नेचर ऑफ वर्क
एआई, इंजीनियरिंग का ही एडवांस ब्रांच है, जिसके अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग, उनकी प्रोग्रामिंग, नए एप्लिकेशन के विकास और रिसर्च जैसे काम शामिल हैं। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंजीनियरिंग के तहत रोबोट्स के विकास और इसके इस्तेमाल करने की टेक्निक सिखाई जाती है। साथ ही, इसमें डिजाइन इंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन टेस्टिंग, सिस्टम मेंटिनेंस और रिपेयरिंग जैसे बातें भी बताई जाती हैं। करियर प्रॉस्पेक्ट्स इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रोबोटिक्स की हाल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2020 तक दुनिया भर की फैक्ट्रियों में करीब 1.7 मिलियन इंडस्ट्रियल रोबोट इंस्टॉल किए जाएंगे। रिपोर्ट की मानें, तो सर्विस रोबोट की बिक्री में भी करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
जाहिर है, आने वाला दौर तकनीक और इनोवेशन का ही है। वैसे भी, अगर देखें तो रोबोट का इस्तेमाल आज तकरीबन हर फील्ड में होने लगा है। आज चाहे मेडिकल डायग्नोसिस का फील्ड हो, स्टॉक ट्रेडिंग हो, स्मार्ट हथियारों की मैन्युफेक्चरिंग का काम हो या फिर रिमोट सेंसिंग जैसा कोई अन्य फील्ड, सभी जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डिमांड है। अब मोबाइल के क्षेत्र में भी इस तकनीक का उपयोग बढ़ता जा रहा है। कोर्सेस-एलिजिबिलिटी ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए कंप्यूटर साइंस, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में डिग्री होना आवश्यक है। क्योंकि इसी के बाद एआई से जुड़े कुछ स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स, जैसे-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम, मशीन लर्निंग आदि कर सकते हैं।
देश में इस तरह के कोर्स कई इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफर कर रहे हैं। इसी में आगे चलकर आप पीएचडी भी कर सकते हैं। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ही अलग-अलग स्पेशलाइजेशन एरिया हैं, जैसे-यदि डिजाइनिंग और कंट्रोल में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। इसी तरह कंट्रोल और हार्डवेयर डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन करने के लिए इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री फायदेमंद साबित होती है। कुल मिलाकर इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स का मैथ स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है।
जाहिर है, आने वाला दौर तकनीक और इनोवेशन का ही है। वैसे भी, अगर देखें तो रोबोट का इस्तेमाल आज तकरीबन हर फील्ड में होने लगा है। आज चाहे मेडिकल डायग्नोसिस का फील्ड हो, स्टॉक ट्रेडिंग हो, स्मार्ट हथियारों की मैन्युफेक्चरिंग का काम हो या फिर रिमोट सेंसिंग जैसा कोई अन्य फील्ड, सभी जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की डिमांड है। अब मोबाइल के क्षेत्र में भी इस तकनीक का उपयोग बढ़ता जा रहा है। कोर्सेस-एलिजिबिलिटी ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कोर्स करने के लिए कंप्यूटर साइंस, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन में डिग्री होना आवश्यक है। क्योंकि इसी के बाद एआई से जुड़े कुछ स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स, जैसे-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम, मशीन लर्निंग आदि कर सकते हैं।
देश में इस तरह के कोर्स कई इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफर कर रहे हैं। इसी में आगे चलकर आप पीएचडी भी कर सकते हैं। ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में ही अलग-अलग स्पेशलाइजेशन एरिया हैं, जैसे-यदि डिजाइनिंग और कंट्रोल में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं तो मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री होनी चाहिए। इसी तरह कंट्रोल और हार्डवेयर डिजाइनिंग में स्पेशलाइजेशन करने के लिए इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक डिग्री फायदेमंद साबित होती है। कुल मिलाकर इस फील्ड में करियर बनाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स का मैथ स्ट्रॉन्ग होना जरूरी है।
जॉब ऑपर्च्युनिटी ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री हासिल करने के बाद युवाओं के लिए इस क्षेत्र में गेम प्रोग्रामर, रोबोटिक साइंटिस्ट या फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में कई तरह के करियर स्कोप हैं। ऐसे प्रोफेशनल सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं, जैसे-भेल, बीएआरसी और सीएसआइआर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुभवी लोगों को अपने यहां नियुक्त करती हैं। इंटेल सरीखी माइक्रोचिप मैन्युफेक्चरिंग कंपनियों में बतौर रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट के तौर पर अपने लिए जॉब तलाश सकते हैं। इसके अलावा, इसरो और नासा में भी रोबोटिक्स के स्पेशलिस्ट की नियुक्तियां की जाती हैं। इसी तरह, मैन्युफेक्चरिंग, एग्रीकल्चर, माइनिंग, एटॉमिक एनर्जी प्लांट जैसे अन्य फील्ड में भी जॉब के काफी अवसर मौजूद हैं। पूरी दुनिया में ऐसे प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है, जिसके आने वाले दिनों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। यह भी पढ़ेंः ऑफिस में तरक्की पाने के 5 अचूक उपाए अर्निंग अनलिमिटेड ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में डिग्री प्राप्त करने के बाद एक प्रोफेशनल के तौर पर शुरुआती वेतन 50 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए प्रतिमाह तक हो सकता है। अगर आप मल्टीनेशनल कंपनी में ज्वॉइन करते हैं तो वहां आपको और अच्छा पैकेज मिल सकता है। एआई के जानकारों की मांग इन दिनों देश और दुनिया की बड़ी आईटी कंपनियों (जैसे-फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम, एपल, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, टेक महिंद्रा, एचसीएल आदि) में भी है। प्रमुख संस्थान आईआईएससी, बेंगलुरु वेबसाइट- www.iisc.ernet.in आईआईटी, विभिन्न केंद्र वेबसाइट- www.iit.ac.in एनएसआईटी, नई दिल्ली वेबसाइट- www.nsit.ac.in बिट्स, पिलानी वेबसाइट- www. bits-pilani.ac.in एक्सपर्ट व्यू दिवाकर वैश्य फाउंडर, ए-सेट रोबोटिक्स बढ़ रही है एआई एक्सपर्ट्स की मांग यह एक ऐसा राइजिंग फील्ड है, जिसमें अभी आप जितनी जल्दी आ जाएंगे उतना ज्यादा आगे सफल हो सकते हैं। क्योंकि एआई आज सिर्फ रोबोट तक ही सीमित नहीं है। अब मैन्युफेक्चरिंग और ई-कॉमर्स कंपनियों में भी इनका अहम रोल देखा जा सकता है, जो हमें यह तक बता रहे हैं कि हमें क्या खरीदना चाहिए। यह निश्चित है कि आने वाले समय में इनकी भूमिका तेजी से बढ़ेगी। अगले 10 साल के अंदर आप अपने आस-पास रोबोट देखेंगे। हर एक फील्ड में रोबोटिक की जरूरत पड़ेगी। हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा मेडिकल साइंस, फिजिक्स, साइकोलॉजी जैसे दूसरे फील्ड के लोगों की भी आवश्यकता होगी
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