ट भी डिजाइन कर सकते हैं।
भविष्य की संभावनाएं
आप सरकारी क्षेत्र और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर रहे संस्थानों में अपना करियर बना सकते हैं। अमूमन इस फील्ड में चार तरह के न्यूट्रिशनिस्ट काम करते हैं:
क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट
ये हॉस्पिटल्स, आउटपेशेंट क्लिनिक्स और नर्सिंग होम्स में काम करते हैं। इसमें आपको रोगियों की बीमारियों
के हिसाब से उनका डाइट चार्ट प्लान करना होगा।
मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट
ये न्यूट्रिशनिस्ट क्लिनिकल और फूड साइंस एक्सपर्ट्स होते हैं। ये बड़े संस्थानों में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का
मैनेजमेंट करते हैं। इसके अलावा इन्हें न्यूट्रिशनिस्ट्स की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी जाती है।
कम्युनिटी न्यूट्रिशनिस्ट
ये सरकारी स्वास्थ्य एजेंसियों, हेल्थ एंड फिटनेस क्लब्स और डे-केयर सेंटर्स में काम करते हैं। इस क्षेत्र में किसी व्यक्ति विशेष के लिए काम न करके पूरे समुदाय पर फोकस किया जाता है।
मैनेजमेंट न्यूट्रिशनिस्ट
ये न्यूट्रिशनिस्ट क्लिनिकल और फूड साइंस एक्सपर्ट्स होते हैं। ये बड़े संस्थानों में काम करने वाले एक्सपर्ट्स का
मैनेजमेंट करते हैं। इसके अलावा इन्हें न्यूट्रिशनिस्ट्स की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जिम्मेदारी भी दी जाती है।
न्यूट्रिशन एडवाइजर
ये एक्सपर्ट्स बिना किसी संस्थान से जुडे, किसी डॉक्टर की तरह अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस करते हैं और लोगों को न्यूट्रिशन से जुड़ी सलाह व मार्गदर्शन देते हैं। इस तरह की फ्रीलांसिंग में भी अच्छी संभावनाएं हैं।
प्रमुख संस्थान
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन, हैदराबाद
- जेडी बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ होम साइंस, कोलकाता
- लेडी अर्विन कॉलेज, दिल्ली
- एसएनडीटी विमेंस यूनिवर्सिटी, मुंबई
- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हाइजीन एंड पब्लिक हेल्थ, कोलकाता
- मुंबई यूनिवर्सिटी

Saturday, September 16, 2017

कॉफी क्वॉलिटी मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा

कॉफी दुनिया के सबसे लोकप्रिय पेय में एक हैं। इसकी लोकप्रियता को बनाए रखने के लिए इसकी गुणवत्ता पर काफी जोर दिया जाता है। ऐसे में कॉफी क्वॉलिटी के क्षेत्र में करियर बनाने के अच्छे मौके भी मिलते हैं।

कॉफी के क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छा रखने वालों के लिए भारत के कॉफी बोर्ड ने पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स लॉन्च किया है। इसके छात्रों को भारतीय कॉफी कंपनियों में अच्छी नौकरियों के अवसर मिलते हैं।

कॉफी क्वॉलिटी मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा  कोर्स छात्रों को कॉफी टेस्टर्स  के रूप में उनकी क्षमता विकसित करने में मदद करता है।

कोर्स की खास बातें
- यह 12 महीने का कोर्स है जो 3 ट्राइमेस्टर में होता है।

- छात्रों को पहले ट्राइमेस्टर में सीसीआरआई, बलेहोनुर, चिकमंगलूर में रहने की सुविधा मिलती है। दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर के लिए छात्रों के बेंगलुरु में अपने रहने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।

- दाखिले हर योग्य अभ्यर्थी के लिए खुले हैं। कॉफी इंडस्ट्री के लिए स्पॉन्सर्ड अभ्यर्थियों को भी दाखिले दिए जाएंगे।

- दाखिले अकादमिक रिकॉर्ड, पर्सनल इंटरव्यू और सेंसरी इवैल्यूएशन टेस्ट के आधार पर होंगे।

आखिरी तारीख 
आवेदन करने की आखिरी तारीख 16 अगस्त 2016 है।

योग्यता
उम्मीदवारों को बॉटनी, जूलॉजी, केमिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी, बायोसाइंस, फूड टेक्नोलॉजी, इन्वायरमेंटल साइंस में ग्रेजुएट या एग्रीकल्चर साइंस में ग्रेजुएट होना चाहिए। ऐसे छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जिन्हें किसी एक्सपोर्ट कंपनी/क्यूरिंग संस्थान/कॉफी प्लांटेशन से स्पॉन्सरशिप हासिल हो।

प्रक्रिया 
आवेदन वेबसाइट से डाउनलोड या कॉफी बोर्ड, बेंगलुरु से सीधे हासिल किए जा सकते हैं। पूरी तरह से भरा हुआ आवेदन 200 रुपये की डीडी ("कॉफी बोर्ड जनरल फंड नन प्लान अकाउंट" के नाम पर) और 9 इंच X 6 इंच के सेल्फ-एड्रेसेस्ड लिफाफे के साथ 16 अगस्त पहुंचने चाहिए।

इंटरव्यू और चयन की तारीख: 31 अगस्त 2016

कोर्स फी: 2,00,000 रुपये   

Thursday, September 14, 2017

कोशिकाओं की आणविक जीव विज्ञान में पीएचडी

डॉक्टरेट कार्यक्रम 'कोशिकाओं की आणविक जीव विज्ञान "न्यूरोसाइंसेस और आण्विक बायोसाइंसेज के लिए गौटिंगेन ग्रेजुएट स्कूल (GGNB) के एक सदस्य है। यह आणविक बायोसाइंसेज के लिए गौटिंगेन केंद्र (GZMB) द्वारा आयोजित किया जाता है और गौटिंगेन विश्वविद्यालय, biophysical रसायन विज्ञान, प्रायोगिक चिकित्सा के लिए मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के लिए मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट, और जर्मन प्राइमेट सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।

शोध उन्मुख कार्यक्रम और अंग्रेजी में सिखाया जाता है, जो जैव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, चिकित्सा के क्षेत्र में एक मास्टर की डिग्री (या समकक्ष), या संबंधित क्षेत्रों रखने वाले छात्रों के लिए खुला है।

कार्यक्रम है जो कोशिकाओं के अध्ययन के लिए उत्साह का हिस्सा पिछले शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों को स्वीकार करता है। प्रशिक्षण कैसे सेल भाग्य और टोपोलॉजी निर्धारित कर रहे हैं की एक तुलनात्मक समझ प्राप्त करने के उद्देश्य से है, कैसे व्यापक जीनोमिक विश्लेषण उपकरणों को लागू करने का एक महत्वपूर्ण भावना, और स्थापित करने और सेलुलर कार्यों के लिए वैचारिक मॉडल का परीक्षण करने की क्षमता।
अनुसंधान

यह कार्यक्रम किया जा रहा है कि कैसे कोशिकाओं की 'subcellular मॉड्यूल' आनुवंशिक जानकारी, विनियमन, शरीर विज्ञान और टोपोलॉजी के स्तर पर बातचीत और समारोह अग्रणी सवाल के साथ, सेल और उसके विनियामक नेटवर्क के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के उद्देश्य से अनुसंधान गतिविधियों को एकजुट करती है।

मॉडल प्रणाली, प्रोकीर्योट्स (जीवाणु और आर्किया) और यूकेरियोटिक रोगाणुओं संयंत्र के लिए और रोग मॉडल सहित पशु कोशिकाओं से लेकर संरक्षित सिद्धांतों की पहचान सक्षम करने से। इसके अलावा, प्लेटफार्मों जीनोम, प्रतिलेखन हस्ताक्षर, बड़े पैमाने पर प्रोटीन की पहचान, metabolomics, इमेजिंग, साथ ही बड़े पैमाने पर विश्लेषण और मात्रात्मक मॉडलिंग, संकाय सदस्यों, जो जैव सूचना विज्ञान में विशेषज्ञ हैं के द्वारा कवर के विश्लेषण के लिए उपलब्ध हैं।

दो प्रमुख विषयों के आसपास अनुसंधान केन्द्रों। सेल गुण और सेल भाग्य नियंत्रण, पूछ के साथ पहली सौदों कैसे कोशिकाओं को उनके प्रसार और अस्तित्व, उनके भेदभाव और समारोह, और बाहरी पोषक तत्वों से तनाव को लेकर संकेतों के लिए उनकी प्रतिक्रिया को नियंत्रित। इन परस्पर घटना विनियामक नेटवर्क के आधार पर कर रहे हैं, और उनकी समझ बहुत राज्यों में आम लक्षण की पहचान करने से फायदा होता है। दूसरा विषय टोपोलॉजी और intracellular डिब्बों की गतिशीलता के साथ संबंधित है। एक प्रमुख कार्य, एकीकृत सिद्धांतों और कैसे कोशिकाओं को प्राप्त करने के व्यक्तिगत विवरण की पहचान को बनाए रखने और उनके स्थानिक संगठन को समायोजित करने के लिए है।
अध्ययन

डॉक्टरेट कार्यक्रम 'कोशिकाओं की आणविक जीव विज्ञान "न्यूरोसाइंसेस और आण्विक बायोसाइंसेज के लिए गौटिंगेन ग्रेजुएट स्कूल (GGNB) के एक सदस्य है। ग्रेजुएट स्कूल एक संयुक्त मॉड्यूलर प्रशिक्षण कार्यक्रम है जो GGNB के बारह डॉक्टरेट कार्यक्रमों में योगदान के लिए प्रदान करता है और कहा कि सभी GGNB छात्रों के लिए खुला है। एक व्याख्यान और संगोष्ठी कार्यक्रम के अलावा, प्रशिक्षण (1) थीसिस समितियों द्वारा व्यक्तिगत परामर्श, (2) विशेष प्रशिक्षण प्रयोगशालाओं में 1-3 सप्ताह के गहन तरीकों पाठ्यक्रम, के होते हैं प्रयोगशालाओं में (3) 2-3 दिन विधियों पाठ्यक्रम भाग लेने वाले शिक्षकों की, (4) इस तरह के वैज्ञानिक लेखन, प्रस्तुति कौशल, संचार, परियोजना प्रबंधन, टीम के नेतृत्व कौशल, संघर्ष के संकल्प, नैतिकता, और कैरियर के विकास, और (5) के छात्र का आयोजन वैज्ञानिक बैठकों, उद्योग के रूप में व्यावसायिक कौशल पाठ्यक्रम यात्रा, और सांस्कृतिक घटनाओं। छात्रों के पाठ्यक्रम और घटनाओं की एक बड़ी संख्या में से चुनने के द्वारा अपनी व्यक्तिगत पाठ्यक्रम दर्जी करने में सक्षम हैं।

कार्यक्रम है जो कोशिकाओं के अध्ययन के लिए उत्साह का हिस्सा पिछले शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों को स्वीकार करता है। प्रशिक्षण कैसे सेल भाग्य और टोपोलॉजी निर्धारित कर रहे हैं की एक तुलनात्मक समझ प्राप्त करने के उद्देश्य से है, कैसे व्यापक जीनोमिक विश्लेषण उपकरणों को लागू करने का एक महत्वपूर्ण भावना, और स्थापित करने और सेलुलर कार्यों के लिए वैचारिक मॉडल का परीक्षण करने की क्षमता। एक तुलनात्मक व्याख्यान श्रृंखला, आम तौर पर प्रति सत्र दो या दो से अधिक वक्ताओं द्वारा प्रस्तुत किया, विभिन्न प्रजातियों और यहां तक ​​कि राज्यों में अनुरूप घटनाएं शामिल हैं। विधियों पाठ्यक्रम जीनोम, प्रतिलेखन हस्ताक्षर, बड़े पैमाने पर प्रोटीन की पहचान, सेल आकृति विज्ञान और विनियमन, metabolomics के उच्च सामग्री के विश्लेषण, साथ ही बड़े पैमाने पर विश्लेषण और मात्रात्मक मॉडलिंग प्रतिभागियों जो जैव सूचना विज्ञान में विशेषज्ञता के माध्यम से विश्लेषण में सभी छात्रों की सहायता करेंगे।

प्रायोगिक अनुसंधान डॉक्टरेट के अध्ययन के प्रमुख घटक का गठन किया और डॉक्टरेट कार्यक्रम के एक संकाय सदस्य की प्रयोगशाला में आयोजित किया जाता है। डॉक्टरेट अनुसंधान परियोजनाओं को एक स्कूल चौड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम, सभी GGNB छात्रों को, जो एक जीवंत अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान समुदाय के सदस्य हैं के लिए पेशकश से पूरित कर रहे हैं। डॉक्टरेट कार्यक्रम की भाषा अंग्रेजी है।

Tuesday, September 12, 2017

पोषाहार विज्ञान में विज्ञान स्नातक

पोषाहार विज्ञान में विज्ञान के ऑनर्स बैचलर

पोषाहार विज्ञान वास्तव में एक अंतःविषय प्रकृति के अध्ययन के एक रोमांचक और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। स्वास्थ्य और रोग में अपनी भूमिका पर पोषण के प्रभाव को समझना (पोषक तत्व आवश्यकताओं और उपयोग) शामिल चयापचय की प्रक्रिया का ज्ञान पर आधारित है, में एकीकृत सामाजिक और व्यवहार कारकों में से खाद्य पदार्थों के रसायन शास्त्र (खाद्य संरक्षण, खाद्य उत्पादन) और की उचित पोषण के माध्यम से इष्टतम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों के विचार।

प्रमुख कार्यक्रम

पोषाहार विज्ञान में एक मेजर को प्राप्त करने के लिए, छात्र विज्ञान की एक चार साल ऑनर्स बैचलर (Hon.B.Sc.) के लिए आवश्यक 20 पाठ्यक्रमों में से आठ को परिभाषित करता है, जो अध्ययन के एक कार्यक्रम इस प्रकार है। कार्यक्रम में परिभाषित नहीं अन्य पाठ्यक्रमों के लिए, छात्र व्यक्तिगत रुचि और कैरियर के लक्ष्यों द्वारा निर्देशित किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, पोषण जैव रसायन में एक स्नातक की डिग्री का पीछा पर एक छात्र के इरादे अधिक उपयुक्त अर्थशास्त्र या व्यवसाय प्रशासन में पाठ्यक्रम मिल सकता है भोजन के विपणन पहलुओं में रोजगार की आशंका है, जो एक छात्र है, जबकि जैव रसायन पाठ्यक्रम पर जोर देना होगा। उपयुक्त पाठ्यक्रम के लिए देख छात्र चार साल की डिग्री नृविज्ञान, जैव रसायन, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल, मानविकी, शरीर विज्ञान और जूलॉजी विभाग की कला और विज्ञान कैलेंडर लिस्टिंग के संकाय की जांच करनी चाहिए पूरा करने के लिए।

प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम

पोषाहार विज्ञान विभाग प्रथम वर्ष के स्तर पर किसी भी पाठ्यक्रम की पेशकश नहीं करता है।

पहले साल के लिए सलाह

  • अनुकूलन और जैव विविधता और जैव 130H - जैव 120H आण्विक और कोशिका जीव विज्ञान, और प्रथम वर्ष रसायन विज्ञान: प्रथम वर्ष जीव विज्ञान लेना चाहिए पोषाहार विज्ञान का अध्ययन करने में रुचि रखते हैं जो छात्र CHM 138H1 - इंट्रोडक्टरी कार्बनिक रसायन विज्ञान मैं और एच एम 139H1 - रसायन विज्ञान: भौतिक सिद्धांतों (दो आधा पाठ्यक्रम) या एच एम 151Y1 - रसायन विज्ञान: आण्विक विज्ञान। हमारे परिचयात्मक कोर्स (NFS के 284H1 - मूल मानव पोषण) किसी भी प्रथम वर्ष के किसी और चीज की जरूरत नहीं है और हर शब्द (पतन, सर्दी, गर्मी) की पेशकश की है।

करियर

बुनियादी या नैदानिक ​​पोषण अनुसंधान, शिक्षण, स्वास्थ्य संवर्धन, पोषण परामर्श या समुदाय पोषण में करियर एक और अधिक उन्नत डिग्री (एमएससी, पीएचडी या MHSc) की आवश्यकता होती है। पोषण भी दवा या दंत चिकित्सा में एक और पेशेवर डिग्री के लिए एक अच्छा आधार है।
डायटेटिक्स भी पोषण में कई बीएससी कार्यक्रमों के बाद एक लोकप्रिय कैरियर है, हालांकि, कृपया ध्यान दें, टी यू में पोषाहार विज्ञान कार्यक्रम के इस विकल्प प्रदान संरचित नहीं है।

प्रवेश सूचना

  • सेंट जॉर्ज परिसर में जीवन विज्ञान में प्रवेश के वर्ग से लागू करें
  • अंग्रेजी और गणित और वैक्टर सहित छह ग्रेड 12 यू या एम पाठ्यक्रम, आवश्यक हैं
  • जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान में वरिष्ठ उच्च विद्यालय क्रेडिट प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक हैं
  • वरिष्ठ उच्च विद्यालय भौतिकी तैयारी की सिफारिश की है
  • ओंटारियो के बाहर के छात्र समकक्ष वरिष्ठ उच्च विद्यालय क्रेडिट होनी चाहिए

Monday, September 11, 2017

पर्यावरण इंजीनियरिंग और जैविक में स्नातक

प्रयोगशाला में और बगल में वास्तविक स्थितियों के साथ लगातार संपर्क भी शामिल है कि एक पाठ्यक्रम और पाठ्यक्रम के द्वारा समर्थित एक ठोस, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इस चक्र के प्रारूप उत्कृष्ट कैरियर के अवसरों के लिए कौशल की एक विविध सेट के विकास पर आधारित है और स्नातकोत्तर और मास्टर की पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए।

लक्ष्य

पर्यावरण और जैव इंजीनियरिंग के कोर्स के लिए एक प्रारंभिक चरण, गणित, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान की बुनियादी विज्ञान के क्षेत्र में सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान के एक विस्तार पर अपने स्नातकों प्रदान करता है। बाद के चरणों में, प्रशिक्षण पर्यावरण और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों के विभिन्न आयामों की अनिवार्य और वैकल्पिक प्रकृति के साथ काम कर एक तेजी से विशिष्ट प्रकृति का फायदा हुआ। , लेकिन यह भी प्राकृतिक संसाधनों, बेकार, जैव ईंधन और पर्यावरणीय प्रभाव की समस्या के लिए हवा, पानी और मिट्टी - पर्यावरण के संदर्भ में, यह तीन क्लासिक डिब्बों को शामिल किया गया। जैव प्रौद्योगिकी में जोर आनुवंशिक और एंजाइम इंजीनियरिंग, जैव प्रौद्योगिकी में जैविक रिएक्टरों और जुदाई प्रक्रियाओं को दिया जाता है।

करियर

पर्यावरण और जैव इंजीनियरिंग में स्नातक के क्षेत्रों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में, विदेशों में पुर्तगाल में कार्य करते हैं और कर सकते हैं:
  • प्रबंधन और पर्यावरण की गुणवत्ता के नियंत्रण;
  • पर्यावरण आडिट;
  • रासायनिक, जैव रासायनिक और सूक्ष्मजीवविज्ञानी विश्लेषण;
  • पर्यावरण प्रभाव आकलन;
  • योजना और भूमि उपयोग की योजना बना;
  • प्रस्तावित उपचार संयंत्र, परिशोधन और पुनर्वास;
  • पर्यावरण के प्रति जागरूकता और प्रशिक्षण;
  • कृषि खाद्य, दवा और सौंदर्य प्रसाधन;
  • पर्यावरण जैव प्रौद्योगिकी।

योग्यता आवश्यकताओं

180 ECTS क्रेडिट साल, पूर्ण समय के अनुसार अध्ययन के 40 सप्ताह (प्रति सेमेस्टर 20 सप्ताह) के साथ छह सेमेस्टर (तीन वर्ष), प्रत्येक में फैला हुआ है। प्रति वर्ष अध्ययन 1620 कुल घंटे (क्रेडिट ECTS प्रति अध्ययन के 27 कुल घंटे)।
पाठ्यक्रम इस सेमेस्टर पर्यावरण इंजीनियरिंग डिजाइन और जैविक (10 ECTS) विकसित होने के नाते, केवल 5 कर रहे हैं जो पिछले के लिए छोड़कर प्रति सेमेस्टर 6 पाठयक्रम इकाइयों में शामिल हैं। पाठ्यक्रम ज्यादातर अनिवार्य है और वहाँ पिछले 2 सेमेस्टर चार वैकल्पिक इकाइयों में हैं।

स्नातक आवश्यकताएँ

पाठ्यक्रम के पूरा होने में उपलब्ध पाठ्यक्रमों के विकल्प के बीच चयन करने के लिए एक कुल 180 ECTS और अनिवार्य 158 और वैकल्पिक 22, परियोजना के काम की सार्वजनिक रक्षा सहित यह शामिल है कि सभी पाठ्यक्रमों, गुजर बनाने की आवश्यकता है एक स्कूल वर्ष में पाठ्यक्रम और सामान्य और विशिष्ट मूल्यांकन सिद्धांत के अनुसार।

सीखने के परिणामों

शैक्षिक स्नातक की डिग्री के साथ पेशेवर प्रक्रियाओं और संसाधनों की योजना, प्रबंधन और मूल्यांकन करने के लिए विशेष पर्यावरण की समस्याओं से निपटने के लिए अग्रणी तकनीकी कार्यों के स्वायत्त पूर्ति के लिए पात्र हैं। लाइसेंसधारियों भी पर्यावरण और जीव विज्ञान के क्षेत्रों में प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में कार्रवाई हो सकती है।

पाठयक्रम संरचना

  • कोई सौंपा वैज्ञानिक क्षेत्र
  • पर्यावरण और गुणवत्ता
  • भौतिक
  • गणित
  • औद्योगिक प्रक्रियाओं
  • शारीरिक और अकार्बनिक रसायन
  • जनरल और एनालिटिकल कैमिस्ट्री
  • कार्बनिक रसायन विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी
  • रासायनिक प्रौद्योगिकी
  • पर्यावरण प्रौद्योगिकी

आगे की पढ़ाई

छात्रों को एक और उच्च शिक्षा संस्थान में पढ़ाया जाता है रासायनिक प्रौद्योगिकी में परास्नातक या एक और मास्टर की डिग्री सहित IPT, स्था संस्था में पढ़ाया जाता है मास्टर्स में से एक में अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
छात्रों को भी स्नातक पर्यावरणीय प्रभाव का अध्ययन, स्था, IPT में प्रदर्शन अध्ययन का पीछा कर सकते हैं।

Sunday, September 3, 2017

मैथमेटिकल में करियर

गणित मनुष्य के ज्ञान की एक उपयोगी व आकर्षक शाखा है। गणित एक मान्यताप्राप्त व्यावसायिक करियर है। भारत में छात्रों द्वारा करियर के रूप में चुना जाने वाला एक प्रमुख विषय है। इसमें अध्ययन के कई आयाम सम्मिलित हैं...

मैथमेटिक्स शब्द की व्युत्पत्ति एक ग्रीक शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है ′अध्ययन के प्रति झुकाव′। मैथमेटिक्स (गणित) की एक सर्वमान्य परिभाषा देना यद्यपि काफी कठिन है, तथापि इसे मोटे तौर पर संख्याओं तथा प्रतीकों द्वारा अभिव्यक्ति, मात्रा, उनके संबंध, परिचालन एवं मापन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यदि हम साधारण बोलचाल की भाषा में कहें तो गणित संख्याओं तथा उनकी विभिन्न गणनाओं के अध्ययन से संबंधित है। सावधानीपूर्वक विश्लेषण करना तथा तर्क देना गणित के अत्यधिक महत्वपूर्ण कौशल हैं। गौरतलब है कि गणित उतना ही प्राचीन है जितनी कि हमारी सभ्यता। गणित मनुष्य के ज्ञान की एक अत्यधिक उपयोगी तथा आकर्षक शाखा है। इसमें अध्ययन के कई आयाम सम्मिलित हैं। गौरतलब है कि गणित एक मान्यताप्राप्त व्यावसायिक करियर है तथा भारत में छात्रों द्वारा करियर के रूप में चुना जाने वाला एक प्रमुख विषय है। भारत में प्राचीन काल से ही गणित की एक सुदृढ़ परम्परा रही है और इसी कारण से यहां गणित एवं संबंधित विज्ञान में अध्ययन के विभिन्न केंद्रों की स्थापना की गई है। आज भी भारत में गणित में विश्व स्तर के अनुसंधान करने वाले अनेक संस्थान हैं। गणनाओं में रुचि रखने वाले छात्र बड़ी संख्या में गणित को करियर के रूप में चुनते हैं। गणित तथा संबंद्ध क्षेत्र में पाठ्यक्रम करने के उपरांत रोजगार के चमकीले अवसर उपलब्ध हो जाते हैं।
कदम-कदम पर गणित
गौरतलब है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में कदम-कदम पर गणित का उपयोग करता है। गणित लगभग सभी वैज्ञानिक अध्ययनों का एक अनिवार्य अंग है। वैज्ञानिक गणित का उपयोग प्रयोगों की रूपरेखा बनाने, सूचना का विश्लेषण करने, गणित के सिद्धांतों द्वारा अपने निष्कर्ष उचित रूप में व्यक्त करने तथा इन निष्कर्षों के आधार पर सटीक भविष्यवाणी करने के लिए करते हैं। खगोल विज्ञान, रसायन विज्ञान तथा भौतिक विज्ञान जैसे विषय तो गणित पर ही निर्भर हैं। सामाजिक-विज्ञान, अर्थशास्त्री, मनोविज्ञान सांख्यिकी आदि भी गणित की ही कई अन्य शाखाओं पर निर्भर होते हैं। अर्थशास्त्री आर्थिक व्यवस्था के गणितीय मॉडल तैयार करने के लिए गणित का जमकर उपयोग करते हैं। गणितज्ञ आर्थिक, वैज्ञानिक, इंजीनियरी, भौतिकी तथा व्यवसाय आधारित समस्याओं का समाधान करने के लिए गणितीय सिद्धांत, कंप्यूूटेशनल तकनीकों, एल्गोरिदम तथा नवीनतम गणितीय प्रौद्योगिकी का प्रयोग करते हैं।
करियर विकल्प
गणित तथा गणित से जुड़े प्रमुख करियर इस प्रकार हैं-
गणितज्ञः गणितज्ञ एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसका अध्ययन अथवा अनुसंधान का मुख्य क्षेत्र गणित होता है। 
सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग तथा उनकी प्रणाली का सृजन, परीक्षण, विश्लेषण तथा मूल्यांकन करने के लिए कंप्यूटर विज्ञान तथा गणितीय विश्लेषण के सिद्धांतों को कार्यान्वित करते हैं।
गणितज्ञ तर्क, संख्या आदि से संबंधित विशेष समस्याओं से जुड़े होते हैं। वे अनुसंधान करते हैं और समस्याओं का समाधान करते हैं। गणितज्ञ गणित के अनसुलझे रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करते हैं।
अध्यापनः गणित के अध्यापक की मांग कल भी थी, आज भी है और भविष्य में भी रहेगी। क्योंकि गणित पूरी स्कूली शिक्षा में एक मुख्य विषय होता है। यदि आप में संख्याओं के प्रति गहरा आकर्षण है तथा विद्यार्थियों को पढ़ाने में आपकी रुचि है तो आप अध्यापन के क्षेत्र में भी करियर बना सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाले गणितज्ञों का अध्यापन तथा अनुसंधान में मिश्रित दायित्व होता है। गणित के क्षेत्र में अध्यापन में करियर के अनेक रास्ते हैं। स्कूल कॉलेजों में नौकरी कर सकते हैं अथवा स्वतंत्र रूप से कोचिंग अथवा ट्यूशन पढ़ाकर अच्छी अजीविका अर्जित कर सकते हैं।
बैंकिंगः वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने तथा प्रधानमंत्री जनधन योजना जैसी योजनाओं के चलते बैंकों में करोड़ों की संख्या में नए खाते खोले जा रहे हैं। इसके चलते बैंक तेजी से अपनी शाखाएं बढ़ा रहे हैं जिससे इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर निर्मित हो रहे हैं। गणित में महारथ रखने वाले युवा बैंकिंग में लेखाकार, फ्रंट डेस्क ऑपरेशन, रोकड़ हस्तन, खाता खोलने, बैंक ऐंड ऑपरेशन तथा ग्राहक सेवा कार्यपालक जैसे कई क्षेत्रों में कार्य कर सकते हैं। बैंक व्यवसाय स्थापित करने व विभिन्न विकास कार्यों के लिए ऋण देते हैं, जिससे बैंकिंग वित्त क्षेत्र में रोजगार व करियर के लाखाें अवसर सृजित होते हैं।
परिचालन अनुसंधान विश्लेषकः परिचालन अनुसंधान अनुप्रयुक्त गणित एवं औपचारिक विज्ञान की एक अंतरविषयीय शाखा है, जो निर्णय लेने के लिए जटिल समस्याओं के श्रेष्ठ समाधान के लिए गणितीय मॉडलिंग तथा सांख्यिकीय विश्लेषण जैसी तकनीकों का उपयोग करती है। परिचालन अनुसंधान विश्लेषक सूचनाओं का विकास एवं व्याख्या करने के लिए गणितीय मॉडलिंग तथा कार्यान्वयन करते हैं। वे बेहतर निर्णय लेने तथा समस्या समाधान में प्रबंधकों की सहायता करते हैं। यदि आप इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो आपको मजबूत मात्रात्मक, कंप्यूटर कौशल तथा गणित का उच्च ज्ञान होना आवश्यक है।
चार्टर्ड अकाउंटेंटः उदारीकरण तथा वैश्वीकरण के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के तीव्र विकास ने लेखा तथा वित्त के क्षेत्र में करियर ने अत्यधिक लोकप्रियता अर्जित की है तथा इस क्षेत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का एक अत्यधिक प्रतिष्ठित करियर विकल्प है। चार्टर्ड अकाउंटेंट लेखाकरण, लेखा परीक्षण तथा कराधान में विशेषज्ञ होता है। गणित एवं वाणिज्य में रुचि रखने वाले युवा इस क्षेत्र में चमकीला करियर बना सकते हैं।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरः भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की न केवल भारत में अपितु वैश्विक स्तर पर भी धूम मची हुई है। वैश्विक आईटी इंडस्ट्री भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को रोजगार देने के लिए बाहें फैलाए खड़ी है। गौरतलब है कि सॉफ्टवेयर इंजीनियर सॉफ्टवेयर की डिजाइन तैयार कर उसका विकास करते हैं। वे सॉफ्टवेयर अनुप्रयोग तथा उनकी प्रणाली का सृजन, परीक्षण, विश्लेषण तथा मूल्यांकन करने के लिए कंप्यूटर विज्ञान तथा गणितीय विश्लेषण के सिद्धांतों को कार्यान्वित करते हैं। सॉफ्टवेयर संगणना, प्रणालियों, सॉफ्टवेयर इंजीनियर संगणना प्रणालियों, सॉफ्टवेयर की संरचना तथा हार्डवेयर की प्रकृति एवं सीमाओं के भी विशेषज्ञ होते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि ये प्रणालियां उपयुक्त रूप में कार्य कर रही हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की उत्कृष्ट संभावनाएं हैं।
कंप्यूटर प्रणाली विश्लेषकः कंप्यूटर प्रणाली विश्लेषक के लिए सॉफ्टवेयर, अनुसंधान, शिक्षा सिक्योरिटी, बैंकिंग, अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान, भौतिकी, तकनीकी शाखाओं आदि में रोजगार के प्रचुर अवसर हैं। अधिकांश प्रणाली विश्लेषक लागत-लाभ एवं निवेश पर मुनाफा का विश्लेषण तैयार करने के लिए विशिष्ट प्रकार की कंप्यूटर प्रणालियों जैसे- व्यवसाय लेखाकरण तथा वित्तीय प्रणालियों या वैज्ञानिक एवं इंजीनियरी प्रणाली पर कार्य करते हैं और प्रबंधकों को यह निर्णय लेने में सहायता प्रदान करते हैं कि क्या प्रस्तावित प्रौद्योगिकी वित्तीय दृष्टि से व्यवहार्य होगी अथवा नहीं।
11वीं तथा 12वीं कक्षाओं में यदि चाहे तो छात्र यह विषय ले सकते हैं। तथापि जो छात्र इंजीनियरी तथा प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम करना चाहते हैं उन्हें 11वीं तथा 12वीं में गणित अवश्य पढ़ना होता है। देश की अधिकतर प्रवेश एवं भर्ती परीक्षाओं के लिए मात्रात्मक
CAREER
क्षमता तथा सूचना व्याख्या का गणित एक महत्वपूर्ण घटक होता है। स्नातक स्तर पर गणित बीएससी के तहत पढ़ाया जाता है। कुछ विश्वविद्यालयों में गणित एक मुख्य अथवा ऑनर्स विषय के रूप में भी पढ़ाया जाता है।
स्पेशलाइजेशन कोर्सों पर एक नजर
भारत में स्नातक स्तर पर गणित की शिक्षा देने वाले दो विश्वस्तरीय संस्थान भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई), बंगलूरू एवं चेन्नई गणित संस्थान (सीएमआई.), चेन्नई है। आईएसआई गणित तथा कंप्यूटर विज्ञान में बी.मैथ्स डिग्री एवं सीएमआई. गणित की बीएससी डिग्री कोर्स चलाते हैं, जिनमें प्रवेश प्रत्येक वर्ष मई के अंत में आयोजित की जाने वाली एक लिखित प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दिया जाता है। आईएसआई एवं सीएमआई दोनों संस्थान ऐसे छात्रों को भी अपने संस्थान में प्रवेश देते हैं, जो इंडियन नेशनल मैथमेटिकल ओलंपियाड (आईएनएमओ) में उत्तीर्ण या किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाई) अध्येता होते हैं।
गणित में विशेषज्ञतापूर्ण पाठ्यक्रम चलाने वाले देश के प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
  • पुणे विश्वविद्यालय, पुणे (औद्योगिक गणित में पाठ्यक्रम)
  • मदुरै कामराज विश्वविद्यालय, मदुरै (न्यूमेरिकल मैथेमेटिक्स पाठ्यक्रम)
  • देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर (गणितीय अर्थशास्त्री में पाठ्यक्रम )
  • मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई (अनुप्रयुक्त सांख्यिकी में पाठ्यक्रम )
  • भारत में 135 से भी अधिक विश्वविद्यालय गणित से जुड़े कोर्स चलाते हैं। यह कोर्स गणित विभागों द्वारा चलाए जाते हैं। कुछ विश्वविद्यालय शुद्ध गणित एवं अनुप्रयुक्त गणित में विशिष्टता प्रदान करते हैं। छात्र भारत में कुछ स्थानों पर चलाए जाने वाले एकीकृत एमएससी पीएचडी डिग्री कोर्स के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
  • उच्च शिक्षा का भी है विकल्प
  • एमएससी-पीएचडी कोर्स के लिए देश के-प्रमुख संस्थान इस प्रकार हैं-
  • टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर), मुंबई। लिखित परीक्षा तथा उसके बाद साक्षात्कार के माध्यम से इस संस्थान के पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाता है।
  • भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर), कोलकाता/ पुणे/ मोहाली/ त्रिवेन्द्रम/ भोपाल तथा राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा अनुसंधान संस्थान (एनआईएसईआर), भुवनेश्वर में भी गणित में एकीकृत एमएससी डिग्री कोर्स उपलब्ध है। आईआईएसईआर छात्रों को आईआईटी प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश देता है जबकि एनआईएसईआर राष्ट्रीय प्रवेश जांच परीक्षा (एनईएसटी) के माध्यम से प्रवेश देता है।
  • छात्र हैदराबाद विश्वविद्यालय, हैदराबाद द्वारा गणित में चलाए जाने वाले एकीकृत एमएससी पाठ्यक्रम में भी प्रवेश ले सकते हैं। यह विश्वविद्यालय छात्रों को जून के प्रारंभ में आयोजित की जाने वाली एक लिखित परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देता है।
  • पुदुचेरी विश्वविद्यालय एवं विभिन्न आईआईटी. गणित में पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम चलाते हैं।इन विशेष पाठ्यक्रमों के अलावा सामान्य, शुद्ध एवं अनुप्रयुक्त गणित में भी कंप्यूटेशनल मैथमेटिक्स, मैथमेटिकल स्टेटिस्टिक्स तथा मैथमेटिकल, अर्थशास्त्री, कंप्यूटर अनुप्रयोग सहित गणित, औद्योगिक गणित एवं कार्यात्मक गणित के रूप में ऐसे विषयों पर कई कोर्स उपलब्ध हैं।