वाणिज्य क्षेत्र में एक मात्र स्नातक की डिग्री पर्याप्त नहीं है। आपको बेहतर पद प्राप्त करने के लिए, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में स्नातकोत्तर या फिर एक विशेष पाठ्यक्रम करने की आवश्यकता होती है। बैंकिंग और वित्त, शेयर बाजार, बीमा, पूँजी बाजार, वित्तीय नियोजन, इक्विटी अनुसंधान, लेखांकन, आदि जैसे लाभपूर्ण व्यवसाय विभिन्न क्षेत्रों में हैं। हालांकि, समस्या यह है कि जब वाणिज्य क्षेत्र में इतने सारे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, तो सबसे अच्छी नौकरी को प्राप्त करने के लिए किस पाठ्यक्रम को चुनें।
यहाँ, हम वाणिज्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद सर्वश्रेष्ठ नौकरियों पर आधारित पाठ्यक्रमों की सूची नीचे दे रहे हैं:
रेगुलर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम
वाणिज्य में स्नातकोत्तर (एम.कॉम): बीकॉम को पूरा करने के बाद ज्यादातर छात्र एम.कॉम या वाणिज्य में स्नातकोत्तर करना पसंद करते हैं। यह 2 वर्ष का पाठ्यक्रम होता है जिसमें छात्र लेखांकन, वित्त, व्यापारिक अध्ययन, सांख्यिकी, कराधान, अर्थशास्त्र, विपणन और प्रबंधन इत्यादि जैसे विषयों को विशेषज्ञता के लिए चुनते हैं। एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से एम.कॉम की डिग्री प्राप्त करना चाहिए और यह डिग्री सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
नौकरी की संभावना: एम.कॉम के छात्र परिवीक्षाधीन अधिकारी या ग्राहक संबंधी कार्यकारी के रूप में राष्ट्रीयकृत बैंकों में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही सार्वजनिक या निजी क्षेत्रों के उपक्रमों के रूप में कानून समिति सहायक, संबंध प्रबंधक, लेखपाल, विक्रय अधिकारी (लेखा); बीमा कंपनियों, क्रेडिट अधिकारी, वित्तीय विश्लेषक या ऋण अधिकारी के रूप में नौकरी पा सकते हैं।
व्यापार प्रबंधन (एमबीए) में परास्नातक: एमबीए पाठ्यक्रम को बी.कॉम के बाद कर सकते हैं, जो एक लोकप्रिय नौकरी उन्मुख पाठ्यक्रम है। यह एक दो साल का पाठ्यक्रम है और किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक छात्र इस कोर्स के लिए पात्र है। हालांकि, उन्हें एमबीए के संस्थान में प्रवेश पाने के लिए अपनी प्रवेश परीक्षा, समूह चर्चा और साक्षात्कार को पार करना होगा। बी.कॉम स्नातक को बेहतर रोजगार की संभावनाओं के लिए विपणन प्रबंधन, वित्तीय प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, बैंकिंग और बीमा प्रबंधन, योजना प्रबंधन में विशेषज्ञता का विकल्प चुनना चाहिए।
प्रबंधन में परास्नातक: यह पाठ्यक्रम उन छात्रों के लिए एक विकल्प प्रदान करता है जो एमबीए की डिग्री प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं लेकिन अभी भी प्रबंधन की बारीकियों को सीखना चाह रहे हैं। प्रबंधन में परास्नातक आमतौर पर 2 साल का कोर्स है, यह पाठ्यक्रम व्यवसाय के विशिष्ट क्षेत्रों जैसे लेखांकन या विपणन (मार्केटिंग) को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम देश भर के कई प्रतिष्ठित कॉलेजों में उपलब्ध है।
बी.कॉम के बाद के लोकप्रिय पाठ्यक्रम
सी.ए या सी.एस या आई.सी.डब्ल्यू.ए: (सी.ए) चार्टर्ड अकाउंटेंसी, (सी.एस) कंपनी सेक्रेटरी, (सी.डब्ल्यू.ए) कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंसी हमेशा आकर्षक नौकरियों की तलाश करने वाले वाणिज्य छात्रों के लोकप्रिय पाठ्यक्रम हैं। प्रत्येक पाठ्यक्रम तीन अलग-अलग संस्थाओं द्वारा चलाया जाता है जिनमें से एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) द इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई), दूसरा इंस्टीटयूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीडब्ल्यूएआई) और तीसरा कंपनी के सचिवों द्वारा द इंस्टीटयूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (सीडब्ल्यूए) है।
पात्रता की शर्तें: एक छात्र को आईसीएआई में दाखिला लेने के लिए 55% अंकों के साथ बी.कॉम में स्नातक होना चाहिए और तीन साल का प्रशिक्षण पूर्ण होना चाहिए। छात्र या छात्राओं को 2 सप्ताह का सामान्य प्रबंधन और संचार कौशल पाठ्यक्रम करना चाहिए। सीडब्ल्यूए एक बहु-प्रवेश पाठ्यक्रम है और इस पाठ्यक्रम को पूरा करने में कम से कम तीन साल लग सकते हैं, बशर्ते छात्र प्रत्येक चरण की परीक्षा उत्तीर्ण कर सके। सी.एस पाठ्यक्रम में तीन, फाउंडेशन, एक्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल खंड होते हैं। फाउंडेशन पाठ्यक्रम के लिए, पात्रता मानदंड 10+2 और एक स्नातक की डिग्री आवश्यक है। फाउंडेशन पाठ्यक्रम की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ही उम्मीदवार एक्जिक्यूटिव के लिए आवेदन कर सकता है।
नौकरी की संभावनाएँ: इन पाठ्यक्रमों को पूरा करने के बाद वित्तीय संस्थानों, सरकारी विभागों, सार्वजनिक क्षेत्रों और निजी बैंकों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, बीमा कंपनियों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों, निवेश कंपनियों में तुरंत अपनी जीविका की शुरूआत कर सकते हैं। हालांकि, चार्टर्ड अकाउंटेंट की नौकरी की संभावना दूसरे दो पाठ्यक्रमों की तुलना में हमेशा अधिक होती है।
शीर्ष उभरते हुए पाठ्यक्रम
प्रमाणित बैंक प्रबंधक कार्यक्रम: यह बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं, धन, बैंकिंग कानूनों और विनियमों, कोषागार, ऋण, जोखिम प्रबंधन और बैंकिंग रणनीति के क्षेत्रों में नौकरी प्रदान करने वाला 2 वर्ष का पाठ्यक्रम है। ये पाठ्यक्रम बैंक प्रबंधन और अनुसंधान संस्थान (आईबीएम), हैदराबाद द्वारा किए जा सकते हैं।
बैंकिंग और सेवाओं (डी.बी.एफ.एस) में डिप्लोमा: यह इंस्टीट्यूट ऑफ फाईनेंस, बैंकिंग एंड इंश्योरेंस (आई.एफ.बी.आई), मुंबई द्वारा दिया जाने वाला 2 वर्षीय डिप्लोमा है। किसी भी विषय का स्नातक छात्र न्यूनतम 50% अंकों के साथ इस पाठ्यक्रम के लिए व्यक्तिगत साक्षात्कार दे सकता है।
सर्टिफाइड़ फाइनेंशियल प्लानर्स: विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रमाणित पाठ्यक्रम (6 महीने से 1वर्ष) वित्तीय योजना अकादमी (एफपीए) मुंबई, बीएलबी इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशल मार्केट्स (बीआईएफएम), दिल्ली या एनसीआर और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल प्लानिंग (आईआईएफपी) मुंबई आदि संस्थान इस पाठ्यक्रम का प्रस्तुतीकरण करते हैं। किसी भी विषय में स्नातक के साथ-साथ परास्नातक और कार्यकारी व्यवसाई इस पाठ्यक्रम को कर सकते हैं। यह वित्तीय नियोजन, बीमा और जोखिम प्रबंधन, निवेश योजना, कर योजना में विशेषज्ञता के साथ सीएफपी प्रमाणीकरण छात्रों के लिए रोजगार के कई अवसर प्रदान करता है।
प्रोजेक्ट फाइनेंस इन सार्टिफिकेट कोर्सः प्रोजेक्ट फाइनेंस में प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भारत में दो संस्थानों भारतीय बैंकिंग और वित्त संस्थान (आईआईबीएफ) और वित्तीय प्रबंधन और अनुसंधान संस्थान (आईएफएमआर) द्वारा चलाया जाता है। यह परियोजना मूल्यांकन, उधार, वित्तपोषण आदि के क्षेत्र में उन्नत कौशल और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करती है।
क्रिसिल सर्टीफाइड़ एनालाइस्ट प्रोग्राम (सी.सी.ए.पी): इस पाठ्यक्रम की अवधि दो साल की होती है, यह पाठ्यक्रम कार्य के संयोजन, नौकरी से सम्बंधित कार्य और पारस्परिक संगोष्ठी का संयोजन, देश के अग्रणी अनुसंधान, दर-निर्धारण, जोखिम और नीति सलाहकार कंपनी क्रिसिल द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। कम से कम 50%अंकों के साथ स्नातक हो और कैट, जीएटी या क्रिसिल योग्यता परीक्षण पाठ्यक्रम के पात्र हो। यह कोर्स छात्रों को असाधारण वित्तीय और व्यावसायिक कौशल प्राप्त करने में मदद करता है।
वाणिज्य स्नातक के लिए अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमयदि आप वैश्विक या शीर्ष एमएनसी में काम करने की रुचि रखते हैं तो बी.कॉम के बाद अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों को करना आवश्यक है।
सर्टिफाईड़ मैनेजमेन्ट अकाउन्टेन्ट (सी.एम.ए): एक छात्र को सी.एम.ए बनने के लिए दो परीक्षाओं में उत्तीर्ण होना पड़ता है। यह पाठ्यक्रम प्रबंधन लेखाकार संस्थान (आई.एम.ए), अमेरिका द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इस कोर्स में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है जैसे कि वित्तीय नियोजन, विश्लेषण, नियंत्रण, निर्णय समर्थन और पेशेवर नैतिकता जो कि विदेशों में अच्छी नौकरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सर्टिफाईड़ पब्लिक अकाउन्टेन्ट (सी.पी.ए): इस पाठ्यक्रम को पूरे विश्व की लेखाविधि में सर्वोच्च स्तर का दर्जा दिया जाता है और यह भारतीय सी.ए की योग्यता के बराबर है। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ सर्टिफाईड पब्लिक अकाउंटेंट्स (ए.आई.सीपीए), दुनिया का सबसे बड़ा लेखांकन निकाय पाठ्यक्रम और परीक्षा का आयोजन करता है, इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद, अमेरिकी इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (आई.एफ.आर.एस), आमतौर पर, स्वीकार्य लेखा सिद्धांत (जी.एए.पी) और अमेरिकी संघीय कराधान और व्यवसाय कानून आदि का ज्ञान मिलता है।
एसोसिएशन ऑफ चार्टर्ड सर्टिफाइड एकाउंटेंट्स (ए.सी.सी.ए): ए.सी.सी.ए योग्यता के साथ एक चार्टर्ड प्रमाणित अकाउंटेंट, बैंकिंग, प्रबंधन, लेखा और परामर्श के क्षेत्र में सफल अजीविका के दरवाजे खोलता है। हालांकि यह सी.ए के समान है, आई.एफ.आर.एस और कानून और यूके जी.एए.पी का ज्ञान सी.ए से बेहतर माना जाता है। आपको ए.सी.सी.ए पाठ्यक्रम में दाखिला लेने के लिए 14 परीक्षाओं को उत्तीर्ण करना पड़ेगा।