फैशन डिजाइनरों की मांग आज सिर्फ पेरिस और लंदन में ही नहीं है बल्कि अब तो इसके एक्सपर्ट छोटे शहरों में भी छाये हुए हैं.
इससे संबंधित कोर्स करने के बाद इसकी व्यापकता का पता चलता है और फिर आप जान पाते हैं कि वर्तमान में किस तरह के फैशन का जादू सिर चढ़कर बोल रहा है.
करियर का बेहतर आप्शन
आये दिन बाजार में फैशन के नये डिजाइन, नए तरीके का कलर कंबिनेशन देखने को मिलता है. इस कारण फैशन डिजाइन का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. हमेशा कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह करियर का बेहतर आप्शन है.
यहां हमेशा नया करने का मौका भी है और इसके माध्यम से खुद को स्थापित करने का अवसर भी. फैशन डिजाइनिंग में रुचि रखने वालों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के कोर्स नई राह दिखाते हैं.
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) डिजाइन शिक्षा, व्यावहारिक शोध, प्रशिक्षण, डिजाइन परामर्शी सेवाएं के अलावा कई क्षेत्रों में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है.
आये दिन बाजार में फैशन के नये डिजाइन, नए तरीके का कलर कंबिनेशन देखने को मिलता है. इस कारण फैशन डिजाइन का क्रेज दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है. हमेशा कुछ न कुछ नया करने की ख्वाहिश रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह करियर का बेहतर आप्शन है.
यहां हमेशा नया करने का मौका भी है और इसके माध्यम से खुद को स्थापित करने का अवसर भी. फैशन डिजाइनिंग में रुचि रखने वालों को राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) के कोर्स नई राह दिखाते हैं.
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) डिजाइन शिक्षा, व्यावहारिक शोध, प्रशिक्षण, डिजाइन परामर्शी सेवाएं के अलावा कई क्षेत्रों में अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है.
पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा
वर्ष 1961 में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन इस स्वायत्त संस्थान की स्थापना की गई. एनआईडी में ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (जीडीपीडी) और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (पीजीडीपीडी) पाठय़क्रमों के लिए वर्ष 2013-14 के लिए आवेदन मांगे हैं.
ग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए बैचलर की डिग्री जरूरी है. अनुभवी अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है. अभ्यर्थी के पास विजुअॅल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिं ग, क्रिएटीविटी औ र कम्युनिकेशन स्किल्स का होना जरूरी है.
चयन एनआईडी द्वारा संचालित पाठय़क्रमों में दाखिला लेने के लिए इच्छुक छात्रों को संस्थान द्वारा आयो जित डिजाइन एप्टीटय़ूड टेस्ट (डीएटी) की परीक्षा पास करनी होगी. यह परीक्षा दो चरणों में होगी. पहले चरण में लिखित परीक्षा है. इसमें 100 अंक के प्रश्न पत्र होंगे.
वर्ष 1961 में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन इस स्वायत्त संस्थान की स्थापना की गई. एनआईडी में ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (जीडीपीडी) और पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा प्रोग्राम इन डिजाइन (पीजीडीपीडी) पाठय़क्रमों के लिए वर्ष 2013-14 के लिए आवेदन मांगे हैं.
ग्रेजुएट कोर्स के लिए बारहवीं पास और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए बैचलर की डिग्री जरूरी है. अनुभवी अभ्यर्थी को प्राथमिकता दी जाती है. अभ्यर्थी के पास विजुअॅल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिं ग, क्रिएटीविटी औ र कम्युनिकेशन स्किल्स का होना जरूरी है.
चयन एनआईडी द्वारा संचालित पाठय़क्रमों में दाखिला लेने के लिए इच्छुक छात्रों को संस्थान द्वारा आयो जित डिजाइन एप्टीटय़ूड टेस्ट (डीएटी) की परीक्षा पास करनी होगी. यह परीक्षा दो चरणों में होगी. पहले चरण में लिखित परीक्षा है. इसमें 100 अंक के प्रश्न पत्र होंगे.
परीक्षा
लिखित परीक्षा में एनिमेशन, एबस्ट्रैक्ट सिम्बोलिज्म, कम्पोजिशन, मेमोरी ड्रॉइंग, थीमेटिक कलर अरेंजमेंट, विजुअल डिजाइन के अलावा विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, क्रिएटिव एंड कम्युनिकेशन स्किल, फंडामेंटल डिजाइन के अलावा डिजाइन से संबंधित प्रॉब्लम सॉ ल्विंग कैपेसिटी आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की योग्यता, नवीनता और धारणाओं का मूल्यांकन करना है.
लिखित परीक्षा के आधार पर परीक्षार्थियों को शॉर्ट लिस्टेड किया जाएगा. इसके आधार पर योग्य अभ्यर्थी को स्टूडियो टेस्ट और साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा.
लिखित परीक्षा में एनिमेशन, एबस्ट्रैक्ट सिम्बोलिज्म, कम्पोजिशन, मेमोरी ड्रॉइंग, थीमेटिक कलर अरेंजमेंट, विजुअल डिजाइन के अलावा विजुअल परसेप्शन एबिलिटी, ड्राइंग स्किल, लॉजिकल रीजनिंग, क्रिएटिव एंड कम्युनिकेशन स्किल, फंडामेंटल डिजाइन के अलावा डिजाइन से संबंधित प्रॉब्लम सॉ ल्विंग कैपेसिटी आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य उम्मीदवारों की योग्यता, नवीनता और धारणाओं का मूल्यांकन करना है.
लिखित परीक्षा के आधार पर परीक्षार्थियों को शॉर्ट लिस्टेड किया जाएगा. इसके आधार पर योग्य अभ्यर्थी को स्टूडियो टेस्ट और साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा.
स्टूडियो टेस्ट के माध्यम से अभ्यर्थी की क्रिएटिविटी और फैशन के प्रति लगाव, डिजाइनिंग के प्रति सोच, नए आइडिया, कल्पनाशक्ति और कुछ अलग हटकर सोचने की क्षमता को परखा जाता है.
परीक्षा से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए एनआईडी कैम्पस से संपर्क कर सकते हैं या फिर वेबसाइट पर लॉग ऑन कर सकते हैं. तैयारी इसकी तैयारी अन्य परीक्षाओं से काफी अलग है. इसमें विद्यार्थियों को रट्टा लगाने से सफलता नहीं मिल सकती है.
परीक्षा से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए एनआईडी कैम्पस से संपर्क कर सकते हैं या फिर वेबसाइट पर लॉग ऑन कर सकते हैं. तैयारी इसकी तैयारी अन्य परीक्षाओं से काफी अलग है. इसमें विद्यार्थियों को रट्टा लगाने से सफलता नहीं मिल सकती है.
डिजाइनिंग के प्रति रुझान
इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता की सख्त दरकार होती है. अभ्यर्थियों का डिजाइनिंग के प्रति रुझान, उसके प्रति उनकी समझ, विचारों व समस्या को सुलझाने की क्षमता को परखी जाती है. ऐसे में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप जो भी बनाएं, उसे इलेस्ट्रेशन एवं शब्दों के माध्यम से समझाने की भी क्षमता रखें.
डीएटी और स्टूडियो टेस्ट के जरिये अभ्यर्थी की ऑब्जर्वेशन पावर, डिजाइन करने की काबिलियत और कुछ नया तैयार करने की क्षमताओं को परखा जाता है. ऐसे में आप जो भी डिजाइन और चित्र बनाएं, उसके रंगों के कंबिनेशन पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
स्टूडियो टेस्ट में अभ्यर्थी को एक सवाल और उससे संबंधित कुछ सामान उपलब्ध कराया जाता है, जिसके जरिये अभ्यर्थी को उस सवाल के आधार पर सामान तैयार करना होता है. टेस्ट के तुरंत बाद एक्सपर्ट पैनल उसे देखता है और मार्किंग करता है.
स्टूडियो टेस्ट देते समय घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दाखिले के लिए जो एबिलिटी चाहिए, वह काफी हद तक लिखित परीक्षा में ही परख कर ली जाती है. कम्युनिकेशन और विजुअलाइजे शन एक-दूसरे के पूरक हैं.
इसमें कामयाब होने के लिए मौलिकता की सख्त दरकार होती है. अभ्यर्थियों का डिजाइनिंग के प्रति रुझान, उसके प्रति उनकी समझ, विचारों व समस्या को सुलझाने की क्षमता को परखी जाती है. ऐसे में बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप जो भी बनाएं, उसे इलेस्ट्रेशन एवं शब्दों के माध्यम से समझाने की भी क्षमता रखें.
डीएटी और स्टूडियो टेस्ट के जरिये अभ्यर्थी की ऑब्जर्वेशन पावर, डिजाइन करने की काबिलियत और कुछ नया तैयार करने की क्षमताओं को परखा जाता है. ऐसे में आप जो भी डिजाइन और चित्र बनाएं, उसके रंगों के कंबिनेशन पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.
स्टूडियो टेस्ट में अभ्यर्थी को एक सवाल और उससे संबंधित कुछ सामान उपलब्ध कराया जाता है, जिसके जरिये अभ्यर्थी को उस सवाल के आधार पर सामान तैयार करना होता है. टेस्ट के तुरंत बाद एक्सपर्ट पैनल उसे देखता है और मार्किंग करता है.
स्टूडियो टेस्ट देते समय घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि दाखिले के लिए जो एबिलिटी चाहिए, वह काफी हद तक लिखित परीक्षा में ही परख कर ली जाती है. कम्युनिकेशन और विजुअलाइजे शन एक-दूसरे के पूरक हैं.
लीक से हटकर काम करने का जुनून
कम्युनिकेशन ऐसा होना चाहिए कि जैसे शब्द दृश्य का कार्य करें और दृश्य शब्दों के पूरक हों. इसमें संवाद, स्लोगन और कॉपी राइटिंग महत्वपूर्ण है.
आपमें सृजनात्मक सोच, कुछ नया करने का हुनर, ताजातरीन घटनाओं की जानकारी, बेहतर प्लानिंग और लीक से हटकर काम करने का जुनून हो.
इस तरह के गुण इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये लोग वस्तुओं व उत्पादों की डिजाइन तय करते हैं. अगर आपके पास मौलिक सोच है और अपनी सोच को डिजाइन के माध्यम से कहने में सफल होते हैं, तो सफलता के चांस बढ़ते हैं.
डिजाइन के क्षेत्र में यदि देश-विदेश में कुछ नया हो रहा है, तो आपको इस तरह की खबर पर पैनी निगाह रखनी चाहिए. यह न केवल परीक्षा के लिहाज से जरूरी है बल्कि एक डिजाइनर की हैसियत से भी जरूरी है.
फैशन डिजाइनिंग हेतु योग्यताएँ इस तरह के गुण इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये लोग वस्तुओं व उत्पादों की डिजाइन तय करते हैं. अगर आपके पास मौलिक सोच है और अपनी सोच को डिजाइन के माध्यम से कहने में सफल होते हैं, तो सफलता के चांस बढ़ते हैं.
डिजाइन के क्षेत्र में यदि देश-विदेश में कुछ नया हो रहा है, तो आपको इस तरह की खबर पर पैनी निगाह रखनी चाहिए. यह न केवल परीक्षा के लिहाज से जरूरी है बल्कि एक डिजाइनर की हैसियत से भी जरूरी है.
बीएससी टेक्सटाइल डिजाइन
यह भी 3 साल का कोर्स है। इसमें स्टूडेंट्स को कपड़े, जूलरी, लेदर आदि की बारीकियों के बारे में बताया जाता है। इसका उद्योग पूरी दुनिया में फैला हुआ है। यूथ को ध्यान में रखकर कंपनियां फैशन में आए दिन बदलाव कर रही है। अकेले नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही टेक्सटाइल की सैकड़ों कंपनियों हैं। इस कोर्स को करके जॉब के बेहतर ऑफर मिल सकते हैं।
बीएससी फैशन कम्यूनिकेशन डिजाइन
3 साल के टाइम पीरियड वाले इस डिग्री कोर्स में स्टूडेंट्स को नेचर ऑफ ब्यूटी , लाइफ ड्राइंग , पोस्टर , प्रेसलेऑउट , कंप्यूटर ग्राफिक्स , एडवरटाइजिंग , फैशन जर्नलिजम , फोटोग्राफी और पब्लिक रिलेशन के बारे मेंबताया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स मीडिया के फील्ड से भी जुड़ सकते हैं। यहां आपको पेज थ्रीकी रिपोर्टिंग में भी भेजा जा सकता है। इसमें भी जॉब के व्यापक ऑप्शन हैं।
3 साल के टाइम पीरियड वाले इस डिग्री कोर्स में स्टूडेंट्स को नेचर ऑफ ब्यूटी , लाइफ ड्राइंग , पोस्टर , प्रेसलेऑउट , कंप्यूटर ग्राफिक्स , एडवरटाइजिंग , फैशन जर्नलिजम , फोटोग्राफी और पब्लिक रिलेशन के बारे मेंबताया जाता है। इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स मीडिया के फील्ड से भी जुड़ सकते हैं। यहां आपको पेज थ्रीकी रिपोर्टिंग में भी भेजा जा सकता है। इसमें भी जॉब के व्यापक ऑप्शन हैं।
कहाँ से करें कोर्स
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन, नई दिल्ली
स्कूल ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी, पुणे
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग, चंडीगढ़
सत्यम इंस्टीट्यूट , नोएडा
- आईएमएस , नोएडा
- एफएमजी कॉलेज ग्रेटर नोए डा
कम्युनिकेशन अच्छा होना चाहिए
गत दस वर्षों में इस क्षेत्र में काफी बदलाव आए हैं। मुंबई और दिल्ली में सालाना फैशन वीक होने लगे हैं और इसमें नामी-गिरामी फैशन डिजाइनरों के अलावा नवोदित फैशन डिजाइनरों को भी अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका दिया जाता है। इस क्षेत्र में आपको कलात्मक होना जरूरी है।
साथ ही आपको लगातार नवीन डिजाइन देने के लिए काफी मेहनत व रिसर्च भी करना पड़ता है। अगर आप कोई कंसेप्ट पर कार्य कर रहे हैं तब इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि उसमें प्रयुक्त डिजाइन पहले किसी और डिजाइनर ने तो नहीं बनाया आदि बातों पर भी गौर करना पड़ता है।
फैशन जगत में फैशन के तौर पर आठ हजार रुपए प्रति माह आसानी से कमाए जा सकते हैं और दो-तीन वर्षों के पश्चात ही यह राशि 50,000 से 60,000 रुपए प्रति माह हो सकती है। यह कोर्स खत्म होते ही नौकरी लगना तय होता है। भारत भी अब इस इंडस्ट्री में किसी से पीछे नहीं है। विश्व फैशन जगत में ख्याति प्राप्त फैशन डिजाइनर रितु बेरी, रोहित बल, सुनित वर्मा, जे जे वालिया आदि नाम भारत के ही हैं।