Wednesday, December 9, 2015

म्यूजिक में करियर

म्यूजिक को इनसान की सबसे बेहतरीन खोजों में से एक माना जा सकता है। म्यूजिक के जरिए न केवल इमोशन, बल्कि अपनी फिलिंग्स को भी बखूबी जाहिर किया जा सकता है। पहले म्यूजिक को एक हॉबी और मनोरंजन का साधन मात्र माना जाता था, लेकिन वर्तमान व्यवसायिक युग में म्यूजिक करियर का बहुत बड़ा विकल्प बन गया है। इन दिनों तमाम टेलीविजन चैनल्स पर आने वाले म्यूजिकल टैलॅन्ट हंट शो के प्रति युवाओं में जबर्दस्त क्रेज  देखा जा रहा है। शायद यह भी एक वजह है कि युवा-वर्ग इसे फुल-टाइम करियर के रूप में अपनाने लगे हैं।
कोर्स एवं ट्रेनिंग
बारहवीं के बाद म्यूजिक फील्ड से जुड़े कोर्स में एडमिशन लिया जा सकता है। यदि चाहें, तो सर्टिफिकेट कोर्स, बैचलर कोर्स, डिप्लोमा कोर्स और पोस्ट ग्रेजुएट लेवॅल के कोर्स भी कर सकते हैं। अमूमन सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक वर्ष, बैचलर डिग्री कोर्स की तीन वर्ष और पोस्ट ग्रेजुएट लेवॅल कोर्स की अवधि दो वर्ष की होती है।
संगीत को अपना प्रोफेशन बनाने के लिए शास्त्रीय संगीत की बारीकियों को भी अच्छी तरह से समझ लेना जरूरी है। इसके लिए किसी अच्छे गुरु का सान्निध्य अधिक मददगार होता है। यदि कोई क्लासिकल परफॉर्मर बनना चाहता है, तो उसे हर हाल में गुरु-शिष्य परंपरा से खुद को जोड़ना ही होगा। इसी तरह यदि कोई संगीत के एकेडमिक क्षेत्र में जाना चाहता है, तो यह जरूरी है कि उसके पास संगीत से जुड़ी डिग्री भी हो। इस तरह, हर फील्ड की अलग-अलग डिमांड होती  है, जैसे-पार्श्वगायकी की अलग डिमांड होती है और वोकल म्यूजिक परफॉर्मर की अलग। इस क्षेत्र में उस्ताद बनना कोई आसान काम नहीं है। हालांकि टैलॅन्ट, सच्ची लगन और हॉर्ड वर्क की बदौलत इस क्षेत्र में कामयाबी हासिल की जा सकती है। यदि किसी में नेचुरल टैलॅन्ट है, तो यह उसके लिए एक गिफ्ट के समान है, लेकिन नियमित रियाज के साथ-साथ ट्रेनिंग या फिर किसी अच्छे इंस्टीटयूट में दाखिला लेकर भी इस फील्ड में करियर की शुरुआत की जा सकती है। ऐसे बच्चे भी इस फील्ड में आ रहे हैं, जिनकी आवाज या हुनर गॉड-ड हैं। टैलॅन्ट हंट शोज इस बात को और बेहतर साबित कर रहा है। कोई भले ही नेचुरल टैलॅन्ट का धनी हो, लेकिन बेहतर परफॉर्म करने के लिए संगीत की प्रॉपर ट्रेनिंग लेनी ही चाहिए। ऐसा करने से अन्य कैंडिडेट्स की अपेक्षा ज्यादा चांसेज मिलने की संभावना होती है।
अवसर 
भारतीय मनोरंजन उद्योग जितनी तेजी से प्रगति कर रहा है, उसे देखते हुए संगीत के क्षेत्र में करियर की काफी अच्छी संभावनाएं बन रही हैं। सच तो यह है कि इन दिनों भारतीय संगीत उद्योग टॉप पर है, जिसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुनी जा रही है। वोकल म्यूजिक, गजल या फिर पार्श्वगायकी के क्षेत्र में जाना चाहें अथवा विज्ञापन की दुनिया में धूम मचाना चाहें, संगीत उद्योग में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं। संगीत के क्षेत्र में टीचिंग, सिंगिंग, म्यूजिशियन, रेकार्डिंग, कंसर्ट, परफॉर्मर, लाइव शो, डिस जॉकी, वीडियो जॉकी और रेडियो जॉकी के रूप में करियर की शुरुआत की जा सकती है। क्लासिकल, फॉक, गजल, पॉप, फ्यूजन आदि के क्षेत्र में भी भरपूर अवसर हैं। कॉपीराइटर, रिकॉर्डिग टेक्नीशियन, इंस्ट्रूमेंट मैन्युफैक्चरिंग, म्यूजिक थेरेपी, प्रोडक्शन, प्रमोशन आदि क्षेत्र में भी बेहतरीन अवसर हैं। जहां तक जॉब की बात है, तो एफएम चैनल्स, म्यूजिक कंपनी, प्रोडक्शन हाउस, म्यूजिक रिसर्च ऑर्गनाइजेशन,  एजुकेशनल इंस्टीटयूट, गवर्नमेंट कल्चरल डिपार्टमेंट, म्यूजिक चैनल आदि में कोशिश की जा सकती है।
कमाईम्यूजिक एक ऐसा क्षेत्र है, जहां वेतन का कोई तय पैमाना नहीं है। यदि कोई अच्छा  परफॉर्मर और म्यूजिशियन है, तो मिलिनेअर बनने में देर नहीं लगेगी। हालांकि इस क्षेत्र में आरजे, वीजे, रेडियो जॉकी के रूप में करियर की शुरुआत करके शुरुआती दौर में करीब 15 हजार रुपये प्रतिमाह सैलॅरी मिल सकती है। सिंगर, म्यूजिक कम्पोजर की आय उसकी योग्यता और प्रोजेक्ट पर भी निर्भर करती है। प्ले बैक सिंगर या अलबम के लिए आप कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर खूब कमाई कर सकते हैं।
संस्थान
 1. दिल्ली यूनिवर्सिटी
 2. भारतीय कला केंद्र, दिल्ली
 3. अखिल भारतीय गांधर्व महाविद्यालय, मुम्बई
 4. पटना यूनिवर्सिटी
 5. भातखंडे म्यूजिक स्कूल, नई दिल्ली
 6. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, मध्यप्रदेश
 7. अजमेर म्यूजिक कॉलेज
 8. बनस्थली विद्यापीठ
 9. बाबासाहेब भीमराव अंबेदकर यूनिवर्सिटी, बिहार
 10. बनारस यूनिवर्सिटी

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