विभिन्न एग्जीबिशन के लिए स्टॉल्स, बूथ, पैवेलियन, थीम ईवेंट के सेट्स आदि को डिजाइन करने की कला है एग्जीबिशन डिजाइनिंग। किसी खास कॉन्सेप्ट को विशिष्ट तकनीक व रचनाशीलता के माध्यम से इस तरह जीवंत बना देना कि उस स्टॉल, बूथ की तरफ लोग बरबस खिंचे चले आएं, इसी का नाम है एग्जीबिशन डिजाइनिंग।
एक एग्जीबिशन की पूरी जिम्मेदारी एग्जीबिशन डिजाइनर के कंधों पर होती है। यातायात, सुरक्षा और दूसरी सभी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जगह का चुनाव करना, उत्पाद चुनना, कौनसा स्टॉल कहां लगेगा यह तय करना, ग्राहकों को कैसे आकर्षित करना है, इन सभी चीजों की व्यवस्था एग्जीबिशन डिजाइनर ही करता है, लेकिन एक डिजाइनर के इन सभी दायित्वों से ऊपर होता है एग्जीबिशन की साज-सज्जा यानी डेकोरेशन करना, ताकि लोगों को उसकी तरफ आकर्षित किया जा सके। इसके लिए एक एग्जीबिशन डिजाइनर अपने क्लाइंट के आइडिया व जरूरतों और अपनी कल्पना शक्ति की बदौलत एग्जीबिशन और डिस्प्ले स्टैंड के लिए स्टॉल्स, बूथ आदि को डिजाइन करता है।
तैयार करने होते हैं रचनात्मक और सटीक डिजाइन
डिजाइन को तैयार करने के लिए एक डिजाइनर थ्रीडी मैक्स, कोरल ड्रॉ, फोटोशॉप, ऑटो कैड आदि सॉफ्टवेयर की मदद लेता है। योजना बनाने और डिजाइन तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में एक एग्जीबिशन डिजाइनर ग्राफिक डिजाइनर, कंटेंट स्पेशलिस्ट, आर्किटेक्ट, फैब्रिकेटर, टेक्निकल स्पेशलिस्ट, ऑडियो विजुअल एक्सपर्ट आदि के साथ मिलकर किसी खास आइडिया या कॉन्सेप्ट पर काम करता है। एक डिजाइनर का काम दो चरणों में पूरा होता है। पहले चरण के तहत विषय विशेष से जुड़े हुए रचनात्मक और सटीक डिजाइन तैयार करने होते हैं ताकि प्रस्तुति व्याख्यात्मक और संदेशात्मक लगे। दूसरे चरण में तकनीकी विशेषज्ञता की मदद से दृश्यात्मक भाषा में तैयार डिजाइन को विवरणात्मक दस्तावेज में बदला जाता है।
इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद एक डिजाइन प्रदर्शन के लिए तैयार होता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो एक एग्जीबिशन डिजाइनर का काम सही तरीके से एग्जीबिशन की योजना बनाना है। वह एग्जीबिशन की योजना बनाता है और उससे जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को निर्देशित करता है, ताकि एक कंपनी अपने उत्पाद की जानकारी अधिक से अधिक ग्राहकों या उपभोक्ताओं तक पहुंचा सके।
क्या हैं रोजगार के अवसर
एक एग्जीबिशन डिजाइनर को किसी स्थापित एग्जीबिशन डिजाइनर या सेट डिजाइनर के सहायक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करनी होती है। एक अच्छा डिजाइनर सरकारी और निजी दोनों तरह के संगठनों में नौकरी प्राप्त कर सकता है। इसके तहत, वह संग्रहालय, सांस्कृतिक प्रतिष्ठान, हेरिटेज ग्रुप, गैर सरकारी संगठन, व्यावसायिक समूह, ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी और इंटीरियर डिजाइन कंपनी से जुड़ सकता है। कुछ सालों के अनुभव के बाद एक डिजाइनर चाहे तो अपनी खुद की कंपनी स्थापित कर सकता है और फैशन डिजाइनर, कलाकार, फोटोग्राफर, फिल्म कंपनी, म्यूजिक कंपनी, डांस ग्रुप आदि के साथ मिलकर काम कर सकता है।
एक एग्जीबिशन डिजाइनर को किसी स्थापित एग्जीबिशन डिजाइनर या सेट डिजाइनर के सहायक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करनी होती है। एक अच्छा डिजाइनर सरकारी और निजी दोनों तरह के संगठनों में नौकरी प्राप्त कर सकता है। इसके तहत, वह संग्रहालय, सांस्कृतिक प्रतिष्ठान, हेरिटेज ग्रुप, गैर सरकारी संगठन, व्यावसायिक समूह, ईवेंट मैनेजमेंट कंपनी और इंटीरियर डिजाइन कंपनी से जुड़ सकता है। कुछ सालों के अनुभव के बाद एक डिजाइनर चाहे तो अपनी खुद की कंपनी स्थापित कर सकता है और फैशन डिजाइनर, कलाकार, फोटोग्राफर, फिल्म कंपनी, म्यूजिक कंपनी, डांस ग्रुप आदि के साथ मिलकर काम कर सकता है।
शुरुआती वेतन और पैकेज
एक डिजाइनर का वेतन इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस कंपनी में काम कर रहा है। निजी कंपनियों में काम करने वाले डिजाइनर को प्रोजेक्ट के अनुसार पैसे मिलते हैं। अगर आप बतौर फ्रेशर किसी स्थापित डिजाइनर के साथ काम करते हैं, तो 10,000 से 15,000 रुपए प्रतिमाह वेतन के तौर पर प्राप्त कर सकते हैं। पर्याप्त अनुभव और प्रोजेक्ट की सफलता के बाद एक डिजाइनर प्रति असाइनमेंट 5,000 से 8,000 रुपए तक कमा सकता है। अनुभव और सफलता दोनों इस क्षेत्र में बहुत महत्व रखते हैं। एक टॉप डिजाइनर एक फिल्म के लिए दो लाख से पचास लाख रुपए तक प्राप्त सकता है।
एक डिजाइनर का वेतन इस बात पर निर्भर करता है कि वह किस कंपनी में काम कर रहा है। निजी कंपनियों में काम करने वाले डिजाइनर को प्रोजेक्ट के अनुसार पैसे मिलते हैं। अगर आप बतौर फ्रेशर किसी स्थापित डिजाइनर के साथ काम करते हैं, तो 10,000 से 15,000 रुपए प्रतिमाह वेतन के तौर पर प्राप्त कर सकते हैं। पर्याप्त अनुभव और प्रोजेक्ट की सफलता के बाद एक डिजाइनर प्रति असाइनमेंट 5,000 से 8,000 रुपए तक कमा सकता है। अनुभव और सफलता दोनों इस क्षेत्र में बहुत महत्व रखते हैं। एक टॉप डिजाइनर एक फिल्म के लिए दो लाख से पचास लाख रुपए तक प्राप्त सकता है।
कौन सा कोर्स करें
एग्जीबिशन डिजाइनिंग में फिलहाल भारत में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। जिनमें प्रवेश की योग्यता 10+2 और ग्रेजुएशन है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए एक स्टूडेंट को प्रवेश परीक्षा, स्टूडियो जांच और साक्षात्कार से गुजरना होता है।
एग्जीबिशन डिजाइनिंग में फिलहाल भारत में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं। जिनमें प्रवेश की योग्यता 10+2 और ग्रेजुएशन है। इस कोर्स में प्रवेश के लिए एक स्टूडेंट को प्रवेश परीक्षा, स्टूडियो जांच और साक्षात्कार से गुजरना होता है।
यहां से कर सकते हैं पढ़ाई
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद, अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.nid.edu/ पर विजिट करें
- एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, नई दिल्ली, अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.apeejay.edu/aid/ पर विजिट करें,
- एमआईटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे, अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.mitid.edu.in/ पर विजिट करें
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