अगर आप बायोटेक करके अपने करियर को उम्दा बनाने की सोच रहे हैं, तो आज हम आपको बायोटेक्नोलॉजी की डिग्री लेने के बाद कौन-कौन से क्षेत्रों में आपकी बायोटेक की डिग्री को प्राथमिकता दी जाएगी, इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
ये समय ऐसा है जब देश के युवाओं के बीच अपने करियर को सेट करने की होड़ चल रही है। ऐसे में अपने करियर में सही गाइडलाइंस और कोर्सेस का चुनाव करना बेहद ही अहम है। 12वीं के बाद आप कौन से क्षेत्र में जाना चाहते हैं यह पहले से तय न करने वाले युवाओं की तादाद अच्छी खासी पाई जाती है। ऐसे में अगर आप बायोटेक करके अपने करियर को उम्दा बनाने की सोच रहे हैं, तो आज हम आपको बायोटेक्नोलॉजी की डिग्री लेने के बाद कौन-कौन से क्षेत्रों में आपकी बायोटेक की डिग्री को प्राथमिकता दी जाएगी, इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
अगर आपका सवाल है बायोटेक क्या है?
बायोटेक शब्द बायोटेक्नोलॉजी का शॉर्ट फॉर्म है। जिसमें जैव प्रौद्योगिकी अर्थात जीवों से प्राप्त होने वाले जीवाश्म पदार्थों का उपयोग करके विभिन्न प्रकार के उपयोगी उत्पादों का निर्माण किया जाता है। इस टेक्नोलॉजी की उपयोगिता और निर्भरता को आंकते हुए विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जैसे कृषि क्षेत्र, स्वास्थ्य सम्बन्धी, पशुपालन, रिसर्च एवं डेवलपमेंट इत्यादि।
कैसे हासिल करें बायोटेक की डिग्री?
बायो टेक्नोलॉजी से जुड़ी अलग-अलग शाखाओं के द्वारा डिग्री प्रोग्राम तैयार किए गए हैं। जिनके माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मनचाहा क्षेत्र चुनकर डिग्री प्राप्त की जा सकती है।
डिप्लोमा कोर्स
बायोटेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम की व्यवस्था डिप्लोमा कोर्सेस में भी की गई है। इसमें हाईस्कूल की परीक्षा पास कर कोई भी छात्र प्रवेश के लिए अप्लाई कर सकता है। इसमें 3 वर्ष का डिग्री प्रोग्राम तय किया गया है।
यू०जी० कोर्सेस
अंडर ग्रेजुएशन में जो डिग्री प्रोग्राम बायोटेक्नोलॉजी के लिए बनाए गए हैं, उसमें प्रवेश पाने बाबत प्रवेश पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रावधान रखा गया है। हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास करने के उपरांत 4 वर्ष बायोटेक्नोलॉजी का विधिवत अध्ययन कर बेहतर कैरियर बनाया जा सकता है।
पी०जी० कोर्सेस
ग्रेजुएशन के उपरांत अगर आप एमटेक की डिग्री लेना चाहें तो भारत में 2 वर्ष का पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स रखा गया है।
पीएचडी प्रोग्राम्स
बायोटेक्नोलॉजी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने के लिए पीएचडी प्रोग्राम्स बनाए गए हैं। जिसके तहत अलग-अलग जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों को चुनकर रिसर्चर की गहरी भूमिका निभाते हुए गहन शोध और अध्ययन कर पीएचडी की जा सकती है।
किन क्षेत्रों में पा सकते हैं नौकरी?
दवाओं का बाजार दुनियाभर में तेजी से बढ़ा है। बाजार में दवाओं की उपयोगिता को पूरा करने के लिए फार्मास्यूटिकल कंपनियां भी बुलंदियों पर हैं। दवा कंपनियों में बीटेक,एमटेक की डिग्री धारकों के लिए भारी स्कोप है। प्राइवेट सेक्टर्स या गवर्नमेंट जॉब में बीटेक की मांग बनी रहती है।
बायोटेक्नोलॉजी एक्सपर्ट
बायोटिक की डिग्री प्रोग्राम के तहत हासिल की गई विद्वता आपको बतौर एक्सपर्ट इस फील्ड में जॉब दिला सकती है। लेकिन जैव प्रौद्योगिकी की बारीकियों का गहन अध्ययन और ज्ञान होना भी आवश्यक है। यह युग प्रतिस्पर्धा का है, जहां डिग्री के साथ-साथ पर्सनल व्यूप्वाइंट का अनुभव होना जरूरी है। एक ही वस्तु को आप कितने नजरियों से पेश कर सकते हैं, यह कला आपको आनी चाहिए, जिसकी आवश्यकता बायोटेक्नोलॉजी में है।
ऐसे ही अन्य क्षेत्रों जैसे लैब असिस्टेंट, सेल्स मैनेजमेंट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट, जेनेसिस्ट, फार्मोकोलॉजिस्ट, बायो केमिस्ट, बायोटेक रिसर्चर, क्वालिटी कंट्रोलर, जैसे तमाम बायो टेक्नोलॉजी से जुड़े क्षेत्रों में जॉब की भरमार है।
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