Tuesday, April 4, 2023

बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी

बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी एक उच्च शिक्षा का दो वर्षीय संशोधित पाठ्यक्रम होता है। इसका मुख्य उद्देश्य किडनी की बीमारियों से पीड़ित लोगों को उच्च गुणवत्ता वाले डायलिसिस और उपचार सेवाओं के लिए तैयार करना होता है। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को डायलिसिस टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है जो उन्हें अपने कैरियर के लिए उच्च गुणवत्ता वाली रोजगार के अवसर प्रदान करता है।

यह पाठ्यक्रम कुछ निम्नलिखित विषयों पर आधारित होता है:

किडनी की बीमारियों के लक्षण और उपचार

डायलिसिस मशीन की कार्यप्रणाली

डायलिसिस रेजिम का चयन

डायलिसिस मशीन की रखरखाव और निरीक्षण

रोगी की स्थिति का मूल्यांकन

स्वच्छता, सुरक्षा और हाइजीन का पालन

डायलिसिस के प्रकार और उनके फायदे और हानियां

इस पाठ्यक्रम में छात्रों को लैब अनुभव की भी अनुमति दी जाती है 

एससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी का पाठ्यक्रम संस्थानों के द्वारा अनुमोदित होता है जो डायलिसिस टेक्नोलॉजी शिक्षा प्रदान करते हैं। यह पाठ्यक्रम भारत में कुछ अच्छे संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है जैसे कि एमएस रामैहा मेडिकल कॉलेज, अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, जमिया हमदर्द, नई दिल्ली आदि।

छात्रों को इस पाठ्यक्रम के प्रवेश के लिए उच्च मान्यता वाले बोर्ड जैसे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) या उनके राज्य स्तर के बोर्ड से 12वीं कक्षा में साइंस संकाय से 50% अंकों के साथ पास होना चाहिए। छात्रों को अपनी प्रतिभा और कौशल के आधार पर चयन किया जाता है।

इस पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद, छात्रों को अस्पतालों, क्लिनिकों और विशेषज्ञ के निर्देशानुसार डायलिसिस टेक्नोलॉजी विभाग में नौकरी का अवसर मिल सकता है। 

बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी के अध्ययन से छात्र डायलिसिस विधि, डायलिसिस मशीन का उपयोग, सैनिटेशन के नियम, नाली स्टोक और नाली बहाव को कम करने की तकनीकें, स्थानिक एवं जीवाणु नाशक और अन्य डिसींफेक्टेंट दवाओं का उपयोग, डायलिसिस दर्द तथा अन्य आम समस्याओं के समाधान आदि के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

यह पाठ्यक्रम छात्रों को बेहतर रूप से तैयार करता है जिससे वे डायलिसिस मशीनों, उपकरणों और उनकी समीक्षा आदि को समझ सकते हैं। इसके अलावा, छात्रों को डायलिसिस मशीन की अच्छी तरह से संभालने की तकनीक, स्थानिक एवं जीवाणु नाशक और अन्य डिसींफेक्टेंट दवाओं के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

इस पाठ्यक्रम के सफल समापन के बाद, छात्रों को डायलिसिस टेक्नोलॉजी में काम करने का अवसर मिल सकता है। वे अस्पतालों और क्लिनिकों में काम कर सकते हैं जहां डायलिसिस विधि के अनुसार रोगियों की देखभाल की जात

बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी को कुछ चुनिंदा कॉलेज और विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। इनमें से कुछ पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैं:

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली

मध्य प्रदेश मेडिकल विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर

बंगलौर मेडिकल कॉलेज, बंगलौर

महात्मा गांधी विश्वविद्यालय, मेघालय

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर, नई दिल्ली

जयपुर नेशनल विश्वविद्यालय, जयपुर

बाबा फरीद विश्वविद्यालय, फरीदकोट

इन कॉलेज और विश्वविद्यालयों के अलावा भी कुछ अन्य संस्थान हैं जो बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। छात्रों को अधिक जानकारी के लिए उन्हें संबंधित संस्थानों की वेबसाइटों पर जाना चाहिए।


No comments:

Post a Comment