शब्द की उत्पत्ति चेक शब्द 'रोबिट' तथा स्लैव मूल के शब्द रोबोटा से हुई,
जिसका अर्थ कार्य तथा गुलामी का काम है। आजकल रोबोट हार्ट सर्जरी करते हैं,
बारूदी सुरंगों को हटाते हैं तथा कारों की असेम्बलिंग का कार्य करते हैं।
फिर भी भारतीय कंपनियाँ अभी भी बार-बार किए जाने वाले बोरिंग तथा असुखदकर
कार्यों में रोबोटों के उपयोग करने से बच रही है। वेल्डिंग, असेम्बलिंग,
स्प्रे-पेटिंग, कटिंग तथा पूर्जों को लगाना कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें रोबोट
द्वारा कुशलतापूर्वक किया जाता है।
तीन शाखाओं का संगम है रोबोटिक्स
रोबोटिक्स के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। वास्तव में रोबोटिक्स इन तीनों के तालमेल का ही रूप है। इसलिए रोबोटिक्स में सुविज्ञता हासिल करने के लिए इन तीनों क्षेत्र का गहन ज्ञान अपेक्षित है। इस क्षेत्र में कुछ इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम्स, इंटेलिजेंस कंट्रोल, इमेजिंग प्रोसेस, न्यूरल नेटवर्क्स तथा फुजी लाजिक्स पर विशेष कोर्स संचालित किए जाते हैं। इसके अलावा पोस्टग्रेजुएट स्तर पर भी स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है।
रोबोटिक्स के अध्ययन में बेसिक इंजीनियरिंग प्रिसिपल तथा रोबोट्स का विकास तथा उपयोग करने वाले प्रोफेशनल की सहायता करने के लिए टेक्निकल स्किल्स सिखाई जाती है। इसमें डिजाइन में इंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन टेस्टिंग, सिस्टम मैटेनेंस तथा रिपेयर शामिल है।
रोबोटिक्स को जानिए
फिर भी रोबोटिक्स एक या दो दिनों में सीख कर चलाया जाने वाला अल्पकालीन क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालीन अनुसंधानपरक करियर है। हो सकता है कि इस क्षेत्र में आज प्रवेश करने वालों को अपनी मंजिल तक पहुँचने में कुछ साल इंतजार करना पड़े। बीएचईएल, बार्क तथा सीएआईआर जैसे संगठनों द्वारा फ्रेश ग्रेजुएटस को साइंटिस्ट के रूप में लेकर रोबोटिक्स के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाता है।
रोबोटिक्स विषय से परिचित होने के लिए सबसे पहले रोबोट की अवधारणा को समझना आवश्यक है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन ने रोबोट को परिभाषित करते हुए बताया है कि यह ऐसी स्व-नियंत्रित रि-प्रोगामेबल मल्टीपरपज मशीन है, जिसे लोकोमोशन सहित या उसके बिना इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन एप्लिकेशन के लिए उपयोग में लाया जाता है। आज सारी दुनिया में विभिन्न कार्यकलापों में रोबोटों का उपयोग निरंतर लोकप्रिय होकर बढ़ता जा रहा है। चूँकि रोबोट को किसी भी काम के लिए खतरनाक पर्यावरण तक के लिए बार-बार सही रूप से प्रोग्राम किया जा सकता है।
ये विभिन्न रणनीतियुक्त मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रोबोटिक्स के अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग, उनका अनुरक्षण, नए एप्लिकेशंस का विकास और अनुसंधान जैसे काम आते हैं। इस क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक्स तथा कम्प्यूटर साइंस जैसे सहयोगी क्षेत्रों का ज्ञान शामिल होता है। इसलिए इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों को इन क्षेत्रों से संबंधित तकनीकों से अवगत होना चाहिए।
रोबोटिक्स के कोर्स
रोबोटिक्स इंजीनियरिंग का वह क्षेत्र है, जो रोबोट की डिजाइन तथा एप्लिकेशन से संबंधित है तथा इसमें मेनिपुलेशन तथा प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। उद्योगों में रोबोट्स का उपयोग निर्माण प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जाता है।
इन्हें न्युक्लियर साइंस, सी-एक्सप्लोरेशन, इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स की ट्रांसमिशन सर्विस, बायोमेडिकल इक्विपमेंट की डिजाइनिंग आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है। रोबोटिक्स के लिए कम्प्यूटर इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग, मैकेनिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल मैकेनिक्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का एप्लिकेशंस आवश्यक होता है।
योग्यता
चूँकि रोबोटिक्स एक इंटर-डिसिप्लिनरी कोर्स है। इसलिए इसमें उन छात्रों के लिए आमंत्रण है, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटेशनल इंजीनियरिंग या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया हो तथा जिनकी रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अभिरुचि हो।
सामान्यतः रोबोटिक्स के लिए बी टेक या बीई कम्प्यूटर, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल को आदर्श योग्यता माना जाता है। आईआईटी दिल्ली, कानपुर, मुंबई, चेन्नई, खड़गपुर, गुवाहाटी तथा रूड़की सहित कई इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
रोजगार के अवसर
रोबोटिक्स एक उभरता हुआ क्षेत्र है। इसलिए यहाँ रोजगार के नए-नए और बेहतरीन अवसर उपलब्ध हैं। रोबोटिक्स में करियर बनाने वाले या तो इंडस्ट्रीयल रोबोट्स के निर्माण या एप्लिकेशन स्पेसिफिक रोबोट के क्षेत्र जैसे कि बम निष्क्रिय करने के काम तथा अन्य सुरक्षा कार्यों में रोबोट के उपयोग से संबंधित कार्य कर सकता है। रोबोट से वैक्यू क्लीनिंग जैसे घरेलू काम भी लिए जा सकते हैं। रोबोटिक्स के क्षेत्र में सतत अनुसंधान जारी है। इस क्षेत्र में भी करियर निर्माण की अपार संभावना है।
भारत में स्कोप
रोबोटिक्स में एमई करने वाले छात्र इसरो जैसे अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में रोजगार के विशिष्ट अवसर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही माइक्रोचिप बनाने वाले उद्योगों में भी उनकी खासी माँग है। उनके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान में कार्य करने के लिए आईआईटी के दरवाजे भी खुले हुए हैं। इतना ही नहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव बायोलॉजी भी रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान के लिए फैलोशिप प्रदान की है।
विदेशों में स्कोप
रोबोटिक्स इंजीनियर को अमेरिका की प्लास्टेक जैसी कंपनियों में रोबोटों को प्रोग्राम करने, ट्रबलशूट तथा अनुरक्षण के लिए रोजगार के शानदार अवसर उपलब्ध हैं। मानवीय रोबोटिक्स तथा कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली प्रीमियर रिसर्च संस्थान एटीआर में भी रिसर्च फैलोशिप के अवसर भी उपलब्ध हैं। इनटेल जैसी कंपनियों द्वारा माइक्रोचिप निर्माण के लिए रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट को नियुक्त करते हैं।
उत्तरी अमेरिका स्थित रोबोटिक्स इंडस्ट्रियल एसोसिएशन रोबोट मैन्यूफैक्चरिंग एंड मेंटेनेंस सिस्टम्स इंटिग्रेशन में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। साथ ही जो लोग रोबोटिक्स को अंतरिक्ष विज्ञान में उपयोग में लाने की अभिरुचि रखते हैं, उनके लिए नासा सबसे अच्छा करियर निर्माण स्थल है।
रोबोटिक्स के क्षेत्र
रोबोटिक्स का कोर्स छात्रों को निम्नलिखित क्षेत्र में प्रशिक्षित कर शिक्षा प्रदान करता है-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
हकम्प्यूटर एडेड मैन्यूफैक्चरिंग
- इंस्टीट्यूट कम्प्यूटर इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग सिस्टम
- कम्प्यूटेशन ज्यामेट्री
- रोबोट मोशन प्लानिंग
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
- माइक्रो प्रोसेसर्स
- रोबोट मेनिपुलेटर्स
कुशल रोबोटिक्स इंजीनियर अपनी सुविज्ञता को मॉडर्न वेलफेयर, सर्जरी, नेनो टेक्नॉलॉजी, स्पेस एक्सप्लोरेशन तथा अन्य कई क्षेत्रों में उपयोग में ला सकता है।
पारिश्रमिक
रोबोटिक्स के क्षेत्र में योग्य और गुणी प्रोफेशनल्स के सामने करियर निर्माण का एक सुनहरा संसार बाहें पसारे खड़ा है। भारत में भी रोबोटिक्स का धड़ाके से आगमन हो रहा है। जहाँ तक इस क्षेत्र में पारिश्रमिक का प्रश्न है, इस क्षेत्र में बेहतरीन पे-पैकेज की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सामान्यतः आरंभिक वेतन 25 हजार से लेकर 60 हजार के बीच हो सकता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा योग्य रोबोटिक्स प्रोफेशनल्स को ज्यादा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
रोबोटिक्स से जुड़े संस्थान
निम्नलिखित प्रमुख संस्थानों के अतिरिक्त देश की कई नेशनल यूनिवर्सिटियों द्वारा अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम
में रोबोटिक्स को एक विशेष विषय के रूप में पढ़ाया
जाता है :-
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, मुंबई
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, कानपुर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, मद्रास
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, गुवाहाटी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, खड़गपुर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, रूड़की
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी
- जादवपुर यूनिवर्सिटी-एमई रोबोटिक्स
- कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी, कोचि
- वीरमाता जीजाबाई टेक्नॉलॉजी, इंस्टीट्यूट, मुंबई
- थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलॉजी, पटियाला
- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
- उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- एमएम यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
तीन शाखाओं का संगम है रोबोटिक्स
रोबोटिक्स के क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है। वास्तव में रोबोटिक्स इन तीनों के तालमेल का ही रूप है। इसलिए रोबोटिक्स में सुविज्ञता हासिल करने के लिए इन तीनों क्षेत्र का गहन ज्ञान अपेक्षित है। इस क्षेत्र में कुछ इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम्स, इंटेलिजेंस कंट्रोल, इमेजिंग प्रोसेस, न्यूरल नेटवर्क्स तथा फुजी लाजिक्स पर विशेष कोर्स संचालित किए जाते हैं। इसके अलावा पोस्टग्रेजुएट स्तर पर भी स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है।
रोबोटिक्स के अध्ययन में बेसिक इंजीनियरिंग प्रिसिपल तथा रोबोट्स का विकास तथा उपयोग करने वाले प्रोफेशनल की सहायता करने के लिए टेक्निकल स्किल्स सिखाई जाती है। इसमें डिजाइन में इंस्ट्रक्शन, ऑपरेशन टेस्टिंग, सिस्टम मैटेनेंस तथा रिपेयर शामिल है।
रोबोटिक्स को जानिए
फिर भी रोबोटिक्स एक या दो दिनों में सीख कर चलाया जाने वाला अल्पकालीन क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालीन अनुसंधानपरक करियर है। हो सकता है कि इस क्षेत्र में आज प्रवेश करने वालों को अपनी मंजिल तक पहुँचने में कुछ साल इंतजार करना पड़े। बीएचईएल, बार्क तथा सीएआईआर जैसे संगठनों द्वारा फ्रेश ग्रेजुएटस को साइंटिस्ट के रूप में लेकर रोबोटिक्स के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाता है।
रोबोटिक्स विषय से परिचित होने के लिए सबसे पहले रोबोट की अवधारणा को समझना आवश्यक है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन ने रोबोट को परिभाषित करते हुए बताया है कि यह ऐसी स्व-नियंत्रित रि-प्रोगामेबल मल्टीपरपज मशीन है, जिसे लोकोमोशन सहित या उसके बिना इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन एप्लिकेशन के लिए उपयोग में लाया जाता है। आज सारी दुनिया में विभिन्न कार्यकलापों में रोबोटों का उपयोग निरंतर लोकप्रिय होकर बढ़ता जा रहा है। चूँकि रोबोट को किसी भी काम के लिए खतरनाक पर्यावरण तक के लिए बार-बार सही रूप से प्रोग्राम किया जा सकता है।
ये विभिन्न रणनीतियुक्त मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रोबोटिक्स के अंतर्गत रोबोट की डिजाइनिंग, उनका अनुरक्षण, नए एप्लिकेशंस का विकास और अनुसंधान जैसे काम आते हैं। इस क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स, मैकेनिक्स तथा कम्प्यूटर साइंस जैसे सहयोगी क्षेत्रों का ज्ञान शामिल होता है। इसलिए इस क्षेत्र में करियर बनाने वालों को इन क्षेत्रों से संबंधित तकनीकों से अवगत होना चाहिए।
रोबोटिक्स के कोर्स
रोबोटिक्स इंजीनियरिंग का वह क्षेत्र है, जो रोबोट की डिजाइन तथा एप्लिकेशन से संबंधित है तथा इसमें मेनिपुलेशन तथा प्रोसेसिंग के लिए कम्प्यूटर का उपयोग किया जाता है। उद्योगों में रोबोट्स का उपयोग निर्माण प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जाता है।
इन्हें न्युक्लियर साइंस, सी-एक्सप्लोरेशन, इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स की ट्रांसमिशन सर्विस, बायोमेडिकल इक्विपमेंट की डिजाइनिंग आदि के लिए उपयोग में लाया जाता है। रोबोटिक्स के लिए कम्प्यूटर इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग, मैकेनिकल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, बायोलॉजिकल मैकेनिक्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का एप्लिकेशंस आवश्यक होता है।
योग्यता
चूँकि रोबोटिक्स एक इंटर-डिसिप्लिनरी कोर्स है। इसलिए इसमें उन छात्रों के लिए आमंत्रण है, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंस्ट्रूमेंटेशनल इंजीनियरिंग या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया हो तथा जिनकी रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अभिरुचि हो।
सामान्यतः रोबोटिक्स के लिए बी टेक या बीई कम्प्यूटर, आईटी, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल को आदर्श योग्यता माना जाता है। आईआईटी दिल्ली, कानपुर, मुंबई, चेन्नई, खड़गपुर, गुवाहाटी तथा रूड़की सहित कई इंजीनियरिंग संस्थानों द्वारा रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
रोजगार के अवसर
रोबोटिक्स एक उभरता हुआ क्षेत्र है। इसलिए यहाँ रोजगार के नए-नए और बेहतरीन अवसर उपलब्ध हैं। रोबोटिक्स में करियर बनाने वाले या तो इंडस्ट्रीयल रोबोट्स के निर्माण या एप्लिकेशन स्पेसिफिक रोबोट के क्षेत्र जैसे कि बम निष्क्रिय करने के काम तथा अन्य सुरक्षा कार्यों में रोबोट के उपयोग से संबंधित कार्य कर सकता है। रोबोट से वैक्यू क्लीनिंग जैसे घरेलू काम भी लिए जा सकते हैं। रोबोटिक्स के क्षेत्र में सतत अनुसंधान जारी है। इस क्षेत्र में भी करियर निर्माण की अपार संभावना है।
भारत में स्कोप
रोबोटिक्स में एमई करने वाले छात्र इसरो जैसे अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में रोजगार के विशिष्ट अवसर प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही माइक्रोचिप बनाने वाले उद्योगों में भी उनकी खासी माँग है। उनके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान में कार्य करने के लिए आईआईटी के दरवाजे भी खुले हुए हैं। इतना ही नहीं, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑव बायोलॉजी भी रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान के लिए फैलोशिप प्रदान की है।
विदेशों में स्कोप
रोबोटिक्स इंजीनियर को अमेरिका की प्लास्टेक जैसी कंपनियों में रोबोटों को प्रोग्राम करने, ट्रबलशूट तथा अनुरक्षण के लिए रोजगार के शानदार अवसर उपलब्ध हैं। मानवीय रोबोटिक्स तथा कम्प्यूटेशनल न्यूरोसाइंस के क्षेत्र में रिसर्च करने वाली प्रीमियर रिसर्च संस्थान एटीआर में भी रिसर्च फैलोशिप के अवसर भी उपलब्ध हैं। इनटेल जैसी कंपनियों द्वारा माइक्रोचिप निर्माण के लिए रोबोटिक्स तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्पेशलिस्ट को नियुक्त करते हैं।
उत्तरी अमेरिका स्थित रोबोटिक्स इंडस्ट्रियल एसोसिएशन रोबोट मैन्यूफैक्चरिंग एंड मेंटेनेंस सिस्टम्स इंटिग्रेशन में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। साथ ही जो लोग रोबोटिक्स को अंतरिक्ष विज्ञान में उपयोग में लाने की अभिरुचि रखते हैं, उनके लिए नासा सबसे अच्छा करियर निर्माण स्थल है।
रोबोटिक्स के क्षेत्र
रोबोटिक्स का कोर्स छात्रों को निम्नलिखित क्षेत्र में प्रशिक्षित कर शिक्षा प्रदान करता है-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
हकम्प्यूटर एडेड मैन्यूफैक्चरिंग
- इंस्टीट्यूट कम्प्यूटर इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग सिस्टम
- कम्प्यूटेशन ज्यामेट्री
- रोबोट मोशन प्लानिंग
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
- माइक्रो प्रोसेसर्स
- रोबोट मेनिपुलेटर्स
कुशल रोबोटिक्स इंजीनियर अपनी सुविज्ञता को मॉडर्न वेलफेयर, सर्जरी, नेनो टेक्नॉलॉजी, स्पेस एक्सप्लोरेशन तथा अन्य कई क्षेत्रों में उपयोग में ला सकता है।
पारिश्रमिक
रोबोटिक्स के क्षेत्र में योग्य और गुणी प्रोफेशनल्स के सामने करियर निर्माण का एक सुनहरा संसार बाहें पसारे खड़ा है। भारत में भी रोबोटिक्स का धड़ाके से आगमन हो रहा है। जहाँ तक इस क्षेत्र में पारिश्रमिक का प्रश्न है, इस क्षेत्र में बेहतरीन पे-पैकेज की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। सामान्यतः आरंभिक वेतन 25 हजार से लेकर 60 हजार के बीच हो सकता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा योग्य रोबोटिक्स प्रोफेशनल्स को ज्यादा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
रोबोटिक्स से जुड़े संस्थान
निम्नलिखित प्रमुख संस्थानों के अतिरिक्त देश की कई नेशनल यूनिवर्सिटियों द्वारा अपने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम
में रोबोटिक्स को एक विशेष विषय के रूप में पढ़ाया
जाता है :-
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, मुंबई
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, कानपुर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, मद्रास
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, गुवाहाटी
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, खड़गपुर
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, रूड़की
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी, हैदराबाद यूनिवर्सिटी
- जादवपुर यूनिवर्सिटी-एमई रोबोटिक्स
- कोचिन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी, कोचि
- वीरमाता जीजाबाई टेक्नॉलॉजी, इंस्टीट्यूट, मुंबई
- थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नॉलॉजी, पटियाला
- यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
- उस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- एमएम यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
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