Saturday, February 20, 2016

एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में करियर

भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर केंद्रित है। इसलिए यह क्षेत्र रोजगार मुहैया कराने के मामले में भी आगे है। लेकिन देश की लगातार बढती जनसंख्या की वजह से नई तकनीक और बेहतर सिंचाई व्यवस्था आदि की जरूरत महसूस की जा रही है। एग्रीकल्चर इंजीनियर अपनी इंजीनियरिंग स्किल की बदौलत कृषि उत्पाद से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने की दिशा में कार्य करते हैं। देश में कृषि के विशाल क्षेत्र को देखते हुए एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में करियर की अच्छी संभावनाएं हैं।
कार्य
एग्रीकल्चर इंजीनियर का काम कृषि उत्पाद से संबंधित तकनीकी समस्या को दूर करना होता है। वाटर सप्लाई और वाटर इरिगेशन की फील्ड में हाइड्रोलॉजिकल, डेम डिजाइन, कैनाल, पाइपलाइन, पम्प सिस्टम, माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम्स और ड्रेनेज सिस्टम आदि से जुड़ा होता है, जबकि एग्रिकल्चर मैकेनाइजेशन के तहत इंजीनियर ट्रैक्टर, अन्य मशीनों की टेस्टिंग, नए मशीन, उपकरण के लिए डिजाइन तैयार करने का कार्य करते हैं। मृदा संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनियर मृदा संरक्षण से जुड़े उपाय, बाढ़ के पानी का सही तरीके से निकासी आदि संबंधित कार्यो से जुड़े होते हैं।
योग्यता और कोर्स
यदि एग्रीकल्चर इंजीनियर के रूप में करियर बनाना हो तो बारहवीं में साइंस सब्जेक्ट यानी फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स/बायोलॉजी जरूर होने चाहिए। अधिकतर एग्रीकल्चर इंस्टीटयूट और यूनिवर्सिटी एग्रीकल्चर इंजीनियर के बीई/बीटेक प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन करती है। इस कोर्स की अवधि चार वर्ष होती है। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि दो-तीन वर्ष होती है। कुछ इंस्टीटयूट में एडमिशन बारहवीं के अंक के आधार पर भी हो जाता है। इसके बाद यदि एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के एमई/एमटेक प्रोग्राम्स में प्रवेश लेना हो, तो इसके लिए ग्रेजुएट एप्टिटयूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (GATE) पास करना पड़ता है। आईआईटी, खड़गपुर और इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीटयूट, नई दिल्ली में पीएचडी कोर्स भी उपलब्ध हैं।
अवसर
एग्रीकल्चर इंजीनियर के लिए पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के भरपूर अवसर विद्यमान हैं। मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट, फॉरेस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, रूरल डेवलपॅमेंट आदि में जॉब तलाशा जा सकता हैं। एग्रीकल्चर इंजीनियर एनजीओ के साथ मिलकर विभिन्न प्रोजेक्ट और स्कीम पर भी काम करते हैं। कृषि के क्षेत्र में बड़ी कंपनियों के प्रवेश से इस क्षेत्र में स्टूडेंट्स का भविष्य काफी अच्छा हो गया है। कुछ महत्वपूर्ण अवसर निम्नलिखित हैं:
• पब्लिक सेक्टर:   o एग्रीकल्चर डिपॉर्टमेंट (राज्य और केंद्र सरकार)
   o डेवलॅमेंट ऑर्गनाइजेशन
   o यूनिवर्सिटी/ इंस्टीट्यूट
   o लैब
• प्राइवेट सेक्टर:   o एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव्स
   o एग्रीकल्चर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स
   o फर्टिलाइजर और इरिगेशन कंपनीज
   o फार्रि्मंग कंपनीज
   o सर्विस ऑर्गनाइजेशन
   o स्वयं सेवी संस्थान
कमाई
इस क्षेत्र से जुड़े इंजीनियर की सैलरी इंजीनियरिंग के दूसरे ब्रांच से जुडे प्रोफेसनल्स की तरह ही होती है। शुरुआत में सैलरी 12 से 15 हजार रुपये प्रति माह तक होती है। अनुभव के आधार पर अच्छी सैलरी के प्राप्त कर सकते हैं। कुछ महत्वपूर्ण संस्थान निम्नलिखित हैं:
संस्थान
इस समय देश में लगभग 43 एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज (स्टेट, सेंट्रल और डीम्ड) हैं। इन यूनिवर्सिटीज  से एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग से जुड़े अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स कर सकते हैं। इसके अलावा, आईआईटीज भी एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग से जुडे कोर्स ऑफर करते हैं।
1. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीटयूट, नई दिल्ली
2. चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार
3. शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी, श्रीनगर
4. पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना
5. महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी, उदयपुर
6. राजस्थान एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बीकानेर
7. राजेंद्र एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा
8. गोविंद वल्लभपंत यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी,उधमसिंह नगर
9. बिरसा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, झारखंड
10. इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीटयूट
11. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर
12. जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर
13. सरदार वल्लभ भाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर ऐंड टेक्नोलॉजी

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