आज इंजीनियंरिंग, सांइस और टेक्नोलॉजी का कोई भी क्षेत्र इंस्ट्रुमेंटेंशन से अछूता नहीं है। बदलते समय के साथ हर प्रक्रिया स्वचालित हो रही है। ऐसे में कंपोनेंट और सब सिस्टम लेवल पर इंस्ट्रुमेंट का एकीकृत होना भी स्वाभाविक है। अगर आप उपलब्ध सुविधाओं का प्रयोग करते हुए चीजों को बेहतर बनाने के साथ उनहें बरकरार भी कर सकते हैं, तो आप इंस्ट्रुमेंटेंशन एंड कंटेल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना भविषय तलाश सकते हैं।
कार्यक्षेत्र
इंस्ट्रुमेंटेंशन और कंट्रोल इंजीनियरिंग की प्रकृति इंटर डिसिप्लिनरी होती है। यह इंस्ट्रुमेंट्स और कंटेल मैकेनिज्म से डील करती है। इंस्ट्रुमेंटेंशन एंड कंट्रोल इंजीनियर का मुख्य काम टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए इंस्ट्रुमेंट की परेशानी को ठीक करना तथा उसके डिजाइन पर फोकस करना होता है। इंस्ट्रुमेंटेंशन और कंट्रोल इंजीनियर इंडस्ट्रियल इंडस्ट्री जैसे मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ, फूड प्रोडक्शन आदि क्षेत्रों में काम करते हैं।
व्यक्तिगत गुण
नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली के प्रोफेसर एपी मित्तल बताते हैं कि इंस्ट्रुमेंटेंशन एंड कंट्रोल इंजीनियर का कोर्स करने वाले छात्रों में सबसे जरूरी विश्लेषणात्मक गुण होना चाहिए। इसके साथ ही अगर छात्र प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्किल और टेक्निकल निपुण हो तो बेहतर रहता है। इस क्षेत्र में इंजीनियर को कई लोगों से संपर्क करना तथा उनसे काम करवाना होता है, इसलिए उसमें नेतृत्व करने की क्षमता, टीमवर्क व कम्युनिकेशन योगयता बेहतर होने चाहिए। आपको एक टीम के अंतर्गत काम करना आना चाहिए। इसके अतिरिक्त आपमें हर तरह की परेशानियों से निपटने की क्षमता व प्रैक्टिकल होना जरूरी है।
कोर्सेस
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपका 12वीं में गणित, भौतिक विज्ञान व रसायन विज्ञान में 50 प्रतिशत अंक आना अनिवार्य है। इसके बाद आप चार वर्षीय बीई या बीटेक में प्रवेश ले सकते हैं। इसके पश्चात आप दो वर्षीय एमई और एमटेक कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो पीएचडी भी कर सकते हैं। वैसे आईआईटी और कुछ राज्य प्रवेश परीक्षाओं के द्वारा इंजीनियरिंग में प्रवेश देते हैं।
संभावनाएँ
इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। आज के दौर में हर सेक्टर को इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरों की आवश्यकता पड़ती है। आप अपनी रूचि अनुसार टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, एनर्जी कंपनियों, रिसोर्सेज कंपनियों, फूड प्रॉडक्शन, रिसर्च लैबोरेट्री में नौकरियाँ तलाश सकते हैं।
वेतन
इस क्षेत्र में शुरुआती दौर में एक इंजीनियर 9000 से 13000 रुपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकता है। सरकारी सेक्टर में प्रारंभिक आमदनी 5000 से 9000 रुपए प्रतिमाह होती है। सीनियर इंजीनियर कहीं पर भी आसानी से 30000 से 50000 रुपए प्रतिमाह कमा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान:
आईआईटी, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, मुंबई, बेंगलुरु, रुड़की
इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्वालियर
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सांइस, बेंगलुरु
बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची, पिलाई
नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
जेएसएस एकेडमिक ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, नोएडा
आईईसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा
कार्यक्षेत्र
इंस्ट्रुमेंटेंशन और कंट्रोल इंजीनियरिंग की प्रकृति इंटर डिसिप्लिनरी होती है। यह इंस्ट्रुमेंट्स और कंटेल मैकेनिज्म से डील करती है। इंस्ट्रुमेंटेंशन एंड कंट्रोल इंजीनियर का मुख्य काम टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल करते हुए इंस्ट्रुमेंट की परेशानी को ठीक करना तथा उसके डिजाइन पर फोकस करना होता है। इंस्ट्रुमेंटेंशन और कंट्रोल इंजीनियर इंडस्ट्रियल इंडस्ट्री जैसे मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थ, फूड प्रोडक्शन आदि क्षेत्रों में काम करते हैं।
व्यक्तिगत गुण
नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली के प्रोफेसर एपी मित्तल बताते हैं कि इंस्ट्रुमेंटेंशन एंड कंट्रोल इंजीनियर का कोर्स करने वाले छात्रों में सबसे जरूरी विश्लेषणात्मक गुण होना चाहिए। इसके साथ ही अगर छात्र प्रोजेक्ट मैनेजमेंट स्किल और टेक्निकल निपुण हो तो बेहतर रहता है। इस क्षेत्र में इंजीनियर को कई लोगों से संपर्क करना तथा उनसे काम करवाना होता है, इसलिए उसमें नेतृत्व करने की क्षमता, टीमवर्क व कम्युनिकेशन योगयता बेहतर होने चाहिए। आपको एक टीम के अंतर्गत काम करना आना चाहिए। इसके अतिरिक्त आपमें हर तरह की परेशानियों से निपटने की क्षमता व प्रैक्टिकल होना जरूरी है।
कोर्सेस
इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपका 12वीं में गणित, भौतिक विज्ञान व रसायन विज्ञान में 50 प्रतिशत अंक आना अनिवार्य है। इसके बाद आप चार वर्षीय बीई या बीटेक में प्रवेश ले सकते हैं। इसके पश्चात आप दो वर्षीय एमई और एमटेक कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो पीएचडी भी कर सकते हैं। वैसे आईआईटी और कुछ राज्य प्रवेश परीक्षाओं के द्वारा इंजीनियरिंग में प्रवेश देते हैं।
संभावनाएँ
इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएँ मौजूद हैं। आज के दौर में हर सेक्टर को इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरों की आवश्यकता पड़ती है। आप अपनी रूचि अनुसार टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों, एनर्जी कंपनियों, रिसोर्सेज कंपनियों, फूड प्रॉडक्शन, रिसर्च लैबोरेट्री में नौकरियाँ तलाश सकते हैं।
वेतन
इस क्षेत्र में शुरुआती दौर में एक इंजीनियर 9000 से 13000 रुपए प्रतिमाह आसानी से कमा सकता है। सरकारी सेक्टर में प्रारंभिक आमदनी 5000 से 9000 रुपए प्रतिमाह होती है। सीनियर इंजीनियर कहीं पर भी आसानी से 30000 से 50000 रुपए प्रतिमाह कमा सकते हैं।
प्रमुख संस्थान:
आईआईटी, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, मुंबई, बेंगलुरु, रुड़की
इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
इंडियन इंस्टिटयूट ऑफ इन्फॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट, ग्वालियर
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ सांइस, बेंगलुरु
बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची, पिलाई
नेताजी सुभाष इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
जेएसएस एकेडमिक ऑफ टेक्निकल एजुकेशन, नोएडा
आईईसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, ग्रेटर नोएडा
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