आज जिस तेजी से दुनिया में विकास हो रहा है, उससे भी कहीं ज्यादा तेजी से एनर्जी की मांग बढ़ रही है। किसी भी इंडस्ट्री या प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले वहां की ऊर्जा की संभावनाओं की पड़ताल जरूरी होती है। जरूरतों के साथ ही अब पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को भी देखा जाने लगा है। तमाम पावर प्रोजेक्ट्स पर्यावरण संबंधी विषयों के चलते ही अटके पड़े हैं। इसलिए रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस्ड रहना उनकी मजबूरी है। इस क्षेत्र में भारत ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बना रखी हैं। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे इस क्षेत्र में अपना करियर बनाएं।
बायोफ्यूल की लगातार कम होती जा रही मात्रा और देश में एनर्जी की मांग को देखते हुए एनर्जी प्रोडक्शन और उसका प्रबंधन पहली प्राथमिकता बन चुका है। सरकारी के साथ-साथ निजी कंपनियां भी इस ओर विशेष जोर दे रही हैं। यही कारण है कि रिन्यूएबल एनर्जी मैनेजमेंट के कोर्स की तेजी से मांग बढ़ रही है। समय के साथ-साथ ऊर्जा की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इसलिए ऊर्जा के अतिरिक्त स्रोतों यानी वैकल्पिक ऊर्जा, सौर ऊर्जा, विंड एनर्जी, बायो एनर्जी, हाइड्रो एनर्जी आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा पर्यावरण के मुद्दों को देखते हुए भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी योजना बना रखी है, क्योंकि सरकार का इरादा अगले साल तक 55 हजार मेगावॉट बिजली उत्पादन का है। कॉरपोरेट कंपनियां भी इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं।
क्या है रिन्यूएबल एनर्जी मैनेजमेंट
मौजूदा प्रौद्योगिकी के अलावा नई तकनीक को अपना कर रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है, ताकि बिजली की मांग के एक बड़े हिस्से की आपूर्ति व प्रदूषण में कमी के साथ-साथ हजारों करोड़ रुपये की बचत भी की जा सके। इसलिए सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने पर बल दिया है।
मौजूदा प्रौद्योगिकी के अलावा नई तकनीक को अपना कर रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है, ताकि बिजली की मांग के एक बड़े हिस्से की आपूर्ति व प्रदूषण में कमी के साथ-साथ हजारों करोड़ रुपये की बचत भी की जा सके। इसलिए सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देने पर बल दिया है।
कौन से हैं कोर्स
इसमें जो भी कोर्स हैं, वे पीजी अथवा मास्टर लेवल के हैं। छात्र उन्हें तभी कर सकते हैं, जब उन्होंने किसी विश्वविद्यालय या मान्यताप्राप्त संस्थान से बीटेक, बीई या बीएससी सरीखा कोर्स किया हो। एमएससी फिजिक्स के छात्रों को यह क्षेत्र सबसे अधिक भाता है।
इसमें जो भी कोर्स हैं, वे पीजी अथवा मास्टर लेवल के हैं। छात्र उन्हें तभी कर सकते हैं, जब उन्होंने किसी विश्वविद्यालय या मान्यताप्राप्त संस्थान से बीटेक, बीई या बीएससी सरीखा कोर्स किया हो। एमएससी फिजिक्स के छात्रों को यह क्षेत्र सबसे अधिक भाता है।
एमबीए कोर्स
कई बिजनेस संस्थानों में एनर्जी मैनेजमेंट या पावर मैनेजमेंट जैसे एमबीए कोर्स भी ऑफर किए जा रहे हैं। इनको ग्रेजुएशन के बाद किया जाता है। रिसर्च करने के लिए मास्टर होना जरूरी है।
कई बिजनेस संस्थानों में एनर्जी मैनेजमेंट या पावर मैनेजमेंट जैसे एमबीए कोर्स भी ऑफर किए जा रहे हैं। इनको ग्रेजुएशन के बाद किया जाता है। रिसर्च करने के लिए मास्टर होना जरूरी है।
कौन से हैं प्रमुख कोर्स
- एमएससी इन रिन्यूएबल एनर्जी
- एमएससी इन फिजिक्स/एनर्जी स्टडीज
- एमटेक इन एनर्जी स्टडीज
- एमटेक इन एनर्जी मैनेजमेंट
- एमटेक इन एनर्जी टेक्नोलॉजी
- एमटेक इन रिन्यूएबल एनर्जी मैनेजमेंट
- एमई इन एनर्जी इंजीनियरिंग
- पीजी डिप्लोमा इन एनर्जी मैनेजमेंट
- एमबीए इन रिन्यूएबल एनर्जी मैनेजमेंट
- एमफिल इन एनर्जी
जरूरी गुण
- आवश्यक स्किल्स
- लॉजिकल व एनालिटिकल स्किल्स
- कठिन परिश्रम से न भागना
- मेहनती व अनुशासन में रहना
- नई चीजें सीखने के लिए तत्पर रहना
- कठिन परिस्थितियों में बेहतर निर्णय लेने की क्षमता
वेतनमान
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में डिप्लोमाधारी युवाओं को शुरू-शुरू में 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी मिलती है। इस क्षेत्र में जैसे-जैसे वे समय व्यतीत करते जाते हैं, उनकी आमदनी भी बढ़ती जाती है।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में डिप्लोमाधारी युवाओं को शुरू-शुरू में 25-30 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी मिलती है। इस क्षेत्र में जैसे-जैसे वे समय व्यतीत करते जाते हैं, उनकी आमदनी भी बढ़ती जाती है।
अनुभव से बढ़ेगी सैलरी
अमूमन 3-4 साल के अनुभव के बाद यह सेलरी बढ़ कर 50-55 हजार रुपये प्रतिमाह हो जाती है। कई ऐसे प्रोफेशनल्स हैं, जो इस समय 5-6 लाख रुपये सालाना सेलरी पैकेज पा रहे हैं। टीचिंग व विदेश जाकर काम करने वाले प्रोफेशनल्स की सेलरी भी काफी अच्छी होती है। इस क्षेत्र के जानकार प्रोफेशनल्स को अकसर सेलरी के लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि आज भी इस क्षेत्र में मांग की तुलना में करियर प्रोफेशनल्स की भारी कमी है।
अमूमन 3-4 साल के अनुभव के बाद यह सेलरी बढ़ कर 50-55 हजार रुपये प्रतिमाह हो जाती है। कई ऐसे प्रोफेशनल्स हैं, जो इस समय 5-6 लाख रुपये सालाना सेलरी पैकेज पा रहे हैं। टीचिंग व विदेश जाकर काम करने वाले प्रोफेशनल्स की सेलरी भी काफी अच्छी होती है। इस क्षेत्र के जानकार प्रोफेशनल्स को अकसर सेलरी के लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि आज भी इस क्षेत्र में मांग की तुलना में करियर प्रोफेशनल्स की भारी कमी है।
यहां पर मिल सकता है काम
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से संबंधित सरकारी व निजी उद्योगों में करियर के तमाम विकल्प मौजूद हैं।
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से संबंधित सरकारी व निजी उद्योगों में करियर के तमाम विकल्प मौजूद हैं।
पर्याप्त संभावनाएं
देश में रिन्यूएबल एनर्जी की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। इससे लगभग 1.79 लाख मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकती है। इसके अंतर्गत एचआर मैनेजमेंट, ऑपरेशन, फाइनेंस, मार्केटिंग तथा स्ट्रैटिजिक मैनेजमेंट जैसे कार्य शामिल हैं। इसमें प्रोफेशनल्स एनर्जी कॉर्पोरेशन के मैनेजमेंट में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यह क्षेत्र भले ही अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर करियर की संभावनाएं मौजूद हैं।
देश में रिन्यूएबल एनर्जी की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं। इससे लगभग 1.79 लाख मेगावॉट बिजली पैदा की जा सकती है। इसके अंतर्गत एचआर मैनेजमेंट, ऑपरेशन, फाइनेंस, मार्केटिंग तथा स्ट्रैटिजिक मैनेजमेंट जैसे कार्य शामिल हैं। इसमें प्रोफेशनल्स एनर्जी कॉर्पोरेशन के मैनेजमेंट में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यह क्षेत्र भले ही अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर करियर की संभावनाएं मौजूद हैं।
- यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे, पुणे
वेबसाइट- www.unipune.ac.in
वेबसाइट- www.unipune.ac.in
- आईआईटी दिल्ली, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.iitd.ac.in
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- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली
वेबसाइट- www.nitt.edu
वेबसाइट- www.nitt.edu
- राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल
वेबसाइट- www.rgpv.ac.in
वेबसाइट- www.rgpv.ac.in
- इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट (डीम्ड यूनिवर्सिटी), इलाहाबाद
वेबसाइट- www.shiats.edu.in
वेबसाइट- www.shiats.edu.in
- पेट्रोलियम कंजर्वेशन रिसर्च एसोसिएशन, नई दिल्ली
वेबसाइट- www.pcra.org
वेबसाइट- www.pcra.org
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