Tuesday, January 10, 2023

12वीं के बाद मेडिसिन में बना सकते हैं करियर,

इंडिया में मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एमबीबीएस अंडरग्रेजुएट डिग्री डिग्री है, जिसका लक्ष्‍य छात्रों को मेडिसिन की फील्ड में ट्रेंड करना है। एमबीबीएस पूरी होने के बाद छात्र किसी भी पेसेंट को डायग्नोस करने के बाद उन्हें मेडिसिन्स प्रिस्क्राइब करने के योग्य बन जाते हैं, यह डिग्री मेडिसिन के क्षेत्र में प्राथतिक मानी जाती है। हालांकि मेडिसिन के क्षेत्र में माहरत हासिल करने के लिए छात्रों को काफी मेहनत करनी पड़ती है। 



मेडिसिन में क्‍या है कोर्सेज और उन को कैसे करें
इंडिया में आमतौर पर स्टूडेंट्स 12वीं क्लास पास करने के बाद कोर मेडिकल कोर्सेज में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। यहां उन कोर्सेज की लिस्ट दी जा रही है जो मेडिकल डिग्री प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट्स चुन सकते हैं, ताकि उनके शानदार करियर का निर्माण हो सके।

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज
छात्र 12वीं के बाद मेडिसिन में अंडरग्रेजुएट कोर्स पूरा कर सकते हैं, इसकें बाद छात्रों को एमबीबीएस डॉक्टर का शानदार टाइटल मिल जाता है। एमबीबीएस बैचलर ऑफ़ मेडिसिन का संक्षिप्त रूप है1 एमबीबीएस कोर्स की अवधि 5 वर्ष की होती है जिसमें डिग्री प्रोग्राम पूरा करने के लिए 6 माह की ट्रेनिंग भी शामिल है।
पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज
मेडिसिन की फील्ड में पोस्ट ग्रेजुएशन को एमडी डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन के तौर पर जाना जाता है। यह मेडिसिन की फील्ड में सुपर-स्पेशलाइजेशन है और इस कोर्स की अवधि 3 वर्ष की है।

डॉक्टोरल कोर्सेज
डीएम बनने के लिए छात्र हायर स्टडीज जारी रख सकते हैं, इसके बाद डीएम की डिग्री पीएचडी की डिग्री के समकक्ष है। डॉक्टोरल कोर्स की अवधि 3-4 वर्ष की है। यह अवधि यूनिवर्सिटी गाइडलाइन्स के अनुसार थीसिस पूरी करने के लिए लगने वाले समय पर भी निर्भर करती है।
कैसे लें मेडिकल कॉलेजेस में एडमिशन
किसी भी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन प्राप्त करने के लिए छात्रों में कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। इस प्रोफेशन के लिए आपमें न केवल प्रोफेशनल कमिटमेंट ही होनी चाहिए बल्कि, किसी रोगी का जीवन बचाने का जज्बा भी होना चाहिए। हम आपको बताएंगे कि मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए किन एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया की जरूरत पड़ेगी
अंडरग्रेजुएट कोर्स
अंडरग्रेजुएट कोर्स को एमबीबीएस के नाम से जाना जाता है। यह 12वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी पढ़ने वाले वे छात्र कर सकते हैं, जिन्‍हें 12वीं में कम से कम 55 फीसदी मार्क्स प्राप्त हुए हैं। ऐसे छात्र एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं।

पोस्टग्रेजुएट कोर्स
डॉक्टर ऑफ़ मेडिसिन या एमडी की डिग्री प्राप्त करने के लिए, छात्र के पास एमबीबीएस की डिग्री और इंटर्नशिप का अनुभव अवश्य होना चाहिए।

डॉक्टोरल कोर्स
डॉक्टोरल या डीएम का कोर्स वह कोर्स है जो यूएस की कई यूनिवर्सिटीज सफल छात्रों को प्रदान करती हैं। यह डिग्री पीएचडी के समकक्ष डिग्री है। जिन डॉक्टर्स के पास एमडी की डिग्री होती है, वे यह कोर्स कर सकते हैं।

क्‍या मिलती है सैलरी
किसी एमबीबीएस डॉक्टर को अपने करियर की शुरुआत में लगभग 3.4 लाख सैलरी मिलती है जैसे-जैसे उनका अनुभव और नॉलेज बढ़ते जाते हैं, वैसे- वैसे सैलारी बढ़ती है।
कैसे होता है एंट्रेंस एग्जाम्स
  • एमबीबीए
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंट्रेंस टेस्ट
  • जवाहर लाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च टेस्‍ट
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज एंट्रेंस एग्जाम
  • ऑल इंडिया प्री-मेडिकल प्री-डेंटल टेस्ट
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय प्री-मेडिकल टेस्ट
  • मणिपाल विश्वविद्यालय एडमिशन टेस्ट

पोस्टग्रेजुएट के लिए एग्जाम्स
ऑल इंडिया पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम
दिल्ली यूनिवर्सिटी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम

डॉक्टोरल कोर्स एग्जाम-
  • एनईईटी- एसएस
  • जेआईपीएमईआर डीएम

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