Friday, August 28, 2015

कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग चुनौती है तो पैसे भी हैं

दुनिया में छाई मंदी से बाजार को उबारने के लिए वित्त विशेषज्ञ उलझे हुए हैं। बैंक, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की कंपनियां और दुनिया भर की सरकारें मंदी की चुनौतियों से निपटने में जी-जान से लगी हुई हैं। ऐसी स्थिति में कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की भूमिका बढ गई है। दरअसल, ये प्रोफेशनल्स मैनेजमेंट की चुनौतियों का सामना करने और ऑपरेशंस को कॉस्ट इफेक्टिव बनाने में माहिर होते हैं। ये इन्वेस्टमेंट प्लानिंग, प्रॉफिट प्लानिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और मैनेजरियल डिसीजंस लेने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। इंग्लैंड, अमेरिका जैसे विकसित देशों में जहां कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स को फाइनैंशियल रिपोर्टिग, मैनेजमेंट और स्ट्रेटेजी के स्तर पर ही काम करना होता है, वहीं भारत में इन्हें रेग्युलेटरी संबंधित कार्य भी करने होते हैं। इस प्रकार भारत में इनकी भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है। यही वजह है कि भारत में यह कोर्स अन्य देशों की अपेक्षा अधिक पॉपुलर है और हर युवा इस कोर्स को करना चाहता है। इस क्षेत्र के बढते क्रेज और संबंधित कोर्सो पर द इंस्टीटयूट ऑफ कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीडब्ल्यूएआई) के प्रेसिडेंट कुणाल बनर्जी से जोश के लिए एक्सक्लूसिव बातचीत की गई। क्या कहा श्री बनर्जी ने, आइए उन्हीं से जानते हैं..
कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल बनने के लिए कौन-सा कोर्स करना होगा?
कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग प्रोफेशनल बनने के लिए भारत के संसदीय कानून द्वारा स्थापित द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा संचालित कोर्स करना होगा। इस कोर्स के तीन चरण होते हैं- फाउंडेशन कोर्स, इंटरमीडिएट कोर्स और फाइनल कोर्स।
फाउंडेशन कोर्स करने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए?
किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं पास व्यक्ति इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। ऐसे छात्र जिन्होंने बारहवीं की परीक्षा दी है, वे भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। हां, आवेदन फॉर्म भरते समय अभ्यर्थी की आयु 17 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
फाउंडेशन कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया क्या है?
इस कोर्स में वर्ष में कभी भी एडमिशन लिया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि फाउंडेशन कोर्स में प्रवेश लेने के कम से कम छह माह बाद ही आप परीक्षा में बैठ सकते हैं। फाउंडेशन कोर्स की परीक्षाएं जून और दिसंबर दो सत्रों में होती हैं। इसमें प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर और 26 जून है। यदि आप 18 दिसंबर तक एडमिशन लेते हैं, तो छह माह बाद अगले साल जून सत्र में आयोजित होने वाली परीक्षा में भाग ले सकते हैं। जबकि 26 जून तक एडमिशन लेने वाले व्यक्तियों को उस साल दिसंबर में होने वाली परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलता है। यानी आप जिस सत्र में परीक्षा देना चाहते हैं, उसके कम से कम छह माह पूर्व आपको फाउंडेशन कोर्स में एडमिशन लेना होगा।
फाउंडेशन कोर्स के पाठ्यक्रम पर प्रकाश डालें।
फाउंडेशन कोर्स में पांच प्रश्नपत्र होते हैं, जिसके तहत निम्नलिखित विषय पढाए जाते हैं : 
प्रथम प्रश्नपत्र : ऑर्गनाइजेशन ऐंड मैनेजमेंट फंडामेंटल्स 
द्वितीय प्रश्नपत्र : अकाउंटिंग
तृतीय प्रश्नपत्र : इकोनॉमिक्स ऐंड बिजनेस फंडामेंटल्स 
चतुर्थ प्रश्नपत्र : बिजनेस मैथमेटिक्स ऐंड स्टैटिस्टिक्स फंडामेंटल्स 
जो स्टूडेंट इंटरमीडिएट कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, उनके लिए आवश्यक योग्यता क्या है?
इस कोर्स में ऐसे स्टूडेंट प्रवेश ले सकते हैं, जिन्होंने फाउंडेशन कोर्स कर रखा हो या ऐसे व्यक्ति जिन्होंने म्यूजिक/डांस, फोटोग्राफी, पेंटिंग आदि विषयों को छोडकर किसी भी विषय में किसी मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री ली हो। इंटरमीडिएट कोर्स में एडमिशन के ि लए उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
इंटरमीडिएट कोर्स में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बारे में बताएं।
इसका रजिस्ट्रेशन फॉर्म रीजनल काउंसिल ऑफिस से प्राप्त किया जा सकता है। आप जिस टर्म की परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, उससे कम से कम छह माह पूर्व रजिस्ट्रेशन करा लें। एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद यह पांच साल तक वैध होता है। रजिस्ट्रेशन की फीस पांच सौ रुपये है।
इसमें प्रॉविजनल रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी है?
जी हां, ऐसे अभ्यर्थी, जो परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे हों, उनके लिए प्रॉविजनल रजिस्ट्रेशन की सुविधा है। इसके अंतर्गत एडमिशन के छह माह के भीतर अपना रिजल्ट जमा करना होता है।
इंटरमीडिएट प्रोग्राम के सिलेबस के बारे में बताएं।
इंटरमीडिएट प्रोग्राम का सिलेबस जनवरी 2008 से और अपडेट हो गया है। वर्तमान सिलेबस इस प्रकार है :
गु्रप-1
पेपर-5 फाइनैंशियल अकाउंटिंग
पेपर-6 कॉमर्शियल ऐंड इंडस्ट्रियल लॉ ऐंड ऑडिटिंग
पेपर-7 अप्लॉयड डायरेक्ट टैक्सेशन
  गु्रप-2
पेपर-8 कॉस्ट ऐंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग
पेपर-9 ऑपरेशन मैनेजमेंट ऐंड इन्फॉर्मेशन सिस्टम
पेपर-10 अप्लॉयड इनडाइरेक्ट टैक्सेशन
आईसीडब्ल्यूएआई के फाइनल कोर्स में एडमिशन का प्रॉसेस क्या है?
इंटरमीडिएट परीक्षा को पास करने वाले छात्र ही इसमें प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। एडमिशन फॉर्म के साथ इंटरमीडिएट कोर्स की मार्कशीट लगानी होती है।
फाइनल कोर्स में एडमिशन की अंतिम तिथि के बारे में बताएं।
जून सत्र में परीक्षा देने के लिए 18 दिसंबर तक और दिसंबर में होने वाली परीक्षा के लिए 26 जून तक एडमिशन लेना अनिवार्य होता है। इस प्रकार फाइनल कोर्स में भी परीक्षा से कम से कम छह माह पहले प्रवेश लेना आवश्यक है।
फाइनल कोर्स का सिलेबस क्या है?
इसमें कुल आठ पेपर होते हैं। इसमें निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है।
पेपर-11 कैपिटल मार्केट एनालिसिस ऐंड कॉर्पोरेट लॉ
पेपर-12 फाइनैंशियल मैनेजमेंट ऐंड इंटरनेशनल फाइनैंस
पेपर-13 मैनेजमेंट अकाउंटिंग स्टै्रटेजिक मैनेजमें
पेपर-14 इनडायरेक्ट ऐंड डायरेक्ट टैक्स मैनेजमेंट
पेपर-15 मैनेजमेंट अकाउंटिंग एंटरप्राइज परफॉर्मेस मैनेजमेंट
पेपर-16 एडवांस फाइनैंशियल अकाउंटिंग ऐंड रिपोर्टिग
पेपर-17 कॉस्ट ऑडिट ऐंड ऑपरेशनल ऑडिट
पेपर-18 बिजनेस वैल्युएशन मैनेजमेंट
आईसीडब्ल्यूएआई छात्रों को कोचिंग तो प्रदान करता ही होगा?
जी हां, संबंधित कोर्स कर रहे छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए इसमें शामिल होना अनिवार्य है। कोचिंग का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा के लिए तैयार करना और उनमें मैनेजमेंट अकाउंटिंग की प्रोफेशनल स्किल डेवलॅप करना है। कोचिंग दो प्रकार की होती है :
पोस्टल कोचिंग
ओरल कोचिंग
कोचिंग करने वाले छात्रों को संस्थान द्वारा स्टडी मैटीरियल प्रोवाइड किया जाता है। इसके अतिरिक्त छात्रों को विषय से संबंधित अन्य पुस्तकों की जानकारी भी दी जाती है।
क्या कोचिंग के लिए फीस कितनी ली जाती है?
पोस्टल और ओरल कोचिंग की फीस फाउंडेशन कोर्स, इंटरमीडिएट कोर्स और फाइनल कोर्स के छात्रों के लिए अलग-अलग होती है, जो इस प्रकार है :
पोस्टल कोचिंग
फाउंडेशन कोर्स (3500 रुपये)
इंटरमीडिएट कोर्स (7,000 रुपये)
फाइनल कोर्स (9,000 रुपये)
ओरल कोचिंग
फाउंडेशन कोर्स (3,500 रुपये)
इंटरमीडिएट कोर्स (11,000 रुपये)
फाइनल कोर्स (14,000 रुपये)
इसके अलावा इंटरमीडिएट कोर्स कर रहे छात्रों को 100 घंटे की कंप्यूटर ट्रेनिंग भी दी जाती है। इसकी फीस छह हजार रुपये है।
पोस्टल कोचिंग की प्रक्रिया बताएं।
पोस्टल कोचिंग में छात्रों को टेस्ट पेपर हल करके उसकी आंसर शीट भेजनी होती है। अगर कोई स्टूडेंट किसी एक टेस्ट पेपर की भी आंसर शीट भेजने में असफल होता है, तो रीजनल काउंसिल इस बारे में उसका जवाब मांग सकती है। यदि उसका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया जाता है या वह अगले दो महीने के अंदर अपने अध्ययन को नियमित नहीं करता है, तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है। पोस्टल कोचिंग कर रहे ऐसे छात्र, जो जून माह की परीक्षा में बैठना चाहते हैं, उन्हें 28 फरवरी तक अपनी आंसर शीट जमा करनी होती है। इसके अतिरिक्त, जो छात्र दिसंबर की परीक्षा में बैठने के इच्छुक हैं, वे 31 अगस्त तक अपनी आंसर शीट जमा कर सकते हैं।
..और ओरल कोचिंग की प्रक्रिया?
जो छात्र ओरल कोचिंग करना चाहते हैं, वे रीजनल कौंसिल या किसी मान्यता प्राप्त ओरल कोचिंग सेंटर से कोचिंग ले सकते हैं। ओरल कोचिंग की अवधि चार माह या कम से कम 72 घंटे होती है। ओरल कोचिंग करने वाले व्यक्तियों को पोस्टल कोचिंग की आवश्यकता नहीं होती। ओरल कोचिंग टेस्ट पास करने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत उपस्थिति आवश्यक है।
कोचिंग पूरी करने वाले छात्रों को कोई प्रमाणपत्र भी तो देते ही होंगे?
पोस्टल/ओरल कोचिंग करने के बाद कोचिंग क्लियरेंस सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट तीन साल तक मान्य होता है। यह सर्टिफिकेट बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा में भाग लेने के लिए कोचिंग क्लियरेंस सर्टिफिकेट होना आवश्यक है। जबकि इंटरमीडिएट और फाइनल एग्जामिनेशन में भाग लेने के लिए काउंसिल द्वारा निर्धारित ट्रेनिंग और वैधानिक रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ कोचिंग क्लियरेंस सर्टिफिकेट भी होना चाहिए।
कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स मैनेजमेंट अकाउंटेंट्स के तौर पर करियर की क्या संभावनाएं हैं?
यह कोर्स करने के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी या सर्विस सेक्टर में काम किया जा सकता है। इस कोर्स को करने वाले अनेक व्यक्ति चेयरमैन सीईओ/सीएफओ, मैनेजिंग डायरेक्टर, फाइनैंस डायरेक्टर, फाइनैंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, कॉस्ट कंट्रोलर, मार्केटिंग मैनेजर आदि जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त आप स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस कर सकते हैं, एकेडमिक फील्ड में जा सकते हैं या भारत सरकार की इंडियन कॉस्ट अकाउंटिंग सर्विस ज्वाइन करके क्लास वन ऑफिसर भी बन सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद निम्नलिखित क्षेत्रों में काम किया जा सकता है : 
कॉस्ट अकाउंटिंग, फाइनैंशियल मैंनेजमेंट
फाइनैंशियल/बिजनेस एनालिस्ट
ऑडिटिंग/इंटरनल ऑडिटिंग/ स्पेशल ऑडिट्स
डायरेक्ट ऐंड इनडाइरेक्ट टैक्सेशन
सिस्टम एनालिसिस ऐंड सिस्टम्स मैनेजमें
ईआरपी इंप्लिमेंटेशन में फंक्शनल कंसल्टेंसी 
बीपीओ हाउसेज में प्रॉसेस एनालिसिस
कॉलेज/मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में एकेडमिक करियर
बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम का प्रवर्तन
क्या कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों का कैम्पस सिलेक्शन भी होता है? पैकेज कितना मिलता है?
कोर्स कम्पलीट करने वाले अधिकतर छात्र कैम्पस सिलेक्शन के जरिए जॉब प्राप्त करते हैं। उनका पैकेज भी काफी अच्छा होता है। इस बार हमारे छात्रों को साढे चार लाख रुपये से लेकर करीब 15 लाख रुपये प्रति वर्ष तक का पैकेज मिला है। नौकरी की बजाय जो स्वतंत्र पै्रक्टिस करना चाहते हैं, उनके अनुभव और प्रैक्टिस पर उनकी आय डिपेंड करती है।
कोर्स करने वालों के लिए क्या स्कोप है?
ग्लोबलाइजेशन और बढते औद्योगीकरण को देखते हुए अगले तीन साल में दस लाख से ज्यादा कॉस्ट ऐंड व‌र्क्स अकाउंटेंट्स की आवश्यकता होगी। ये आंकडे पूरी कहानी खुद ही कह देते हैं।
आईसीडब्ल्यूएआई द्वारा संचालित कोर्सो के बारे में और जानकारी के लिए कहां संपर्क किया जा सकता है?
आईसीडब्ल्यूएआई का हेडक्वार्टर वैसे तो कोलकाता में है, लेकिन दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय से जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा मुंबई, चेन्नई, नई दिल्ली व कोलकाता में इसके रीजनल काउंसिल भी हैं। दिल्ली व कोलकाता कार्यालयों के पते इस प्रकार हैं : आईसीडब्ल्यूएआई 3, इंस्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड नई दिल्ली-110003
फोन : (011) 2241-8645/ 2242- 2156
वेबसाइट : www.nirc-icwai.org 
आईसीडब्ल्यूएआई 12 सदर स्ट्रीट, कोलकाता-700016
वेबसाइट : www.myicwai .com
फोन : (033)2252-1031/1034/ 1602/1492
आईसीडब्ल्यूएआई में प्रवेश की महत्वपूर्ण तिथियां 
आईसीडब्ल्यूएआई के विभिन्न कोर्सेज में प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 18 दिसंबर और 26 जून है। यदि आप 18 दिसंबर तक एडमिशन लेते हैं, तो छह माह बाद यानी अगले साल जून सत्र में आयोजित होने वाली परीक्षा में भाग ले सकते हैं। वैसे 26 जून तक एडमिशन लेने वाले व्यक्तियों को उसी साल दिसंबर में होने वाली परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलता है।

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