Sunday, October 24, 2021

हॉस्पिटल मैनेजमेंट बनाएं करियर

कोरोना के दौरान जिस तरह देश में स्‍वास्‍थ्‍य ढांचा बिखर गया, उससे साफ पता चलता है कि इस क्षेत्र में अभी भी कई कमियां हैं, साथ ही रोजगार के अवसर भी। वर्तमान स्थितियों को देखते हुए हेल्थकेयर सेक्टर में करियर विकल्पों को तलाशना ना सिर्फ लाभकारी है, बल्कि भविष्‍य में अच्‍छे करियर का भरोसा देने वाला विकल्प भी है। आज के समय में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सेक्‍टर तेजी से विकास कर रहा है।
हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कार्य (Hospital Management Work)
हॉस्पिटल मैनेजमेंट के तहत हेल्थ केयर एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट आता है, जो अस्‍पताल से संबंधित सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखता है। ताकि वहां मौजूद संसाधनों का समुचित और बेहतर इस्तेमाल हो व इलाज के लिए आने वालों को सेवा प्रदान करने का कुशल तंत्र विकसित हो सके। इनमें अंतर्गत अस्पताल से डॉक्टरों को जोड़ना, नए-नए उपकरणों और तकनीक की व्यवस्था करना भी शामिल है। यहां तक कि हॉस्पिटल में कोई हादसा होता है तो उसकी जवाबदेही का जिम्मा भी इन्हीं प्रोफेशनल्स का होता है। अस्पताल की वित्तीय व्यवस्था, कर्मचारियों की सुविधा आदि कार्य भी उन्हें करने होते हैं।

एजुकेशन व कोर्स (Hospital Management Education And Courses)
इस सेक्‍टर के यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आपके पास साइंस के साथ 12 वीं में कम से कम 50 फीसदी अंक होने चाहिए। जिसके बाद आप बैचलर ऑफ हॉस्पिटल मैनेजमेंट कर सकते हैं, जो 3 साल होती है। वहीं मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और एमबीए इन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन करने के लिए दो साल की अवधि निर्धारित है। इसके बाद आप अगर आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं तो डॉक्टोरल डिग्री एमडी, एमफिल भी कर सकते हैं। जिसके लिए मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन डिग्री होना अनिवार्य है।

वहीं ईएमबीए, पीजीडीएचएम तथा एडीएचएम जैसे कोर्सेज की समय अवधि एक साल सुनिश्चित है। शॉर्ट टर्म से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स भी इसमें उपलब्ध हैं।
 यहां से कर सकते हैं कोर्स (Institutes For Hospital Management)
  1. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली (All India Institute of Medical Sciences, New Delhi)
  2. आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज, पुणे (Armed Forces Medical College, Pune)
  3. देवी अहिल्या विश्व विद्यालय, इंदौर (Devi Ahilya Vishwavidyalaya, Indore)
  4. फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्ट्डीज़ (Faculty of Management Studies)
  5. दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University)
  6. बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (Birla Institute of Technology and Science, Pilani)
जरूरी स्किल्‍स
हॉस्पिटल में अगर आप एक कुशल प्रबंधक के तौर पर कार्य करना चाहते हैं तो आपके पास वित्त और सूचना प्रणाली का अच्छा ज्ञान, बेहतरीन नेतृत्व कौशल, अच्छा संचार और आयोजन कौशल, मिलनसार व्यक्तित्व, समय सीमा को संभालने की क्षमता, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता, धीरज, उत्कृष्ट मौखिक और लिखित संचार कौशल आदि होना अति आवश्यक है।

करियर की संभावनाएं (Career Prospects in Hospital Management)
अगर आप इस सेक्‍टर में करियर की संभावनाएं देख रहे हैं तो आपको यहां कार्य करने के लिए कई ऑप्‍शन मिलेंगे। शायद यही कारण है कि यह अधिक मांग वाला नौकरी बनती जा रही है। युवा स्नातकों के लिए, हॉस्पिटल मैनेजमेंट में नौकरी का अवसर अभूतपूर्व है। आप सहायक अस्पताल प्रशासक या प्रबंधक के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं। आप आउट पेशेंट क्लीनिक, अस्पतालों, धर्मशालाओं और नशीली दवाओं के दुरुपयोग उपचार केंद्रों का प्रबंधन करते हैं। इस क्षेत्र में अनुभव प्राप्त करने के बाद आपको सीईओ के पद पर पदोन्नत किया जा सकता है।

आप अपना नर्सिंग होम या अस्पताल भी स्थापित कर सकते हैं। यदि आप शिक्षा क्षेत्र में रुचि रखते हैं, तो आप कॉलेजों में शिक्षक और व्याख्याता के रूप में काम कर सकते हैं।

वेतन (Salary In Hospital Management)
आपको इस सेक्‍टर में बेहतरीन वेतन के साथ-साथ आपको लोगों की सेवा करने का मौका भी मिलता है। सरकारी संस्थानों में वेतन मानकों के अनुसार मिलता है, लेकिन अगर आप निजी संस्थानों में काम करना चाहते हैं तो आप शुरुआती समय में प्रेशर के तौर पर 40 हजार रूपये महीना तक कमा सकते हैं। यह निर्भर करता है कि आप की एजुकेशन क्‍या है और आप किस कंपनी में कार्य कर रहे हैं। जिसके बाद आपके अनुभव के साथ- साथ वेतन में भी बढ़ोतरी होती है।

Saturday, October 9, 2021

डाटा साइंस में करियर

सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी की बढ़ती दुनिया के कारण डाटा साइंटिस्‍टों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अगर आप भी डाटा साइंटिस्‍ट बनने के बारे में सोच रहे हैं, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं हो सकती, क्योंकि वर्तमान में एक डाटा साइंटिस्‍ट सीए और इंजीनियरों की तुलना में बहुत अधिक कमा रहे हैं। हालांकि डाटा साइंटिस्‍ट बनने के कई फायदे के साथ नुकसान भी है।
क्‍या है डाटा साइंस (What is Data Science)
डाटा किसी भी क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है लेकिन केवल तभी, जब इसे ठीक प्रोसेस और विश्लेषित किया जाता है। यह बिग डाटा और डाटा के समान अवधारणा पर काम करता है। डाटा साइंस का कार्य यह होता है कि वह कोई भी प्रकार के डाटा से इनसाइट्स लेता है तथा उसके बारे में जानता है। डाटा साइंस में डाटा माइनिंग, मशीन लर्निंग, क्लस्टर एनालिसिस, डाटा रेंग्लिंग तथा लिनियर अलजेब्रा आदि से बड़ी मात्रा में डाटा निकाल सकते हैं। डाटा साइंस का उपयोग बड़ी कम्पनी या कोई स्टार्टअप उन सभी डाटा का इस्तेमाल करते हैं, जो उनके ग्राहको को बेहतर अनुभव करा सके।
 ज्‍यादा जॉब्‍स डिमांड
आज के समय में डाटा साइंस प्रोफेशनल्‍स् की काफी डिमांड है। इस क्षेत्र में लोगों के पास जॉब्‍स के कई ऑप्‍शन हैं। यह लिंक्डइन पर सबसे तेजी से बढ़ने वाली नौकरी है और 2026 तक 11.5 मिलियन रोजगार सृजित करने की भविष्यवाणी की गई है। यह डाटा साइंस को सबसे ज्‍यादा जॉब देने वाला प्‍लेटफार्म है।

मिलेगी हाई सैलरी
डाटा साइंस सबसे अधिक पे करने वाली जॉब्‍स में से एक है। माना जाता है कि एक डाटा साइंटिस्‍ट प्रतिवर्ष एक करोड़ रूपये तक कमा सकता है। जिसके कारण ही डाटा साइंस को एक अत्यधिक आकर्षक करियर विकल्प माना जाता है।

डाटा साइंस में सभी को मौके
बहुत कम लोग होते हैं जिनके पास डाटा साइंटिस्‍ट बनने के लिए सभी स्किल्‍स पहले से मौजूद होती हैं। हालांकि इसके बाद भी सभी को समान मौके मिलते है, क्‍योंकि डाटा साइंस बहुत बड़ा क्षेत्र है और इसमें बहुत सारे अवसर हैं। डाटा साइंस के क्षेत्र में मांग अधिक है और डाटा साइंटिस्‍टों की भारी कमी है।
डाटा साइंस व्‍यापक
डाटा साइंस का क्षेत्र काफी व्‍यापक है। इसका व्यापक रूप से स्वास्थ्य देखभाल, बैंकिंग, परामर्श सेवाओं और ई-कॉमर्स उद्योगों में उपयोग किया जाता है। डाटा साइंस एक बहुत ही बहुमुखी क्षेत्र है इसलिए आपको विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का अवसर मिलेगा।
डाटा साइंस के क्षेत्र में नुकसान (Disadvantages in the field of Data Science)

डाटा साइंस सामान्‍य शब्‍द
डाटा साइंस सुनने अच्‍छा भले ही लगे, लेकिन यह एक बहुत ही सामान्य शब्द है और इसकी कोई निश्चित परिभाषा नहीं है। डाटा साइंस का सटीक अर्थ लिखना बहुत कठिन है। इनकी विशिष्ट भूमिका उस क्षेत्र पर निर्भर करती है जिसमें कंपनी विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहती है।

नहीं हासिल कर सकते डाटा साइंस में महारथ
यह एके ऐसा क्षेत्र है जिसमें सांख्यिकी, कंप्यूटर विज्ञान और गणित जैसे कई क्षेत्रों का मिश्रण है। इसलिए प्रत्येक क्षेत्र में महारथ हासिल करना और उन सभी में समान रूप से विशेषज्ञ होना संभव नहीं है।

डाटा गलत परिणाम दे सकता है
डाटा साइंटिस्‍ट का कार्य डाटा का विश्लेषण कर भविष्‍य की योजना तैयार करना है, लेकिन देखा गया है कि कई बार, दिए गए डाटा गलत हो जाते हैं। जिससे गलत परिणाम भी सामने आ सकते हैं, यह कमजोर प्रबंधन और रिसोर्सेज के खराब उपयोग के कारण भी विफल हो सकता है।
डाटा प्राइवेसी का बड़ा खतरा
आज के समय में सबसे बड़ा मुद्दा ग्राहकों की प्राइवेसी बनता जा रहा है। कई उद्योगों के लिए डाटा उनका ईंधन है। प्रचार व ई-कॉमर्स कंपनियां डाटा के आधार पर ग्राहकों के चुनाव का निर्णय लेती हैं। हालाँकि, इस प्रक्रिया में उपयोग किया गया डाटा कई बार ग्राहकों की गोपनीयता भंग कर देता है। क्लाइंट का व्यक्तिगत डाटा कंपनी को दिखाई देता है और कई बार सुरक्षा में चूक के कारण डाटा लीक हो सकता है।

Saturday, October 2, 2021

म्यूजियोलॉजी में हैं करियर

अगर आपको देश की पुरानी विरासतों से लगाव है और आप उनको बनाने व संवारने के साथ अपना करियर भी बनाना चाहते हैं तो आप म्यूजियोलॉजी यानी संग्रहालय विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं। म्यूजियोलाजी दरअसल, म्यूजियम या संग्रहालय के प्रबंधन, संगठन और इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षित करने वाला विज्ञान है। देश में यू तो अंग्रेजों के जमाने से ही कई संग्रहालय मौजूद हैं, लेकिन अब इसका विस्तार और दायरा बढ़ चुका है। अब यह हथियारों, आभूषणों, शिलालेखों और मानव के विकास के अध्ययन, प्रदर्शन और विश्लेषण का भी विज्ञान बन चुका है। जिसके कारण इस क्षेत्र में लगातार पेशावर लोगों की मांग बढ़ती जा रही है। भारत में सरकारी से लेकर प्राइवेट तक करीब 700 से अधिक म्यूजियम हैं, जो बड़े पैमाने पर जॉब की पेशकश करते हैं।
किसे कहते हैं म्यूजियोलॉजिस्ट (Who is a Museologist)
म्यूजियम एक ऐसी जगह होती है, जहां पर ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और कलात्मक महत्व की कलाकृतियों और वस्तुओं को सहेजकर रखा जाता है। इन कार्यो को अंजाम देने वाले प्रोफेशनल म्यूजियोलॉजिस्ट के रुप में जाने जाते हैं। म्यूजियोलॉजिस्ट्स म्यूजियम्स में क्यूरेटर्स की तरह कार्य कर सकते हैं, जहां पर उनको म्यूजियम में कैटलागिंग और कलाकृतियों को सही तरह से व्यवस्थित करना होता है, साथ ही म्यूजियम वस्तुओं को अलग-अलग सेक्शन्स में बांटने और उनके बारे में विस्तृत जानकारी देने की जिम्मेदारी भी इन्ही की होती है।
 

ग्रेजुएशन के बाद करें म्यूजियोलॉजी की पढ़ाई  
इस क्षेत्र में एजुकेशन शुरू करने की न्‍यूनतम योग्‍यता 12वीं है। आपने चाहे किसी भी विषय से 12वीं किया हो आप म्यूजियोलॉजी का कोर्स कर सकते हैं। हालांकि कोर्स करने से पहले यह जरूर समझ लें कि अगर आप इतिहास, संरक्षण विज्ञान एवं संग्रहालय के संग्रह के संरक्षण में रुचि रखते हैं तभी यह कोर्स करें। इस क्षेत्र में आप बैचलर ऑफ आर्ट्स इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी, बीए इन म्यूजियोलॉजी, बीए इन आर्कियोलॉजी, पीजी डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड कंजर्वेशन, पीजी डिप्लोमा इन म्यूजियोलॉजी एंड हिस्ट्री ऑफ इंडियन आर्ट, एडवांस डिप्लोमा इन आर्कियोलॉजी एंड म्यूजियोलॉजी, एमए इन म्यूजियोलॉजी, एमए इन आर्कियोलॉजी, एमफिल इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी पीएचडी इन म्यूजियोलॉजी एंड आर्कियोलॉजी का कोर्स शामिल है।

कोर्स के दौरान स्टूडेंट्स को क्यूरेशन, आर्ट, जूलॉजी, बॉटनी, हिस्ट्री, एंथ्रोपोलॉजी के कलेक्शन को मैनेज करने के बारे में जानकारी दी जाती है। वहीं अगर आपको फॉरेन या क्लासिकल लैंग्वेज जैसे कि पर्शियन, संस्कृत, लैटिन, ग्रीक, अरेबिक, इटैलियन, जर्मन, फ्रेंच में से किसी भी लैंग्वेज की जानकारी है तो इस सेक्टर में आपको अपनी इस एक्स्ट्रा स्किल का फायदा मिलेगा।
भारत में अब राष्ट्रीय धरोहर के संरक्षण की तरु सरकारें काफी ध्‍यान दे रही हैं, साथ ही प्राइवेट म्‍यूजियम व गैलरी में भी इजाफा हो रहा है। जिसके कारण इस क्षेत्र में जॉब्‍स के ऑप्‍शन बढ़ रहे हैं। इस समय देश में ऐसे सैकड़ों म्‍यूजियम हैं, जहां पर आप जॉब कर सकते हैं। इसमें केंद्र के अलावा राज्य, जिले स्तर, प्राइवेट और ट्रस्ट टाइप के म्यूजियम शामिल हैं। अगर आप सरकारी क्षेत्र में जॉब करना चाहते हैं तो नेशनल म्यूजियम, मॉनीटरी म्यूजियम, आरबीआई, इंडियन म्यूजियम, सालारजंग म्यूजियम में जॉब ढूंढ सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको एसएससी व यूपीएससी की परीक्षाओं को पास करना होगा। इसके अलावा आप एमफिल व पीएचडी कर टीचिंग और रिसर्च के क्षेत्र में भी सुनहरा करियर बना सकते हैं।

विगत कुछ वर्षों से म्यूजियम का महत्व काफी बढ़ा है। जिससे उनके प्रेजेंटेशन और कांसेप्ट में भी परिवर्तन हुआ है। अब म्यूजियम्‍स को और भी कल्पनाशीलता से मैनेज किया जा रहा है। विरासत और इतिहास के सरंक्षण के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण आर्कियोलॉजिकल, मिलिट्री और वॉर म्यूजियम्स, आर्ट, मैरीटाइम, साइंस एंड टेक्नोलॉजिकल के मैनजमेंट के लिए प्रोफेशनल लोगों की डिमांड बढ़ी है। अगर आपको हिस्ट्री में दिलचस्पी है तो म्यूजियोलॉजी आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन है।

यहां से कर सकते हैं कोर्स (Best Institutes For Museology)
  1. नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट, न्यू दिल्ली (National Museum Institute, New Delhi)
  2. गुरुगोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली (Guru Gobind Singh Indraprastha University, Delhi)
  3. स्कूल ऑफ आर्काइवल स्टडीज, न्यू दिल्ली (School of Archival Studies, New Delhi)
  4. सेंटर फॉर म्यूजियोलॉजी एंड कंजर्वेशन, जयपुर (Center for Museology and Conservation, Jaipur)
  5. कलकत्ता यूनिवर्सिटी (Calcutta University)
  6. बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (Banaras Hindu University)
  7. असम यूनिवर्सिटी (Assam University)
  8. राजस्थान यूनिवर्सिटी (Rajasthan University)
  9. जम्मू यूनिवर्सिटी (Jammu University)