Wednesday, September 23, 2015

एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग में करियर

एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में मौजूद अवसरों के बारे में आमतौर पर स्टूडेंट्स को कम ही मालूम होता है। वैसे भी जिन क्षेत्रों के बारे में खूब जानकारी मौजूद है, हम उन्हीं में अपना करियर बनाना चाहते हैं। नए और अपेक्षाकृत कम पॉपुलर क्षेत्रों में करियर बनाने के बारे में हम सोचते ही नहीं हैं। अगर आप एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो यहां आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही हैं।

जैसा कि नाम से ही जाहिर है एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग में एग्रिकल्चर, फूड और बायॉलजिकल सिस्टम्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई जाती है। एग्रिकल्चरल इंजीनियर्स एग्रिकल्चरल प्रॉडक्शन और प्रॉसेसिंग के क्षेत्र में इंजीनियरिंग साइंस और टेकनॅलजी में तमाम तरह के डेवलपमेंट करते हैं। साथ ही प्राकृतिक संसाधनों का मैनेजमेंट भी इनकी जिम्मेदारी में शामिल होता है। एग्रिकल्चरल प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिए ये लोग अपनी स्किल्स का इस्तेमाल करते हैं।

एग्रिकल्चरल इंजीनियर्स को इस तरह से ट्रेनिंग दी जाती है, जिससे वे मिट्टी, पानी और फसलों आदि पर अपने इंजीनियरिंग सिद्धांतों का उपयोग कर सकें। इसके अलावा, एग्रिकल्चरल फार्म मशीनरी, फार्म स्ट्रक्चर्स, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन, बायोगैस से संबंधित मामलों को बेहतर बनाने का काम भी एग्रिकल्चरल इंजीनियर्स ही करते हैं।

जिन लोगों के पास एग्रिकल्चरल इंजीनियरिंग में प्रफेशनल डिग्री है, उनके लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। एग्रिकल्चरल इंजीनियर्स प्रॉडक्शन, सेल्स, मैनेजमेंट, रिसर्च एंड डेवलपमेंट या एप्लाइड साइंस के क्षेत्रों में काम कर सकते हैं। एग्रिकल्चर इंजीनियर्स की एक बड़ी संख्या एकेडमिक्स और रिसर्च के क्षेत्र में काम करती है। विभिन्न प्राइवेट और सरकारी संस्थाएं जैसे सेंट्रल एंड स्टेट एग्रिकल्चरल यूनिवसिर्टीज, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) और विभिन्न राज्यों में मौजूद काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चरल रिसर्च में ऐसे लोगों के लिए तमाम तरह के अवसर मौजूद होते हैं। कई अन्य सरकारी और निजी सेक्टर्स में भी आपको नौकरियां मिल सकती हैं। जिन एग्रिकल्चरल इंजीनियर्स के पास डॉक्टोरेट की डिग्री है, वे साइंटिस्ट, असिस्टेंट प्रफेसर, रिसर्च ऑफिसर जैसे पदों पर नौकरियां पा सकते हैं।

विभिन्न स्टेट एग्रिकल्चरल यूनिवसिर्टीज, डीम्ड यूनिवसिर्टीज, सेंट्रल एग्रिकल्चरल यूनिवसिर्टीज और सेंट्रल यूनिवसिर्टीज अंडरग्रैजुएट, पोस्टग्रैजुएट और डॉक्टोरेट लेवल पर कई तरह के कोर्स चलाती हैं। इन संस्थानों द्वारा चलाए जाने वाले बीटेक (एग्रिकल्चर) कोर्स के लिए वे स्टूडेंट्स पात्र हैं, जिन्होंने फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स विषयों के साथ बारहवीं पास कर ली है। एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के जरिए दिया जाता है। इसके अलावा, आईसीएआर स्टेट यूनिवसिर्टीज, डीम्ड यूनिवसिर्टीज और सेंट्रल यूनिवसिर्टीज की 15 परसेंट सीटों के लिए ऑल इंडिया एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन करता है। अगर आप पीजी कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो आपको इंजीनियरिंग में बीटेक होना चाहिए। डॉक्टोरेट डिग्री के लिए स्टूडेंट्स को एमटेक या एमएससी होना चाहिए।

यहां कुछ जानी-मानी एग्रिकल्चरल यूनिवसिर्टीज की लिस्ट दी जा रही है।

1 . आईआईटी खड़गपुर।

2 . नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेकनॅलजी।

3 . रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज।

4 . बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेकनॅलजी (बिट्स), पिलानी और रांची।

5 . दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, दिल्ली।

6. यूनिवसिर्टी ऑफ रुड़की, रुड़की।

No comments:

Post a Comment