Wednesday, November 29, 2017

एस्ट्रोनॉमी में करियर

एस्ट्रोनॉमी के फील्ड में जाने के लिए फिजिक्स और मैथ्स के साथ ग्रेजुएशन करना जरूरी है। पीजी लेवल पर आपके पास विषय के तौर पर एस्ट्रोनॉमी या फिजिक्स का होना जरूरी है। अगर आपने इसमें पीएच.डी. कर रखी है तो और भी अच्छी बात है। एस्ट्रोनॉमर या एस्ट्रोनॉट आदि बनने या स्पेस रिसर्च में काम करने के लिए आपको ज्वाइंट एंट्रेंस स्क्रीनिंग टेस्ट (जेईएसटी) देना पड़ेगा। पीजी लेवल पर एस्ट्रोनॉमी या एस्ट्रोफिजिक्स में एमएससी के लिए देश में नीचे दिए गए संस्थान उपलब्ध हैं।

इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंग्लुरू, www.iiap.ernet.in
आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ जियोमैग्नेटिज्म, www.iigm.res.in
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ साइंस, बेंग्लुरू, www.iisc.ernet.in
इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, गणेशखिंड, पुणे www.iucaa.ernet.in
सत्येन्द्र नाथ बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंस, कोलकाता, www.bose.res.in
इंस्टीटय़ूट ऑफ फिजिक्स, भुवनेश्वर www.iopb.res.in
नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स, टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) पुणे और बेंग्लुरू www.tifr.res.in
आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीटयूट ऑफ ऑब्सव्रेशनल साइंसेज, नैनीताल, www.csr.ernet.in
बिरला इंस्टीटय़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी
ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर एडवांस्ड स्टडी इन एस्ट्रोनॉमी, हैदराबाद
पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
इसके अलावा इग्नू से फिजिक्स में ग्रेजुएशन, पीजी और डॉक्टरेट कर सकते हैं। इग्नू के अलावा भी डिस्टेंस एजुकेशन के अधिकृत केंद्रों से इसकी शिक्षा ले सकते हैं। इग्नू एस्ट्रोफिजिक्स में एमएससी- पीएचडी भी
कराता है।
मैं दसवीं का छात्र हूं और लॉन टेनिस में करियर बनाना चाहता हूं। मुझे सरकारी और प्राइवेट स्पोर्ट्स एकेडमी के बारे में बताएं। साथ ही भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), ओएनजीसी, पीएसपीबी और झारखंड की सेंट्रल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में दाखिले की संभावनाओं की जानकारी भी दें।
सुधांशु, वैशाली
देश में अलग -अलग खेलों के लिए कई प्राइवेट एकेडमी हैं, जैसे टेनिस के लिए 
महेश भूपति टेनिस एकेडमी
टीम टेनिस
पेनिनसुला टेनिस एकेडमी, नई दिल्ली 
सीरी फोर्ट, नई दिल्ली 
नेशनल टेनिस एकेडमी, गुड़गांव
एस टेनिस एकेडमी, अहमदाबाद

www.acetennisacademy.com
एसपीटी स्पोर्ट्स  www.sptindia.com
ऑल इंडिया टेनिस एसोसिएशन, नई दिल्ली
मैं ग्यारहवीं का छात्र हूं और एनडीए में करियर बनाना चाहता हूं। इसके लिए कौन-सी परीक्षा पास करनी होती है। यह परीक्षा क्या मैं ग्यारहवीं में भी दे सकता हूं । मुझे यह भी बताएं कि उत्तराखंड राज्य में यह परीक्षा कहां कराई जाती है?
दिपांशु, अल्मोड़ा


आर्मी, नेवी और एयरफोर्स में भर्ती के लिए यूपीएससी साल में दो बार एनडीए की परीक्षा आयोजित करता है। उसके लिए निम्न योग्यताओं का होना जरूरी है
अभ्यर्थी को भारत (कुछ शर्तों के साथ नेपाल और भूटान के लोग भी) का नागरिक होना चाहिए।
उसे अविवाहित होना चाहिए।
उसकी उम्र सोलह साल छह महीने से लेकर उन्नीस साल के बीच होनी चाहिए।
आर्मी में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का इंटर पास होना जरूरी है। अगर नेवी या एयर फोर्स में जाना चाहते हैं तो इंटर में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स सब्जेक्ट का होना अनिवार्य है।
इंटर की परीक्षा में शामिल होने जा रहे लोग भी एनडीए का एग्जाम दे सकते हैं। एग्जाम के दो हिस्से होते हैं, पहला लिखित और दूसरा इंटरव्यू और फिजिकल ट्रेनिंग। लिखित परीक्षा पास करने के बाद आप इंटरव्यू और फिजिकल ट्रेनिंग के पात्र हो जाते हैं। ग्रेजुएशन के बाद सीडीएस एग्जाम के जरिए भी सेना में शामिल हुआ जा सकता है। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इसका परीक्षा केंद्र है। अधिक जानकारी के लिए इसकी वेबसाइट (www.upsc.gov.in) देख सकते हैं।
मैंने सीबीएसई बोर्ड से फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स सब्जेक्ट्स से इस साल 88% से इंटर पास किया है। मैं मरीन इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहता हूं। मुझे बताएं कि इस कोर्स के लिए कौन-कौन से संस्थान हैं और उनमें दाखिले की क्या प्रक्रिया है? 
आशीष कुमार, हजारीबाग
मरीन इंजीनियरिंग में समुद्री जहाज के निर्माण और इसके काम करने के तरीके सिखाए जाते हैं। एक मरीन इंजीनियर को समुद्र में जहाज को पूरी तरह कंट्रोल करना आना चाहिए। मरीन इंजीनियरिंग में डिग्री लेने के बाद मर्चेट नेवी या किसी शिपिंग कंपनी में काम किया जा सकता है। इसके अलावा इंजन प्रोडक्शन फर्म्स, शिप बिल्डिंग फर्म्स, रिसर्च बॉडीज और शिप डिजाइन फर्म्स में भी रोजगार के अवसर मिलते हैं। मरीन इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक करने के बाद असिस्टेंट इंजीनियर की परीक्षा दे सकते हैं। इसमें बेचलर डिग्री के लिए पीसीएम ग्रुप में इंग्लिश के साथ इंटर करना जरूरी है। उसके बाद इन संस्थानों से चार साल का कोर्स कर सकते हैं।
मरीन इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीटय़ूट, कोलकाताhttp://www.merical.ac.in
मरीन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टीटय़ूट, मुंबई
इंटरनेशनल मरीन कम्युनिकेशन सेंटर, चेन्नई
इंडियन मरीन कॉलेज, हैदराबाद

Saturday, November 25, 2017

राजनीतिक विज्ञान में करियर

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान हैजो राजनीति के सिद्धांत और व्यवहार तथा राजनीतिक व्यवस्था के विवेचन एवं विश्लेषण से जुड़ा हुआ है। इस विषय के कई उपभाग हैं । जैसे-राजनीतिक सिद्धांतलोक नीतिराष्ट्रीय राजनीतिअंतरराष्ट्रीय संबंध,  तुलनात्मक राजनीति आदि। इससे पता चलता है कि यह विषय व्यापक क्षेत्र को कवर करता है तथा इस विषय का अध्ययन करने के बाद विविध क्षेत्रों में एवं विभिन्न भूमिकाओं में कार्य करने का अवसर मिल सकता है
राजनीति अपने पुरातन स्वरूप में बड़े बदलाव कर रही हैजो पूरी दुनिया की सामाजिक संरचनाओं को भी प्रभावित कर रही है। ढेरों ऐसे संगठन इस बदलाव को समझने और नई रणनीतियों को बनाने के लिए बन रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। तमाम राजनीतिक दल अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए नए तरीके और आइडियाज पर काम कर रहे हैं। थिंक टैंक और संगठन तक में आधुनिक तौर तरीकों से बदलाव किए जा रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की बाजार में मांग पैदा हो रही है जो इन बदलावों को बेहतर तरीके से समझते हों या राजनीतिक समझ को बेहतर करने में सक्षम हों। पॉलिटिकल साइंटिस्ट और थिंक टैंक जैसे नए पदनामों के साथ राजनीति विज्ञान ने आधुनिक दुनिया में बेहतर करियर बनाने के ढेरों नए अवसर पैदा किए हैं। राजनीतिक सिद्धांतलोकनीतिराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिवैश्विक संबंध और तुलनात्मक राजनीति जैसे क्षेत्र उनका स्वागत करने के लिए हाथ पसारे खड़े हैं।
क्या पढ़ना होगा
राजनीति विज्ञान में स्नातक के अलावा इंटेलेक्चुअल प्रॅपर्टी राइट्सइंटरनेशनल रिलेशंसलोकल गवर्नेंसपब्लिक एडमिनिस्ट्रेशनपॉलिटिक्सपब्लिक पॉलिसी में स्नातकोत्तरएमफिल और पीएचडी की जा सकती है। क्षेत्र विशेष में अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए मिनिस्ट्रीपंचायती राजइंडियन पॉलिटिकल सिस्टम और गुड गवर्नेंस में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज भी भारत में उपलब्ध हैं।
सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं
राजनीति विज्ञान सिर्फ  विचार समझने और विकसित करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसे प्रचारित और प्रसारित करने तक आगे बढ़ चुकी है। यह जनमत निर्माण के लिए सोचने से आगे लिखने और बेहतर वक्ता होने तक की मांग करती है इसलिए इस क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए सोचने वाले युवाओं को अपने पूरे व्यक्तित्व पर भी काम करना होगा। इस विधा में महारत रखने वाले उम्मीदवारों के लिए लॉ फर्म्समार्केटिंग रिसर्च फम्सफील्ड रिसर्चलॉ इंफोर्समेंट एजेंसी जैसे पुलिस एवं न्यायालय आदिपब्लिशिंग फर्म्सराजनीतिक दल और विभिन्न व्यवसायों में ढेरों बेहतरीन जॉब ऑफर्स इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा वे पॉलिसी एनालिस्टपॉलिटिकल कंमेटेटरपॉलिटिकल राइटरसर्वे कंडक्टरप्री पोल एनालिस्टपब्लिक अफेयर्स रिसर्च एनालिस्टपब्लिक ओपिनियन एनालिस्टकैम्पेन वर्करकैम्पेन डिजाइनरविभिन्न मीडिया समूहों या अखबार में पॉलिटिकल कॉरसपॉन्डेंट या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेटर जैसे पद संभाल सकते हैं।
यहां से कर सकते हैं कोर्स
*     हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयशिमला
*     पीजी कालेजधर्मशाला(हिमाचल प्रदेश)
*     राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयबिलासपुर
*     राजकीय सनातकोत्तर महाविद्यालयसरकाघाट
*     राजकीय महाविद्यालयबैजनाथ
*     दिल्ली विश्वविद्यालयदिल्ली
*     हैदराबाद विश्वविद्यालयहैदराबाद
*     कलकत्ता विश्वविद्यालयप. बंगाल
*     पुणे श्विवविद्यालयपुणे
*     बनारस हिंदू विश्वविद्यालयवाराणसी
*     हिंदू कालेजदिल्ली
*     पंजाब विश्वविद्यालयचंडीगढ़
राजनीति विज्ञान का अन्य समाज विज्ञानों से संबंध
समाजशास्त्रों में पारस्परिक अंतर्निर्भरता पाई जाती है। कोई भी एक समाज विज्ञान समाज का उचित एवं समग्र अध्ययन नहीं कर सकता। इसलिए तमाम समाजशास्त्र आपस में संबंधित हैं और अंतर्शास्त्रीय अध्ययन पद्धति ने फिर से समाजशास्त्रों के इस संबंध को उभार दिया है। आज राजनीतिक अर्थशास्त्रराजनीतिक नैतिकताराजनीतिक इतिहासराजनीतिक समाजशास्त्रराजनीतिक मनोविज्ञान तथा राजनीतिक भूगोल आदि विभिन्न राजनीति विज्ञान की नई शाखाओं का खुलना इस बात का प्रतीक है कि राजनीति विज्ञान अन्य समाज विज्ञानों से संबंध स्थापित किए बिना नहीं चल सकता।
बदलता स्वरूप
यूनानी विचारकों के समय से लेकर आधुनिक काल तक के विभिन्न चिन्तकोंसिद्धांतवेत्ताओं और विश्लेषकों के योगदानों से राजनीति विज्ञान के रूपअध्ययन सामग्री एवं उसकी परंपराएं समय-समय पर परिवर्तित होती रही हैं। तद्नुरूप इस विषय का निरंतर विकास होता रहा है। इस विकासक्रम में राजनीति विज्ञान के अध्ययन के संबंध में दो प्रमुख दृष्टिकोणों का उदय हुआ है। परंपरागत दृष्टिकोण एवं आधुनिक दृष्टिकोण। पारंपरिक या परंपरागत दृष्टिकोण राज्य प्रधानता का परिचय देता है जबकि आधुनिक दृष्टिकोण प्रक्रिया प्रधानता का।
वेतनमान
इस क्षेत्र में वेतनमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पद पद हैं और क्या आप का क्षेत्र सरकारी है या निजी क्षेत्र में आप कार्यरत हैं। स्कूल में अध्यापन कार्य में आरंभ में 10 से 15 हजार तक वेतन मिलता है। कालेज में 35 से 40 हजार तक वेतनमान है।
महत्त्व
राजनीति विज्ञान का महत्त्व इस तथ्य से प्रकट होता है कि आज राजनीतिक प्रक्रिया का अध्ययन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की राजनीति को समझने के लिए आवश्यक है। प्रक्रिया के अध्ययन से ही वास्तविक राजनीति एवं उनके भीतर अवस्थित तथ्यों का ज्ञान संभव है।
अवसरों की  भरमार
सिविल सेवा
राजनीति विज्ञान सिविल सेवा और राज्य सिविल परीक्षाओं में एक ऑप्शनल विषय के रूप में काफी लोकप्रिय है। पढ़ने में सुविधाजनक होनेआसानी से पाठ्य सामग्री और कोचिंग की सुविधा उपलब्ध होने के कारण कम परिश्रम में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। सामान्य अध्ययन (जनरल स्टडी) प्री एवं मुख्य परीक्षा के 25 फीसदी प्रश्न राजनीति शास्त्र से जुड़े होते हैं। इसके अलावा राजनीति विज्ञान देश-विदेश की घटनाओं के विश्लेषण के साथ ही निबंध लेखन को भी आसान बनाता है।
कानून
पॉलिटिकल साइंस का बैकग्राउंड लॉ करने के लिए अच्छा माना जाता है। एलएलबी करके कानून के क्षेत्र में स्थान बना सकते हैं।
समाज सेवा
राजनीति विज्ञान का अध्ययन समाज के विभिन्न अवयवराजनीति संगठन आदि को समझने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और इस प्रकार यह समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र में कार्य करने के लिए बहुत ही सहयोगी साबित हो सकता है। यह एक ऐसा विषय हैजो समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है। समाज सेवा के जरिए जनप्रतिनिधि बना जा सकता है और लोकतंत्र को मजबूत करने में एक सशक्त भूमिका अदा की जा सकती है। राजनीति विज्ञान विषय में ग्रेजुएट होने पर एक बेहतर वक्ता तथा जनप्रतिनिधि बनने में सुविधा होती है।
राजनीतिक विश्लेषक
राजनीति विज्ञान में पीजी की डिग्री हासिल करने एवं राजनीतिक दर्शनअंतरराष्ट्रीय संबंधसंविधान में दिलचस्पी रखने वाला राजनीतिक विश्लेषक बन सकता है। दूतावासों और स्वयंसेवी संगठनों में भी बेहतर अवसर हो सकते हैं। उच्च शिक्षा हासिल करके चुनाव विश्लेषक भी बना जा सकता है। इसके अलावा एमफिल या पीएचडी करने और किसी प्रोजेक्ट का अनुभव हासिल करने के बाद स्वतंत्र रूप से किसी सामाजिक विषय पर प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले सकते हैं। कई राजनीतिक अनुसंधान एवं विश्लेषण संस्थानों में प्रतिष्ठित पदों पर कार्य करने का अवसर मिल सकता है।
उच्च शिक्षा में संभावनाएं
यदि राजनीति विज्ञान से बीए ऑनर्स करने के बाद बीएड करते हैंतो किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में इस विषय के शिक्षक बन सकते हैं। वहीं एमए करने के बाद नेट व पीएचडी करके किसी भी कालेज में लेक्चरर या प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
पत्रकारिता
राजनीति विज्ञान का ज्ञान देश-विदेश की घटनाओं का विश्लेषण एवं समीक्षा करने में सक्षम बनाता है। मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता का कोर्स करके प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नौकरी की तलाश की जा सकती है।
और भी हैं विकल्प
राजनीति विज्ञान से ऑनर्स करने के बाद बैंकन्यायिक सेवाभारतीय प्रशासनिक सेवाविदेश सेवामानवाधिकारवकालतएमबीएरिसर्च इंस्टीच्यूटवर्ल्ड ट्रेड आर्र्गेनाइजेशनबिजनेस एडमिनिस्ट्रेशनपब्लिक रिलेशन आदि में भी नौकरी की तलाश की जा सकती है।
किस तरह का काम
किसी भी विषय की पढ़ाई करने वाला छात्र राजनीति विज्ञान को अपना सकता है। इसके लिए देश से संबंधित मसलों की गहन खोज-परख तथा जांच-पड़ताल करने की जरूरत होती है। राजनीति विज्ञान विभिन्न सरकारी विभागों की वित्तीय गतिविधियों पर नियंत्रण करने का अवसर देता है। बजट और उसकी प्रक्रिया के निर्धारणउसकी विशेषताओंउद्देश्यों तथा बजट के विभिन्न सिद्घांतों तथा बजट लागू करने में राजनीतिक विज्ञान का अपना महत्त्व होता है। यह कर्मचारी को संस्थान की अवधारणा तथा संगठन में मानव व्यवहार के आकलन में भी मदद करता है।
अर्थ एवं परिभाषा
राजनीति’ का पर्यायवाची अंग्रेजी शब्द पॉलिटिक्स’ यूनानी भाषा के पॉलिस’ शब्द से बना है जिसका अर्थ नगर अथवा राज्य है। प्राचीन यूनान में प्रत्येक नगर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में संगठित होता था और पॉलिटिक्स शब्द से उन नगर राज्यों से संबंधित शासन की विद्या का बोध होता था। धीरे-धीरे नगर राज्यों का स्थान राष्ट्रीय राज्यों ने ले लिया अतः राजनीति भी राज्य के विस्तृत रूप से संबंधित विद्या हो गई। संक्षेप में राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत राज्यसरकार तथा अन्य सम्बंधित संगठनों व संस्थाओं काए मानव के राजनीतिक जीवन के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है।
परिचय
राजनीति विज्ञान का उद्भव अत्यन्त प्राचीन है। यूनानी विचारक अरस्तू को राजनीति विज्ञान का पितामह कहा जाता है। यूनानी चिंतन में प्लेटो का आदर्शवाद एवं अरस्तू का बुद्धिवाद समाहित है। राजनीति शास्त्र या राजनीति विज्ञान अत्यन्त प्राचीन विषय है। प्रारंभ में इसे स्वतंत्र विषय के रूप में नहीं स्वीकारा गया। राजनीति विज्ञान का अध्ययन नीतिशास्त्रदर्शनशास्त्रइतिहास,एवं विधि शास्त्र आदि की अवधारणाओं के आधार पर ही करने की परंपरा थी। आधुनिक समय में इसे न केवल स्वतंत्र विषय के रूप में स्वीकारा गया अपितु सामाजिक विज्ञानों के सन्दर्भों में इसका पर्याप्त विकास भी हुआ।
शैक्षणिक योग्यता
12वीं के बाद राजनीति विज्ञान में स्नातक डिग्री ली जा सकती है और उसके बाद स्नातकोत्तर किया जा सकता है। पीएचडी का विकल्प भी इसमें खुला है। जो विद्यार्थी कला क्षेत्र में स्नातक करना चाहते हैंवे राजनीति विज्ञान में ऑनर्स कर सकते हैं या पास कोर्स में एक विषय के रूप में इसे रख सकते हैं।
अध्ययन का विस्तृत क्षेत्र
राजनीति विज्ञान एक सामाजिक अध्ययन  है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से संबंधित है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं। राजनीतिक चिंतनराजनीतिक सिद्धांतराजनीतिक दर्शनराजनीतिक विचारधारासंस्थागत या संरचनागत ढांचातुलनात्मक राजनीतिलोक प्रशासनअंतरराष्ट्रीय कानून और संगठन आदि।

Thursday, November 23, 2017

ट्रांसपोर्ट में करियर

पिछले कुछ सालों में परिवहन के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है और इसी के मददेनजर रोजगार के भी काफी मौके सामने आए हैं. ट्रांसपोर्ट सेक्शन में भारी निवेश के चलते बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है. अब इसमें करियर के लिहाज से प्राइवेट और सरकारी जॉब्स की काफी ऐसी पॉजिशन्स भी हैं जिसकी आज के युवाओं को दरकार है. 
रोड टांसपोर्ट क्लर्क: रोड टांसपोर्ट कंपनियों के प्रशासनिक काम के लिए क्लर्क की जरूरत होती है. इनके कामों में ग्राहकों से पूछताछ, लेखा-जोखा, स्टाफ का प्रबंधन और यात्रियों के सड़क परिवहन से जुडें प्रशासनिक काम शामिल होते हैं. इसके लिए समय-समय पर सरकार वैकेंसी निकालती है.
रोड टांसपोर्ट मैनेजर:रोड टांसपोर्ट मैनेजर का काम वाहनों के सही और सुरक्षित संचालन करने का होता है.संक्षेप में कहें तो इसका काम यात्रियों की सुरक्षा का है.
रेल मार्ग संचालक: रेलमार्ग संचालक माल गाड़ी और यात्री गाड़ी दोनों के बीच कोऑर्डिनेट करता है.
रेलवे इंजीनियर: रेलवे इंजीनियर रेलमार्गों, पुलों पटरियों के निर्माण जैसी टेक्निकल गतिविधियों से जुड़े होते हैं.
लोकोमोटिव इंजीनियर : लोकोमोटिव इंजीनियर एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन में चलने वाली यात्री और माल गाड़ी में अपने लोकोमोटिव की यांत्रिक स्थिति की जांच जैसे काम करता है.
आव्रजन और सीमा शुल्क विभाग: आव्रजन विभाग पर बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर पहुंचने वाले लोगों के प्रवेश के अधिकार की जांच करना होता है. इसी तरह सीमा शुल्क विभाग बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर ऐसी वस्तुओं की आवाजाही की जांच करता है जिन पर शुल्क लगता है.

इसके अलावा विमानन और मर्चेंट नेवी, ट्रांसपोर्ट डिजाइनर, ट्रांसपोर्ट प्लानर भी शामिल हैं.
कहां से करें कोर्स
ट्रांसपोर्ट सेक्शन में टेकेनिकल नॉलेज की जरूरत होती है. इसलिए इसकी पढ़ाई अच्छे संस्थान से करनी चाहिए.
(1) एरोस्पेस इंजीनियरिंग में बीटेक, परिवहन प्रणाली इंजीनियरिंग में एमटेक और पीएचडी जैसे प्रोग्राम्स आईआईटी में कराए जाते हैं.
(2) ट्रांसपोर्ट प्लानिंग में बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री योजना और वास्तुकला  विश्वविद्यालय से हासिल कर सकते हैं.
(3) ट्रांसपोर्ट और ऑटोमोबाइल डिजाइन में पीजी डिप्लोमा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद से कर सकते हैं. 
(4) रेल परिवहन और प्रबंधन में डिप्लोमा इंस्टीट्यूट ऑफ रेल ट्रांसपोर्ट से कर सकते हैं.
(5) लॉजिस्टिक्स और नौवहन, लॉजिस्टिक्स और बंदरगाह में डिप्लोमा इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ लॉजिस्टिक्स, चेन्नई से भी कर सकते हैं.

Wednesday, November 22, 2017

आर्ट रेस्टोरेंट में बनाएं कॅरियर

दुनियाभर में किसी भी देश की विरासत संपन्नता इतनी नहीं है जितनी भारत की है। हमारे देश की विरासत को देखने दुनियाभर से लोग आते है और यहां के ऐतिहासिक स्थलों की प्रशंसा करते नही थकते है। 

वहीं विरासत की सार-संभाल करना भारत सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन आप भी इनकी देखरेख में अपना योगदान देकर आर्ट रेस्टोरेशन में अपना क्रियर बना सकते है।

 आर्ट रेस्टोरेशन प्रोफेशनल पेंटिंग का ही एक अलग रूप है, जिसमें पुरानी हवेलियों या किलों की खराब हो चुकी आर्ट को फिर से नया बनाया जाता है। प्राचीन कलाकृतियां, मूर्तियां, पेंटिंग्स आदि किसी भी देश की अमूल्य धरोहर समझी जाती है। कलाकृतियों के संरक्षण और रख-रखाव का काम आर्ट रेस्टोरेंट द्वारा किया जाता है। 

शैक्षिक योग्यता: 
आर्ट रेस्टोरर बनने के लिए फाइन आर्ट और रसायन विज्ञान में स्नातक होना अनिवार्य है। इस क्षेत्र में दो साल का मास्टर डिग्री कोर्स कराया जाता है। जिसके तहत पेंटिंग रेस्टोरेशन, मेटल वर्क, टेक्सटाइल, पेपर वर्क और मैन्यूस्क्रिप्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाती है।

 कंजर्वेशन में मास्टर डिग्री कोर्स करने के लिए केमिस्ट्री, जियोलॉजी, फिजिक्स, बॉटनी, जूलोजी, कंप्यूटर साइंस, फाइन आर्ट्स, हिस्ट्री, हिस्ट्री ऑफ आर्ट, आर्कियोलॉजी, म्यूजियोलॉजी में से किसी एक विषय में ग्रेजुएट की डिग्री होनी आवश्यक है। 

कॅरियर संभानाएं: 
ऐतिहासिक इमारतों को संजोकर रखने में पुरातत्व विभाग के रेस्टोरर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रेस्टोरेशन का काम सिर्फ सरकारी विभागों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने एक उद्योग का रूप ले लिया है. इस कोर्स को करने के बाद आपको आर्ट गैलरी, म्यूजियम सहित कई जगहों पर काम मिल जाता है। 

शुरू में आपको अनुभव हासिल करने के लिए किसी अच्छे आर्ट रेस्टोरर के साथ काम करना पड़ सकता है। कुछ साल का अनुभव होने के बाद आप अपना प्राइवेट वर्क भी शुरू कर सकते हैं।

प्रमुख संस्थान: 
नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
सिंहगढ़ कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चरर, पुणे
दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ हैरिटेज रिसर्च एंड मैनेजमेंट, दिल्ली
नेशनल रिसर्च लैबोरेटरी फॉर कंजरवेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी, लखनऊ

Monday, November 20, 2017

फिटनेस ट्रेनर सुरक्षित करें, मजबूत भविष्य

गजनी फिल्म में आमिर खान के 8 पैक्स या ओम शांति ओम में शाहरुख के 6 पैक्स एब्स, बिना फिटनेस ट्रेनर के लिए यह इंपॉसिबल थे। बॉलीवुड में एक कहावत है कि बॉडी फिट, तो फिल्म हिट। अपने सेलिब्रिटी कस्टमर्स के जरिए इन्हें पॉपुलरिटी तो मिलती ही है, साथ ही मोटे पैकेज के रास्ते भी खुल जाते हैं। अगर आपमें फिटेनस का जुनून है, तो सत्यजीत चौरसिया, अलखस जोसेफ, मनीष अदविलकर जैसे फिटनेस व‌र्ल्ड के बडे नामों में आप भी शामिल हो सकते हैं।

वर्क प्रोफाइल

फिटनेस ट्रेनर का बेसिक काम क्लाइंट्स को फिजीकली फिट रखने के साथ लाइफ स्टाइल, प्रोफेशन और उम्र जैसे फैक्टर्स के मुताबिक एक्सरसाइज शेड्यूल तय करना है। ट्रेनर्स जिम में मशीनों से क्लाइंट्स को वेट, कॉर्डियो, स्ट्रेचिंग, मसल्स कंडीशनिंग एक्सरसाइज, रूटीन फॉलो कराते हैं।

करियर ऑपर्चुनिटीज

आज मल्टीनेशनल कंपनियों में वर्क करने वाले एग्जीक्यूटिव्स से लेकर टीनएजर्स तक हेल्थ कॉन्शियस हुए हैं। ऐसे में क्वालिफाइड फिटनेस ट्रेनर्स के लिए शानदार ऑपर्चुनिटीज हैं। जिम, होटल्स, हेल्थ क्लब, फिटनेस सेंटर्स, स्पो‌र्ट्स हॉस्टल में फिटनेस ट्रेनर की काफी डिमांड है।

क्वालिफिकेशन एंड स्किल्स

इसमें कामयाबी के लिए पेशेंस लेवल जरूरी है। यहां हर दिन टीनएजर्स से लेकर सीनियर सिटिजंस तक से वास्ता पडेगा। बढिया स्टेमिना अच्छी फिजीक, ह्यूमन एनाटॉमी केसाथ कम्युनिकेशन स्किल्स, इंट्रापर्सनल स्किल्स की भी जानकारी काम आती है।

ट्रेनिंग है मस्ट

आप यहां नाइक एयरोबिक्स कोर्स या रीबॉक इंस्ट्रक्टर सर्टिफिकेशन प्रोग्राम जैसे ऑप्शंस सलेक्ट कर सकते हैं। स्पो‌र्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी स्पो‌र्ट्स एंड एथलेटिक्स ट्रेनिंग प्रोग्राम में जगह देता है। कई यूनिवर्सिटीज भी बैचलर इन फिजिकल एजुकेशन, मास्टर इन फिजिकल एजुकेशन जैसे कोर्स चलाते हैं।

ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स

-इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पो‌र्ट्स साइंस, नई दिल्ली

-लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर

-साई, नेताजी सुभाष नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पो‌र्ट्स, पटियाला

-साई, एनएस ईस्टर्न सेंटर, साल्ट लेक, कोलकाता

प्रोफेशनल कोर्स जरूरी

फिल्म गजनी में आमिर खान की बॉडी तराशने वाले मशहूर सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर सत्यजीत चौरसिया के मुताबिक फिट बॉडी के लिए रेगुलर एक्सरसाइज रिजाइम के साथ डिसिप्लिंड लाइफ, बैलेंस डाइट जरूरी है। इसकी प्रोफेशनल क्वॉलिफिकेशन हासिल करें, इंटरनेट पर ऑथेंटिक एक्सरसाइज वीडियोज देखकर और बुक्स की मदद से इंफॉर्मेशन गेन करें।

Sunday, November 19, 2017

जैव प्रौद्योगिकी में कैरियर

जैव प्रौद्योगिकी, नाम सुझाव देते हैं के रूप में, जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी है कि शामिल है गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, इंजीनियरी, जैव रसायन, इम्यूनोलॉजी, जेनेटिक्स, कृषि आदि सहित विषयों की एक सरणी का एक संयोजन है। इस फील्ड में बैक्टीरिया या एंजाइमों जैसे अन्य जैविक पदार्थों और अन्य जीवित कोशिकाओं इस्तेमाल कर रहे हैं और विभिन्न प्रौद्योगिकियों के एक मिश्रण लागू कर रहे हैं एक साथ उन पर एक विशिष्ट उत्पाद के उत्पादन के लिए या इसे पर में सुधार करने के लिए। कैरियर जैव प्रौद्योगिकी में भारत और विदेशों में सबसे अधिक आशाजनक कैरियर विकल्पों में से एक है। आगामी नई प्रौद्योगिकियों के साथ, जैव प्रौद्योगिकी काम पाप स्वास्थ्य देखभाल, दवा और R&D को शामिल किया गया। चूंकि, यह से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जा सकता, कृषि चिकित्सा, पोषण, पर्यावरण संरक्षण, पशु विज्ञान आदि, इसके दायरे को काफी विस्तृत है. 

चूंकि यह एक वैज्ञानिक शोध उन्मुख क्षेत्र है, यह समझ के रूप में अच्छी तरह से प्रबंधकीय पता है कि कैसे प्रौद्योगिकी का सही मिश्रण की आवश्यकता है। जबरदस्त नौकरी के अवसर इस फील्ड में नहीं सिर्फ भारत में हैं लेकिन विदेश में भी। वास्तव में, पिछले दशक में, संभावनाओं के जैव प्रौद्योगिकी में कई गुना वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में एक उल्लेखनीय वृद्धि है। अच्छा अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ, अच्छी तरह से विकसित उद्योगों, प्रशिक्षित जनशक्ति, सुसज्जित भारत जैव प्रौद्योगिकी नौकरियों के लिए एक गर्म स्थान बन गया है। एक दवा कंपनियों, कृषि और रासायनिक उद्योगों में एक उच्च भुगतान नौकरी के लिए तत्पर कर सकते हैं। मुख्य रूप से, अनुसंधान, उत्पादन और नियोजन के क्षेत्रों में नौकरियाँ कर रहे हैं। वहाँ पर्याप्त रोजगार के अवसरों में विभिन्न सरकार के रूप में अच्छी तरह के रूप में निजी विश्वविद्यालयों, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संस्थानों के अनुसंधान वैज्ञानिकों या सहायक के रूप में कर रहे हैं. 

विभिन्न क्षेत्रों में, जैव प्रौद्योगिकी विभिन्न अनुप्रयोग है: दवा और हेल्थकेयर नौकरियाँ में, जैव प्रौद्योगिकी आवेदन बहुत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी आवेदन के उपयोगी अनुप्रयोग नई दवाओं, टीकों और निदान के विकास के लिए नेतृत्व किया गया। न सिर्फ इस, अभिनव और उल्लेखनीय काम biotechnologists के भी सुधार और निदान, और एक अस्तित्वहीन रोग का इलाज करने के नए तरीके की नई विधियों के नवाचार करने के लिए नेतृत्व किया गया। के बाद से यह कभी भी विकसित हो रहा है, वहाँ बहुत कुछ नवाचार और जैव प्रौद्योगिकी में एक R&D नौकरी में नए मैदान को तोड़ने के लिए एक गुंजाइश है. 

फिर औद्योगिक अनुसंधान और विकास, आता है जहां दोनों सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों अच्छी नौकरी के अवसरों के लिए biotechnologists की पेशकश। इस क्षेत्र में अनुसंधान उत्पादकता में वृद्धि, उत्पादन और संरक्षण के ऊर्जा में सुधार, प्रदूषण और औद्योगिक गतिविधियों के द्वारा उत्पादित अपशिष्ट को कम करने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है। इसके अलावा, वहाँ स्थानों है कि रासायनिक प्रक्रियाओं, जेनेटिक इंजीनियरिंग, कपड़ा विकास, कॉस्मेटिक विकास आदि बाहर ले जाने पर लिया जा करने के लिए काम कर रहे हैं. 

कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में भी, जैव प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, वहाँ हमेशा नए तरीके से इस क्षेत्र में सुधार करने के लिए मांगी हैं। Biotechnologists प्रमुख सुधारित पैदावार और नए प्रथाओं है कि और अधिक समय और लागत प्रभावी रहे हैं करने के लिए इस क्षेत्र में पथ-विराम प्रगति की है। बीजों, कीटनाशकों और उर्वरकों की गुणवत्ता काफी, biotechnologists के लिए धन्यवाद सुधार किया गया है। इसलिए, इस क्षेत्र में अच्छा जैव प्रौद्योगिकी नौकरियों होते हैं। पशुपालन के क्षेत्र में, जैव प्रौद्योगिकी पशु प्रजनन में सुधार करने के लिए नेतृत्व किया गया। डेयरी और मांस उत्पादों के उत्पादन में सुधार हुआ है क्योंकि मोटे तौर पर अनेक प्रकार के आनुवंशिक रूप से इंजीनियर और उच्च उपज पशु नस्लों जैव प्रौद्योगिकी में नए शोध के साथ आए हैं. 

जैव प्रौद्योगिकी आवेदन भी पर्यावरण के लिए प्रासंगिक है। पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते स्तर के साथ, जैव प्रौद्योगिकी हमारे पर्यावरण की रक्षा के उपायों को विकसित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाने के लिए आ गया है। पर्यावरण के क्षेत्र में, एक biotechnologist का काम भी शामिल है औद्योगिक वायु प्रदूषण का स्तर, मलजल अपशिष्ट, आदि की रीसाइक्लिंग के लिए औद्योगिक अपशिष्ट का इलाज की जाँच.  

जेनेटिक इंजीनियरिंग एक बहुत ही लोकप्रिय क्षेत्र जहां biotechnologists तैनात कर रहे हैं है। जीनों के व्यापक अध्ययन के साथ, जेनेटिक इंजीनियरिंग एक बंद शूट के जैव प्रौद्योगिकी के बन गया है। यहाँ, नौकरी भी शामिल है एक और एक प्रजाति से रियर संकर या जीनों का स्थानांतरण द्वारा नई प्रजाति के लिए आनुवंशिक प्रयोगों का आयोजन. 

एक biotechnologist के लिए एक स्वास्थ्य देखभाल, दवा या R&D नौकरी पाने के लिए, यह एक निश्चित व्यक्तित्व लक्षण प्रदर्शित करने के लिए महत्वपूर्ण है। कड़ी मेहनत और मन की एक स्वाभाविक रूप से वैज्ञानिक तुला के साथ खुफिया के उच्च स्तर के लिए एक उत्साह है एक चाहिए। इन, दृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति पैदा करने के लिए नए नवाचारों, दृढ़ता, कल्पना, लंबा, मौलिकता, घंटे के लिए काम करने की क्षमता से अलग टीम भावना रहे हैं कुछ महत्वपूर्ण लक्षण है कि एक सफल biotechnologist प्रदर्शित करना चाहिए। जैव प्रौद्योगिकी कि एक का पीछा कर सकते हैं और इस क्षेत्र में एक सफल कैरियर को आगे बढ़ाने में विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों रहे हैं.

Tuesday, November 14, 2017

इवेंट मैनेजमेंट में करियर

युवाओं को ग्लैमर इंडस्ट्री हमेशा से आकर्षित करती रही है। इसमें रोजगार के विकल्प भी काफी बढ़ गए हैं। इवेंट मैनेजमेंट भी चकाचौंध से जुड़ा एक ऐसा ही रोजगार है जो हाल के दिनों में युवाओं द्वारा काफी पसंद किया जाने लगा है। करीब एक दशक पूर्व शुरू हुए इस उद्योग में वार्षिक कई सौ फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है। खास बात है कि इस करियर में किसी बड़े निवेश की जरूरत नहीं होती है, जबकि यहां काम करने वालों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने के मौके मिलते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि उपयुक्त प्रतिभा हो तो किसी भी विषय के छात्र इस फील्ड में सफल करियर बना सकते हैं।

हर दिन कोई न कोई उत्सव आयोजित किया जाता है। घर में शादी-ब्याह हो या बाहर चुनाव, क्रिकेट जगत में आईपीएल हो या कालेज में सालाना उत्सव, इन सबकी तैयारी के लिए न तो लोगों के पास इतना वक्त होता है और न ही आदमी कि वे समय रहते काम पूरा कर लें। ऐसे में इस तरह के आयोजनों का जिम्मा खास तरह के लोगों को या ऐसे लोगों को दिया जाता है जो इससे जुड़े रहे हों, इस क्षेत्र में खासा अनुभव रखते हो, आयोजन कराने का जिम्मा लेने वाला इसके एवज में अच्छी-खासी रकम वसूलता है। यह काम अब प्रोफेशन के रूप में तबदील हो गया है। इसके लिए कंपनियां बन गई हैं, जहां प्रशिक्षित लोगों की टीम काम करती है। 

क्या करते हैं इवेंट मैनेजर 
इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े लोग किसी व्यावसायिक या सामाजिक समारोह को आयोजित करते हैं। इसमें मुख्य रूप से फैशन शो, संगीत समारोह, शादी समारोह, थीम पार्टी, प्रदर्शनी, कारपोरेट सेमिनार, प्रोडक्ट लांचिंग, प्रीमियर के प्रोग्राम आते है। इवेंट मैनेजर क्लाइंट या कंपनी के बजट को ध्यान में रखकर प्रोग्राम का आयोजन करते हैं, होटल या हॉल बुक करने, साज-सज्जा,एंटरटेनमेंट, लंच-डिनर के लिए खास तरह के मेन्यू को तैयार करवाने, गेस्ट के स्वागत तक की व्यवस्था इवेंट मैनेजमेंट ग्रुप में शामिल लोगों को करनी होती है।

कोर्स से कार्य तक 
इवेंट मैनेजमेंट में कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके तहत कारपोरेट इवेंट एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट इनोवेशन, मार्केटिंग, प्रोमोशन जैसे कई तरह के कोर्स हैं। दाखिला लेने वाले छात्रों से पहले पूछा जाता है कि वे किस क्षेत्र में रुचि रखते हैं। इस क्षेत्र में आने से पहले आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको अंग्रेजी और हिंदी, दोनों भाषा का अच्छी तरह ज्ञान हो। क्योंकि किसी भी इवेंट में देश-विदेश की भाषाओं के मेहमान आते हैं, उनसे बातचीत के लिए अंग्रेजी एक जरिया बनती है। कारपोरेट इवेंट का काम आमतौर पर बड़े-बड़े होटलों से जुड़ा है। होटलों में दो कंपनियों के बीच व्यापार समझौता और फिर इस खुशी में पार्टी और मनोरंजन जैसी चीजें भी शामिल होती हैं। मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी न हो, यह जिम्मा कारपोरेट इवेंट मैनेजर को निभाना होता है। एंटरटेनमेंट के तहत कहीं सीरियल, तो कहीं फिल्म रिलीज की जाती है। इस काम को एंटरटेनमेंट इवेंट मैनेजर को बखूबी सफल बनाना होता है।

योग्यता 
इस क्षेत्र में करियर तलाशने वालों को 12वीं के बाद ही इस कार्य में अपने को कुशल बनाना चाहिए। पहले इसके लिए ट्रेनिंग या कोर्स की जरूरत नहीं पड़ती थी, लेकिन अब स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर इस क्षेत्र में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स कराया जा रहा है। पीजी डिप्लोमा करने के लिए किसी भी विषय से आपको स्नातक होना चाहिए।

व्यावहारिक कौशल जरूरी 
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए किसी खास तरह की शैक्षिक योग्यता हासिल करने की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती। अच्छे जन संपर्क एवं व्यावहारिक कौशल वाले ग्रेजुएट युवा इस क्षेत्र में बेहतर काम कर सकते हैं। हालांकि बड़ी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां एमबीए डिग्रीधारी युवाओं को ही नियुक्ति देना पसंद करती हैं। वैसे देश के कई शिक्षण संस्थान इवेंट मैनेजमेंट के लिए विशेष डिप्लोमा करवाते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने की चाह रखने वाले युवाओं के लिए पब्लिक रिलेशंज कोर्स के साथ मार्केटिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त करना एक उत्तम विकल्प साबित हो सकता है।

संभावनाओं की भरमार 
इवेंट मैनेजमेंट में उज्ज्वल भविष्य की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। दरअसल यह काम कुछ हद तक जनसंपर्क एजेंसियों से काफी मेल खाता है। बड़ी उत्पादक कंपनियां अपने नए उत्पाद को बाजार में उतारने से पहले कारपोरेट जगत में अपनी पहचान बनाने या किसी उत्पाद की बिक्री बढ़ाने के लिए कई तरह के इवेंट करवाती रहती हैं। बजट के अनुसार सारे कार्यक्रम इवेंट मैनेजमेंट से जुड़े लोगों का ही काम होता है। इसमें तडक़-भडक़ वाले कार्यक्रमों का भव्य आयोजन मुख्य कार्य है। किसी कार्यक्रम के अधिक से अधिक टिकट बेचने, उसे लोकप्रिय बनाने, लाभ कमाने के उद्देश्य से विज्ञापनों को आकर्षक बनाने की रूपरेखा भी अकसर इवेंट मैनेजमेंट कंपनियां ही तैयार करती हैं। वैसे मौजूदा समय में औद्योगिक घरानों के घरेलू समारोह, शादी, जन्मदिन, वर्षगांठ के बड़े पैमाने पर आयोजन की जिम्मेदारी भी इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को ही सौंपी जाने लगी है।

ग्लैमर से गठजोड़ 
इवेंट मैनेजमेंट का करियर एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें ग्लैमर सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। इस फील्ड में आने वाले युवा का ज्यादातर समय सार्वजनिक समारोहों में ही गुजरता है। चाहे कोई फैशन शो हो, कोई फिल्म लांचिंग का मौका हो, इवेंट मैनेजर की वहां पर खास भूमिका होती है। यानी की इवेंट मैनेजमेंट के करियर में बोरडम के लिए कोई स्पेस नहीं है। इस वजह से भी युवाओं में इस करियर के लिए काफी क्रेज है।

क्या हों व्यक्तिगत गुण 
बेहतर व्यक्तित्व होना
आत्मविश्वास झलकना
सटीक निर्णय लेने का तरीका
इवेंट की बेहतर प्लानिंग करने की क्षमता
दबाव में काम करने का जुनून
किसी भी परिस्थिति में धैर्य रखना
बेहतर करने का जज्बा
कम से कम रिसोर्स से ज्यादा काम लेना
मजबूत नेटवर्किंग
गुस्से पर कंट्रोल करना
रचनात्मक होना
टीम के साथ काम करने का हुनर

असीमित आमदनी 
फ्रेशर्स आसानी से कम से कम 10000 रुपए प्रति माह कमा सकते हैं। और यदि किसी बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई, तो 15000 रुपए या इससे ज्यादा भी मिल सकते हैं। अनुभव प्राप्त करने के बाद इवेंट मैनेजर के पद पर पहुंच सकते हैं, तब एक महीने में ही एक लाख रुपए तक भी कमाए जा सकते हैं। यदि अपनी कंपनी खोल ली जाए, तो अच्छी कमाई के साथ अपना भविष्य तो बना ही सकते हैं साथ ही दूसरों का भी भविष्य बुलंद कर सकते हैं। सच तो यह है कि यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें वेतन और कमाई की कोई सीमा नहीं है।

पदार्पण कैसे हो 
इवेंट प्रबंधन के व्यवसाय में आने का श्रेष्ठ तरीका यह है कि डिग्री या  डिप्लोमा के साथ इस क्षेत्र में एक प्रशिक्षु के रूप में प्रवेश करें। किसी इवेंट प्रबंधन कंपनी के साथ अपने प्रशिक्षण के दौरान आपको यह सीखने का अवसर मिलेगा कि इवेंट्स किस तरह आयोजित किए जाते हैं। एक बार यह सीख लेने पर कि समन्वय एवं संवर्द्धन कैसे किया जाता है, आप इस क्षेत्र में अपना करियर वास्तव में ऊंचा कर लेंगे।

प्रमुख संस्थान 
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, नई दिल्ली
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, मुंबई
इवेंट मैनेजमेंट डिवेलपमेंट इंस्टीट्यूट, मुंबई
नेशनल इंस्टीट्यूट फार मीडिया स्टडीज, अहमदाबाद
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
कालेज ऑफ इवेंट एंड मैनेजमेंट, पुणे
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, मुंबई
नेशनल एकेडमी ऑफ इवेंट मैनेजमेंट एंड डिवेलपमेंट जयपुर
इंटरनेशनल सेंटर फॉर इवेंट एंड मार्केटिंग, नई दिल्ली
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट, मुंबई

Sunday, November 12, 2017

फाइनांशियल मार्कीट्स में करियर

अनेक उतार-चढ़ाव तथा रिटेल निवेशकों के निम्न आधार के बावजूद बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज एशिया का छठा तथा विश्व का 14वां सबसे विशाल मुद्रा बाजार है। देश में कुछ अन्य स्टॉक एक्सचेंज के अलावा दुनिया भर में अनेक स्टॉक एक्सचेंज मौजूद हैं जहां हर दिन अरबों-खरबों का लेन-देन होता है। इस क्षेत्र में कार्य करने वालों के पास उज्ज्वल करियर बनाने के असीमित अवसर होते हैं। वित्तीय सेवा पेशेवरों की मांग अब केवल स्टॉक ब्रोकरेज फर्म्स तक ही सीमित नहीं है बल्कि बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों में भी उनकी काफी जरूरत होती है। 

जानकारों की राय में 
फाइनांशियल मार्कीट्स से संबंधित कोर्सों के तहत छात्रों को बाजार को बेहतर ढंग से समझने तथा मिलने वाले मौकों का अधिक से अधिक लाभ उठाने का कौशल प्रदान किया जाता है। अनेक संस्थान इस विषय से संबंधित नवीन कोर्स शुरू कर रहे हैं जिनसे छात्रों को इस क्षेत्र के बारे में नवीनतम बदलावों से जागरूक करवाया जाता है। 

सम्भावनाएं

जो छात्र फाइनांशियल मार्कीट्स संबंधी कोर्स सफलतापूर्वक करते हैं वे बैंकों में इन्वैस्टमैंट बैंकर्स या रिलेशनशिप मैनेजर, इंश्योरैंस कम्पनियों में वैल्थ मैनेजर के अलावा एनालिस्ट, पोर्टफोलियो मैनेजर, सर्विलांस / कम्प्लायंस / रैगुलेशन मैनेजर, डिजीटल कंटैंट डिवैल्पर्स एवं रिस्क मैनेजर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। 

शुरूआत 
इस क्षेत्र में आमतौर पर युवाओं को बतौर एनालिस्ट नियुक्त किया जाता है। कार्पोरेट फाइनांस में वे मुख्यत: आंकड़ों का आकलन लगाने का काम करते हैं। वे फर्म्स  की फाइनांशियल रिर्पोटस का अध्ययन करते हैं। शोध में कार्य करने वाले एनालिस्ट कम्पनियों तथा सैक्टर्स की हल-चल पर नजर रखते हैं। एनालिस्ट्स को ट्रेडिंग करने की स्वीकृति नहीं मिलती जब तक वे  अपनी योग्यता एवं कौशल को पूरी तरह सिद्ध नहीं कर देते हैं क्योंकि इस काम में गलती की जरा भी गुंजाइश नहीं होती है। यहां गलती भारी नुक्सान का कारण बनती है।
 
अनुभव हासिल करने के बाद एनालिस्ट्स को एसोसिएट के पद पर नियुक्ति मिलती है। वैसे एम.बी.ए. डिग्री धारी सीधे इस पद पर भी नियुक्ति प्राप्त करते हैं। वे अपनी टीम में काम का बंटवारा तथा निरीक्षण का काम करते हैं। इसके बाद वे वाइस प्रैजीडैंट के पद पर पदोन्नत होते हैं जो एनालिस्ट तथा एसोसिएट्स के काम पर नजर रखते हैं। वे कस्टमर्स के अधिक करीब रहते हैं। प्रतिभाशाली वाइस प्रैजीडैंट्स को एग्जीक्यूटिव डायरैक्टर, फिर मैनेजिंग डायरैक्टर के पदों पर नियुक्ति मिलती है। इस क्षेत्र में करियर की शुरूआत करने तथा अनुभव हासिल करने के लिए बेहतर होगा कि युवा किसी कम्पनी में बतौर इंटर्न काम शुरू करें। 

प्रमुख नियोक्ता

बैंक, पोर्टफोलियो मैनेजर्स, ब्रोकरेज फर्म्स , कमोडिटी ट्रेडर्स, म्यूचुअल फंड्स, वैंचर कैपिटल तथा प्राइवेट इक्विटी फंड्स आदि।

कहां से सीखें 
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

- नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ फाइनांशियल मैनेजमैंट, फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश

(इन संस्थानों में फाइनांशियल मार्कीट्स में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा करवाया जाता है)

Thursday, November 9, 2017

चिप डिजाइनर के रूप में करियर

टेक्‍नोलॉजी ने जहां लोगों के जीवन को सरल और आधुनिक बना दिया है, वहीं टेक्‍नोलॉजी के कई क्षेत्रों में करियर के शानदार विकल्‍प भी उभ्‍ार कर सामने आए हैं। टेक्‍नोलॉजी के क्षेत्र में जो प्रगति हुई है उसमें चिप डिजाइनिंग इंडस्‍ट्री ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगर आप भी इंजीनियरिंग में रूचि रखते हैं और साथ ही चैलेंजिंग काम करना चाहते हैं तो चिप डिजाइनिंग में करियर बना सकते हैं। चिप सिलिकॉन का एक छोटा और पतला टुकड़ा होता है जो मशीनों के लिए इंटीग्रेटेड सर्किट बेस का काम करता है। चिप डिजाइनिंग की मदद से बड़े आकार के उपकरणों को भी छोटे आकार में बदला जा सकता है।
बढ़ रही है डिमांड 
चिप डिजाइन के रूप में आप एक सुनहरा करियर बना सकते हैं। इसकी हर सेक्‍टर में मांग है। एक चिप डिजाइनर का मुख्‍य काम छोटी-बड़ी इलेक्‍ट्रॉनिक डिवाइसेस की कार्यक्षमता को बढ़ाना और उसे आसान बनाना है। मोबाइल, टीवी रिमोट से लेकर कंज्‍यूमर इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, ऑटोमोबाइल सेक्‍टर तक में चिप का इस्‍तेमाल हो रहा है। आप इस इंडस्ट्री से डिजाइन इंजीनियर, प्रोडक्ट इंजीनियर, टेस्ट इंजीनियर, सिस्टम्स इंजीनियर, प्रॉसेस इंजीनियर, पैकेजिंग इंजीनियर, सीएडी इंजीनियर आदि के रूप में जुड सकते हैं।
योग्‍यता 
चिप डिजानिंग में करियर बनाने के लिए आपके पास इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, टेली कम्‍यूनिकेशन या कम्‍प्‍यूटर साइंस में बीई या बीटेक डिग्री होना चाहिए। चिप डिजाइनिंग इंडस्‍ट्री में विशेष रूप से डिजाइन, प्रोडक्‍शन, टेस्टिंग, एप्‍लीकेशंस और प्रॉसेस इं‍जीनियरिंग शामिल होता है। वैसे इस क्षेत्र में कुछ संस्थानों द्वारा शॉर्ट टर्मकोर्सेस भी कराए जाते हैं, जिनका संबंध आईसी, सर्किट डिजाइन और माइक्रो प्रोसेसर से होता है।
जरूरी स्किल्‍स 
इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्‍छुक युवाओं को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का नॉलेज होना जरूरी है। इसके अलावा अच्‍छी कम्‍यूनिकेशन स्किल्‍स, टीम वर्क, प्रॉब्‍लम सॉल्विंग एटिट्यूड बहुत जरूरी है। प्रोग्रामिंग और मैथमेटिकल स्किल्‍स बहुत जरूरी है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्‍छुक युवाओं को टेक्‍नोलॉजी डेवलपमेंट्स और लेटेस्‍ट इनोवेशन का ज्ञान होना जरूरी है।
प्रमुख संस्‍थान: 
- बिटमैपर इंट्रीगेशन टेक्नोलजी, पुणे, महाराष्ट्र
- सेंट्रल फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांसड कंप्यूटिंग, बेंगलूर 
- जामिया मिलीया इस्लामिया, नई दिल्ली

Monday, November 6, 2017

वेब डिजाइनिंग में करियर


वेब डिजाइनिंग एक कला है। अगर आप कलात्मक सोच के साथ-साथ डिजाइनिंग में रुचि रखते हैं और कंप्यूटर से खेलने के शौकीन हैं तो आपके लिए वेब डिजाइनिंग में करियर के बेहतर मौके उपलब्ध हो सकते हैं।
यूं तो वेब डिजाइनिंग आईटी का ही एक हिस्सा है, लेकिन एक वेब डिजाइनर को एक आईटी से भी बेहतर और रचनात्मक भूमिका निभानी पड़ती है। आप जितने ज्यादा कल्पनाशील होंगे, छोटी से छोटी जगह में जितनी अधिक और महत्वपूर्ण जानकारी समेटने में कुशल होंगे, आपकी प्रसिद्घि एक वेब डिजाइनर के रूप में उतनी ही अधिक होगी। 
लोगों के मन की बात समझें लोगों के मन में आप तभी जगह बना सकते हैं, जब उनकी जरूरत को समझते हुए आप उनके हिसाब से या उनकी सोच से बेहतर वेबसाइट तैयार कर दें और वह भी कम से कम समय में। इसके लिए आपको ज्यादा से ज्यादा पढ़ने के साथ-साथ दूसरी वेबसाइट्स को भी बार-बार ध्यान से देखना और समझना होगा। नए-नए प्रयोग करने होंगे। इस फील्ड में आजकल डीओएम, एचटीएमएल, जावा स्क्रिप्ट और सीएमएस आदि तकनीक अधिक प्रचलित हैं।
नकल न करेंक्रिएटिविटी ही आपको इस क्षेत्र में आगे ले जा सकती है। दूसरों की नकल करना या उनके आधार पर वेबसाइट्स बनाना आपके करियर में बहुत बड़ा रोड़ा बन सकता है। 
चेंज स्क्रीन है शगलआजकल वेबसाइट बनवाने वाले अधिकतर लोग सोचते हैं कि उनकी वेबसाइट की स्क्रीन हर रोज चेंज होती रहे, वह भी खूबसूरती के साथ। चेंज स्क्रीन वाली वेबसाइट आजकल लोगों को खूब भाती है। इसके लिए आपको वीडियो या फोटो एडिटिंग की जानकारी होनी चाहिए। वेबसाइट के हिसाब से आपको उस पर लगाई गई स्क्रीन को भी बनाना या चुनना होगा। नए-नए तरीके से डिजाइन करने वालों और वेबसाइट को सूट करने वाले खिलते रंगों को चुनने के साथ-साथ प्लेसिंग के सौंदर्य की परख रखने वालों के लिए इस क्षेत्र में पैसा ही पैसा है। 
अपनी वेबसाइट बनाना जरूरीएक वेब डिजाइनर की जब तक अपनी वेबसाइट नहीं होगी, लोगों में उसके काम का सही मैसेज नहीं जाएगा। साथ ही आपकी वेबसाइट जितनी आकर्षक होगी, लोग उतने ही आपके काम से ज्यादा प्रभावित होंगे, जिससे आपका काम बढ़ेगा।
लोगो है महत्वपूर्ण
वेब डिजाइनिंग में अति महत्वपूर्ण है वेबसाइट का लोगो। वेबसाइट कंपनी की हो या किसी अन्य ब्रांड के प्रचार के लिए बनाई जाए, उसका लोगो ऐसा होना चाहिए कि वेबसाइट देखने वाले को एक ही नजर में अपनी ओर आकर्षित करे और उससे जुड़ने या उसका ग्राहक बनने के लिए प्रेरित करे। कोई भी कंपनी अपनी पहचान, अपना बैकग्राउंड, अपने कार्य और संचालन का ब्यौरा वेबसाइट के माध्यम से दर्शाती है। इसमें उसका लोगो महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
क्या-क्या होता है सीखनाएक वेब डिजाइनर को टेम्पलेट, लोगो, पोर्टफोलियो, वेबसाइट, ग्राफिक, बैनर डिजाइनिंग के साथ-साथ एनिमेशन, फ्लैश, वेबसाइट मेंटनेंस, मूवी मेकिंग, ई-कॉमर्स वेबसाइट, एडोब फोटोशॉप, एडोब इलस्ट्रेटर, कोरल ड्रॉ, एचटीएमएल, जावा स्क्रिप्ट, वर्ड प्रेस, ब्लॉगिंग, सोशल मीडिया आदि सब अच्छे से सीखना होता है।
कोर्सेज: वेब डिजाइनिंग के क्षेत्र में कई तरह के कोर्सेज उपलब्ध हैं। इनमें एडवांस्ड सर्टिफिकेशन इन वेब डिजाइन एंड इंटरएक्टिव मल्टीमीडिया, डिप्लोमा इन ग्राफिक एंड डिजाइन, सर्टिफिकेट इन वेबसाइट डिजाइन एंड मैनेजमेंट, डिप्लोमा एंड सर्टिफिकेट कोर्स इन वेब डिजाइन एंड वेब प्रोडक्शन, बीएससी इन मल्टीमीडिया, ग्राफिक एंड वेब डिजाइन जैसे शॉर्ट टर्म कोर्सेज के अलावा डिप्लोमा इन एडवांस्ड लेवल, वेब डिजाइनिंग एंड वेब प्रोडक्शन जैसे कोर्स प्रमुख हैं।
योग्यता: वेब डिजाइनिंग के किसी भी कोर्स में प्रवेश लेने के लिए कम से कम पचास प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना जरूरी है। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करने के लिए वेब डिजाइनिंग में ग्रेजुएट या वेब डिजाइनिंग में डिप्लोमा के अलावा किसी भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएट होना जरूरी है। कुछ इंस्टीट्यूट 10वीं पास छात्रों को भी वीडियो एडिटिंग के कोर्स में प्रवेश दे देते हैं।
संभावनाएं: प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया, मल्टी नेशनल कंपनियों, मार्केटिंग फर्म आदि में वेब डिजाइनर के लिए अवसर हैं। ऑडियो विजुअल मीडिया, डिजाइन स्टूडियो में भी अच्छे अवसर हैं। आप अपना ऑफिस खोल कर स्वतंत्र तरीके से भी काम कर सकते हैं। अच्छे वेब डिजाइनर को प्रोडक्शन को-ऑर्डिनेटर, वेब मास्टर, साइट डेवलपर्स, वेब मीडिया डिजाइनर, वेब प्रोडक्शन मैनेजर एवं इंटरेक्टिव प्रोडक्शन आर्टिस्ट के पद पर नौकरी मिल सकती है।
आमदनीवेब डिजाइनिंग में शुरुआत में 15 से 25 हजार रुपए तक मिल जाते हैं। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता जाता है, वेतन में भी बढ़ोतरी होती जाती है। अगर आप मेहनती हैं तो वेब डिजाइनिंग के काम से ही आप 1.5 से 2.5 लाख रुपए महीने तक वेतन पा सकते हैं। अपना काम करेंगे तो आमदनी आपको मिलने वाले काम पर निर्भर करेगी। डिजाइनर एक वेबसाइट डिजाइन करने के दो-ढाई हजार से 25-30 हजार तक चार्ज करते हैं।
प्रमुख संस्थानइंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली, वेबसाइट-www-ignou-ac-in
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जामिया नगर, नई दिल्ली
वेबसाइट-
 www-jmi-ac-in
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद वेबसाइट-www-nid-edu
टीजीसी एनिमेशन एंड मल्टीमीडिया, नई दिल्ली वेबसाइट-www-tgcindia-com
दिल्ली स्वरोजगार समिति, झंडेवालान, नई दिल्ली