ब्रिटेन और यूरोप में लोकप्रियता हासिल करने के बाद सुगंध चिकित्सा
ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। जहां तक
भारत की बात की है तो हमारी सभ्यता में प्राचीनकाल से ही सुगंध चिकित्सा का
बोलबाला रहा है। आयुर्वेद में सुगंधित तेलों से शरीर की मालिश करने की
विधि का उपयोग होता है। इसके अलावा इत्र, धूप, अगरबत्ती जैसी वस्तुएं भी
भारतीय सभ्यता से बहुत लंबे समय से जुड़ी हुई हैं। आज सुगंध चिकित्सा
पद्धति न सिर्फ इलाज, बल्कि रोजगार के लिहाज से भी भारत में व्यापक
संभावनाओं से भरी है।
बढ़ती लोकप्रियता
प्राकृतिक चीजों के प्रति बढ़ते रुझान के कारण आज सेहत सुधार में भी सुगंध चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाने लगा है। भारत में सुगंध चिकित्सा के माध्यम से प्रकृति की ओर वापसी की धारणा को फिर से प्रचलित करने का श्रेय अगर किसी को दिया जाए तो इस कतार में शहनाज हुसैन, ब्लॉसम कोचर और भारती तनेजा जैसे नाम सामने आते हैं। वर्तमान में आलम यह है कि विज्ञान के विकास के चलते आज यह क्षेत्र बेहद विस्तृत हो गया है और एक इंडस्ट्री के रूप में तब्दील हो चुका है। आज भारी संख्या में लोग अपनी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक सुगंध चिकित्सा में खोज रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
पाठ्यक्रम और शैक्षणिक योग्यता
आज देश के कई शिक्षण संस्थानों ने इस विद्या का व्यावहारिक प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। न केवल सरकारी, बल्कि कई गैर सरकारी संस्थान भी सुगंध चिकित्सा से जुड़े डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स चला रहे हैं। इस थेरेपी से जुड़े सर्टिफिकेट स्तर के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं है। लेकिन अगर आप डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं तो अधिकांश शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए आवेदक के पास 12वीं कक्षा में रसायन विज्ञान का होना जरूरी है। सुगंध चिकित्सा के कई प्रोफेशनल कोर्स में केवल केमिस्ट्री विषय के साथ स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है।
अवसर अनेक
सुगंध चिकित्सा का कोर्स करने के उपरांत वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल कर इलाज करने वाले अस्पतालों, अनुसंधान और विकास संगठनों, सुगंधित तेल का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली कंपनियों, स्पा सेंटर, पांच सितारा होटलों, औषधि और पौष्टिक आहार बनाने वाली कंपनियों तथा सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में रोजगार की बेहतर संभावनाएं हैं।
प्रशिक्षण के उपरांत आप सुगंध चिकित्सक, सुगंधित पदार्थ विक्रेता, परामर्शदाता, सुगंधित पदार्थ के उत्पादन और व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अनुभव होने के बाद सुगंध चिकित्सक के रूप में स्वयं का क्लिनिक शुरू किया जा सकता है, जिसमें सौंदर्य की साज-संभाल के अलावा विभिन्न रोगों का इलाज भी किया जा सकता है। सुगंधित पदार्थ परामर्शदाता और इसके उत्पादन और व्यापार के क्षेत्र में भी कार्य किया जा सकता है।
मुख्य संस्थान
शहनाज हुसैन वुमंस इंटरनेशनल स्कूल ऑफ ब्यूटी, ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली
सुगंध और स्वाद विकास केंद्र, मार्कण्ड नगर, कन्नौज, उत्तर प्रदेश
पिवोट प्वॉइंट ब्यूटी स्कूल, कैलाश कॉलोनी, नई दिल्ली
दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट सर्विस, आकाशदीप बिल्डिंग, नई दिल्ली
वीजी वेज कॉलेज, केलकर एजुकेशन ट्रस्ट, मुंबई
बढ़ती लोकप्रियता
प्राकृतिक चीजों के प्रति बढ़ते रुझान के कारण आज सेहत सुधार में भी सुगंध चिकित्सा का इस्तेमाल किया जाने लगा है। भारत में सुगंध चिकित्सा के माध्यम से प्रकृति की ओर वापसी की धारणा को फिर से प्रचलित करने का श्रेय अगर किसी को दिया जाए तो इस कतार में शहनाज हुसैन, ब्लॉसम कोचर और भारती तनेजा जैसे नाम सामने आते हैं। वर्तमान में आलम यह है कि विज्ञान के विकास के चलते आज यह क्षेत्र बेहद विस्तृत हो गया है और एक इंडस्ट्री के रूप में तब्दील हो चुका है। आज भारी संख्या में लोग अपनी बीमारियों का इलाज प्राकृतिक सुगंध चिकित्सा में खोज रहे हैं। ऐसे में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
पाठ्यक्रम और शैक्षणिक योग्यता
आज देश के कई शिक्षण संस्थानों ने इस विद्या का व्यावहारिक प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। न केवल सरकारी, बल्कि कई गैर सरकारी संस्थान भी सुगंध चिकित्सा से जुड़े डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स चला रहे हैं। इस थेरेपी से जुड़े सर्टिफिकेट स्तर के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं है। लेकिन अगर आप डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना चाहते हैं तो अधिकांश शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए आवेदक के पास 12वीं कक्षा में रसायन विज्ञान का होना जरूरी है। सुगंध चिकित्सा के कई प्रोफेशनल कोर्स में केवल केमिस्ट्री विषय के साथ स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जाता है।
अवसर अनेक
सुगंध चिकित्सा का कोर्स करने के उपरांत वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल कर इलाज करने वाले अस्पतालों, अनुसंधान और विकास संगठनों, सुगंधित तेल का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाली कंपनियों, स्पा सेंटर, पांच सितारा होटलों, औषधि और पौष्टिक आहार बनाने वाली कंपनियों तथा सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में रोजगार की बेहतर संभावनाएं हैं।
प्रशिक्षण के उपरांत आप सुगंध चिकित्सक, सुगंधित पदार्थ विक्रेता, परामर्शदाता, सुगंधित पदार्थ के उत्पादन और व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अनुभव होने के बाद सुगंध चिकित्सक के रूप में स्वयं का क्लिनिक शुरू किया जा सकता है, जिसमें सौंदर्य की साज-संभाल के अलावा विभिन्न रोगों का इलाज भी किया जा सकता है। सुगंधित पदार्थ परामर्शदाता और इसके उत्पादन और व्यापार के क्षेत्र में भी कार्य किया जा सकता है।
मुख्य संस्थान
शहनाज हुसैन वुमंस इंटरनेशनल स्कूल ऑफ ब्यूटी, ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली
सुगंध और स्वाद विकास केंद्र, मार्कण्ड नगर, कन्नौज, उत्तर प्रदेश
पिवोट प्वॉइंट ब्यूटी स्कूल, कैलाश कॉलोनी, नई दिल्ली
दिल्ली स्कूल ऑफ मैनेजमेंट सर्विस, आकाशदीप बिल्डिंग, नई दिल्ली
वीजी वेज कॉलेज, केलकर एजुकेशन ट्रस्ट, मुंबई