मौसम जितने मोहक और मादक होते हैं, उनसे जुड़े करियर भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं। कल तक यह माना जाता था कि मौसम का संबंध केवल खेती-किसानी से ही है तो अब यह धारणा पुरानी हो चुकी है। सैटेलाइट के इस युग में सुनामी तूफान से बचाने की कवायद से लेकर एयरलाइंस की उड़ानों, जहाजों के परिवहन से लेकर खेल मैदानों की हलचल में मौसम विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यही कारण है कि सरकारी विभागों से लेकर मौसम विज्ञान की भविष्यवाणी करने वाली प्रयोगशालाओं, अंतरिक्ष विभाग और टेलीविजन चैनल पर मौसम विज्ञान एक अच्छे करियर की दावत दे रहा है। यदि आपको हवा, बादल, समुद्र, बरसात, धुँध-कोहरे, आँधी-तूफान और बिजली में दिलचस्पी है तो मौसम विज्ञान का क्षेत्र न केवल आपकी इन क्षेत्रों की जिज्ञासाओं की पूर्ति करेगा, बल्कि एक शानदार करियर भी प्रदान करेगा, जो बदलते मौसम की तरह ही मोहक होगा।
बहुआयामी करियर
मौसम विज्ञान के इतने अधिक आयाम हैं कि इस क्षेत्र में अध्ययन कर अपनी अभिरुचि के अनुसार परिचालन, अनुसंधान तथा अनुप्रयोग अर्थात ऑपरेशंस-रिसर्च या एप्लिकेशंस के क्षेत्र में बहुआयामी करियर बनाया जा सकता है। ऑपरेशंस के तहत मौसम उपग्रहों, राडार, रिमोट सेंसर तथा एयर प्रेशर, टेम्प्रेचर, एनवायरमेंट, ह्यूमिडिटी से संबंधित सूचनाएँ एकत्रित कर मौसम की भविष्यवाणी की जाती है।
यह भविष्यवाणी समुद्र में आने वाले तूफान तथा चक्रवाती हवाओं से मछुआरों तथा समुद्री राह में चलने वाले जहाजों को सुरक्षा प्रदान कर जान-माल के नुकसान से बचाने का कार्य करती है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए क्लाइमेटोलॉजी, हाइड्रोमेट्रोलॉजी, मेरिन मीट्रिओलॉजी तथा एविएशन मीट्रिओलॉजी में विशेषज्ञता हासिल करना होता है। शोध-कार्य के लिए मौसम विज्ञान में काफी अच्छी संभावनाएँ हैं।
मौसम के आधार पर ही उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है, फसलों का आकलन किया जाता है और अब तो खेल के मैदान में खिलाड़ी भी मौसम का हाल जानकर ही खेलने या न खेलने का निर्णय लेने लगे हैं। मौसम विज्ञान से जुड़े शोधार्थी मौसम के विशेष अवयवों हवा, नमी, तापमान संबंधी सूचनाओं और आँकड़ों का विश्लेषण करते हैं तथा यह तय करते हैं कि मौसम का मिजाज कैसा रहेगा।
मौसम विज्ञान का एप्लिकेशंस क्षेत्र वातावरण के संरचनात्मक अवयवों उनके प्रभावों अर्थात एप्लिकेशंस का अध्ययन कर एनवायरमेंट पर रिपोर्ट तैयार करते हैं जो न केवल सरकारी विभागों के लिए महत्वपूर्ण होती है, बल्कि टीवी चैनल पर मौसम की सूचना देने के काम भी आती है। इसके माध्यम से मछुआरों से लेकर आकाश में उड़ने वाले हवाई जहाजों को मौसम के बिगड़ते मिजाज से अवगत करा जोखिम से बचाया जा सकता है।
कैसे हैं अवसर मौसम विज्ञानियों के लिए?
औद्योगीकरण के इस युग में मौसम विज्ञान का महत्व कुछ ज्यादा ही ब़ढ़ गया है। इस क्षेत्र में बतौर इंडस्ट्रीयल मीट्रिओलॉजिस्ट अर्थात औद्योगिक मौसम विज्ञानी के रूप में आकर्षक करियर बनाया जा सकता है। ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण के प्रति आज सारी दुनिया इतनी जागरूक हो गई है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, जिनमें मौसम विज्ञानियों का सर्वाधिक महत्व है।
यही कारण है कि आज की परिस्थिति में मौसम विज्ञानियों के लिए सारी दुनिया में शानदार प्रतिष्ठापूर्ण करियर बनाने के अवसर उपलब्ध हैं। उद्योग के अतिरिक्त अंतरिक्ष, कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में भी इस क्षेत्र में अच्छे अवसर मौजूद हैं। स्पेशलाइजेशन के इस दौर में मौसम भविष्यवक्ता के रूप में एम्प्लायमेंट के बेहतरीन अवसर सामने दिखाई देते हैं। देश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित मौसम विज्ञान कार्यालयों और प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त सिविल एविएशन, शिपिंग, सेना में मौसम सलाहकार के पद उपलब्ध हैं।
कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नागपुर, चेन्नाई, कोलकाता और नई दिल्ली स्थित मौसम विभागों में भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें फिजिक्स विषय लेकर स्नातक उपाधि प्राप्त युवा आवेदन कर सकते हैं। इस परीक्षा में फिजिक्स, मैथ्स का एक पर्चा होता है तथा दूसरा प्रश्न-पत्र जनरल नॉलेज और इंग्लिश पर आधारित होता है। दोनों पेपर ऑब्जेक्टिव होते हैं। चुने गए प्रत्याशियों को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अपने खर्च से प्रशिक्षण देकर नियुक्ति प्रदान की जाती है।
क्या खासियत होनी चाहिए मौसम विज्ञानी में?
मौसम का मिजाज जानना एक विशेष कार्य है, जिसके लिए व्यक्ति में कुछ विशेष गुणों का होना फायदेमंद माना जाता है। आमतौर पर मौसम संबंधी आँकड़ों का संकलन और विश्लेषण का कार्य प्रयोगशालाओं में होता है। कई प्रयोगशालाएँ दूरस्थ बनी होती हैं जैसे अंटार्कटिका की प्रयोगशालाएँ। इसलिए इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों को एकाकी स्थानों पर रहने का अभ्यस्त होना चाहिए।
इस कार्य के लिए ऑफिस की तरह 10 से 5 का समय भी निर्धारित नहीं है। कई बार घंटों खाली बैठे रहना होता है तो कई बार चौबीसों घंटे व्यस्त रहना पड़ता है, जिसके लिए पर्याप्त धैर्य की आवश्यकता होती है। आपातकालीन स्थिति में इस क्षेत्र पर भारी दबाव आता है। साथ ही इसमें टीम वर्क के रूप में काम करना भी अपेक्षित है। इसलिए ये सब काम किसी चुनौती से कम नहीं हैं। इसीलिए इस क्षेत्र का चयन ऐसे युवाओं को ही करना चाहिए, जो चुनौतीपूर्ण और साहसिक कार्य करने में दिलचस्पी रखते हों।
क्या हो योग्यता?
मौसम विज्ञान एक ऑपरेशंस-रिसर्च और एप्लिकेशंस का क्षेत्र है इसलिए इसमें प्रवेश के लिए कम से कम मौसम विज्ञान अथवा पर्यावरण विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर उपाधि तो होनी ही चाहिए। इसके लिए स्नातक स्तर पर पीसीएम विषय होना आवश्यक है। हमारे यहाँ कई विश्वविद्यालयों में इस विषय की पढ़ाई होती है।
मौसम विज्ञान संचालित करने वाले प्रमुख संस्थान
- भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू
- आईआईटी खड़गपुर
- पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला
- आंध्रा यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम
- मणिपुर यूनिवर्सिटी इम्फाल
- देवी अहिल्या विवि इंदौर-पर्यावरण विज्ञान
- अरतियार विश्वविद्यालय कोयम्बटूर
- कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- एमएस यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा, बड़ौदा
- शिवाजी यूनिवर्सिटी विद्यानगर, कोल्हापुर
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