Monday, June 19, 2023

एनवायरनमेंटल साइंस

एनवायरनमेंटल साइंस कोर्स स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर उपलब्ध हैं। यह एक इंटरडिस्सिप्लिनरी शिक्षा है जो प्राकृतिक विज्ञान, राजनीति विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संगम से संबद्ध है।

कुछ प्रमुख एनवायरनमेंटल साइंस कोर्सों के नाम हैं:

स्नातक डिग्री में एनवायरनमेंटल साइंस (ईएससी) - यह 3 वर्ष का संशोधित कोर्स है जो एक प्रतिभागी अध्ययन प्रोग्राम है। इसमें प्राकृतिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र और जलवायु विज्ञान आदि के विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।

स्नातकोत्तर डिग्री में एनवायरनमेंटल साइंस (ईएमएस) - यह 2 साल का प्रोग्राम है जो एक प्रभावी और संरचित तरीके से स्थायी विकास के लिए संरक्षण, प्रबंधन और विकास के बीच समन्वय स्थापित करता है। इसमें प्रदूषण विज्ञान, पारिस्थितिकी, स्थायी विकास आदि जैसे विषयों पर ज्ञान दिया जाता है।

डिप्लोमा पाठ्यक्रम - एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम एनवायरनमेंटल साइंस में एक साल का होता है। इसमें प्रदूषण नियंत्रण, जैव उपचार, अभियांत्रिकी, पारिस्थितिकी, औद्योगिक नियंत्रण आदि जैसे विषयों पर ज्ञान दिया जाता है।

सरकारी परीक्षाओं के लिए तैयारी के लिए कोचिंग - एनवायरनमेंटल साइंस के कोर्स की तैयारी के लिए कई निजी और सरकारी कोचिंग संस्थान उपलब्ध हैं। इन कोचिंग संस्थानों में एनवायरनमेंटल साइंस के सभी विषयों पर ज्ञान दिया जाता है जो सरकारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी होता है।

ऑनलाइन कोर्सेज - एनवायरनमेंटल साइंस के ऑनलाइन कोर्सेज भी उपलब्ध हैं जो विभिन्न स्तरों पर होते हैं। इन कोर्सों में प्रदूषण नियंत्रण, जैव उपचार, पारिस्थितिकी, अभियांत्रिकी आदि जैसे विषयों पर ज्ञान दिया जाता है।

ये कोर्स अलग-अलग संस्थानों द्वारा उपलब्ध होते हैं

सेमिनार और वर्कशॉप - एनवायरनमेंटल साइंस से संबंधित सेमिनार और वर्कशॉप भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें प्रदूषण नियंत्रण, जैव उपचार, अभियांत्रिकी, पारिस्थितिकी आदि जैसे विषयों पर विशेषज्ञों के बीच विस्तृत चर्चा की जाती है। ये सेमिनार और वर्कशॉप एनवायरनमेंटल साइंस में नवीनतम तकनीकों और तत्वों के बारे में ज्ञान प्रदान करते हैं।

संगठनों के अंदर ट्रेनिंग - कुछ विशेष संगठन एनवायरनमेंटल साइंस के अंतर्गत अपने कर्मचारियों को ट्रेन करने के लिए विशेष पाठ्यक्रम आयोजित करते हैं। इन पाठ्यक्रमों के जरिए कर्मचारियों को प्रदूषण नियंत्रण, जैव उपचार, अभियांत्रिकी, पारिस्थितिकी आदि विषयों पर विस्तार से ज्ञान दिया जाता है।

ये सभी कोर्स और पाठ्यक्रम विभिन्न संस्थानों द्वारा उपलब्ध होते हैं

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