Wednesday, November 16, 2016

एमएलटी में करियर

डॉक्टर नहीं बन सेके तो क्या, मेडिकल फील्ड में और भी ऑप्शन हैं। आप के लिए माइक्रोबायो, बायोटेक या एमएललटी जैसे कोर्स हैं। लेकिन करियर स्कोप के लिहाज से एमएलटी (मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी) कोर्स करियर प्रोस्पेक्ट के लिहाज से ज्यादा बढि़या कहा जा सकता है। इसके कई फायदे हैं। एमएलटी में बीएससी करने के बाद आप आगे एनाटोमी समेत नॉन क्लीनिकल साइंस के तमाम सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकते हैं जो एडवांटेज माइक्रोबायो या बायोटेक की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को नहीं है। 
कई ऑप्शन 
यह एक ऐसा फील्ड है जिसमें सरकारी और प्राइवेट, दोनों सेक्टरों में करियर बनाने के पर्याप्त अवसर हैं। आप अपना करियर बखूबी संवार सकते हैं। लैब टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए कई कोर्स हैं। जैसे, बैचलर ऑफ मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजी (बीएमएलटी), डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजी (डीएमएलटी), सर्टिफिकेट कोर्स। बीएससी के बाद आपके पास किसी सब्जेक्ट में स्पेशयलाइजेशन का भी अवसर होता है। 
जिपमेर, पुद्दुचेरी के एक्स स्टूडेंट और चितरंजन रेल फैक्ट्री के अस्पताल में कार्यरत मनोरंजन कुमार बताते हैं कि मेडिकल लैब टेक्नोलॉजिस्ट के लिए बीएससी-एमएलटी कोर्स के तहत स्टूडेंट्स को ब्लड, यूरिन आदि के अलावा शरीर के तमाम फ्लूइड्स की टेस्टिंग में ट्रेंड किया जाता है। जिपमेर के ही एक और एक्स स्टूडेंट अप्पू का कहना है कि लैब टेक्निशियन के तौर पर करियर को ऊंचाई देना चाहते हैं तो किसी सब्जेक्ट में स्पेशयलाइजेशन वाले कोर्स करने के बाद रिसर्च, फॉरेंसिक, फर्मास्युटिकल और इंडस्ट्रीयल लैबोरेट्रीज में भी काम के मौके मिलते हैं। 
बेहतर लैब
एमएलटी कोर्स करने वाले संस्थानों की कीमी नहीं है। लेकिन आप वैसा इंस्टीट्यूट तलाशें जहां लैइक्यूपमेंट्स बेहतर हों। तभी  जॉब में आने के बाद बढ़त हासि कर सकते हैं। इंस्टीट्यूट अच्छा होनेसे आप इस फील्ड की नई तकनीक और मशीनों से परिचित रहते हैं इस फील्ड में बैचलर और पोस्टग्रेजुएट कोर्स करवाने वाले संस्थान करीब करीब देश के हर हिस्से में हैं। दिल्ली की ही बात करें तो यहांवर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज के अलावा भी कई ऑप्शन हैं देश के प्रमुख संस्थानों के रू में पद्दुचेरीस्थित जिपमेरलीगढ़ स्थित एएमयू आदि का नाम लिया जा सकता है। 
जॉब प्रोफाइल
मेडिकल टेक्निशियन का मुख्य काम लैब में विभिन्न चीजों के सैंपल को टेस्ट करना होता है। यह काबहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है थोड़ी सी गलती किसी व्यक्ति के लिए जानलेवा भी हो सकती है क्योंकिडॉक्टर लैब रिपोर्ट के अनुसार ही इलाज और दवा चलाते हैं।

एक लैब टेक्निशियन वैसे तो अपना काम स्वयं करते हैंलेकिन लैब में सुपरवाइडर के रूप में उनकेसीनियर भी होते हैं। टेक्निशियन के काम को तीन भाग में बांटा जा सकता हैनमूना तैयार करनाजां कीमशीनों को ऑपरेट करना  उनका रखरखाव और सबसे आखिर में जांच की रिपोर्ट तैयार करना।टेक्निशियन नमूना तैयार करने के बाद मशीनों के सहारे इसे टेस्ट करते हैं और एनालिसिस के आधार पररिपोर्ट तैयार करते हैं। स्पेशलाइज्ड पकरणों और तकनीक का इस्तेमाल कर टेक्निशियन सारे टेस्ट करतेहैं इस तरह ये इलाज में अहम रोल खते हैं।
सैलरी
इस फील्ड में सरकारी और प्राइवे दोनों सेक्टरों में काफी संभावनाएं हैं। सरकारी क्षेत्र में जॉब के आपकोवैकेंसी का इंतजार रना पड़ सकता हैलेकिन प्राइवे सेक्टर में ऐसी बात नहीं है। शुरुआत आप किसीप्राइवेट लैब से कर सकते हैं। औरअगर बीएससी एमएलटी हैंतो अपना लैब भी खोल कते हैं। जॉब कीस्थिति में हो कता है कि 

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