Thursday, June 18, 2015

जंगलों में एडवेंचर के साथ संवारें करियर


अगर आपको वन क्षेत्र और जंगली जीव-जन्तुओं से प्यार है, वन क्षेत्र में समय बिताने में आपको आनंद आता है तो आप इस क्षेत्र में अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं। वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशनिस्ट बन कर आप अपनेकरियर को नए आयाम दे सकते हैं।
कैसे पहुंचें मुकाम परकिसी भी बायोलॉजिकल क्षेत्र में बैचलर के बाद एन्वायर्नमेंटल साइंस या वाइल्ड लाइफ बायोलॉजी तथा कन्जर्वेशन या इकोलॉजी में मास्टर्स करना अच्छा रहेगा। इस क्षेत्र में इस विशेषज्ञता के साथ आप अर्थपूर्ण रिसर्च वर्क कर पाएंगे।
योग्यता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से विज्ञान विषयों के साथ स्नातक डिग्री अनिवार्य है।
कहां से करें कोर्स वाइल्ड लाइफ में मास्टर डिग्री या पीएचडी कर सकते हैं। वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन में मास्टर डिग्री कराने वाले दो संस्थान हैं। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया तथा नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज। इन्हें वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशन सोसायटी तथा सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ स्टडीज का सहयोग प्राप्त है।  
पारिश्रमिकएंट्री लेवल पर रिसर्चर या जूनियर रिसर्च फेलो को 9 से 12 हजार प्रतिमाह के बीच पारिश्रमिक मिलता है। पोस्ट डॉक्टोरल छात्रों/सीनियर रिसर्च फेलो को प्रतिमाह 12 से 15 हजार रुपए मिलते हैं। असिस्टेंट रिसर्चर को करीब 20,000 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। जैसे-जैसे आप अनुभव हासिल करते जाएंगे, वेतन भी उसी के साथ बढ़ता जाएगा।
फायदे और नुकसानपर्याप्त संतुष्टि मिलती है, क्योंकि जो पढ़ रहे हैं, वही काम करना काफी रोचक होता है।
दुनिया के बेहतरीन इलाकों में जाने का मौका मिलता है।
भावी पीढ़ी के लिए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हैं और स्वच्छ तथा स्वस्थ पर्यावरण में योगदान देते हैं।
कार्य की लंबी अवधि।
दक्षताबायोलॉजी, मैथमेटिक्स तथा स्टेटिस्टिक्स में मजबूत पकड़ हो।
वन्यजीवन के प्रति आकर्षण हो।
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल व आंतरिक दक्षता हो।
कंप्यूटर पर काम करने की जानकारी हो।
कार्य स्वरूपफील्ड साइट पर पहुंच कर डेटा एकत्र करना।
फील्ड साइट की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक ऊबड़-खाबड़ और मुश्किल रास्तों पर चढ़ाई या ड्राइव करना होता है।
वन्यजीव विशेषज्ञों से मिलना और बातचीत करना।
साइंटिफिक पेपर, टेक्निकल रिपोर्ट या पॉपुलर ऑर्टिकल्स का काम पूरा करना या अनुदान या वित्तीय सहायता के लिए लिखना तथा नीति निर्माताओं या कॉलेबोरेटर्स से मुलाकात करना।
वाइल्ड लाइफ में आज काफी संभावना है। इस क्षेत्र में पहले के मुकाबले अब वेतनमान काफी बढ़ चुके हैं। साथ ही यह काफी मजेदार फील्ड है, जिसमें काम करने में मजा आएगा।
बेलिंडा राइट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ इंडिया
अगर आपको वन क्षेत्र और जंगली जीव-जन्तुओं से प्यार है, वन क्षेत्र में समय बिताने में आपको आनंद आता है तो आप इस क्षेत्र में अपना बेहतर भविष्य बना सकते हैं। वाइल्ड लाइफ कन्जर्वेशनिस्ट बन कर आप अपनेकरियर को नए आयाम दे सकते हैं।
दक्षता
बायोलॉजी, मैथमेटिक्स तथा स्टेटिस्टिक्स में मजबूत पकड़ हो।
वन्यजीवन के प्रति आकर्षण हो।
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल व आंतरिक दक्षता हो।
कंप्यूटर पर काम करने की जानकारी हो।
कार्य स्वरूप
फील्ड साइट पर पहुंच कर डेटा एकत्र करना।
फील्ड साइट की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक ऊबड़-खाबड़ और मुश्किल रास्तों पर चढ़ाई या ड्राइव करना होता है।
वन्यजीव विशेषज्ञों से मिलना और बातचीत करना।
साइंटिफिक पेपर, टेक्निकल रिपोर्ट या पॉपुलर ऑर्टिकल्स का काम पूरा करना या अनुदान या वित्तीय सहायता के लिए लिखना तथा नीति निर्माताओं या कॉलेबोरेटर्स से मुलाकात करना।
वाइल्ड लाइफ में आज काफी संभावना है। इस क्षेत्र में पहले के मुकाबले अब वेतनमान काफी बढ़ चुके हैं। साथ ही यह काफी मजेदार फील्ड है, जिसमें काम करने में मजा आएगा।
बेलिंडा राइट, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ इंडिया

कैसे पहुंचें मुकाम परकिसी भी बायोलॉजिकल क्षेत्र में बैचलर के बाद एन्वायर्नमेंटल साइंस या वाइल्ड लाइफ बायोलॉजी तथा कन्जर्वेशन या इकोलॉजी में मास्टर्स करना अच्छा रहेगा। इस क्षेत्र में इस विशेषज्ञता के साथ आप अर्थपूर्ण रिसर्च वर्क कर पाएंगे।
प्रमुख संस्थान
वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
पोस्ट बॉक्स-18, चंद्रबनी, देहरादून
उत्तराखंड
 http://www.wii.gov.in
नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, जीके वीके बेल्लारी रोड, बेंगलुरू
www.ncbs.res.in
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस,
बेंग्लुरू, 560012
 www.iisc.ernet.in
नेचर कंजरवेशन फाउंडेशन
गोकुलम पार्क, मैसूर-570002
http://ncf-india.org

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