Sunday, June 21, 2015

PETROCRATS बनें एनर्जी के एक्सपर्ट


अगर आप इमर्जिग करियर चाहते हैं तो पेट्रोलियम सेक्टर की ओर मूव कर सकते हैं। इन दिनों पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की बढती मांग ने इस सेक्टर को टॉप पर पहुंचा दिया है। पहले पेट्रोलियम के नाम पर हम सिर्फ पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और केरोसिन ऑयल को ही जानते थे। अब सीएनजी भी इसमें शामिल हो गई है। अभी तक इस फील्ड में सिर्फ जियोलॉजिस्ट और केमिकल इंजीनियर्स का ही दबदबा था, लेकिन बढती मांग और फील्ड विस्तार की वजह से विभिन्न क्षेत्रों में इससे संबंधित एक्सपर्ट रखे जा रहे हैं।
मल्टीपल कोर्सेज
इस फील्ड में करियर बनाने के लिए आपके पास कई तरह के कोर्स हैं। अगर आप इससे संबंधित इस फील्ड में डिप्लोमा, बीटेक, एमटेक या एमबीए हैं, तो एंट्री कर सकते हैं। इसके अलावा एमटेक डुअल डिग्री करने का भी विकल्प खुला है, जो पांच साल की डिग्री है। इसमें हायर सेकेंडरी पास स्टूडेंट एडमिशन ले सकते हैं। कुछ चुनिंदा संस्थान एमएससी कोर्स भी चलाते हैं।
पर्सनल स्किल
इस फील्ड में अपना भविष्य देख रहे युवाओं के लिए इसके कामकाज का तरीका समझना ज्यादा आवश्यक है। इनका काम जमीन के अंदर तेल की खोज और खुदाई, नमूनों की जांच, क्रूड ऑयल को अलग-अलग करना, प्रोसेसिंग और प्रोडक्शन करना होता है। यह फील्ड मेकेनिकल माइनिंग और केमिकल इंजीनियरिंग का मिला-जुला रूप हैं। इसलिए बेसिक साइंस, फिजिक्स, जियोलॉजी और केमिस्ट्री के स्टूडेंट्स इस फील्ड को करियर के रूप में चुन सकते हैं।
अपॉ‌र्च्यूनिटी एक्सप्लोर
एक बेहतरीन पेट्रो एक्सपर्ट के पास सिर्फ इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट का ही ऑप्शन नहीं है, बल्कि इसमें माइंस की खुदाई और उसमें से खनिज और ईधन की खोज भी शामिल हैं। चाहे एग्रीकल्चर हो, परफ्यूम इंडस्ट्री या फिर पेंट्स इंडस्ट्री की बात करें, तमाम तरह के उद्योग-धंधे पेट्रोलियम पर ही निर्भर करते हैं। लुब्रीकेंट्स, पेस्टीसाइड्स, कीटनाशक, केरोसिन, वैक्स और दूसरी तमाम तरह की चीजें किसी न किसी तरह पेट्रोलियम से ही बनी हैं। मार्केटिंग में भी इसकी संभावनाएं बेहद मजबूत हैं। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, ओएनजीसी, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, रिलायंस, अदानी, एस्सार और केयर्स एनर्जी जैसी कई बडी कंपनियां पेट्रो प्रोफेशनल्स को शानदार सैलरी पैकेज पर जॉब ऑफर कर रही हैं। साथ ही यूरोप के साथ खाडी देशों के दरवाजे भी खुले हैं।
इंस्टीट्यूट वॉच
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी, गांधीनगर
-यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून
-राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, रायबरेली
-इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद
-बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
-आईआईटी, चेन्नई
एक्सपर्ट बाइट
पेट्रोलियम प्रोडक्शन के मामले में भारत काफी पीछे है, लेकिन खपत के मामले में विकसित देशों से टक्कर ले रहा है। जाहिर है कि जब यहां पेट्रो प्रोडक्ट का इस्तेमाल ज्यादा है, तो इससे संबंधित प्रोफेशनल्स की डिमांड भी ज्यादा होगी।
यही कारण है कि पेट्रोलियम इंडस्ट्री अब काफी बडा रूप ले चुकी है। यह पेट्रोल पंप से रिफाइनरी डिपो और मल्टीनेशनल कंपनियों तक फैल चुका है।

No comments:

Post a Comment