सही दिशा में किये गए विज्ञापन से कई छोटी वस्तुओं को भी बड़ा बनाया गया है"- मार्क ट्वैन
सन्देश को लोगों तक पहुंचने की कला ही विज्ञापन है. साधारणतः विज्ञापन किसी उत्पाद, सेवा अथवा सामाजिक मुद्दे के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं. विज्ञापन विभाग किसी भी उद्योग के उन प्रमुख विभागों में से एक होता है जो आज के कॉर्पोरेट परिवेश में उद्योग को प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाता है. भारतीय विज्ञापन उद्योग आज प्रगति के उस पथ पर अग्रसर है जहाँ ये अगले कुछ वर्षों में हज़ारों युवाओं को रोज़गार प्रदान करेगा.
तेज़ी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में विज्ञापन का क्षेत्र रोज़गार की नई संभावनाओ को लेकर आया है. विज्ञापन एजेंसियों को ऐसे मौलिक एवं प्रतिभावान लोगों की सदैव खोज रहती है जो समूह में काम करने के साथ ही अपने स्वतंत्र विचारों को प्रस्तुत कर सके.
विज्ञापन कम्पनी के किसी विशेष विभाग में नियोजन के लिए के लिए आप निम्न में से कोई एक पाठ्यक्रम चुन सकते हैं-
(अ) ग्राहक सेवा- मार्केटिंग में पीजी डिप्लोमा अथवा एमबीए
(ब) स्टूडियो- कमर्शियल या फाईन आर्ट में बीफ़ऐ अथवा एम्फ़ऐ
(स) मीडिया- पत्रकारिता, जनसंचार अथवा एमबीए
(द) वित्त- सीए, आईसीडब्ल्यूए अथवा एमबीए (वित्त)
(य) फिल्म- ऑडियो-विजुअल में विशेषज्ञता
(फ) प्रोडक्शन- प्री-प्रेस प्रोसेस और प्रिंटिंग में पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात विज्ञापन के क्षेत्र में उतरने के लिए सबसे उत्तम जरिया है- 'ऑन-जॉब ट्रेनिंग’ जिसे लगभग सभी अच्छे संस्थान पाठ्यक्रम के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में प्रदान करते हैं.
विज्ञापन में परास्नातक करने के लिए न्यूनतम योग्यता है किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक. अधिकांशतः इन सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार अथवा दोनों को उत्तीर्ण करना आवश्यक है. कुछ संस्थान स्नातक स्तर पर भी विज्ञापन में प्रशिक्षण देते हैं, जिसके लिए अभ्यार्थी का कक्षा 12 उत्तीर्ण करना आवश्यक है.
(अ) प्रभावशाली संवाद
(ब) प्रस्तुतिकरण एवं प्रबंधन
(स) समूह में कार्य करने एवं उसे नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता
(द) तनाव प्रबंधन
(य) प्रबोधन क्षमता
(र) आत्मविश्वास
(ल) प्रतिस्पर्धी क्षमता
भारत में कार्यरत विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को विज्ञापन के लिए शैक्षिक रूप से योग्य एवं अनुभवी कामगारों की सदैव आवश्यकता रहती है. हालाँकि इस तेज़ी से बढ़ते व्यवसाय में शैक्षिक योग्यता से ज्यादा व्यक्ति की रचनात्मकता और हरदम कुछ नया करने की क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है.
विज्ञापन प्रबंधक, बिक्री प्रबंधक, पब्लिक रिलेशंस डाईरेक्टर, क्रिएटिव डाईरेक्टर, कॉपी राईटर तथा मार्केटिंग कम्युनिकेशंस डाईरेक्टर विज्ञापन एजेंसी के कुछ महत्वपूर्ण पद हैं जहाँ नियोजित हुआ जा सकता है.
इस क्षेत्र में उचित व्यक्ति के लिए वेतनमान की कोई रुकावट नहीं है. वास्तव में यह व्यक्ति की योग्यता, शिक्षा और उसके अनुभव पर निर्भर करता है. शुरूआत में आपको आधारभूत कार्य सौंपे जाते हैं परन्तु जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है आपको ग्राहकों के साथ डील करने जैसी बड़ी ज़िम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है.
आप किसी भी एजेंसी में आसानी से किसी निचले स्तर से शुरूआत कर सकते हैं पर सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए आपमें उपरोक्त बताये गुणों का होना आवश्यक है. आपके कार्य करने की क्षमता एवं अनुभव बढ़ने के साथ ही आपका वेतनमान भी बढ़ता रहता है. क्रियेटिव विभाग से शुरूआत करने पर आपको आसानी से 8 से 15 हज़ार का मासिक वेतन मिल सकता है.
भारतीय विज्ञापन उद्योग उच्च कोटि का है तथा यहाँ रोचक व नवीन विचारों को उच्च निष्पादन क्षमता के साथ प्रतिपादित करने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तिओं की कमी नहीं है. यही कारण है कि आज भारतीय प्रतिभाओं को भर्ती करने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां लालायित रहती हैं.
एग्जीक्यूटिव: इसमें शामिल है- ग्राहक सेवा, मार्केट रिसर्च और मीडिया रिसर्च. एग्जीक्यूटिव विभाग का कार्यक्षेत्र है- ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझना तथा अपने स्थापित व्यापार को रखते हुए व्यापार की नयी संभावनाएं खोजना. यह विभाग ग्राहकों के लिए उचित मीडिया विश्लेषण, विज्ञापन की सही जगह व समय का निर्धारण तथा ग्राहक के साथ व्यापारिक सौदे व इससे जुड़े वित्तीय मामलों को अंतिम रूप देता है.
क्रियेटिव: क्रियेटिव टीम में कॉपी राईटर, स्क्रिप्ट राईटर, विज़ुअलाइज़र, क्रियेटिव डाइरेक्टर, फोटोग्राफर, टाइपोग्राफर, एनिमेटर इत्यादि आते हैं. ये विभाग विभिन्न मीडिया फोर्मेट्स में वास्तविक विज्ञापन का निर्माण करता है. इस विभाग के क्रियेटिव लोग ग्राहक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन को मूर्तरूप देने का काम करते हैं.
चूंकि विभिन्न मीडिया रूपों ( प्रिंट-अखबार, पत्रिका, बिलबोर्ड आदि; ब्रोडकास्ट-टीवी, रेडिओ, इंटरनेट आदि) के आधार पर विज्ञापन के विभिन्न प्रकार होते हैं अतः आप अपनी रूचि के अनुसार विशेषज्ञ पाठ्यक्रम चुन सकते हैं.
हिन्दुस्तान थोमसन एसोसिअट्स (एच टी ए), मैक्कैन एरिक्सन, लिओ बर्नेट, ग्रे, आर के स्वामी (बी बी डी ओ), बेट्स, रीडिफ्यूज़न डीवाई एंड आर, लिंटास इण्डिया लिमिटेड, ऑगिल्वी एंड मादर लिमिटेड एवं मुद्रा कम्युनिकेशंस लिमिटेड.
सन्देश को लोगों तक पहुंचने की कला ही विज्ञापन है. साधारणतः विज्ञापन किसी उत्पाद, सेवा अथवा सामाजिक मुद्दे के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं. विज्ञापन विभाग किसी भी उद्योग के उन प्रमुख विभागों में से एक होता है जो आज के कॉर्पोरेट परिवेश में उद्योग को प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाता है. भारतीय विज्ञापन उद्योग आज प्रगति के उस पथ पर अग्रसर है जहाँ ये अगले कुछ वर्षों में हज़ारों युवाओं को रोज़गार प्रदान करेगा.
तेज़ी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था में विज्ञापन का क्षेत्र रोज़गार की नई संभावनाओ को लेकर आया है. विज्ञापन एजेंसियों को ऐसे मौलिक एवं प्रतिभावान लोगों की सदैव खोज रहती है जो समूह में काम करने के साथ ही अपने स्वतंत्र विचारों को प्रस्तुत कर सके.
चरणबद्ध प्रक्रिया
विज्ञापन कम्पनियाँ अपने विभागों के विभिन्न स्तरों पर अलग-अलग शैक्षिक पृष्भूमि के लोगों को नियोजित करती हैं. शुरूआत करने के लिए आपके पास किसी विशेष क्षेत्र में पेशेवर डिग्री या डिप्लोमा होना चाहिए. इसके अलावा, भाषा पर मजबूत पकड़ और उच्च कोटि की संवाद क्षमता आपको इस क्षेत्र का महारथी बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है.विज्ञापन कम्पनी के किसी विशेष विभाग में नियोजन के लिए के लिए आप निम्न में से कोई एक पाठ्यक्रम चुन सकते हैं-
(अ) ग्राहक सेवा- मार्केटिंग में पीजी डिप्लोमा अथवा एमबीए
(ब) स्टूडियो- कमर्शियल या फाईन आर्ट में बीफ़ऐ अथवा एम्फ़ऐ
(स) मीडिया- पत्रकारिता, जनसंचार अथवा एमबीए
(द) वित्त- सीए, आईसीडब्ल्यूए अथवा एमबीए (वित्त)
(य) फिल्म- ऑडियो-विजुअल में विशेषज्ञता
(फ) प्रोडक्शन- प्री-प्रेस प्रोसेस और प्रिंटिंग में पाठ्यक्रम
पाठ्यक्रम पूर्ण होने के पश्चात विज्ञापन के क्षेत्र में उतरने के लिए सबसे उत्तम जरिया है- 'ऑन-जॉब ट्रेनिंग’ जिसे लगभग सभी अच्छे संस्थान पाठ्यक्रम के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में प्रदान करते हैं.
पदार्पण
विज्ञापन जगत में पदार्पण करने के लिए प्रथम व सबसे आवश्यक है आपका रचनात्मक होना. ये रचनात्मकता किसी भी रूप में हो सकती है- चाहे वह भाषा के रूप में हो या संवाद क्षमता के रूप में, कला के रूप में या नवीन विचारों के रूप में.विज्ञापन में परास्नातक करने के लिए न्यूनतम योग्यता है किसी भी विषय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक. अधिकांशतः इन सभी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा, साक्षात्कार अथवा दोनों को उत्तीर्ण करना आवश्यक है. कुछ संस्थान स्नातक स्तर पर भी विज्ञापन में प्रशिक्षण देते हैं, जिसके लिए अभ्यार्थी का कक्षा 12 उत्तीर्ण करना आवश्यक है.
क्या यह मेरे लिए सही करियर है?
यदि आप उत्साही, स्वतः कार्य करने वाले, रचनात्मक, आशावादी तथा कई कार्यों को एक साथ करने की क्षमता वाले हैं तो विज्ञापन का क्षेत्र आपके लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प साबित हो सकता है. जनसंवाद एवं लोगों को समझने की क्षमता विज्ञापन में करियर चाहने वालों के लिए एक आवश्यक कौशल है जो कि ग्राहकों की ज़रूरतों को समझने तथा उसकेआधार पर निर्णय लेने में सहायक सिद्ध होती है. विज्ञापन के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने वाले संस्थान निम्न गुणों को अभ्यार्थी में विकसित करते हैं-(अ) प्रभावशाली संवाद
(ब) प्रस्तुतिकरण एवं प्रबंधन
(स) समूह में कार्य करने एवं उसे नेतृत्व प्रदान करने की क्षमता
(द) तनाव प्रबंधन
(य) प्रबोधन क्षमता
(र) आत्मविश्वास
(ल) प्रतिस्पर्धी क्षमता
भारत में कार्यरत विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को विज्ञापन के लिए शैक्षिक रूप से योग्य एवं अनुभवी कामगारों की सदैव आवश्यकता रहती है. हालाँकि इस तेज़ी से बढ़ते व्यवसाय में शैक्षिक योग्यता से ज्यादा व्यक्ति की रचनात्मकता और हरदम कुछ नया करने की क्षमता को प्राथमिकता दी जाती है.
कितना खर्चा होगा?
मुद्रा इंस्टीटयूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद, जैसे संस्थानों में वार्षिक फीस लगभग 1 लाख रुपये है.परन्तु कुछ सरकारी तथा निजी संस्थानों में फीस इससे कम है.छात्रवृत्ति
छात्रवृत्ति प्राप्त करना एक कठिन कार्य है. अधिकांशतः, छात्रवृत्ति उत्कृष्ट शैक्षिक प्रदर्शन के आधार पर दी जाती है.रोज़गार के अवसर
विज्ञापन के क्षेत्र में रोज़गार के कई अवसर हैं- निजी विज्ञापन कम्पनियों से लेकर बड़ी सरकारी एवं निजी कंपनियों के विज्ञापन विभाग तक. इसके अलावा आप अखबारों, पत्रिकाओं, रेडियो और टीवी के व्यापारिक विभाग में, मार्केट रिसर्च कंपनी इत्यादि में भी नियोजित हो सकते हैं. फ्रीलांसिंग भी एक विकल्प हो सकता है.विज्ञापन प्रबंधक, बिक्री प्रबंधक, पब्लिक रिलेशंस डाईरेक्टर, क्रिएटिव डाईरेक्टर, कॉपी राईटर तथा मार्केटिंग कम्युनिकेशंस डाईरेक्टर विज्ञापन एजेंसी के कुछ महत्वपूर्ण पद हैं जहाँ नियोजित हुआ जा सकता है.
वेतनमान
विज्ञापन एजेंसियों के आकर एवं उनके टर्नओवर के आधार पर वेतनमान निर्भर करता है. बड़ी और नामी-गिरामी एजेंसियां एक सुव्यवस्थित व्यवस्था के अनुसार कार्य करतीं हैं जबकि छोटी और मंझले स्तर की कंपनियों में एक ही व्यक्ति को कई कार्य प्रतिपादित करने होते हैं.इस क्षेत्र में उचित व्यक्ति के लिए वेतनमान की कोई रुकावट नहीं है. वास्तव में यह व्यक्ति की योग्यता, शिक्षा और उसके अनुभव पर निर्भर करता है. शुरूआत में आपको आधारभूत कार्य सौंपे जाते हैं परन्तु जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ता जाता है आपको ग्राहकों के साथ डील करने जैसी बड़ी ज़िम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है.
आप किसी भी एजेंसी में आसानी से किसी निचले स्तर से शुरूआत कर सकते हैं पर सफलता की सीढ़ी चढ़ने के लिए आपमें उपरोक्त बताये गुणों का होना आवश्यक है. आपके कार्य करने की क्षमता एवं अनुभव बढ़ने के साथ ही आपका वेतनमान भी बढ़ता रहता है. क्रियेटिव विभाग से शुरूआत करने पर आपको आसानी से 8 से 15 हज़ार का मासिक वेतन मिल सकता है.
मांग एवं आपूर्ति
भारत में विज्ञापन के क्षेत्र में प्रतिभा शाली व्यक्तियों के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं विशेषकर उनके लिए जिन्होंने कॉमर्शिअल आर्ट में शिक्षा हासिल की हो. ग्राहक-सेवा के क्षेत्र में एमबीए भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. विज्ञापन जगत में रचनात्मक लोगों की सदैव मांग रहती है. इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुआयामी प्रतिभा होना बहुत आवश्यक है.मार्केट वाच
वैश्विक वित्तीय संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर है तथा विज्ञापन बाज़ार भी लगातार अपने पैर पसार रहा है. लगभग सभी उद्योगों में बढ़ोतरी का सकारात्मक प्रभाव विज्ञापन उद्योग पर पड़ा है.भारतीय विज्ञापन उद्योग उच्च कोटि का है तथा यहाँ रोचक व नवीन विचारों को उच्च निष्पादन क्षमता के साथ प्रतिपादित करने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तिओं की कमी नहीं है. यही कारण है कि आज भारतीय प्रतिभाओं को भर्ती करने के लिए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियां लालायित रहती हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन
भारतीय विज्ञापन एजेंसियों के विश्वस्तरीय प्रदर्शन को न केवल पहचाना जा रहा है बल्कि उसको संपूर्ण विश्व में सराहा भी जा रहा है. भारतीय एजेंसियां आज राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्रकार के प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक निष्पादित कर रही हैं और ऐसा इसलिए संभव हो सका है चूंकि भारतीय एजेंसियां ग्राहकों की हर समस्या का समाधान करती हैं. मीडिया प्लानिंग, सर्विसिंग, मीडिया बायिंग, प्री एंड पोस्ट कैम्पेन एनालिसिस, क्रियेटिव कौन्सेप्चुलायिज़ेशन, मार्केट रिसर्च, मार्केटिंग, पब्लिक रिलेशंस और ब्रांडिंग- इन सभी प्रकार सेवाओं को प्रदान करने वाला भारतीय विज्ञापन जगत आज विश्व के अग्रणी विज्ञापन उद्योगों के साथ लगातार आगे बढ़ रहा है.सकारात्मक/नकारात्मक पहलू
सकारात्मक- चुनौतीपूर्ण व संतुष्टिपरक जॉब
- देश के अग्रणी उद्योगों में शामिल होने के कारण लगातार आगे बढ़ने कि अपार संभावनाएं
- उच्च वेतन के साथ कार्य आधारित इनसेंटिव्स
- उद्योग जगत की मशहूर हस्तियों से मिलने का मौका
- अत्यंत लम्बे वर्किंग आवर्स के लिए कुख्यात
- उच्च तनाव व दबाव वाला कार्यक्षेत्र
भूमिका और पदनाम
विज्ञापन का क्षेत्र कई प्रकार के रोचक व लाभकारी करियर प्रदान करता है. मोटे तौर पर इन्हें दो भागों में बांटा जा सकता है- एग्जीक्यूटिव और क्रिऐटिव.एग्जीक्यूटिव: इसमें शामिल है- ग्राहक सेवा, मार्केट रिसर्च और मीडिया रिसर्च. एग्जीक्यूटिव विभाग का कार्यक्षेत्र है- ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझना तथा अपने स्थापित व्यापार को रखते हुए व्यापार की नयी संभावनाएं खोजना. यह विभाग ग्राहकों के लिए उचित मीडिया विश्लेषण, विज्ञापन की सही जगह व समय का निर्धारण तथा ग्राहक के साथ व्यापारिक सौदे व इससे जुड़े वित्तीय मामलों को अंतिम रूप देता है.
क्रियेटिव: क्रियेटिव टीम में कॉपी राईटर, स्क्रिप्ट राईटर, विज़ुअलाइज़र, क्रियेटिव डाइरेक्टर, फोटोग्राफर, टाइपोग्राफर, एनिमेटर इत्यादि आते हैं. ये विभाग विभिन्न मीडिया फोर्मेट्स में वास्तविक विज्ञापन का निर्माण करता है. इस विभाग के क्रियेटिव लोग ग्राहक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन को मूर्तरूप देने का काम करते हैं.
चूंकि विभिन्न मीडिया रूपों ( प्रिंट-अखबार, पत्रिका, बिलबोर्ड आदि; ब्रोडकास्ट-टीवी, रेडिओ, इंटरनेट आदि) के आधार पर विज्ञापन के विभिन्न प्रकार होते हैं अतः आप अपनी रूचि के अनुसार विशेषज्ञ पाठ्यक्रम चुन सकते हैं.
अग्रणी कंपनियों की सूची
विज्ञापन व मीडिया प्लानिंग के क्षेत्र के कुछ बड़े नाम जिनके साथ प्रत्येक विद्यार्थी जुड़ना चाहता है, इस प्रकार हैं:हिन्दुस्तान थोमसन एसोसिअट्स (एच टी ए), मैक्कैन एरिक्सन, लिओ बर्नेट, ग्रे, आर के स्वामी (बी बी डी ओ), बेट्स, रीडिफ्यूज़न डीवाई एंड आर, लिंटास इण्डिया लिमिटेड, ऑगिल्वी एंड मादर लिमिटेड एवं मुद्रा कम्युनिकेशंस लिमिटेड.
रोज़गार प्राप्त करने के लिए सुझाव
- विज्ञापन व पब्लिक रिलेशंस में करियर बनाने की चाहत रखने वालों के लिए इन्टर्नशिप विज्ञापन जगत का दरवाज़ा खोलने वाली कुंजी साबित हो सकती है.
- विज्ञापन जगत रचनात्मक व नए विचारों एवं अवधारणाओं का सदैव स्वागत करता है. यद्यपि भारत में ये उद्योग पश्चिमी देशों की तुलना में कम विकसित है तथापि इसने बदलते परिवेश में अपने आपको ढाल लिया है.
- उत्कृष्ट संवाद क्षमता के साथ मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी विषय में विशेषज्ञता आपको अपने अन्य साथियों की तुलना में लाभ देगी.
कुछ अग्रणी संस्थान
- इन्डियन इंस्टीटयूट ऑफ़ मॉस कम्युनिकेशन, अरुणा आसफ अली मार्ग, जेएनयु, न्यू कैम्पस, नई दिल्ली - 110067, (www.iimc.nic.in)
- मुद्रा इंस्टीटयूट ऑफ कम्युनिकेशन, शेला, अहमदाबाद- 380007, गुजरात (www.mica-india.net)
- नरसी मोन्जी इंस्टीटयूट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज़, वी एल मेहता रोड, विले पार्ले (पश्चिम), मुंबई-400056, महाराष्ट्र (www. nmims.edu)
- जेविअर इंस्टीटयूट ऑफ़ कम्युनिकेशन, सेंट जेविअर कॉलेज, 5, महापालिका मार्ग, मुंबई-400001, महाराष्ट्र (www.xaviercomm.org)
- सिम्बोयासिस इंस्टीटयूट ऑफ़ मीडिया कम्युनिकेशन, पुणे (www.simc.edu)
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