फोर्ब्स ने डेंटल हाइजीनिस्ट को टॉप टेन की लिस्ट में रखा है। आने वाले समय में इसकी जॉब ग्रोथ 38 परसेंट तक रहेगी और जॉब डिमांड ग्लोबल रहेगी..
डेंटल हाइजीनिस्ट ओरल हेल्थ की देखभाल का स्पेशलिस्ट होता है। अगर आप इस फील्ड में जाकर करियर बनाना चाहते हैं, तो चांस कम नहीं हैं। अमेरिका ही नहीं, इंटरनेशनल लेवल पर सबसे ज्यादा जॉब इसी फील्ड में माने जा रहे हैं।
सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, नई दिल्ली से रिलेटेड कुछ कॉलेजों से डेंटल मैकेनिक और डेंटल हाइजीन से जुडे सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। फॉरेन के मुकाबले इंडिया में अभी इसमें अटेंशन कम है, लेकिन ग्रोथ को देखते हुए अब लोग इस ओर रुख कर रहे हैं। अमेरिका, ऑस्टेलिया, यूके जैसे कंट्रीज में डेंटल हाइजीन को अच्छा करियर माना जाता है।
वर्क प्रोफाइल
डेंटल हाइजीनिस्ट डेंटिस्ट की हेल्प के साथ दांतों की सफाई, छिलाई, एक्सरे लेना तथा उन्हें डेवलप करना, इंस्टूमेंट्स को स्टरलाइज करना, डेंटल क्लीनिंग, स्केलिंग और पॉलिशिंग, डेंटल इंप्रेशन लेना आदि करता है। यह पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री, ब्लड प्रेशर और दूसरे जरूरी डिटेल भी चेक करता है।
स्किल्स
इसके लिए फिट एंड फाइन, गुड हेल्थ, हार्डवर्कर, चीजों को ध्यान से समझने वाला होना चाहिए। एक अच्छा डेंटल हाइजीनिस्ट ट्रीटमेंट के दौरान पेशेंट से कम्युनिकेशन करते हुए उन्हें पेन का अहसास नहीं होने देता। इसके पास साइंटिफिक नॉलेज के अलावा आर्टिस्टिक अप्रोच होना जरूरी है। यह एक तरह का साइंटिस्ट है, जो सभी तरह के मुंह के रोगों की रोकथाम, पहचान तथा ट्रीटमेंट द्वारा पेशेंट की हेल्प करता है।
एंप्लायमेंट ऑप्शंस
बदलती लाइफ स्टाइल में लोगों का खानपान बदल गया है। कम उम्र में ही लोगों को डेंटल प्रॉब्लम होने लगी है, जिसका ट्रीटमेंट कराने के लिए हम डेंटिस्ट के पास जाते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार स्थिति यह है कि पॉपुलेशन के एवरेज रेश्यो में जितने डेंटिस्ट हाइजीनिस्ट की जरूरत है, उससे कहीं कम हैं। इस लिहाज से डेंटिस्ट के लिए हॉस्पिटल्स के डेंटल ट्रीटमेंट डिपार्टमेंट के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी काफी स्कोप बना हुआ है। वे एजुकेशन सेक्टर में भी किस्मत आजमा सकते हैं। वहां भी उनके लिए ऑप्शंस कम नहीं हैं। इसके अलावा नर्सिग होम्स, रिसर्च डिपार्टमेंट्स, फॉर्मास्युटिकल कंपनियों में भी करियर बना सकते हैं। वे डेंटल केयर से जुडी एजेंसीज, डिफेंस में भी वर्क कर सकते हैं। इसके अलावा चाहें तो कॉस्मेटिक डेंटिस्ट बनकर सेल्फ एम्प्लॉयमेंट का खुला ऑप्शन भी चुन सकते हैं। ओरल कैंसर इंटरनेशनल लेवल पर एक बडा खतरा बनकर सामने आ रहा है। ऐसे में ओरल हाइजीन पर स्पॉटलाइट पहले से कहीं अधिक हो गई है। डेंटल साइंस की तरफ रुझान होने की वजह से स्किलफुल हैंडलिंग और एक्युरेसी इस करियर में आपके लिए काफी हेल्पफुल हो सकते हैं। इंडिया में इसकी पढाई अधिकतर डेंटल कॉलेजेज में ही कराई जा रही है। कुछ इंस्टीट्यूट्स अलग से कोर्स भी कंडक्ट करा रहे हैं।
फ्यूचर है ब्राइट
इंडिया में डेंटल हाइजीनिस्ट नया करियर है। इस कारण इसके बढने के चांसेज सबसे ज्यादा हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि आज हर दूसरा व्यक्ति डेंटल डिजीज से ग्रसित है और उचित देखभाल के अभाव में उनकी डेंटल प्रॉब्लम्स बढ रही हैं। सरकारी और निजी प्रयास से अब जागरुकता बढ रही है और डेंटल डिजीज को भी लोग सीरियस लेने लगे हैं। इसके अलावा, इंडिया में ऐसी क्लास भी है, जिसके पास पैसे की कमी नहीं है। उनकी लाइफ स्टाइल भी बिंदास है। स्मार्ट दिखने के लिए काफी संख्या में ऐसे लोग डेंटल हाइजीनिस्ट के पास आ रहे हैं। अगर आप कुछ दिन एक्सपीरियंस लेकर खुद का क्लीनिक खोलते हैं और बेहतर वर्क से पेशेंट को सटिस्फाइड करते हैं, तो आपको दूसरे करियर फील्ड की अपेक्षा आगे बढने के चांसेज सबसे ज्यादा हैं। आने वाले सालों में इस फील्ड काफी स्कोप है, क्योंकि जिस स्पीड से लाइफ स्टाइल चेंज हो रही हैं, उसी स्पीड से डेंटल प्रॉब्लम्स भी बढ रही हैं।
Finance की प्लानिंग
फाइनेंस सेक्टर में अगले 10 सालों में जॉब ग्रोथ रेट 32 परसेंट तक बढने की उम्मीद है। ऐसे में करियर के लिहाज से यह बेस्ट ऑप्शन है..
ग्लोबलाजेशन से इंडियन इकोनॉमी में ही चेंज नहीं आया है, बल्कि इंडियन कॉरपोरेट सेक्टर ही बदल गया है। नई-नई जॉब सामने आ रही हैं। अगर आप भी कॉरपोरेट सेक्टर में करियर स्टैब्लिश करना चाहते हैं, तो फाइनेंशियल एक्सपर्ट बन शुरुआत कर सकते हैं। यहां करियर बनाने के कई ऑप्शन हैं। इसका कोर्स करके कहीं भी जॉब के लिए एडजस्ट हुआ जा सकता है। इसमें डिग्री या पीजी कोर्स कर लें तो करियर की राह आसानी से सहज हो जाती है।
पीजी डिग्री तक
फाइनेंशियल प्लानर बनने के लिए डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक के कोर्स हैं। इन कोर्सेज में फाइनेंशियल अकाउंटिंग और इकोनॉमिक्स पर मेन फोकस रहता है। इन कोर्सेज से चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट, सीएस, एमबीए प्रोफेशनल्स को एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलता है।
एलिजिबिलिटी
कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स के लिए यह गोल्डन फील्ड है, लेकिन अन्य स्ट्रीम के स्टूडेंट्स भी इसमें करियर बना सकते हैं। एंट्री के लिए मिनिमम क्वॉलिफिकेशन किसी भी स्ट्रीम में 50 परसेंट मार्क्स के साथ हायर सेकेंडरी पास होना जरूरी है। कोर्स में एंट्री मेरिट या एंट्रेंस बेस पर दी जाती है।
वर्क प्रोफाइल
फाइनेंशियल सर्विस से जुडे इस प्रोफेशनल का मेन वर्क ऑर्गेनाइजेशन के लिए मनी क्रिएट करना, कैश जनरेट करना और किसी भी इनवेस्टमेंट पर अधिक से अधिक रिटर्न दिलाना है। इसके साथ ही आगे की फाइनेंशियल प्लानिंग भी ये करते हैं। ये किसी भी कंपनी की बैलेंसशीट को एनालाइज करते हैं, ताकि फ्यूचर के लिए फाइनेंस प्लानिंग की जा सके।
जॉब आप्शंस
इंडिया दुनिया की तीसरी सबसे तेजी से बढती हुई मार्केट है। अर्नस्ट एंड यंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया आईपीओ के मामले में दुनिया का पांचवां सबसे बडा कंट्री बन गया है। म्युचुअल फंड में भी इसकी ग्रोथ सराहनीय है और आने वाले तीन सालों में इस सेक्टर में 30 परसेंट की ग्रोथ देखी जा सकती है। फोर्ब्स के टॉप 50 माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट्स में इंडिया के सात इंस्टीट्यूट जगह बनाने में सक्सेस हुए हैं। फाइनेंशियल आउटसोर्सिग सर्विस के बढने से टैलेंटेड प्रोफेशनल्स की उपलब्धता, ऑफशोर लोकेशन, बेहतर आउटसोर्सिग स्ट्रेटेजी आदि सभी में इजाफा हुआ है। हाल के वर्षो में जिस तरह से फाइनेंशियल केपीओ सेक्टर बढा है, उसने फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के लिए अपॉच्र्युनिटीज के नए रास्ते खोल दिए हैं।
मेन इंस्टीट्यूट्स
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली - अलीगढ मुस्लिम यूनिवíसटी, अलीगढ
- द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट ऑफ इंडिया, दिल्ली
- देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर
- कुरुक्षेत्र यूनिवíसटी, हरियाणा
-यूनिवíसटी ऑफ लखनऊ, लखनऊ
जॉब सीन
इसके प्रोफेशनल्स को कारपोरेट फाइनेंस, इंटरनेशनल फाइनेंस, मर्चेट बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, कैपिटल एंड मनी मार्केट, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट, स्टॉक ब्रोकिंग, शेयर, रजिस्ट्री, क्रेडिट रेटिंग आदि में जॉब मिलती है। गवर्नमेंट बैंक्स के अलावा प्राइवेट और फॉरेन बैंक्स की एंट्री होने से फाइनेंशियल एक्सपर्ट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, फाइनेंशियल प्लानर आदि की डिमांड बढी है। एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, विदेशी बैंक जैसे- आरबीएस, सिटीगोल्ड वेल्थ मैनेजमेंट, सिटी बैंक, डच बैंक, एचएसबीसी आदि में बहुत ऑप्शंस हैं। इनवेस्टमेंट फर्म जैसे- डीएसपी मैरील लाइंच, कोटक सिक्योरिटीज, आनंद राठी इंवेस्टमेंट और जे.एम. मार्गन स्टेनली में भी जॉब के अवसर हैं। इस फील्ड में एक बार पैर जम जाएं, तो मनी प्रॉब्लम अपने आप खत्म हो जाती है। सैलरी क्वॉलिटी वर्क, एक्सपीरियंस और इंडस्ट्री पर डिपेंड करती है।
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