Thursday, December 10, 2015

प्रोडक्शन डिजाइनर

प्रोडक्शन डिजाइनर फिल्म और टेलीविजन उद्योग में ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है जो फिल्मों, टीवी कार्यक्रमों, म्यूजिक विडियो और विज्ञापनों के फिल्मिंग के लिए जिम्मेदार होता है। प्रोडक्शन डिजाइनर की मोशन फिल्मों और टीवी सीरिअलों को तैयार करने में महत्वपूर्ण रचनात्मक भूमिका होती है। वे कहानी को दृश्य रूप में प्रस्तुत करने के लिए सेटिंग्स और स्टाइल को चुनने में निर्देशक और निर्माता के साथ मिलकर काम करते हैं।
इस प्रकार वह फिल्म या धारावाहिक के निर्माण में या रंगमंच की प्रस्तुतियों में देशकाल और परिस्थितियों को दर्शाने के लिए अभिनय और संवाद के अलावा, अन्य बहुत सारी चीजों को मैनेज करता है। किसी भी फिल्म के सेट, लाइट, कैमरा से लेकर ऐक्शन तक में एक प्रोडक्शन डिजाइनर की भागीदारी रहती है।
कार्य
प्रोडक्शन डिजाइनर को सबसे पहले पटकथा को पढ़ना होता है, ताकि उन कारकों की पहचान हो सके, जो कुछ खास बातों को उभारते हैं। साथ ही, डिजाइन बजट तैयार करना पड़ता है। इसके अलावा, स्केल ड्रॉइंग या मॉडल भी तैयार करने होते हैं। उपयुक्त स्टूडियो और लोकेशंस की तलाश करनी होती है और उन साजो-सामान की सूची बनानी पड़ती है, जिनकी जरूरत प्रोडक्शन में होती है। जब तक निर्माता-निर्देशक के मनमुताबिक काम पूरा न हो जाए, तब तक चीजों को सुपरवाइज करने का काम प्रोडक्शन डिजाइनर ही करता है।
योग्यता
यद्यपि प्रोडक्शन डिजाइनर बनने के लिए किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती, परन्तु थिएटर, परफॉर्मिग आर्ट्स, इंटीरियर, लैंडस्केप, थ्रीडी, ग्राफिक डिजाइन सीख चुके लोगों के लिए राह आसान हो जाती है। वर्तमान में कई संस्थानों में प्रोडक्शन डिजाइनिंग में सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा भी कराए जा रहे हैं। इसके लिए न्यूनतम योग्यता 12वीं पास है।
व्यक्तिगत गुण
यह एक क्रिएटिव काम है, इसलिए सृजनशील मस्तिष्क (क्रिएटिव माइंड) का होना आवश्यक है। कल्पना को वास्तविकता के रूप में पेश करने की सोच जब तक नहीं होगी, तब तक प्रोडक्शन डिजाइनिंग का काम नहीं हो सकता।
अवसर
फिल्म, थिएटर, टेलीविजन, म्यूजिक एलबम, प्रोडक्शन हाउस, विज्ञापन आदि में प्रोडक्शन डिजाइनर का काम होता है, लेकिन प्रोडक्शन डिजाइनर इस कड़ी की पहली सीढ़ी नहीं है,  इससे पहले प्रोडक्शन असिस्टेंट, आर्ट या डिजाइन असिस्टेंट के रूप में काम करना फायदेमंद होता है। इसके बाद अनुभव और कार्यक्षमता के आधार पर प्रोडक्शन डिजाइनर बन सकते हैं। फ्रीलांस के रूप में भी इसमें ढेरों विकल्प मौजूद हैं।
कमाई
इस पेशे में अगर ग्लैमर है, तो खूब मेहनत भी। एक प्रोडक्शन डिजाइनर को घंटों काम करना पडता है। हां, इसके एवज में मेहनताना भी मिलता है। यह ज्यादातर कमीशन बेस्ड होता है। वहीं बतौर प्रोडक्शन  असिस्टेंट, आर्ट या डिजाइन असिस्टेंट के रूप में शुरुआती कमाई 25 हजार से ऊपर होती है।
संस्थान
 1. फिल्म ऐंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे
 2. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली
 3. ह्विस्लिंग वुड्स इंटरनेशल्स, फिल्म सिटी कॉम्पलेक्स, मुंबई
 4. दिल्ली फिल्म इंस्टीट्यूट

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