Sunday, June 14, 2015

फ्यूचर इन फोटोनिक्स


फोटोनिक्स क्या है?फोटोनिक्स प्रकाश की ऊर्जा से संबंधित तकनीक है। यह ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के संयोजन से मिलकर बनी है। भौतिकी की यह उपशाखा प्रकाश के अति सूक्ष्म कण फोटोन के अध्ययन से संबंधित है। अगर इसे आसान शब्दों में कहा जाए तो यह सूचनाएं पाने और देने के लिए प्रकाश के उपयोग की आसान तकनीक है। फोटोनिक्स प्रकाश के एमिशन, ट्रांसमिशन, डिटेक्शन और मॉड्युलेशन से जुड़ी प्रक्रियाओं को समझने का विज्ञान है।
फोटोनिक्स का कार्यफोटोनिक्स तकनीक के जरिए सूचनाओं के सिग्नल को प्रकाशीय तरंगों के रूप में परिवर्तित किया जाता है। आधुनिक समय में फोटोनिक्स का उपयोग कंप्यूटिंग, सिक्योरिटी और कई तकनीकी कार्यों में होने लगा है। इसके साथ-साथ इसका प्रयोग चिकित्सा व स्वास्थ्य सेवा, प्रतिरक्षा, ऑप्टिक्स, इमेजिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स में भी होता है। इतना ही नहीं, इस तकनीक का प्रयोग एडवांस्ड स्पेक्ट्रोस्कोपी, लेजर, माइक्रोस्कोपनी और फाइबर ऑप्टिक इमेजिंग के जरिए शोध संबंधी समस्याओं को सुलझाने के कार्यों में भी किया जाता है। आजकल बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, चिकित्सा विज्ञान, सर्जरी और लाइफसाइंस में भी इसका इस्तेमाल होता है।
योग्यता  फोटोनिक्स में ग्रेजुएशन करने के लिए फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स विषयों में 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं आवश्यक है। अगर अभ्यर्थी के पास यह योग्यता है तो वह फोटोनिक्स एंड ऑप्टोमेट्रिक्स के ग्रेजुएशन कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। अगर छात्र ने फिजिक्स, मैथ्स, एप्लाइड फिजिक्स या इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्रेजुएशन किया हुआ है तो वह फोटोनिक्स या ऑप्टोमेट्रिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए आवेदन कर सकता हैं। फोटोनिक्स में एमटेक, एमफिल और पीएचडी करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार के पास फिजिक्स या फोटोनिक्स में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा अब कई कॉलेज फोटोनिक्स में डिप्लोमा भी करवा रहे हैं। छात्र डिप्लोमा करने के बाद फोटोनिक्स टेक्नीशियन बन सकते हैं।
व्यक्तिगत कौशलफोटोनिक्स में करियर बनाने के लिए छात्र की साइंस या इससे संबंधित विषयों में दिलचस्पी होनी चाहिए। साथ ही सतर्कता भी इस क्षेत्र की खास निशानी है। इस क्षेत्र में नई-नई गतिविधियां आती भी रहती हैं तो इसके लिए सतर्क रहना आवश्यक है। साथ ही फिजिक्स व मैथ्स अच्छी होनी चाहिए। फोटोनिक्स में आने के लिए क्रिएटिव होना भी जरूरी है।

कैसे मिलेगी एंट्री
देश के कई प्रमुख शिक्षण संस्थान फोटोनिक्स कोर्स की शिक्षा देते हैं। भौतिकी, रसायन और गणित विषय के साथ बारहवीं की परीक्षा न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण कैंडिडेट्स फोटोनिक्स एेंड ऑप्टोमेट्रिक्स के ग्रेजुएशन कोर्स में एंट्री ले सकते हैं। भौतिकी व गणित, एप्लाइड फिजिक्स या इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ बैचलर डिग्री हासिल करने वाले कैंडिडेट्स फोटोनिक्स या ऑप्टोमेट्रिक्स की मास्टर डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। फोटोनिक्स में एमटेक, एमफिल और पीएचडी करने की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स के पास फिजिक्स अथवा फोटोनिक्स में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसके अलावा, आप डिप्लोमा कोर्स भी एंट्री ले सकते हैं। डिप्लोमा कोर्स करने के बाद आप फोटोनिक्स टेक्नीशियन बन सकते हैं। वैसे, द्विवर्षीय टेक्निशियन प्रोग्राम के जरिए भी फोटोनिक्स टेक्निशियन बना जा सकता है।

पर्सनल स्कित्र
इस फील्ड में करियर बनाने की चाह रखने वाले कैंडिडेट्स की साइंस या इससे संबंधित विषयों में दिलचस्पी होनी चाहिए। यदि आप भी इसमें करियर बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है कि इस क्षेत्र में होने वाली नई-नई गतिविधियों पर सतत निगाह रखें और ज्यादा से ज्यादा सीखने की कोशिश करें। आपकी फिजिक्स व मैथमेटिक्स अच्छी होनी चाहिए। इसमें उपकरण डिजाइन करने पड़ते हैं, लिहाजा क्रिएटिव होना भी जरूरी है।

कहां है नौकरी
एक फोटोनिक्स स्पेशलिस्ट किसी फोटोनिक्स कंपनी में इंजीनियर, टेक्निशियन या साइंटिस्ट के तौर पर काम कर सकता है या किसी यूनिवर्सिटी अथवा सरकारी कार्यालयों में प्रोफेशनल ऑफीसर के तौर पर नौकरी मिल सकती है। इस क्षेत्र के विशेषज्ञ साइंटिस्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं। उन्हें फोटोनिक्स पर शोध का काम करना होता है, जबकि इस विधा के इंजीनियर उपकरण डिजाइन करते हैं। फोटोनिक्स टेक्निशियन इंजीनियरों को डिजाइनिंग व मैन्युफैक्चरिंग में मदद करते हैं। फोटोनिक्स इंजीनियर चाहें, तो किसी अनुभवी इंजीनियर के सहायक बतौर अपना करियर शुरू कर सकते हैं। योग्यता और अनुभव के आधार पर आप आगे चलकर रिसर्च डायरेक्टर या प्रिंसिपल इंजीनियर भी बन सकते हैं। इसके अलावा, आप  सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, फाइबर एंड इंटीग्रेटेड ऑप्टिक्स, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड सॉफ्टवेयर के क्षेत्र से जुड़े शोध व विकास संस्थानों या अन्य उद्योगों में भी महत्वपूर्ण पद हासिल कर सकते हैं।
 के लिए अब सिर्फ मेडिकल और इंजीनियरिंग फील्ड ही नहींरहे, बल्कि वे फोटोनिक्स में भी करियर बना सकते हैं। ग्लोबल लेवल पर आज फोटोनिक्स में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है, क्योंकि एक फोटोनिक स्पेशलिस्ट इंजीनियर, टेक्निशियन, साइंटिस्ट जैसे कई प्रोफेशनल्स की भूमिका में रहते हुए काम कर सकते हैं।
बढ रहा स्कोप
आज फोटोनिक्स का यूज अधिकतर कामों में किया जा रहा है। लेजर ट्रीटमेंट, टेलीकम्युनिकेशन, माइक्रोस्कोपी, एडवांस स्पेक्ट्रोस्कोपी, बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी आदि बहुत से ऐसे फील्ड हैं, जिनमें फोटोनिक्स की उपयोगिता लगातार बढती जा रही है।
कल का करियर
20वीं सदी में इलेक्ट्रॉनिक्स ने मानव सभ्यता को बहुत हद तक बदला है। वहीं अब कहा जाने लगा है कि वर्तमान 21वीं सदी में फोटोनिक्स का जलवा होगा, क्योंकि विभिन्न फील्ड्स में इसका उपयोग लगातार बढता जा रहा है। यही कारण है कि इसे अभी से फ्यूचर का करियर कहा जा रहा है। फोटोनिक्स का विकास ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स के फ्यूजन से हुआ है। इसमें प्रकाश को उत्पन्न करना, उसे निकालना और एक जगह से दूसरी जगह पर भेजना आदि बताया जाता है।
डिफेंस का मेन पार्ट
दुनिया के कई देश अपने डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए नाइट विजन टेक्नोलॉजी पर रिसर्च कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी का आधार फोटोनिक्स ही है। एक्सपर्ट मानते हैं कि आज डिफेंस सेक्टर की जरूरतें फोटोनिक्स के बिना पूरी नहीं हो सकतीं। इसी कारण डिफेंस सेक्टर में इससे रिलेटेड जॉब्स काफी हैं।
क्वॉलिफिकेशन
फोटोनिक्स में ग्रेजुएशन करना चाहते हैं तो हायर सेकंडरी में फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स सब्जेक्ट के साथ कम से कम 50 परसेंट मा‌र्क्स होने चाहिए। फोटोनिक्स के मास्टर डिग्री कोर्स के लिए फिजिक्स और मैथमेटिक्स में ग्रेजुएशन या अप्लाइड फिजिक्स या इलेक्ट्रॉनिक्स में मिनिमम 50 परसेंट मा‌र्क्स तो होने ही चाहिए। इस सब्जेक्ट में रिसर्च के लिए स्टूडेंट फॉरेन यूनिवर्सिटीज में भी एडमिशन ले सकते हैं।
रिलेटेड कोर्सेज
फोटोनिक्स से रिलेटेड कई तरह के कोर्स भारत में विभिन्न इंस्टीट्यूट्स करा रहे हैं। आप इसमें ग्रेजुएशन या मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं या चाहें तो एमटेक इन फोटोनिक्स, एमफिल इन फोटोनिक्स और पीएचडी करके रिसर्च सेक्टर के साथ जुड सकते हैं। इसमें जॉब के लिए एमटेक, एमफिल और पीएचडी वालों को प्रॉयरिटी दी जाती है।
सैलरी
सैलरी के लिहाज से भी इस फील्ड को अच्छा माना जाता है। गवर्नमेंट सेक्टर में तो निर्धारित वेतनमान मिलता है, जबकि प्राइवेट सेक्टर में शुरुआत में ही 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह तक मिल जाते हैं। अगर रिसर्च फील्ड से जुडते हैं, तो हो सकता है कि सैलरी लाखों रुपये प्रतिमाह तक पहुंच जाए।
इंस्टीट्यूट्स
आप अगर कोर्स के बारे में जानना चाहते हैं, तो इंस्टीट्यूट्स की वेबसाइट से इंफॉर्मेशन ले सकते हैं:
फॉर ग्रोइंग करियर
-फोटोनिक्स में जॉब के अच्छे चांस
-अधिकतर रिसर्च फोटोनिक्स से रिलेटेड
-आइटी और डिफेंस है मेन पार्ट
-डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग में यूज शुरू
-सेलरी प्वॉइंट ऑफ व्यू से बेटर सेक्टर
-नई ब्रांचेज डेवलप होने की उम्मीद

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