लरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में क्रिएटिव दिल और प्रोफेशनल दिमाग के कॉम्बिनेशन का बेजोड़ मेल देखने को मिलता है। ज्वेलरी डिजाइनिंग में आप कैसे अपना भविष्य बना सकते हैं, इस बारे में बता रही हैं रुचि
भारतीय आभूषण बाजार में बड़े-बड़े देशी और विदेशी ब्रांड्स जैसे तनिष्क, स्वरोवस्की, डी बीयर्स, डी डमास, टिफनीज, आईटीसी लाइफ स्टाइल, गीतांजली ज्वेलरी प्राइवेट लिमिटेड बहुत तेजी के साथ अपनी जगह बना रहे हैं। जहां नए ब्रांड अपने पांव जमाएंगे, वहां उनके कारोबारी सपनों को पूरा करने के लिए प्रोफेशनल्स की जरूरत तो पड़ेगी ही। सिर्फ नए ब्रांड ही क्यों, दुनिया के कुल सोने के कारोबार का 20 फीसदी हिस्सा जो अकेले भारत की झोली में है, उसे देखते हुए भी कह सकते हैं कि ज्वेलरी डिजाइनिंग करियर के लिहाज से एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
आज बाजार कस्टमाइजेशन और नई-नई तकनीकों के इस्तेमाल का है। ऐसे में पुराने सुनारों के दिन तो फिरते हुए दिखाई दे ही रहे हैं, साथ ही ज्वेलरी डिजाइनर्स की एक बड़ी फौज भी तैयार हो रही है।
आभूषणों में अलग-अलग रंगों और आकारों का चलन तेजी से ग्राहकों के बीच अपनी जगह बना रहा है। यह चलन किसी और की नहीं, बल्कि ज्वेलरी डिजाइनर्स की ही देन है। दिल्ली के ज्वेलरी डिजाइनिंग इंस्टीटय़ूट ऑफ फैशन टेक्नालॉजी की फैकल्टी, शिवानी वोहरा का कहना है, ‘आज मार्केट में हर काम के लिए स्पेशलाइज्ड लेबर की जरूरत होती है। इसके लिए अलग-अलग कोर्स भी हैं। जैसे आजकल कॉस्टय़ूम ज्वेलरी मेकिंग का बहुत चलन है। इसमें हैंड मेड ज्वेलरी भी शामिल है। इसके अलावा इंडस्ट्री ओरिएंटेड डिजाइनिंग होती है, जिसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है कि क्या चलन में है या किसी को अपनी ज्वेलरी में क्या चाहिए।’
जहां करियर के लिहाज से यहां ढेरों संभावनाएं हैं, वहीं व्यक्तिगत तौर पर छात्रों में क्या योग्यताएं होनी चाहिए, इस बारे में पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन, जयपुर के ज्वेलरी डिजाइनिंग डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर और फाउंडर कोर्स लीडर धीरज कुमार का कहना है, ‘यह क्षेत्र हर उस छात्र के लिए है, जो क्रिएटिव फील्ड में अपना करियर बनाना चाहता है यानी क्रिएटिविटी आपकी पहली और आखिरी योग्यता है। कोर्स करने के साथ आपको बेसिक जानकारी मिल जाती है, साथ ही आपका हुनर भी पॉलिश हो जाता है, जिसका इस्तेमाल आप आभूषण के बाजार में कर सकते हैं।’ उनका यह भी कहना है कि किसी भी डिजाइनर के लिए एक आइडिया से ज्वेलरी बनाने के लिए 1 से 2 साल का वक्त पर्याप्त है। लेकिन ज्वेलरी डिजाइनिंग में एक साथ कई चीजें शामिल होती हैं, इसलिए इसमें जितना समय दिया जाए, उतना बढ़िया है।
ज्वेलरी डिजाइनिंग एक काफी बडा विषय है, इसलिए छात्र चाहें तो ग्रेजुएशन के अलावा बेसिक ज्वेलरी डिजाइनिंग एंड मैन्युफैक्चरिंग से शुरुआत कर आगे अपनी पसंद के फील्ड में एडवांस कोर्स कर सकते हैं। इन कोर्स के माध्यम से छात्रों को बहुमूल्य धातुओं के इस्तेमाल से लेकर हीरे तथा अन्य रत्नों की जानकारी व उनके प्रयोग के बारे में भी सिखाया जाता है। कुछ संस्थान ज्वेलरी डिजाइनिंग को लाइफस्टाइल का ही एक हिस्सा मानते हैं, इसलिए वे इसे एक्सेसरीज डिजाइनिंग में शामिल करते हैं। ऐसे में छात्र न सिर्फ आभूषण, बल्कि बहुमूल्य धातुओं और रत्नों के अलग-अलग प्रयोगों के बारे में भी सीख सकते हैं।
ज्वेलरी डिजाइनर्स का काम
सबसे पहले ज्वेलरी डिजाइनर्स ब्रांड या स्टोर की जरूरतों और पसंद को ध्यान में रखते हुए हाथ या कंप्यूटर के जरिये स्कैच तैयार करते हैं। उनसे सलाह करने के बाद डिजाइनर्स एक डिटेल ड्रॉइंग तैयार करते हैं।
अब डिजाइन्स को फ्लोरल पैटर्न्स पर तैयार करने के बाद अलग-अलग ढांचों को एक साथ जोड़ा जाता है। डिजाइनर अपने डिजाइन को तैयार करते समय इस बात का खास खयाल रखता है कि आखिर में उसका डिजाइन किस कच्चे माल से तैयार होगा। यह सब काम हो जाने के बाद वह खुद कारीगरों के साथ लग कर आभूषण तैयार करता है।
एक्सपर्ट व्यू
प्रेक्टिकल ट्रेनिंग है जरूरी
रीया नस्ता
हेड डिजाइनर, रीयाज स्टूडियो
मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए किसी का भी 10वीं पास होना बेहद जरूरी है। लेकिन लोगों का यह मानना कि आपको आर्ट्स की समझ होनी चाहिए, ऐसा बिल्कुल नहीं है। हां, ज्वेलरी डिजाइनिंग में सबसे ज्यादा जोर क्रिएटिविटी पर रहता है, इसलिए आपका दिलो-दिमाग से क्रिएटिव होना बेहद जरूरी है।
कुछ स्टूडेंट्स को ऐसा लगता है कि उन्होंने कोर्स कर लिया तो वे ज्वेलरी डिजाइनर बन गए, ऐसा नहीं है। किसी भी अन्य कोर्स की तरह आपका घर पर लगातार प्रेक्टिस करना बहुत जरूरी है। कोर्स के बाद प्रेक्टिकल ट्रेनिंग और जानकारी के लिए इंटर्नशिप अनिवार्य है। अगर आप इस क्षेत्र में अपने विषय में महारत हासिल करना चाहते हैं तो यह बेहतर रहेगा कि आप डायमंड ग्रेडिंग, जेमोलॉजी, ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग जैसे कोर्स भी करें।
जहां तक बात है ज्वेलरी डिजाइनिंग की है तो एक डिजाइनर कई चीजों पर ध्यान दे सकता है। आज बड़े पैमाने पर ज्वेलरी डिजाइन की जाती है, जैसे कॉलेज गोइंग्स या स्कूल गोइंग्स के लिए। इसके अलावा आप रिटेल स्टोर्स के लिए भी डिजाइनिंग कर सकते हैं। आज सबसे ज्यादा चलन में कस्टमाइज्ड ज्वेलरी है। यह फील्ड काफी तेजी से उभर कर सामने आया है।
ज्वेलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में आप क्वालिटी कंट्रोलर, प्रोडक्ट डेवलपर, मर्केन्डाइजर या कंसलटेंट के रूप में भी अपना करियर बना सकते हैं।
सक्सेस स्टोरी
कारीगरों से सीखा काम
नैना बलसावर अहमद,
ज्वेलरी डिजाइनर
मैं हमेशा से ही अपने सपनों को पूरा करने में विश्वास रखती हूं। मिस इंडिया बनने के बाद जो पैसा मैंने कमाया था, उससे मैंने मुंबई में एक ब्यूटी सैलून पार्टनरशिप में खोला। फिर दिल्ली आ गई और यहां मैंने अपने पति के साथ मिल कर दो रिजॉर्ट शुरू किए।
अलग-अलग बिजनेस के बावजूद मैं अपने शौक के लिए वक्त निकाल लेती थी। मैंने अपने शौक ज्वेलरी डिजाइनिंग के लिए कोई प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली। मैं कारीगरों के साथ बैठ कर उनसे सीखा करती थी। लगभग 12 साल हो गए हैं और आज भी मेरे काम करने का तरीका नहीं बदला। मैं मानती हूं कि कुछ भी करने या सीखने के लिए कोई उम्र नहीं होती। इसके लिए लगन होनी चाहिए।
फैक्ट फाइल
प्रमुख संस्थान
एनआईएफटी
एसएनडीटी विमन्स यूनिवर्सिटी, मुंबई
पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, जयपुर
साउथ दिल्ली पॉलिटेक्निक फॉर वुमन, दिल्ली
ज्वेलरी डिजाइनिंग इंस्टीटय़ूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, दिल्ली
योग्यता
इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। साथ ही किसी खास विषय की जानकारी की भी कोई अनिवार्यता नहीं है।
सिर्फ छात्र का क्रिएटिव होना उसकी योग्यता माना जाता है। इसके अलावा छात्र ज्वेलरी डिजाइनिंग में ही ग्रेजुएट या पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं।
एजुकेशन लोन
ज्यादातर बैंक ज्वेलरी डिजाइनिंग जैसे वोकेशनल कोर्स के लिए लोन की सुविधा मुहैया नहीं कराते, लेकिन स्नातक डिग्री प्रोग्राम के लिए एचडीएफसी और पीएनबी बैंक लोन मुहैया कराते हैं। अधिक जानकारी के लिए प्रशिक्षण संस्थान व बैंक से संपर्क किया जा सकता है।
वेतन
किसी ब्रांड के साथ बतौर ज्वेलरी डिजाइनर जुड़ने पर शुरुआती वेतन 7,000 रुपये से 10,000 रुपये तक हो सकता है।
बतौर फ्रीलांसर वे अपने हर एक्सक्लुसिव स्कैच के लिए 2,000 रुपये से 5,000 रुपये तक कमा सकते हैं। अगर बात खुद के कारोबार की है तो कमाई की कोई सीमा नहीं है।
लाभ
अपनी क्रिएटिविटी दिखाने के लिए यह एक बढ़िया विकल्प है।
भारत में ज्वेलरी डिजाइनर्स की मांग देरी से बढ़ी है, इसलिए कहा जा सकता है कि आगे अभी इसमें और भी अधिक संभावनाएं देखने को मिलेंगी।
ज्वेलरी डिजाइनिंग में व्यक्ति अपनी मेहनत और कारीगरी के लिए अच्छी कीमत पा सकता है।
हानि
अभी बाजार असंगठित है, इसलिए ज्वेलरी डिजाइनर की नौकरी निकलने की जानकारी मुश्किल से मिल पाती है।
खुद का कारोबार शुरू करने की लागत काफी ज्यादा है।
फैशन ने आज के युवाओं का रहन-सहन का तरीका ही बदल दिया है। युवाओं के फैशन और स्टाइल की बात करें तो बड़े बदलते परिधानों में चार चांद लगाने वाले आकर्षक आभूषणों की चर्चा करना भी जरूरी हो जाता है। किसी भी शादी-पार्टी में तो आभूषणों की अधिक पूछपरख होती है।
मुद्दा सिर्फ विशेष आभूषणों का ही नहीं, बल्कि अपने पसंदीदा आभूषणों में एक उज्जवल करियर तलाशने का है। खासकर युवतियों और महिलाओं में आभूषणों के प्रति ज्यादा ही दिलचस्पी रहती है, आखिर आभूषण ही तो हर स्त्री की
आभूषणों में भी विभिन्न तरह के कोर्स होते हैं इनमें से प्रमुख हैं-
- डिप्लोमा इन ज्वेलरी डिजाइन
- डायमंड ग्रेडिंग कोर्स (अवधि 2 माह)।
- सर्टिफिकेट इन ज्वेलरी डिजाइन एंड जैमोलॉजी (अवधि 1 साल)
- जैम आइडेंटिफिकेशन (अवधि 3 माह)।
- शार्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्सेज इन जैमोलॉजी, पॉलिशिंग, मैन्युफैक्चरिंग।
आभूषणों से संबंधित प्रमुख कोर्स कराने वाले इंस्टिट्यूट हैं:
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई।
- इंडियन जैमोलॉजी इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली।
- जैम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन कांउसिल, जयपुर।
- जैमोलॉजी इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई।
- जैमस्टोन्स आर्टिसंस ट्रेनिंग स्कूल, जयपुर।
- ज्वेलरी डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट, नोएडा।
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली।
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