आज के युग में लोग बीमारी का इलाज करने के लिए दवाइयों का प्रयोग कम से कम करना चाहते हैं, जिसके चलते फिजियोथेरेपिस्ट की माँग में इजाफा हुआ है। फिजियोथेरेपी फिजिकल थेरेपी का दूसरा नाम है। यह एक तेजी से उभरता क्षेत्र है जिसमें बीमारियों का उपचार दवाइयों को छोड़ व्यायाम करके किया जाता है। यह चिकित्सा संबंधित क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
फिजियोथेरेपी वह विज्ञान है जिसमें शरीर के अंगों को दवाइयों के बिना ही ठीक ढंग से कार्य कराया जाता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट का मुख्य काम शारीरिक कामों का आकलन, मेंटिनेंस और रिस्टोरेशन करना है। फिजियोथेरेपिस्ट वाटर थेरेपी, मसाज आदि अनेक प्रक्रियाओं के द्वारा रोगी का उपचार करता है।
विज्ञान क्षेत्र के छात्र इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए मुख्य रूप से दो कोर्सेस बीपीटी, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी और एमपीटी, मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी होते हैं। इस कोर्स के आखिरी छह महीने में छात्र को किसी हॉस्पिटल से इंटर्नशिप करवाई जाती है।
एक प्रेक्टिसिंग फिजियोथेरेपिस्ट या किसी अस्पताल और क्लिनिक में काम करने के लिए कम से कम बीएससी डिग्री होनी आवश्यक है। 12वीं पास छात्र इस क्षेत्र से जुड़ा कोर्स कर सकते हैं बशर्ते उनके भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अंग्रेजी में कम से 50 प्रतिशत अंक हो। इंस्टिट्यूट में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा होती है।
इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को मानव शरीर की संरचना के बारे में समझाया जाता है। इस कोर्स का प्रमुख हिस्सा इंटर्नशिप है जहाँ छात्र किसी प्रोफेशनल की देखरेख में हॉस्पिटल में काम करते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट का क्षेत्र बहुत बड़ा है अतः आप किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।
कैलाश अस्पताल की फिजियोथेरेपिस्ट पल्लवी कहती हैं कि एक फिजियोथेरेपिस्ट को बातचीत करने की कला में माहिर होना आवश्यक है क्योंकि उसका काम लोगों से ही जुड़ा है। इसके अतिरिक्त एक अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट को धैर्यशील, लंबे समय तक काम करना, अच्छी याददाश्त तथा लोगों को समझने की कला आनी चाहिए। फिजियाथेरेपिस्ट का काम एक सिस्टमेटिक ढंग से काम करने की माँग करता है।
पल्लवी बताती हैं कि कोई भी व्यक्ति पहली बार में ही ऑपरेशन करवाना नहीं चाहता, जिसके चलते फिजियोथैरेपी एक अहम् भूमिका अदा करता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन तथा मेडिकल इंस्टिट्यूट में काम कर सकता है।
कहाँ से करें कोर्स
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिहेबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च, उड़ीसा
नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर द आर्थियोपेडिकली हैंडीकैन्ट, कलकत्ता
इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकली हैंडीकैंट, नई दिल्ली
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च, चंडीगढ़
सांचती कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, पुणे
रविनैय्यर कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, वर्द्धा
वीपीएसम कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, नागपुर
एसएसबी कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, अहमदाबाद
के. एम. पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजियोथैरेपी, गोकुल नगर
डॉ. डीवाई पटेल कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, पु
फिजियोथेरेपी वह विज्ञान है जिसमें शरीर के अंगों को दवाइयों के बिना ही ठीक ढंग से कार्य कराया जाता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट का मुख्य काम शारीरिक कामों का आकलन, मेंटिनेंस और रिस्टोरेशन करना है। फिजियोथेरेपिस्ट वाटर थेरेपी, मसाज आदि अनेक प्रक्रियाओं के द्वारा रोगी का उपचार करता है।
विज्ञान क्षेत्र के छात्र इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट बनने के लिए मुख्य रूप से दो कोर्सेस बीपीटी, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी और एमपीटी, मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी होते हैं। इस कोर्स के आखिरी छह महीने में छात्र को किसी हॉस्पिटल से इंटर्नशिप करवाई जाती है।
एक प्रेक्टिसिंग फिजियोथेरेपिस्ट या किसी अस्पताल और क्लिनिक में काम करने के लिए कम से कम बीएससी डिग्री होनी आवश्यक है। 12वीं पास छात्र इस क्षेत्र से जुड़ा कोर्स कर सकते हैं बशर्ते उनके भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और अंग्रेजी में कम से 50 प्रतिशत अंक हो। इंस्टिट्यूट में एडमिशन के लिए प्रवेश परीक्षा होती है।
इस कोर्स के अंतर्गत छात्रों को मानव शरीर की संरचना के बारे में समझाया जाता है। इस कोर्स का प्रमुख हिस्सा इंटर्नशिप है जहाँ छात्र किसी प्रोफेशनल की देखरेख में हॉस्पिटल में काम करते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट का क्षेत्र बहुत बड़ा है अतः आप किसी एक क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।
कैलाश अस्पताल की फिजियोथेरेपिस्ट पल्लवी कहती हैं कि एक फिजियोथेरेपिस्ट को बातचीत करने की कला में माहिर होना आवश्यक है क्योंकि उसका काम लोगों से ही जुड़ा है। इसके अतिरिक्त एक अच्छे फिजियोथेरेपिस्ट को धैर्यशील, लंबे समय तक काम करना, अच्छी याददाश्त तथा लोगों को समझने की कला आनी चाहिए। फिजियाथेरेपिस्ट का काम एक सिस्टमेटिक ढंग से काम करने की माँग करता है।
पल्लवी बताती हैं कि कोई भी व्यक्ति पहली बार में ही ऑपरेशन करवाना नहीं चाहता, जिसके चलते फिजियोथैरेपी एक अहम् भूमिका अदा करता है। एक फिजियोथेरेपिस्ट म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन तथा मेडिकल इंस्टिट्यूट में काम कर सकता है।
कहाँ से करें कोर्स
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिहेबिलिटेशन ट्रेनिंग एंड रिसर्च, उड़ीसा
नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर द आर्थियोपेडिकली हैंडीकैन्ट, कलकत्ता
इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकली हैंडीकैंट, नई दिल्ली
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च, चंडीगढ़
सांचती कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, पुणे
रविनैय्यर कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, वर्द्धा
वीपीएसम कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, नागपुर
एसएसबी कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, अहमदाबाद
के. एम. पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ फिजियोथैरेपी, गोकुल नगर
डॉ. डीवाई पटेल कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी, पु
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ReplyDeletePhysiotherapy Clinic | cupping therapy