पूरी दुनिया कोविड-19 (COVID-19) के खिलाफ जंग लड़ रही है. इस लड़ाई में डॉक्टरों के साथ पैरामेडिक्स से जुड़े प्रोफेशनल्स भी फ्रंटलाइन पर हैं. पैरामेडिक्स इमरजेंसी एंड हेल्थकेयर से जुड़े प्रोफेशनल्स होते हैं. इनका काम किसी रोग की पहचान और हर तरीके से मरीज की देखभाल में डॉक्टरों की मदद करना होता है.
इस फील्ड से जुड़े प्रोफेशनल्स डॉक्टर और नर्सों को इफेक्टिव मेडिकल केयर देने में मदद करते हैं. हेल्थकेयर सेक्टर में कई तरह के पैरामेडिक्स कार्य करते हैं.इनमें इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियंस, लैब टेक्नीशियंस, रेडियोलॉजी टेक्नीशियंस, ऑप्टोमेट्रिस्ट्स, ईसीजी टेक्नीशियंस शामिल हैं. इन दिनों देश में पैरामेडिक्स से जुड़े ट्रेंड प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है. आइए जानते हैं कि इस फील्ड में करियर किस तरह बना सकते हैं-
कैसे बनें पैरामेडिक्स
भारत में पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा पैरामेडिकल साइंसेज के फील्ड में अलग-अलग तरह के कोर्स संचालित किए जाते हैं. ये कोर्स 6 महीने से लेकर 3 साल तक के होते हैं. वहीं कोर्स को पूरा करने में कितना समय लगेगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कौन-सा कोर्स चुनते हैं. इन कॉलेजों में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर डिग्री कोर्स तो हैं ही, साथ ही आप चाहें तो पीएचडी प्रोग्राम्स में भी एडमिशन ले सकते हैं.
प्रमुख डिप्लोमा कोर्स
-डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी
-डिप्लोमा इन मेडिकल एक्स-रे टेक्नोलॉजी
-डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड्स टेक्नोलॉजी
-डिप्लोमा इन ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी
-डिप्लोमा इन डायलेसिस टेक्नोलॉजी
-डिप्लोमा इन हेल्थ इंस्पेक्टर
-डिप्लोमा इन डेंटल मैकेनिक्स
-डिप्लोमा इन डेंटल हाइजिन
नौकरियों के अवसर
कोर्स को पूरा करने के बाद गवर्नमेंट हॉस्पिटल्स, प्राइवेट क्लिनिक्स, ट्रॉमा सेंटर जैसी जगहों पर जॉब कर सकते हैं. यहां आप मेडिकल प्रोफेशनल्स मेडिकल लैब टेक्नीशियंस, रेडियोग्राफी टेक्नीशियंस, रेडियोलॉजिस्टर, फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट और ऑडियोलॉजिस्ट्स, डायलिसिस थेरेपिस्ट्स, इमरजेंसी टेक्नीशियंस, इमरजेंसी केयर प्रैक्टिसनर्स, कार्डियक टेक्नीशियंस, रेसपिरेटरी थेरेपिस्ट जैसी पोस्ट पर काम कर सकते हैं. इसके साथ विदेश में भी इन प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड होती है.
क्वालिफिकेशन
किसी भी बोर्ड या यूनिवर्सिटी से साइंस स्ट्रीम ( फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) में 12वीं पास स्टूडेंट्स पैरामेडिक्स से जुड़े कोर्स में दाखिला ले सकते हैं
पर्सनल स्किल्स
-रोटेशनल शिफ्ट में काम करने की क्षमता.
-प्रेजेंस ऑफ माइंड, ताकि इमरजेंसी में सही डिसीजन ले सकें.
-फिजिकली फिट हों. घायल व्यक्ति के साथ उपचार से संबंधित उचित प्रीकॉशन ले सकें.
-पैरा-मेडिसिन फील्ड में काम किया हो और मेडिकल इक्विपमेंट की मेंटेनेंस की अच्छी समझ हो. साथ ही इमरजेंसी व्हीकल के ऑपरेशन की भी अच्छी समझ होना जरूरी है.
-बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स का होना भी जरूरी है.
सैलरी पैकेज
पैरामेडिक्स फील्ड में सैलरी इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस ऑर्गनाइजेशन से जुड़े हैं. साथ ही सैलरी आपकी स्किल्स और अनुभव पर भी निर्भर करती है. शुरुआत में सैलरी 3 लाख से 5 लाख रुपए प्रति वर्ष तक होगी, जो एक्सीपीरियंस और आपकी स्किल्स के हिसाब से बढ़ती जाती है.
ऑल इंडिया इंस्टीस्ट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स)
www.aiims.edu
-इग्नू.-इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी
www.ignou.ac.in
-राजीव गांधी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट
www.rgpcindia.com
-दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट
www.dpmiindia.com
-मौलाना इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल साइंसेज
www.moulanahospital.com
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