नई दिल्ली। अगर
आप रेडियो या टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाना
चाहते हैं तो आप इसके लिए ज्यादा सोचिए मत। आपको बता दें
कि ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की ही ब्रांच है। इसे
रेडियो, टेलीविजन ब्रॉडकास्टिंग में सिग्नल स्ट्रेंथ, साउंड व कलर्स रेंज
के लिए डिवाइस की देखरेख के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसमें
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग,
कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड ऑडियो इंजीनियरिंग भी
शामिल हैं। वहीं इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के दो प्रमुख एरिया, ऑडियो
इंजीनियरिंग और रेडियो फ्रीक्वेंसी इंजीनियरिंग भी ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग
से संबंधित हैं।
योग्यता
ब्रॉडकास्ट
इंजीनियरिंग अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग कोर्स में मुख्य विषय के तौर पर
नहीं पढ़ाया जाता है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड
कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
एंड ऑडियो इंजीनियरिंग में चार वर्षीय बैचलर्स कोर्स कर चुके उम्मीदवार
पीजी स्तर पर इसमें स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। वहीं, सीधे ब्रॉडकास्टिंग
फर्म्स के साथ काम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ संस्थान इस विषय में
सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स भी करवाते हैं।
इनमें दाखिला लेने के लिए मैथ्स और फिजिक्स जैसे विषयों सहित साइंस में
बारहवीं उत्तीर्ण होना जरूरी है।
कहां से करें कोर्स
> ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग सोसाइटी, नई दिल्ली
> जी इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया आर्ट्स, मुंबई
www.zimainstitute .com
> इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, मेरठ
अवसर
ब्रॉडकास्ट
इंजीनियर आमतौर पर प्रोड्यूसर, स्टूडियो मैनेजर, प्रजेंटर और अन्य तकनीकी
स्टाफ के साथ काम करते हैं। यहां ब्रॉडकास्ट, डिजाइन इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट
सिस्टम इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट नेटवर्क इंजीनियर, ब्रॉडकास्ट मेंटेनेंस
इंजीनियर, वीडियो ब्रॉडकास्ट इंजीनियर, टीवी स्टूडियो ब्रॉडकास्ट इंजीनियर,
रिमोट ब्रॉडकास्ट इंजीनियर के रूप में काम किया जा सकता है।
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