Saturday, May 25, 2019

फर्नीचर डिजाइनिंग में बनाएं करियर


एक समय तक फर्नीचर डिजाइनिंग का काम कारपेंटर ही करते थे, लेकिन आज के दौर में यह एक अलग प्रोफेशन बन चुका है। अगर आप की भी इसमें रुचि है और आप क्रिएटिव हैं तो फर्नीचर डिजाइनर बनकर करियर संवार सकते हैं। संबंधित ट्रेनिंग हासिल कर आप किसी कंपनी में जॉब कर सकते हैं या फिर अपना कारोबार भी शुरू कर सकते हैं। इस बारे में विस्तार से जानिए

पर्सनल स्किल्स
फर्नीचर डिजाइनिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपमें क्रिएटिव और आर्टिस्टिक सेंस का मजबूत होना अति आवश्यक है, साथ ही कम्युनिकेशन स्किल अच्छी होनी चाहिए। मार्केटिंग स्किल्स और बिजनेस की भी समझ अनिवार्य है। फर्नीचर डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम करने के लिए मार्केट में डिजाइनिंग को लेकर क्या कुछ नया किया जा रहा है, उस ओर भी पैनी नजर रखनी होती है क्योंकि फर्नीचर डिजाइनर का काम एक बेजान लकड़ी में डिजाइन के जरिए उसे आकर्षक रूप देना होता है।

बढ़ रही है डिमांड
फर्नीचर डिजाइनिंग व्यवसाय अब केवल कारपेंटर का काम नहीं रह गया है, बल्कि इसमें कुशल डिजाइनरों की मांग व्यापक स्तर पर बढ़ी है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में बाजार में तकरीबन एक लाख फर्नीचर डिजाइनरों की मांग होगी।उल्लेखनीय है कि फर्नीचर डिजाइनिंग में पैसे कमाने के साथ-साथ अपनी कलात्मक क्षमता को अभिव्यक्त करने का मौका और सृजन की संतुष्टि का अहसास भी मिलता है।

एंट्री प्रोसेस
आमतौर पर फर्नीचर डिजाइनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है, लेकिन कुछ संस्थानों में नामांकन के लिए आवेदन करते समय उम्मीदवार का किसी भी विषय  से 12वीं पास होना आवश्यक है। कुछ समय पहले तक फर्नीचर डिजाइनिंग के विभिन्न कोर्स सामान्यत: डिजाइनिंग केमुख्य कोर्स केअंतर्गत ही कराए जाते थे लेकिन वर्तमान में कई संस्थाओं में फर्नीचर डिजाइनिंग एक स्वतंत्र स्ट्रीम के रूप में भी पढ़ाया जाने लगा है।

मेन कोर्सेस
ट्रेनिंग कोर्सेस की बात करें तो इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कई तरह के प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध हैं। कंप्यूटर एडेड डिजाइनिंग के जरिए भी फर्नीचर कला सीखी जा सकती हैै। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए फर्नीचर डिजाइनिंग में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, बैचलर डिग्री कोर्स उपलब्ध हैं। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक साल की होती है, जबकि डिप्लोमा कोर्स दो साल की अवधि का होता है। फर्नीचर डिजाइनिंग केकई पाठ्यक्रमों केलिए प्रशिक्षण संस्थानों में प्रवेश अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने के बाद दिया जाता है। इस परीक्षा में आपकी कलात्मक प्रतिभा और सोच को भी परखा जाता है। देश के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ डिजाइनिंग, अहमदाबाद में फर्नीचर डिजाइनिंग केपोस्ट ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं। यहां प्रवेश केलिए अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा इंटीरियर डिजाइनिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में भी फर्नीचर डिजाइनिंग एक महत्वपूर्ण भाग होता है। इंटीरियर डिजाइनिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के बाद फर्नीचर डिजाइनिंग में अल्पकालिक विशेषज्ञता कोर्स भी किया जा सकता है

जॉब आॅप्शंस
दिनों-दिन बढ़ती मांग और स्वर्णिम भविष्य की कल्पनाओं के कारण फर्नीचर डिजाइनिंग करियर के रूप में आज युवाओं में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। किसी प्रतिष्ठित संस्थान से फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद किसी भी डिजाइनर के साथ काम किया जा सकता है। फर्नीचर डिजाइनिंग का कोर्स करने के बाद अपना व्यवसाय भी शुरू किया जा सकता है या इस क्षेत्र में काम कर रही प्रतिष्ठित कंपनियों से जुड़कर काम कर सकते हैं। भारत में फर्नीचर निर्माण के क्षेत्र में कई विदेशी कंपनियाँ भी आ चुकी हैं। रचनात्मकता और नए डिजाइन के लिए कुशलता के साथ-साथ प्रशिक्षण की भी जरूरत होती है इसीलिए क्षेत्र में करियर की असीम संभावनाओं को देखते हुए अनेक संस्थानों ने फर्नीचर डिजाइनिंग के कोर्स शुरू किए हैं।

आप इस क्षेत्र में कई बड़ी कंपनियों के लिए डिजाइनिंग का कार्य कर सकते हैं। कंप्यूटर स्किल्स और कंप्यूटर वर्क की मदद से अपने कार्य को अंजाम दे सकते हैं। अगर आप अपना स्वयं का रोजगार शुरू करना चाहते हैं,तो डिग्री या डिप्लोमा के आधार पर बैंक से लोन मिल जाता है। फर्नीचर की कई बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां समय-समय पर अपने यहां नियुक्तियां निकालती हैं। इसके अलावा कई प्रशिक्षण संस्थान भी इस फील्ड के अनुभवी लोगों को रोजगार केअवसर मुहैया कराते हैं।

इनकम
फर्नीचर डिजाइनिंग के क्षेत्र में अनुभव का महत्व सबसे ज्यादा है। उसी आधार पर बाजार में प्रोफेशनल की मांग बढ़ती है। इस फील्ड में अनुभव के आधार पर ही इनकम का दायरा निर्धारित होता है। आजकल फर्नीचर डिजाइनर्स के लिए स्वतंत्र रूप से कार्य करना काफी महत्वपूर्ण है। इस तरह आप एक साथ कई कंपनियों से जुड़ सकते हैं और उनकेलिए डिजाइनिंग कर सकते हैं। प्रशिक्षुओं से कंप्यूटर स्किल्स और कंप्यूटर वर्क की उम्मीद की जाती है। इंटीरियर  डिजाइनिंग केक्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलाव ने फर्नीचर डिजाइनिंग को आज अच्छी इनकम वाला व्यवसाय बना दिया है। फर्नीचर डिजाइनर का शुरुआती वेतन दस से बीस हजार रुपए प्रतिमाह तक हो सकता है। इसकेबाद अनुभव के आधार पर वेतन बढ़ता जाता है। अगर आप स्वतंत्र रूप से कार्य करते हैं तो आय लाखों रुपए में हो सकती है।

प्रमुख संस्थान
एनआईडी, अहमदाबाद
गवर्नमेंट पोलीटेक्निक कॉलेज, चंडीगढ़
इंस्टीट्यूट आॅफ फर्नीचर डिजाइनिंग, पटियाला
गवर्नमेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज, लखनऊ
इंडियन प्लाइवुड इंडस्ट्रीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैंगलुरु

Sunday, May 19, 2019

समुद्र का विज्ञान ओशॅनोग्राफी

ओशॅनोग्राफी समुद्र के अनगिनत रहस्यों को समझने, पढ़ने, और शोध करने का बहुआयामी तरीका है। समुद्री पर्यावरण के क्षेत्र में अध्ययन तथा अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों के लिए ओशॅनोग्राफी करियर के रूप में उभरा है। समुद्र में आए दिन तुफानों और आपदा प्रबंधन योजनाओं के बढ़ते महत्व के कारण ओशॅनोग्राफी में विद्यार्थियों की रुची बढ़ती जा रही है। भारत में समुद्र की लम्बाई-चौड़ाई को देखते हुए ओशॅनोग्राफी में बेहतर करियर है।

प्रयोगशाला से लेकर फील्डवर्क तक फैले इस काम का हिस्सा बनने के लिए विज्ञान या इंजीनियरिंग में स्नातक के बाद ओशॅनोग्राफी में मास्टर्स कोर्स जरूरी है।

हाल के वर्षों में ओशॅनोग्राफी एक फायदेमंद करियर के रूप में उभरा है। इसकी एक बड़ी वजह भारत के पास काफी बड़ा समुद्रतट और इसके समुद्रीय पर्यावरण की बड़े पैमाने पर खोज नहीं होना है। यह समुद्रीय पर्यावरण में अध्ययन करने और अनुसंधान करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए बड़े पैमाने पर अवसर उपलब्ध कराती है। हाल में आए कई समुद्री तूफानों में लाखों लोगों की जान गई। इन तूफानों की संभावना के बारे में जानना अनेक बड़ी विपत्तियों को टाल सकता है। यही वजह है कि आपदा प्रबंधन योजनाओं के महत्व बढऩे के कारण ओशॅनोग्राफी में भी रुचि बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर धरातलीय संसाधनों की घटती मात्रा और समुद्रीय संसाधनों की प्रचुरता ने इस ओर ध्यान देने के लिए प्रेरणा का काम किया है, साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिकों व उद्यमियों की जागरूकता के कारण समुद्री विज्ञान बहुत तेजी से विकास कर रहा है। परिणाम के रूप में ओशॅनोग्राफर की मांग पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है ताकि आने वाले सालों में तटीय पानी और सीमाओं, मौसम की भविष्यवाणी और समुद्री तत्वों के रखरखाव के लिए अधिक से अधिक पेशेवरों की जरूरत को पूरा किया जा सके।

क्या है ओशॅनोग्राफी

ओशॅनोग्राफी एक बहुआयामी विज्ञान है, जो समुद्र के अनगिनत रहस्यों को समझने की कोशिश करता है। इसका उद्देश्य, समुद्र के बारे में पढऩा और समुद्री संसाधनों को खोजना है। ओशॅनोग्राफी शोध आधारित पेशा है और उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जिसमें साहसिक बोध और समुद्र क्षेत्र की अनजानी दुनिया को जानने का जोखिम उठाने की इच्छा के साथ अपने आसपास की दुनिया के प्रति प्राकृतिक जिज्ञासा है। रोमांच के तत्व और मुख्य रूप से आउटडोर में कार्य करना भी ओशॅनोग्राफर के लिए बड़ा आकर्षण साबित हो रहा है।

क्या काम करते हैं ओशॅनोग्राफर

पूरी तरह से समुद्री दुनिया से जुड़े इस काम की प्रकृति विशेष शाखा के अनुरूप निर्धारित होती है और इसके क्षेत्र में प्रयोगशाला से लेकर फील्ड वर्क यानी समुद्र में नमूनों को इकट्ठा करने, तथ्यों का विश्लेषण करने, सर्वे और अध्ययन करने, सामने आने वाली समस्याओं का हल खोजने तक शामिल है।

निजी क्षेत्र में, समुद्री उत्पादों और शोध से जुड़ी कंपनियां सही योग्यता वाले उम्मीदवार की खोज में रहती हैं। भारत में समुद्री तटों की लम्बाई-चौड़ाई को देखते हुए समुद्री उत्पादों पर निर्भर कंपनियों के लिए अपार अवसर हैं। सरकारी और निजी संगठनों द्वारा चलाए जाने वाले शोध प्रोजेक्ट, सी फार्मिंग, ऊर्जा उत्पन्न करने वाली लहरों और ज्वार-भाटा का पता लगाने जैसे कामों में फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में भी काम कर सकते हैं।

यहां से करें कोर्स

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशॅनोग्राफी, गोवा
www.nio.org/ 

केरल युनिवर्सिटी ऑफ फिशरी एंड ओशियन स्टडीज, केरल
www.kufos.ac.in/ 

डिपार्टमेंट ऑफ मेरीन साइंस, युनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता 
www.caluniv.ac.in/