पिछले कुछ वर्षों से भारत मेडिकल टूरिज्म के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन
बना हुआ है। सस्ते और क्वालिटी मेडिकल सर्विसेज के कारण दुनियाभर से लोग
यहां इलाज करवाने आ रहे हैं। हर साल लाखों की संख्या में आने वाले मेडिकल
टूरिस्ट की वजह से इस फील्ड में जॉब के मौके भी खूब देखे जा रहे हैं। अगर
आप इस फील्ड से रिलेटेड डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स कर लेते हैं, तो
इसमें शानदार करियर बना सकते हैं…देश की
अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और जॉब क्रिएशन में इंडियन हेल्थकेयर
इंडस्ट्री का बड़ा रोल माना जा रहा है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन,
बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज की एक ज्वाइंट
रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक हेल्थकेयर सेक्टर में करीब 40 मिलियन से ज्यादा
जॉब जेनरेट होने का अनुमान है। उम्मीद की जा रही है कि दुनिया के दूसरे
विकसित देशों के मुकाबले भारत में उपलब्ध सस्ते मेडिकल ट्रीटमेंट और
एजुकेशन सर्विसेज के कारण यह मेडिकल टूरिज्म का ग्लोबल हब बन सकता है। हर
साल लाखों की तादाद में मेडिकल ट्रैवलर्स या टूरिस्ट्स भारत का दौरा करते
हैं। करीब 60 से ज्यादा देशों के मरीज इंडिया इलाज कराने आते हैं। इस तरह
ग्लोबल टूरिज्म में भारत का हिस्सा लगभग तीन प्रतिशत है। एक अनुमान के
अनुसार, वर्ष 2015 तक हेल्थकेयर टूरिज्म का मार्केट 11 हजार करोड़ रुपये तक
पहुंचने की उम्मीद है। जाहिर है, मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में युवाओं के लिए
अपॉच्र्युनिटीज की कमी नहीं रहेगी।
क्या है मेडिकल टूरिज्म
मेडिकल टूरिज्म को मेडिकल ट्रैवल भी कहते हैं, जिसमें टूरिज्म इंडस्ट्री और मेडिकल केयर के सहयोग से विदेशी या देशी पर्यटकों को कम खर्च पर मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ट्रीटमेंट के साथ-साथ सैलानियों को उस जगह या देश को एक्सप्लोर करने का मौका भी दिया जाता है। उन्हें अपने घर जैसा एहसास कराया जाता है। लोकेशन या ट्रीटमेंट प्रोसिजर के आधार पर मेडिकल वैकेशन में विदेशी सैलानियों की 10 से लेकर 50 प्रतिशत तक की बचत हो जाती है। वहीं, मेडिकल टूरिज्म प्रोवाइडर्स लोगों को मेडिकल फैसिलिटी, सेफ्टी और लीगल इश्यूज के अलावा हॉस्पिटल्स, क्लीनिक्स, डॉक्टर्स, ट्रैवल एजेंसीज, रिजॉट्र्स, ट्रैवल इंश्योरेंस आदि की जानकारी देता है। इस तरह वह मरीज और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के बीच सेतु का काम करता है। पूरे मेडिकल ट्रिप, ट्रीटमेंट के अलावा टूरिज्म एक्टिविटीज की प्लानिंग करता है।
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
अगर आपका रुझान इस क्षेत्र में है, तो आप हायर सेकंडरी या ग्रेजुएशन के बाद मेडिकल टूरिज्म से रिलेटेड कोर्स कर सकते हैं। इंडिया में कई इंस्टीट्यूट्स मेडिकल टूरिज्म में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और एमबीए कोर्स संचालित करते हैं। इसके तहत कैंडिडेट को ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री के साथ लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की भी जानकारी दी जाती है। रेगुलर के अलावा ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए भी मेडिकल टूरिज्म से संबंधित कोर्स किए जा सकते हैं। मार्केटिंग, पीआर प्रोफेशनल्स भी इस इंडस्ट्री से जुड़ सकते हैं।
पर्सनल स्किल
मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में करियर बनाने के लिए आपके पास स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन, लीडरशिप और ऑर्गेनाइजेशनल स्किल होनी चाहिए। आपको अलग-अलग जगहों और हॉस्पिटल्स की पूरी नॉलेज होनी चाहिए, ताकि विदेशी सैलानियों को अस्पताल के चुनाव में सही से गाइडेंस दे सकें। आपको हेल्थकेयर से संबंधित कानूनों और सरकारी नियमों की भी जानकारी होनी चाहिए। मेडिकल टूरिज्म के प्रोफेशनल्स के पास प्राइसिंग, कंटेंट, ट्रीटमेंट, हॉस्पिटल रेटिंग, एक्रीडिशन के साथ-साथ अमुक देश की वीजा पॉलिसी की भी जानकारी होनी चाहिए।
करियर अपॉच्र्युनिटी
मेडिकल टूरिज्म प्रोफेशनल्स के लिए हेल्थकेयर के अलावा टूरिज्म सेक्टर में संभावनाओं की कमी नहीं है। आप गेस्ट रिलेशनशिप मैनेजर, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल टूर कंसल्टेंट, स्पा थेरेपिस्ट, मैनेजर, पब्लिक रिलेशन पर्सनल, ट्रैवल एडवाइजर, इंश्योरेंस फैसिलिटेटर, एंटरप्रेटर, शेफ के तौर पर गवर्नमेंट या प्राइवेट हॉस्पिटल, ट्रैवल फर्म, एयरलाइंस, होटल्स, स्पा सेंटर में काम कर सकते हैं।
सैलरी
प्राइवेट या गवर्नमेंट हॉस्पिटल या ट्रैवल कंपनी में काम करने वाले फ्रेश ग्रेजुएट्स को शुरुआत में 10 से 15 हजार रुपये मिल जाते हैं। वैसे, काफी कुछ कंपनी, आपके अपने क्वालिफिकेशन, एक्सपीरियंस और परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। इस फील्ड में आप कम से कम 20 हजार रुपये से शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, एमबीए ग्रेजुएट्स को उनके अनुभव के अनुसार, 30 से 50 हजार रुपये के बीच में आसानी से मिल सकता है।
विशेषज्ञों की राय
जामिया मिलिया इस्लामिया में ट्रेवल एंड टूरिज्म कोर्स के प्रोफेसर जैदी का कहना है कि मेडिकल टूरिज्म हमारे यहां चल रहे ट्रेवल एंड टूरिज्म कोर्स का हिस्सा है। चूंकि विकसित देशों में चिकित्सीय सुविधाएं महंगी हैं इसलिए अरब, नाइजीरिया और फ्रांस आदि से पर्यटक बड़ी संख्या में हमारे देश में ईलाज कराने आते हैं। इसके चलते मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ रही है। इस मामले में भारत की प्रतियोगिता सिंगापुर और फिलिपींस से है।
इस क्षेत्र में और अवसर बढ़ें इसके लिए जरूरी है कि यहां मेडिकल टूरिज्म के लिए आने वाले पर्यटकों को वाजिब दामों में बिना किसी हेर-फेर के जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं और साथ ही ईलाज कराने के बाद वे अगर किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करना चाहें तो उसके लिए भी उन्हें सही सलाह देने के साथ ही बढ़िया पैकेज दिए जाएं।
वहीं इंस्टिट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च, इंडिया के दिल्ली कैंपस की जोनल मैनजर चारू साहनी का कहना है कि भारत में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर में अच्छी-खासी प्रगति हो रही है जिसकी वजह से यहां आकर अपना इलाज कराने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है और इसकी वजह से मेडिकल टूरिज्म को अब हमारे देश में बहुत बढ़ावा मिल रहा है।
इसके चलते इन दिनों कई निजी इंस्टिट्यूट छात्रों को मेडिकल टूरिज्म में स्पेशल कोर्स करवा रहे हैं। इस पेशे में प्रशिक्षित पेशेवरों की इन दिनों खूब मांग है। हमारे देश में मिडिल ईस्ट देशों से काफी पर्यटक खासतौर से अपना ईलाज कराने आते हैं। ऐसे में उन्हें हर तरह की मेडिकल सुविधाएं, होटल इत्यादि मुहैया करना ही मेडिकल टूरिज्म प्रोफेशनल का काम है।
यहां है पेशेवरों की मांग
इन दिनों कई बड़ी ट्रेवल एजेंसियों में मेडिकल टूरिज्म का अलग डिपार्टमेंट होता है। इसके अलावा बड़े अस्पतालों में भी मेडिकल टूरिज्म डेस्क की सुविधा होती है। यह डेस्क उन पर्यटकों की मदद के लिए होता है जो भारत में ईलाज कराने आते हैं। कई प्राइवेट एयरलाइंस में भी मेडिकल टूरिज्म हेल्प डेस्क की सुविधा होती है।
योग्यता
मेडिकल टूरिज्म में इन दिनों कई इंस्टिट्यूट कई तरह के डिग्री, सर्टिफिकेट और बैचलर कोर्स कराते हैं। इसके अलावा हेल्थकेयर में एमबीए भी कई इंस्टिट्यूट करवा रहे हैं। जहां तक बात है सर्टिफिकेट कोर्स की तो इसके लिए आपका किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा एमबीए प्रोग्राम के लिए बैचलर डिग्री की आवश्कता है।
यहां से करें कोर्स :
1. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
पता - जामिया नगर, नई दिल्ली।
फोन - 011-26981717, 26984617
2. इंस्टिट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च
पता - ए-201, ओखला इंडस्ट्रीयल एरिया, फेज-1
फोन - 011-40651000
3. इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड हाईजीन
पता - आरजेड-ए-44, महिपालपुर एक्सटेंशन, नई दिल्ली।
फोन - 011-26781075/76
क्या है मेडिकल टूरिज्म
मेडिकल टूरिज्म को मेडिकल ट्रैवल भी कहते हैं, जिसमें टूरिज्म इंडस्ट्री और मेडिकल केयर के सहयोग से विदेशी या देशी पर्यटकों को कम खर्च पर मेडिकल की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ट्रीटमेंट के साथ-साथ सैलानियों को उस जगह या देश को एक्सप्लोर करने का मौका भी दिया जाता है। उन्हें अपने घर जैसा एहसास कराया जाता है। लोकेशन या ट्रीटमेंट प्रोसिजर के आधार पर मेडिकल वैकेशन में विदेशी सैलानियों की 10 से लेकर 50 प्रतिशत तक की बचत हो जाती है। वहीं, मेडिकल टूरिज्म प्रोवाइडर्स लोगों को मेडिकल फैसिलिटी, सेफ्टी और लीगल इश्यूज के अलावा हॉस्पिटल्स, क्लीनिक्स, डॉक्टर्स, ट्रैवल एजेंसीज, रिजॉट्र्स, ट्रैवल इंश्योरेंस आदि की जानकारी देता है। इस तरह वह मरीज और हेल्थकेयर प्रोवाइडर के बीच सेतु का काम करता है। पूरे मेडिकल ट्रिप, ट्रीटमेंट के अलावा टूरिज्म एक्टिविटीज की प्लानिंग करता है।
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
अगर आपका रुझान इस क्षेत्र में है, तो आप हायर सेकंडरी या ग्रेजुएशन के बाद मेडिकल टूरिज्म से रिलेटेड कोर्स कर सकते हैं। इंडिया में कई इंस्टीट्यूट्स मेडिकल टूरिज्म में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और एमबीए कोर्स संचालित करते हैं। इसके तहत कैंडिडेट को ट्रैवल और टूरिज्म इंडस्ट्री के साथ लॉजिस्टिक्स, हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री की भी जानकारी दी जाती है। रेगुलर के अलावा ऑनलाइन और डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए भी मेडिकल टूरिज्म से संबंधित कोर्स किए जा सकते हैं। मार्केटिंग, पीआर प्रोफेशनल्स भी इस इंडस्ट्री से जुड़ सकते हैं।
पर्सनल स्किल
मेडिकल टूरिज्म सेक्टर में करियर बनाने के लिए आपके पास स्ट्रॉन्ग कम्युनिकेशन, लीडरशिप और ऑर्गेनाइजेशनल स्किल होनी चाहिए। आपको अलग-अलग जगहों और हॉस्पिटल्स की पूरी नॉलेज होनी चाहिए, ताकि विदेशी सैलानियों को अस्पताल के चुनाव में सही से गाइडेंस दे सकें। आपको हेल्थकेयर से संबंधित कानूनों और सरकारी नियमों की भी जानकारी होनी चाहिए। मेडिकल टूरिज्म के प्रोफेशनल्स के पास प्राइसिंग, कंटेंट, ट्रीटमेंट, हॉस्पिटल रेटिंग, एक्रीडिशन के साथ-साथ अमुक देश की वीजा पॉलिसी की भी जानकारी होनी चाहिए।
करियर अपॉच्र्युनिटी
मेडिकल टूरिज्म प्रोफेशनल्स के लिए हेल्थकेयर के अलावा टूरिज्म सेक्टर में संभावनाओं की कमी नहीं है। आप गेस्ट रिलेशनशिप मैनेजर, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर, मेडिकल टूर कंसल्टेंट, स्पा थेरेपिस्ट, मैनेजर, पब्लिक रिलेशन पर्सनल, ट्रैवल एडवाइजर, इंश्योरेंस फैसिलिटेटर, एंटरप्रेटर, शेफ के तौर पर गवर्नमेंट या प्राइवेट हॉस्पिटल, ट्रैवल फर्म, एयरलाइंस, होटल्स, स्पा सेंटर में काम कर सकते हैं।
सैलरी
प्राइवेट या गवर्नमेंट हॉस्पिटल या ट्रैवल कंपनी में काम करने वाले फ्रेश ग्रेजुएट्स को शुरुआत में 10 से 15 हजार रुपये मिल जाते हैं। वैसे, काफी कुछ कंपनी, आपके अपने क्वालिफिकेशन, एक्सपीरियंस और परफॉर्मेंस पर निर्भर करता है। इस फील्ड में आप कम से कम 20 हजार रुपये से शुरुआत कर सकते हैं। वहीं, एमबीए ग्रेजुएट्स को उनके अनुभव के अनुसार, 30 से 50 हजार रुपये के बीच में आसानी से मिल सकता है।
विशेषज्ञों की राय
जामिया मिलिया इस्लामिया में ट्रेवल एंड टूरिज्म कोर्स के प्रोफेसर जैदी का कहना है कि मेडिकल टूरिज्म हमारे यहां चल रहे ट्रेवल एंड टूरिज्म कोर्स का हिस्सा है। चूंकि विकसित देशों में चिकित्सीय सुविधाएं महंगी हैं इसलिए अरब, नाइजीरिया और फ्रांस आदि से पर्यटक बड़ी संख्या में हमारे देश में ईलाज कराने आते हैं। इसके चलते मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में प्रतियोगिता बढ़ रही है। इस मामले में भारत की प्रतियोगिता सिंगापुर और फिलिपींस से है।
इस क्षेत्र में और अवसर बढ़ें इसके लिए जरूरी है कि यहां मेडिकल टूरिज्म के लिए आने वाले पर्यटकों को वाजिब दामों में बिना किसी हेर-फेर के जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं और साथ ही ईलाज कराने के बाद वे अगर किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करना चाहें तो उसके लिए भी उन्हें सही सलाह देने के साथ ही बढ़िया पैकेज दिए जाएं।
वहीं इंस्टिट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च, इंडिया के दिल्ली कैंपस की जोनल मैनजर चारू साहनी का कहना है कि भारत में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर में अच्छी-खासी प्रगति हो रही है जिसकी वजह से यहां आकर अपना इलाज कराने वाले पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हो रहा है और इसकी वजह से मेडिकल टूरिज्म को अब हमारे देश में बहुत बढ़ावा मिल रहा है।
इसके चलते इन दिनों कई निजी इंस्टिट्यूट छात्रों को मेडिकल टूरिज्म में स्पेशल कोर्स करवा रहे हैं। इस पेशे में प्रशिक्षित पेशेवरों की इन दिनों खूब मांग है। हमारे देश में मिडिल ईस्ट देशों से काफी पर्यटक खासतौर से अपना ईलाज कराने आते हैं। ऐसे में उन्हें हर तरह की मेडिकल सुविधाएं, होटल इत्यादि मुहैया करना ही मेडिकल टूरिज्म प्रोफेशनल का काम है।
यहां है पेशेवरों की मांग
इन दिनों कई बड़ी ट्रेवल एजेंसियों में मेडिकल टूरिज्म का अलग डिपार्टमेंट होता है। इसके अलावा बड़े अस्पतालों में भी मेडिकल टूरिज्म डेस्क की सुविधा होती है। यह डेस्क उन पर्यटकों की मदद के लिए होता है जो भारत में ईलाज कराने आते हैं। कई प्राइवेट एयरलाइंस में भी मेडिकल टूरिज्म हेल्प डेस्क की सुविधा होती है।
योग्यता
मेडिकल टूरिज्म में इन दिनों कई इंस्टिट्यूट कई तरह के डिग्री, सर्टिफिकेट और बैचलर कोर्स कराते हैं। इसके अलावा हेल्थकेयर में एमबीए भी कई इंस्टिट्यूट करवा रहे हैं। जहां तक बात है सर्टिफिकेट कोर्स की तो इसके लिए आपका किसी भी स्ट्रीम से 12वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा एमबीए प्रोग्राम के लिए बैचलर डिग्री की आवश्कता है।
यहां से करें कोर्स :
1. जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
पता - जामिया नगर, नई दिल्ली।
फोन - 011-26981717, 26984617
2. इंस्टिट्यूट ऑफ क्लीनिकल रिसर्च
पता - ए-201, ओखला इंडस्ट्रीयल एरिया, फेज-1
फोन - 011-40651000
3. इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड हाईजीन
पता - आरजेड-ए-44, महिपालपुर एक्सटेंशन, नई दिल्ली।
फोन - 011-26781075/76
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