फोटोग्राफी अपनी रचनात्मकता और भावनाओं को व्यक्त करने का एक अच्छा
माध्यम है। यदि आप अपना दायरा थोड़ा-सा बढ़ा दें तो यह शौक आपके लिए एक
अच्छा करियर विकल्प बन सकता है। फोटोग्राफी में करियर के बारे में बता रही
हैं नमिता सिंह
फोटोग्राफी के कई स्वरूप हैं, जिसमें से आपको पसंदीदा क्षेत्र चुनना पड़ता है। चाहे स्टिल फोटोग्राफी हो या वीडियो फोटोग्राफी, दोनों में बेहतर कौशल की दरकार होती है। फोटो तो कोई भी व्यक्ति बस एक क्लिक करके खींच सकता है, पर उस फोटो से किस प्रकार का प्रभाव सामने आ रहा है, यह समझना आवश्यक है।
जानते हैं कि युवा फोटोग्राफी में करियर बना कर अपना भविष्य कैसे उज्ज्वल बना सकते हैं-
कब रख सकते हैं कदम
अभी कुछ वर्ष पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं थी, पर अब ऐसा नहीं है। कुछ संस्थानों में नौकरी पाने के लिए स्नातक होना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र बारहवीं उत्तीर्ण है तो उसके लिए डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए अवसर खुल जाते हैं। इसके अतिरिक्त डिप्लोमा, डिग्री तथा कई तरह के स्पेशलाइजेशन कोर्स बाजार में मौजूद हैं। इनकी अवधि 6 माह से लेकर 3 वर्ष तक है।
आवश्यक स्किल्स
इस क्षेत्र में स्थापित होने के लिए फोटोग्राफर को शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी है। यदि आप फिट हैं तो आसानी से 50-55 साल तक इनडोर अथवा आउटडोर फोटोग्राफी कर सकते हैं। वीडियो फोटोग्राफी करते समय फोटोग्राफर को साउंड, क्रियेटिविटी, कैमरे से जुड़ी जानकारियां, लाइट एवं फोटोग्राफी टेक्नीक की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा फोटोग्राफर में आंखों की शार्पनेस, ग्राहक की पसंद को परखने, बुद्धिमता, रंगों के संयोजन, दबाव के समय भी अच्छा कार्य करने जैसे गुण होने भी आवश्यक है।
कोर्स से जुड़ी जानकारी
कोर्स के अंतर्गत फोटो खींचने के विभिन्न तरीकों के साथ-साथ फोटो द्वारा दिए जाने वाले संदेश के बारे में भी स्पष्ट ज्ञान दिया जाता है। कैमरे के अलावा भी कई और बातों के बारे में छात्रों को बताया जाता है, मसलन किस फोटो को किस एंगल से लेना है, किस ऑबजेक्ट को अधिक फोकस करना है, प्रेशर में कैसे कार्य अधिक करना है तथा कम्प्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयरों की मदद से किस प्रकार फोटो को मीनिंगफुल बनाना है आदि।
यह एक ऐसी विधा है, जो लगातार अभ्यास करते रहने से ही आती है।
फोटोग्राफी के विभिन्न कार्य क्षेत्र
इसका कार्यक्षेत्र बहुत फैला हुआ है, इसलिए फोटोग्राफर को किसी विशेष क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करना पड़ता है। इन्हें निम्न रूप में बांटा जा सकता है-
फोटो जर्नलिस्म- इसमें समाचार पत्र-पत्रिकाओं से लेकर न्यूज एजेंसियों के लिए काम किया जाता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें खतरों और विपरीत परिस्थितियों से दो-चार होकर भी फोटोग्राफी करनी पड़ती है। इसमें फोटोग्राफर को ध्यान देना पड़ता है कि किस प्रकार उसकी फोटोग्राफी अधिक न्यूजी बने तथा उसके द्वारा लिखा गया कैप्शन स्टोरी व फोटो को सपोर्ट कर सके।
फैशन फोटोग्राफी- इस प्रकार की फोटोग्राफी में फोटोग्राफरों की जबर्दस्त डिमांड है, साथ ही क्रिएटिव लोग जल्दी ही प्रमोशन भी पा जाते हैं। फैशन फोटोग्राफरों को फैशन एक्सपर्ट के मुताबिक फोटो खींचनी होती है। दिल्ली एवं मुंबई में यह क्षेत्र अधिक विकसित हो रहा है।
स्टूडियो फोटोग्राफी- इसमें स्टूडियो वर्कशामिल होता है। यहां पोट्रेट खींचने के अलावा शादी-विवाह, सामाजिक एवं खेलकूद कार्यक्रमों तथा बर्थडे या अन्य पार्टियों आदि की तस्वीरों से जुड़ा काम मिलता है।
कॉमर्शियल फोटोग्राफी-कॉमर्शियल फोटोग्राफी में फोटोग्राफर को कई तरह के कैमरों पर हाथ आजमाना पड़ता है। इसके प्रमुख क्षेत्रों में मर्चेडाइजिंग, इंटीरियर्स तथा इंडस्ट्रियल होते हैं। यह फोटोग्राफी इनडोर तथा आउटडोर दोनों रूप में होती है। मुख्य रूप से कंपनी के ब्रोशर, वार्षिक रिपोर्ट, विज्ञापन एवं बिक्री के लिए तस्वीरें खींची जाती हैं।
मेडिकल/तकनीकी फोटोग्राफी- बाजार में मेडिकल एवं अन्य तकनीकी पुस्तकों तथा जर्नलों के लिए जिन फोटोग्राफ्स की आवश्यकता होती है, उसकी कमी इसी से जुड़े फोटोग्राफर पूरा करते हैं। रिसर्च, इंजीनियरिंग, साइंस आदि से संबंधित फोटोग्राफ्स इसी का हिस्सा हैं।
एडवर्टाइजिंग फोटोग्राफी-इसके अंतर्गत ज्यादातर फ्रीलांस फोटोग्राफर ही आते हैं, जो एक पैकेज के रूप में काम करते हैं। इसमें विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों, प्रोडक्शन हाउसों तथा स्टूडियो से संपर्क रखना पड़ता है, जो कमीशन के आधार पर इन्हें काम देते हैं।
फीचर फोटोग्राफी- यह फोटोग्राफी सामान्यत: किसी विषय विशेष पर की जाती है। इसमें चित्र के आधार पर ही स्टोरी का निर्माण होता है। इसके अंतर्गत खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन, वातावरण, वन्य जीवन, फूड, मनोरंजन आदि क्षेत्र आते हैं। इसमें फोटोग्राफर को कभी-कभी एक रिपोर्टर की भूमिका में भी कार्य करना पड़ता है।
फ्रीलांस फोटोग्राफी- अधिकांश फोटोग्राफर्स की पसंद फ्रीलांस फोटोग्राफी ही है। एक आंकड़े के मुताबिक लगभग 45-50 प्रतिशत फोटोग्राफर फ्रीलांसर के रूप में ही काम कर रहे हैं। यदि किसी फोटोग्राफर में अच्छा व्यवसायिक ज्ञान, बेहतर संवाद क्षमता तथा जिम्मेदारियों को उठाने की काबिलियत है तो उनके लिए यह सुनहरा क्षेत्र है। इसमें अपनी रुचि के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में फोटोग्राफी की जा सकती है।
रोजगार की संभावनाएं
यह एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें अनुभव हासिल हो जाने पर नौकरी की जरूरत महसूस नहीं होती। आप अपनी इच्छानुसार स्वतंत्र रूप से समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज चैनल्स, एडवर्टाइजिंग एजेंसीज, फिल्म इंडस्ट्री, फैशन एजेंसी, डॉक्यूमेंट्री व प्रोडक्शन हाउस के अलावा अपना स्वयं का स्टूडियो लगा कर पोर्टफोलियो, शादी-विवाह आदि की फोटोग्राफी कर सकते हैं।
शुरुआत में आपको सहायक कैमरामैन के रूप में काम करना पड़ता है, जो कि सीखने के लिए वरदान साबित होता है। धीरे-धीरे आप बतौर कैमरामैन स्थापित हो जाते हैं।
यह एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जिसमें कभी रोजगार का अभाव हो ही नहीं सकता। सरकारी महकमों में भी फोटोग्राफरों की नियुक्ति की जाती है। यदि आप किसी कंपनी अथवा संस्थान से नहीं जुड़ना चाहते तो फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। इसमें आपके पास कई सारे विकल्प सामने आएंगे।
मिलने वाली सेलरी
आय की दृष्टि से भी यह फील्ड उत्तम है। बतौर सहायक कैमरामैन किसी फोटोग्राफर को 10-15 हजार रुपए प्रतिमाह आमदनी होती है, जबकि कैमरामैन के रूप में काम करने पर आसानी से 30-32 हजार रुपए प्रतिमाह कमाए जा सकते हैं। अनुभव बढ़ने पर यह रकम तेजी से बढ़ती है।
यदि आप किसी अच्छे पत्र-पत्रिका में फोटोग्राफर के रूप में काम कर रहे होते हैं तो आपको 20-25 हजार रुपए, न्यूज चैनलों, प्रोडक्शन हाउसों तथा एड एजेंसियों में 30-35 हजार रुपए तथा फिल्म इंडस्ट्री में 70 हजार रुपए से लेकर लाखों तक कमा सकते हैं, जबकि फ्रीलांसिंग के रूप में कमाई की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। आप एक दिन में 50 हजार रुपए तक घर ला सकते हैं।
एक्सपर्ट व्यू
सकारात्मक सोच के साथ आएं इस क्षेत्र में
फोटोग्राफी एक कलात्मक क्षेत्र है। इसमें हर नई फोटो के साथ फोटोग्राफर को आत्मसंतुष्टि का अनुभव होता है। समय के साथ इसमें टेक्नोलॉजी का समावेश होता गया। पहले जो काम साधारण कैमरों से किया जाता था, आज उनका स्थान डिजिटल और महंगे कैमरों ने ले लिया है। इस क्षेत्र में जो भी बदलाव हुआ है, उससे काम और अच्छा तथा सरल होता चला गया है। फोटोग्राफी को लोग दो तरह से अपनाते हैं। एक करियर के लिहाज से और दूसरा शौकिया। सिर्फ कैमरा साथ रख लेने या बटन क्लिक कर देने से अच्छा फोटोग्राफर नहीं बना जा सकता। फोटोग्राफर को खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि वह क्या दिखाना चाहता है। यदि उसे इस सवाल का जवाब मिल जाए तो समझ लीजिए कि घटना या ईवेंट की सही तस्वीर प्रस्तुत हो सकती है। सफलतापूर्वक कोर्स करने के बाद इसमें रोजगार की बहार है। फैशन फोटोग्राफी, प्रोडक्ट फोटोग्राफी तथा मेडिकल फोटोग्राफी में आजकल जॉब की अनेक संभावनाएं सामने आ रही हैं। स्वतंत्र रूप से काम करना भी काफी कमाऊ हो सकता है।
-अश्वनी जुनेजा, सीनियर फैकल्टी, फोटोग्राफी, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
प्रमुख संस्थान
फोटोग्राफी से संबंधित पाठ्यक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं-
भारतीय विद्या भवन (डिपार्टमेंट ऑफ फिल्म एंड टीवी स्टडीज), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.film-tvstudies.com
जामिया मिल्लिया इस्लामिया
(एमसीआरसी डिपार्टमेंट), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.jmi.nic.in
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे
वेबसाइट- www.ftiindiai.com
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iimc.nic.in
सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता
वेबसाइट- www.srfti.gov.in
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
वेबसाइट- www.allduniv.ac.in
एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टीवी, नोएडा
वेबसाइट- www.aaft.com
फायदे एवं नुकसान
सफल होने पर बनती है अलग पहचान
कई तरह के अनुभवों से होते हैं वाकिफ
शारीरिक श्रम अधिक होने से थकान की स्थिति
मेहनत के हिसाब से आमदनी कम
फोटोग्राफी के कई स्वरूप हैं, जिसमें से आपको पसंदीदा क्षेत्र चुनना पड़ता है। चाहे स्टिल फोटोग्राफी हो या वीडियो फोटोग्राफी, दोनों में बेहतर कौशल की दरकार होती है। फोटो तो कोई भी व्यक्ति बस एक क्लिक करके खींच सकता है, पर उस फोटो से किस प्रकार का प्रभाव सामने आ रहा है, यह समझना आवश्यक है।
जानते हैं कि युवा फोटोग्राफी में करियर बना कर अपना भविष्य कैसे उज्ज्वल बना सकते हैं-
कब रख सकते हैं कदम
अभी कुछ वर्ष पूर्व तक फोटोग्राफी में करियर बनाने के लिए किसी विशेष शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं थी, पर अब ऐसा नहीं है। कुछ संस्थानों में नौकरी पाने के लिए स्नातक होना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र बारहवीं उत्तीर्ण है तो उसके लिए डिप्लोमा अथवा सर्टिफिकेट कोर्स करने के लिए अवसर खुल जाते हैं। इसके अतिरिक्त डिप्लोमा, डिग्री तथा कई तरह के स्पेशलाइजेशन कोर्स बाजार में मौजूद हैं। इनकी अवधि 6 माह से लेकर 3 वर्ष तक है।
आवश्यक स्किल्स
इस क्षेत्र में स्थापित होने के लिए फोटोग्राफर को शारीरिक रूप से फिट होना बहुत जरूरी है। यदि आप फिट हैं तो आसानी से 50-55 साल तक इनडोर अथवा आउटडोर फोटोग्राफी कर सकते हैं। वीडियो फोटोग्राफी करते समय फोटोग्राफर को साउंड, क्रियेटिविटी, कैमरे से जुड़ी जानकारियां, लाइट एवं फोटोग्राफी टेक्नीक की जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा फोटोग्राफर में आंखों की शार्पनेस, ग्राहक की पसंद को परखने, बुद्धिमता, रंगों के संयोजन, दबाव के समय भी अच्छा कार्य करने जैसे गुण होने भी आवश्यक है।
कोर्स से जुड़ी जानकारी
कोर्स के अंतर्गत फोटो खींचने के विभिन्न तरीकों के साथ-साथ फोटो द्वारा दिए जाने वाले संदेश के बारे में भी स्पष्ट ज्ञान दिया जाता है। कैमरे के अलावा भी कई और बातों के बारे में छात्रों को बताया जाता है, मसलन किस फोटो को किस एंगल से लेना है, किस ऑबजेक्ट को अधिक फोकस करना है, प्रेशर में कैसे कार्य अधिक करना है तथा कम्प्यूटर पर विभिन्न सॉफ्टवेयरों की मदद से किस प्रकार फोटो को मीनिंगफुल बनाना है आदि।
यह एक ऐसी विधा है, जो लगातार अभ्यास करते रहने से ही आती है।
फोटोग्राफी के विभिन्न कार्य क्षेत्र
इसका कार्यक्षेत्र बहुत फैला हुआ है, इसलिए फोटोग्राफर को किसी विशेष क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन करना पड़ता है। इन्हें निम्न रूप में बांटा जा सकता है-
फोटो जर्नलिस्म- इसमें समाचार पत्र-पत्रिकाओं से लेकर न्यूज एजेंसियों के लिए काम किया जाता है। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें खतरों और विपरीत परिस्थितियों से दो-चार होकर भी फोटोग्राफी करनी पड़ती है। इसमें फोटोग्राफर को ध्यान देना पड़ता है कि किस प्रकार उसकी फोटोग्राफी अधिक न्यूजी बने तथा उसके द्वारा लिखा गया कैप्शन स्टोरी व फोटो को सपोर्ट कर सके।
फैशन फोटोग्राफी- इस प्रकार की फोटोग्राफी में फोटोग्राफरों की जबर्दस्त डिमांड है, साथ ही क्रिएटिव लोग जल्दी ही प्रमोशन भी पा जाते हैं। फैशन फोटोग्राफरों को फैशन एक्सपर्ट के मुताबिक फोटो खींचनी होती है। दिल्ली एवं मुंबई में यह क्षेत्र अधिक विकसित हो रहा है।
स्टूडियो फोटोग्राफी- इसमें स्टूडियो वर्कशामिल होता है। यहां पोट्रेट खींचने के अलावा शादी-विवाह, सामाजिक एवं खेलकूद कार्यक्रमों तथा बर्थडे या अन्य पार्टियों आदि की तस्वीरों से जुड़ा काम मिलता है।
कॉमर्शियल फोटोग्राफी-कॉमर्शियल फोटोग्राफी में फोटोग्राफर को कई तरह के कैमरों पर हाथ आजमाना पड़ता है। इसके प्रमुख क्षेत्रों में मर्चेडाइजिंग, इंटीरियर्स तथा इंडस्ट्रियल होते हैं। यह फोटोग्राफी इनडोर तथा आउटडोर दोनों रूप में होती है। मुख्य रूप से कंपनी के ब्रोशर, वार्षिक रिपोर्ट, विज्ञापन एवं बिक्री के लिए तस्वीरें खींची जाती हैं।
मेडिकल/तकनीकी फोटोग्राफी- बाजार में मेडिकल एवं अन्य तकनीकी पुस्तकों तथा जर्नलों के लिए जिन फोटोग्राफ्स की आवश्यकता होती है, उसकी कमी इसी से जुड़े फोटोग्राफर पूरा करते हैं। रिसर्च, इंजीनियरिंग, साइंस आदि से संबंधित फोटोग्राफ्स इसी का हिस्सा हैं।
एडवर्टाइजिंग फोटोग्राफी-इसके अंतर्गत ज्यादातर फ्रीलांस फोटोग्राफर ही आते हैं, जो एक पैकेज के रूप में काम करते हैं। इसमें विभिन्न विज्ञापन एजेंसियों, प्रोडक्शन हाउसों तथा स्टूडियो से संपर्क रखना पड़ता है, जो कमीशन के आधार पर इन्हें काम देते हैं।
फीचर फोटोग्राफी- यह फोटोग्राफी सामान्यत: किसी विषय विशेष पर की जाती है। इसमें चित्र के आधार पर ही स्टोरी का निर्माण होता है। इसके अंतर्गत खेलकूद, शिक्षा, पर्यटन, वातावरण, वन्य जीवन, फूड, मनोरंजन आदि क्षेत्र आते हैं। इसमें फोटोग्राफर को कभी-कभी एक रिपोर्टर की भूमिका में भी कार्य करना पड़ता है।
फ्रीलांस फोटोग्राफी- अधिकांश फोटोग्राफर्स की पसंद फ्रीलांस फोटोग्राफी ही है। एक आंकड़े के मुताबिक लगभग 45-50 प्रतिशत फोटोग्राफर फ्रीलांसर के रूप में ही काम कर रहे हैं। यदि किसी फोटोग्राफर में अच्छा व्यवसायिक ज्ञान, बेहतर संवाद क्षमता तथा जिम्मेदारियों को उठाने की काबिलियत है तो उनके लिए यह सुनहरा क्षेत्र है। इसमें अपनी रुचि के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में फोटोग्राफी की जा सकती है।
रोजगार की संभावनाएं
यह एक ऐसा प्रोफेशन है, जिसमें अनुभव हासिल हो जाने पर नौकरी की जरूरत महसूस नहीं होती। आप अपनी इच्छानुसार स्वतंत्र रूप से समाचार पत्र-पत्रिकाओं, न्यूज चैनल्स, एडवर्टाइजिंग एजेंसीज, फिल्म इंडस्ट्री, फैशन एजेंसी, डॉक्यूमेंट्री व प्रोडक्शन हाउस के अलावा अपना स्वयं का स्टूडियो लगा कर पोर्टफोलियो, शादी-विवाह आदि की फोटोग्राफी कर सकते हैं।
शुरुआत में आपको सहायक कैमरामैन के रूप में काम करना पड़ता है, जो कि सीखने के लिए वरदान साबित होता है। धीरे-धीरे आप बतौर कैमरामैन स्थापित हो जाते हैं।
यह एक ऐसा क्षेत्र बन चुका है, जिसमें कभी रोजगार का अभाव हो ही नहीं सकता। सरकारी महकमों में भी फोटोग्राफरों की नियुक्ति की जाती है। यदि आप किसी कंपनी अथवा संस्थान से नहीं जुड़ना चाहते तो फ्रीलांसर के रूप में भी काम कर सकते हैं। इसमें आपके पास कई सारे विकल्प सामने आएंगे।
मिलने वाली सेलरी
आय की दृष्टि से भी यह फील्ड उत्तम है। बतौर सहायक कैमरामैन किसी फोटोग्राफर को 10-15 हजार रुपए प्रतिमाह आमदनी होती है, जबकि कैमरामैन के रूप में काम करने पर आसानी से 30-32 हजार रुपए प्रतिमाह कमाए जा सकते हैं। अनुभव बढ़ने पर यह रकम तेजी से बढ़ती है।
यदि आप किसी अच्छे पत्र-पत्रिका में फोटोग्राफर के रूप में काम कर रहे होते हैं तो आपको 20-25 हजार रुपए, न्यूज चैनलों, प्रोडक्शन हाउसों तथा एड एजेंसियों में 30-35 हजार रुपए तथा फिल्म इंडस्ट्री में 70 हजार रुपए से लेकर लाखों तक कमा सकते हैं, जबकि फ्रीलांसिंग के रूप में कमाई की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। आप एक दिन में 50 हजार रुपए तक घर ला सकते हैं।
एक्सपर्ट व्यू
सकारात्मक सोच के साथ आएं इस क्षेत्र में
फोटोग्राफी एक कलात्मक क्षेत्र है। इसमें हर नई फोटो के साथ फोटोग्राफर को आत्मसंतुष्टि का अनुभव होता है। समय के साथ इसमें टेक्नोलॉजी का समावेश होता गया। पहले जो काम साधारण कैमरों से किया जाता था, आज उनका स्थान डिजिटल और महंगे कैमरों ने ले लिया है। इस क्षेत्र में जो भी बदलाव हुआ है, उससे काम और अच्छा तथा सरल होता चला गया है। फोटोग्राफी को लोग दो तरह से अपनाते हैं। एक करियर के लिहाज से और दूसरा शौकिया। सिर्फ कैमरा साथ रख लेने या बटन क्लिक कर देने से अच्छा फोटोग्राफर नहीं बना जा सकता। फोटोग्राफर को खुद से यह सवाल पूछना चाहिए कि वह क्या दिखाना चाहता है। यदि उसे इस सवाल का जवाब मिल जाए तो समझ लीजिए कि घटना या ईवेंट की सही तस्वीर प्रस्तुत हो सकती है। सफलतापूर्वक कोर्स करने के बाद इसमें रोजगार की बहार है। फैशन फोटोग्राफी, प्रोडक्ट फोटोग्राफी तथा मेडिकल फोटोग्राफी में आजकल जॉब की अनेक संभावनाएं सामने आ रही हैं। स्वतंत्र रूप से काम करना भी काफी कमाऊ हो सकता है।
-अश्वनी जुनेजा, सीनियर फैकल्टी, फोटोग्राफी, भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली
प्रमुख संस्थान
फोटोग्राफी से संबंधित पाठ्यक्रम कराने वाले प्रमुख संस्थान निम्नलिखित हैं-
भारतीय विद्या भवन (डिपार्टमेंट ऑफ फिल्म एंड टीवी स्टडीज), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.film-tvstudies.com
जामिया मिल्लिया इस्लामिया
(एमसीआरसी डिपार्टमेंट), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.jmi.nic.in
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे
वेबसाइट- www.ftiindiai.com
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी), नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iimc.nic.in
सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट, कोलकाता
वेबसाइट- www.srfti.gov.in
इलाहाबाद विश्वविद्यालय, इलाहाबाद
वेबसाइट- www.allduniv.ac.in
एशियन एकेडमी ऑफ फिल्म एंड टीवी, नोएडा
वेबसाइट- www.aaft.com
फायदे एवं नुकसान
सफल होने पर बनती है अलग पहचान
कई तरह के अनुभवों से होते हैं वाकिफ
शारीरिक श्रम अधिक होने से थकान की स्थिति
मेहनत के हिसाब से आमदनी कम
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