केमिकल इंजीनियरिंगके क्षेत्र में आप अपने करियर को बेहतर बना सकते।
औद्योगिक क्षेत्रों, जैसे-प्लास्टिक, पेंट्स, फ्यूल्स, फाइबर्स, मेडिसिन,
फर्टिलाइजर्स, सेमीकंडक्टर्स, पेपर में काम करने के अलावा, पर्यावरण
सुरक्षा में भी अहम भूमिका निभाते हैं। आइए, जानते हैं केमिकल इंजीनियरिंग
के क्षेत्र में आपके लिए किस तरह के मौके हैं।
समय के साथ करियर
समय के साथ स्टूडेंट्स के सामने करियर के ढेरों नए ऑप्शंस खुल हुए रहते हैं, लेकिन आज भी इंजीनियरिंग फील्ड स्टूडेंट्स के लिए पसंदीदा करियर ऑप्शन बना हुआ है। जिसमें करियर के हमेशा ऑप्शंस रहते है। इंजीनियरिंग से जुड़ी एक फील्ड है केमिकल इंजीनियरिंग का, जिसमें करियर ऑप्शंस की कोई कमी नहीं रहती है। जैसे-जैसे इसका दायरा बढ़ रहा है, इस फील्ड में प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ती जा रही है।
केमिकल इंजीनियर का मुख्य काम विभिन्न रसायनों और रासायनिक उत्पादों के निर्माण में आने वाली समस्याओं को सॉल्व करना है। इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स पेट्रोलियम, रिफाइनिंग, फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी, खाद्य व कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, सिंथेटिक फूड, पेट्रो केमिकल्स, सिंथेटिक फाइबर्स, कोयला, खनिज उद्योग और एनवॉयर्नमेंटल इंजीनियरिंग जैसे अन्य क्षेत्रों में अपने करियर को बेहतर बना सकते हैं। अपनी फील्ड में एक्सपर्ट होने के लिए आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई भी करनी होती है। कुछ केमिकल इंजीनियर ऑक्सीडेशन, पॉलीमराइजेशन या प्रदूषण नियंत्रण जैसी फील्ड में भी एक्सपर्ट्स हो जाते हैं।
किस जगह ज्यादा संभावनाएं है
कोर्स करने के बाद सबसे ज्यादा नियुक्तियां केमिकल, प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, प्रिंटिंग, फूड व मिल्क इंडस्ट्री में होती हैं। इसके अलावा, प्रोफेशनल्स मिनरल इंडस्ट्री, पेट्रोकेमिकल प्लांट्स, फार्मास्यूटिकल, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स, डाई, पेंट, वार्निश, औषधि निर्माण, पेट्रोलियम टेक्सटाइल एवं डेयरी प्लास्टिक उद्योग आदि क्षेत्रों में जॉब के ऑप्शंस रहते है। शोध में रुचि रखने वाले रिसर्च इंजीनियरिंग का विभाग संभालते हैं। प्राइवेट एवं सरकारी संस्थानों में केमिकल इंजीनियरिंग से संबंधित जॉब्स की भरमार है। यह कोर्स करने के बाद आप विदेशी कपंनीयों में जॉब पा सकेते है। विदेशों में केमिकल इंजीनियर की काफी डिमांड है।
कैसे ले एंट्री
इस फील्ड में एंट्री के लिए ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए ऑल इंडिया लेवल पर होने वाले एंट्रेंस एग्जाम को क्वालिफाई करना जरूरी होता है। एग्जाम क्लीयर करने के बाद आइआइटी, बीएचयू, रुडक़ी एवं कुछ अन्य बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों में मेरिट के बेस पर एडमिशन मिल जाता है। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन लिया जा सकता है। ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) एग्जाम को क्वालिफाई करके पोस्टग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लिया जा
सकता है।
सैलरी पैकेज
केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में सैलरी प्रोफेशनल के एक्सपीरियंस, क्वालिफिकेशन आदि पर निर्भर करती है। प्राइवेट सेक्टर में प्रोफेशनल्स को ज्यादा पैसा ऑफर किया जाता है। बतौर फ्रेशर्स करियर शुरू करने पर सैलरी 20 से लेकर 25 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकती है। इस क्षेत्र में जॉब की कोई कमी नही है तथा इस क्षेत्र में करियर के ऑप्शंस हमेशा रहते है।
समय के साथ करियर
समय के साथ स्टूडेंट्स के सामने करियर के ढेरों नए ऑप्शंस खुल हुए रहते हैं, लेकिन आज भी इंजीनियरिंग फील्ड स्टूडेंट्स के लिए पसंदीदा करियर ऑप्शन बना हुआ है। जिसमें करियर के हमेशा ऑप्शंस रहते है। इंजीनियरिंग से जुड़ी एक फील्ड है केमिकल इंजीनियरिंग का, जिसमें करियर ऑप्शंस की कोई कमी नहीं रहती है। जैसे-जैसे इसका दायरा बढ़ रहा है, इस फील्ड में प्रोफेशनल्स की डिमांड भी बढ़ती जा रही है।
केमिकल इंजीनियर का मुख्य काम विभिन्न रसायनों और रासायनिक उत्पादों के निर्माण में आने वाली समस्याओं को सॉल्व करना है। इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स पेट्रोलियम, रिफाइनिंग, फर्टिलाइजर टेक्नोलॉजी, खाद्य व कृषि उत्पादों की प्रोसेसिंग, सिंथेटिक फूड, पेट्रो केमिकल्स, सिंथेटिक फाइबर्स, कोयला, खनिज उद्योग और एनवॉयर्नमेंटल इंजीनियरिंग जैसे अन्य क्षेत्रों में अपने करियर को बेहतर बना सकते हैं। अपनी फील्ड में एक्सपर्ट होने के लिए आपको फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि की पढ़ाई भी करनी होती है। कुछ केमिकल इंजीनियर ऑक्सीडेशन, पॉलीमराइजेशन या प्रदूषण नियंत्रण जैसी फील्ड में भी एक्सपर्ट्स हो जाते हैं।
किस जगह ज्यादा संभावनाएं है
कोर्स करने के बाद सबसे ज्यादा नियुक्तियां केमिकल, प्रोसेसिंग, मैन्युफैक्चरिंग, प्रिंटिंग, फूड व मिल्क इंडस्ट्री में होती हैं। इसके अलावा, प्रोफेशनल्स मिनरल इंडस्ट्री, पेट्रोकेमिकल प्लांट्स, फार्मास्यूटिकल, सिंथेटिक फाइबर्स, पेट्रोलियम रिफाइनिंग प्लांट्स, डाई, पेंट, वार्निश, औषधि निर्माण, पेट्रोलियम टेक्सटाइल एवं डेयरी प्लास्टिक उद्योग आदि क्षेत्रों में जॉब के ऑप्शंस रहते है। शोध में रुचि रखने वाले रिसर्च इंजीनियरिंग का विभाग संभालते हैं। प्राइवेट एवं सरकारी संस्थानों में केमिकल इंजीनियरिंग से संबंधित जॉब्स की भरमार है। यह कोर्स करने के बाद आप विदेशी कपंनीयों में जॉब पा सकेते है। विदेशों में केमिकल इंजीनियर की काफी डिमांड है।
कैसे ले एंट्री
इस फील्ड में एंट्री के लिए ग्रेजुएट होना अनिवार्य है। अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए ऑल इंडिया लेवल पर होने वाले एंट्रेंस एग्जाम को क्वालिफाई करना जरूरी होता है। एग्जाम क्लीयर करने के बाद आइआइटी, बीएचयू, रुडक़ी एवं कुछ अन्य बड़े इंजीनियरिंग कॉलेजों में मेरिट के बेस पर एडमिशन मिल जाता है। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के अलग-अलग इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए राज्यस्तरीय प्रवेश परीक्षा के जरिए एडमिशन लिया जा सकता है। ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) एग्जाम को क्वालिफाई करके पोस्टग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लिया जा
सकता है।
सैलरी पैकेज
केमिकल इंजीनियरिंग की फील्ड में सैलरी प्रोफेशनल के एक्सपीरियंस, क्वालिफिकेशन आदि पर निर्भर करती है। प्राइवेट सेक्टर में प्रोफेशनल्स को ज्यादा पैसा ऑफर किया जाता है। बतौर फ्रेशर्स करियर शुरू करने पर सैलरी 20 से लेकर 25 हजार रुपये प्रतिमाह हो सकती है। इस क्षेत्र में जॉब की कोई कमी नही है तथा इस क्षेत्र में करियर के ऑप्शंस हमेशा रहते है।
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