साहस और सूझ-बुझ के साथ आग का मुकाबला कर सकते है तो fireman से लेकर chief fire officer तक बन सकते है.
अक्सर कहा जाता है कि आग से मत खेलो,जल जाओगे. लेकिन आग से खेलना career कि राह को आसान बना सकता है. इस बात का दावा तो कोई कर नहीं सकता कि आग लगेगी या नहीं लगेगी. आग नहीं लगी तो कोई संकट नहीं, लेकिन लग गई तो उसे बुझाने के लिए ऐसा आदमी या ऐसी टीम चाहिए जो आग कि किस्म, आग लगने के कारण, आग बुझाने के तरीके, आग बुझाने के सामान और आग में घिरे लोगो को सुरक्षित बहार निकालने के हुनर कि जानकारी रखती हो. जाहिर है यह ऐसी जानकारी नहीं है जिसे यूं ही पूछ कर या पढ़कर जान लिया जाए. इसकी पढाई भी होती है और इसका अच्छी तरह से training भी दिया जाता है.
1. Nature Of Work :
1. Nature Of Work :
Firefighter का मुख्य काम होता है आग लगने के कारणों का पता लगाना और उसे रोकने के उपायों का विश्लेषण करना. Fire fiting civil, electrical, environmental engineering से जुड़ा क्षेत्र है .मसलन आग बुझाने के यंत्रों की तकनीकी जानकारी,अलार्म ,पानी की बौछार का सबसे स्टीक इस्तेमाल ,कम से कम समय और संसाधनो में ज्यादा से ज्यादा जान और काम की रक्षा करना उसका उद्देश्य होता है
2. शैक्षणीक योग्यता:
2. शैक्षणीक योग्यता:
इस filed में साहस ,धैर्य के साथ leadership qulity, quick diciesion लेने की क्षमता का होना जरूरी है ताकि किसी भी बड़ी दुघर्टना को control कर सके .डिप्लोमा या डीग्री में दाखिले के लिए 12 वी पास होना अनिवार्य है .कुछ पदों के लिए BE(Fire) कि डिग्री अनिवार्य है .इसमें प्रवेश के लिए All India Entrance exam होता है .केमिस्ट्री के साथ फीजीक्स या गणीत विषय में 50 प्रतीशत अंको के साथ उतीर्ण हो.
3. हर post का है अलग काम:
जो लोग चाहते है आग से खेलते हुए career की बुलंदी तक पहुचना वे डिप्लोमा से लेकर BE(Fire) करके इन पदों तक पहुच सकते है -
(i) फायरमैन
फायरमैन ही वह व्यक्ति होता है जो सीधे –सीधे आग से जूझता है .फायरमैन की टीम हर फायर स्टेशन में तैनात होती है .
(ii) लीडिंग फायरमैन
फायरमैन बनने के बाद विभागीय परीक्षा उतीर्ण कर लीडिंग फायरमैन बना जा सकता है .यह एक महत्वपूर्ण पद है .
(iii) सब ऑफीसर
किसी भी फायर टेंडर का लीडर सब ऑफिसर होता है .जिसकी कमान में फायरमैन और लीडिंग फायरमैन होते है .यह परिस्तिथि का आकलन कर टीम को मार्ग दर्शन देता है कि कैसे कम से कम नुकसान झेलते हुए आग को बुझाया जा सके .
(iv) स्टेशन ऑफिसर
फायर स्टेसन का प्रमुख स्टेशन ऑफिसर होता है .यह फायर स्टेशन कि टीम को लीड कर सकता है और अपने क्षेत्र कि पूरी जानकारी रखता है .
(v) डिविजनल ऑफिसर
यह असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर कि तरह काम करता है तीन असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर पर एक डिविजनल ऑफिसर तेनात किया जाता है .
(vi) चीफ फायर ऑफिसर
चीफ फायर ऑफिसर पूरे फायर डिपार्टमेंट का बोस होता है इसकी निगरानी ,निर्देस ,समन्वय और प्रेरणा से विभाग चलता है .
(vii) असिस्टेंट डिविजनल ऑफिसर ;
पूरे राज्य को अलग –अलग डिविजनो में बाँटा जाता है और हर डिविजन कि जिम्मेदारी असिस्टेंट डीविजन ऑफिसर यर ऑफिसर पूरे फायर डिपार्टमेंट के समन्वय ,कार्य ,क्षेत्र विभाजन ,प्रशासनिक जिम्मेदारी यो का निर्वहन करता है .
4. शारीरिक योग्यता:
शैक्षणीक योग्यता के साथ इस फिल्ड में शारीरिक योग्यता भी देखी जाती है .पुरुषों के लिए न्यूनतम लंबाई 165 सेंटीमीटर ,वजन 50 किग्रा हो ,महिलाए न्यूनतम 157 सेंटीमीटर लम्बी हो वजन न्यूनतम 46 किग्रा
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