रिन्यूएबल एनर्जी’ हमें ऐसे प्राकृतिक संसाधनों से प्राप्त होती है जो कभी समाप्त नहीं होते हैं जैसेकि, सूरज से सोलर पॉवर, पानी से बिजली और हवा से विंड एनर्जी. भारत सरकार ने अपने “आत्मनिर्भर भारत मिशन” के तहत, वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड में 500 गीगावाट्स रिन्यूएबल एनर्जी प्रोडक्शन टारगेट हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. वर्ष 2022 तक भारत सरकार का 175 गीगावाट्स या इससे अधिक रिन्यूएबल एनर्जी जनरेट करने का लक्ष्य है.
इन दिनों सोलर एनर्जी का इस्तेमाल 10,902 मेगावाट के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच सकता है और विंड एनर्जी का इस्तेमाल भी 18 फीसदी तक बढ़ सकता है. इस साल भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता 50 फीसदी या इससे अधिक बढ़ सकती है. रिन्यूएबल एनर्जी रिसोर्सेज को अपनाने के बाद हम ग्रीनहाउस गैसेस पर नियंत्रण करके अपने देश भारत में स्वच्छ हवा के साथ अपने एनवायरनमेंट को भी सुरक्षित और ज्यादा स्वास्थ्य-वर्द्धक बनाने का लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बन सकते हैं. रिन्यूएबल एनर्जी में हायर लेवल पर रिक्रूटमेंट के बारे में अगर हम चर्चा करें तो ‘रिन्यूएबल एनर्जी’ इंजीनियरिंग की एक ऐसी ब्रांच है जिसके माध्यम से रिन्यूएबल एनर्जी के विभिन्न आस्पेक्ट्स की थ्योरीटिकल, प्रैक्टिकल और टेक्निकल इंजीनियरिंग की शिक्षा दी जाती है. इसलिए इंडियन इंजीनियर्स रिन्यूएबल एनर्जी में अपना शानदार करियर शुरू कर सकते हैं. आप इस आर्टिकल को पढ़कर रिन्यूएबल एनर्जी के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी कोर्सेज के लिए एलिजिबिलिटी
• ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने किसी मान्यताप्राप्त एजुकेशन बोर्ड से साइंस के विभिन्न विषयों के साथ अपनी 12वीं क्लास प्रथम श्रेणी में पास की हो, यूजीसी से मान्यताप्राप्त किसी यूनिवर्सिटी से रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में बीएससी या बीटेक कोर्स कर सकते हैं.
• ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी से रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में बीएससी या बीटेक कोर्स करके ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की हो, इस फील्ड में एमएससी या एमटेक की डिग्री हासिल कर सकते हैं.
• रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में रिसर्च वर्क में दिलचस्पी रखने वाले कैंडिडेट्स इस फील्ड में एमफिल और पीएचडी की डिग्री हासिल कर सकते हैं.
रिन्यूएबल एनर्जी प्रोफेशनल्स के लिए एकेडमिक क्वालिफिकेशन
• बीएससी – रिन्यूएबल एनर्जी
• एमएससी – रिन्यूएबल एनर्जी
• बीटेक – रिन्यूएबल एनर्जी
• एमटेक – रिन्यूएबल एनर्जी
भारत के इन टॉप इंडियन इंस्टीट्यूट्स से करें रिन्यूएबल एनर्जी के विभिन्न कोर्सेज
• इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, दिल्ली
• इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मुंबई
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, त्रिची
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हमीरपुर
• यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज, देहरादून
• अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयम्बटूर
• स्कूल ऑफ़ एनर्जी स्टडीज, पुणे यूनिवर्सिटी
• एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
• एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ़ रिन्यूएबल एंड अल्टरनेटिव एनर्जी, नोएडा
• स्कूल ऑफ़ एनर्जी स्टडीज, जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकाता.
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर्स के लिए प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स
रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर्स ऐसे प्रोफेशनल्स होते हैं जो एनवायर्नमेंट के अनुकूल प्रोडक्शन से संबद्ध ग्रीन जॉब्स के कार्य करते हैं. ये पेशेवर विंड एंड सोलर एनर्जी, जियोथर्मल एंड हाइड्रोपॉवर सहित क्लीन एनर्जी सोर्सेज की संभावनाओं का अधिकतम इस्तेमाल करते हैं. रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर्स वैकल्पिक एनर्जी प्रोडक्ट्स की निगरानी और विकास से संबद्ध कार्य करते हैं. कोई रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर एक रिसर्चर या कंसलटेंट के तौर पर काम सकता है और एनवायरनमेंट के अनुकूल एनर्जी एक्सट्रैक्शन प्रोजेक्ट्स को तैयार करने और उनकी निगरानी करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं. इसी तरह, एनर्जी के ज्यादा फायदेमंद इस्तेमाल के लिए ये पेशेवर मैकेनिकल सेक्टर, डिजाइनिंग मशीन्स और अन्य डिवाइसेज को डेवलप करने में अपना योगदान दे सकते हैं. सोलर या विंड एनर्जी के उत्पादन में रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग का अच्छा उदाहरण मिलता है.
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी में विशेष करियर ऑप्शन्स
इस फील्ड में करियर के काफी आकर्षक विकल्प आजकल हमारे देश में उपलब्ध हैं. हमारे देश की कई बड़ी कंपनियां और मल्टीनेशनल कंपनियां, विभिन्न सरकारी विभाग और नॉन-गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन्स, इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनियां, स्टील और पॉवर पर आधारित इंडस्ट्रीज, एनर्जी से जुड़ी विभिन्न इंडस्ट्रीज और प्राइवेट फर्म्स अपने यहां रिन्यूएबल एनर्जी और संबद्ध फ़ील्ड्स में इंजीनियर्स को काफी अच्छे सैलरी पैकेज पर जॉब्स ऑफर कर रही हैं. आजकल हमारे देश में रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में इंजीनियर्स के लिए निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं:
· एनर्जी इंजीनियर्स
यह पेशा या इंजीनियरिंग फील्ड रिन्यूएबल एनर्जी से सह-संबद्ध है और इन पेशेवरों का प्रमुख काम प्राकृतिक संसाधनों से तेल और गैस जैसा एनर्जी उत्पादन करना और इस संबंध में रिसर्च वर्क करना होता है. ये पेशेवर बायोफ्यूल्स, हाइड्रो पॉवर, विंड पॉवर और सोलर पॉवर जैसी रिन्यूएबल एनर्जी के प्रोडक्शन में भी अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं ताकि पेट्रोल और कोयले पर निर्भरता कम हो सके और पर्यावरण को दूषित करने वाले जहरीली गैसों के एमिशन्स को रोका जा सके. भारत में इन पेशेवरों को एवरेज सालाना 4 -15 लाख रुपये का सैलरी पैकेज ऑफर किया जाता है.
· ग्रीन बिल्डिंग इंजीनियर्स
ये पेशेवर पर्यावरण के अनुकूल भवन और मशीनरी आदि डिजाइन करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं. ये लोग ऐसे डिजाइन्स तैयार करते हैं जिनमें कम पानी का इस्तेमाल हो और सोलर या विंड एनर्जी का इस्तेमाल किया जा सके. एक परम्परागत तरीके से बने भवन की तुलना में इनके द्वारा तैयार किये गए भवन स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से पर्यावरण के ज्यादा अनुकूल होते हैं. इन पेशेवरों को हमारे देश में आमतौर पर सालाना 5 – 8 लाख के एवरेज सैलरी पैकेज पर नौकरी मिलती है. यह सैलरी पैकेज बढ़ते हुए कार्य अनुभव के साथ- साथ बढ़ता ही जाता है.
· लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स
रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियरिंग की फील्ड और सोलर, विंड, हाइड्रो और अन्य एनर्जी फ़ील्ड्स में स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए ये एक्सपर्ट्स अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं. इन पेशेवरों को 3 – 7 लाख रुपये सालाना के एवरेज सैलरी पैकेज पर जॉब ऑफर्स मिलते हैं.
· टेक्निकल प्रोडक्ट मैनेजर्स
ये पेशेवर कस्टमर्स की जरूरतों के मुताबिक नए प्रोडक्ट्स तैयार करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं. ये पेशेवर लेटेस्ट टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल करके नए प्रोडक्ट्स तैयार करने के साथ ही उपलब्ध प्रोडक्ट्स में सुधार करने में अपनी काबिलियत का इस्तेमाल करते हैं. ये पेशेवर अन्य संबद्ध विभागों के साथ मिलजुल कर काम करते हैं और नए प्रोडक्ट्स की उपयोगिता आदि के संबंध में निगरानी करते हैं.
· रिन्यूएबल एनर्जी इंजीनियर्स
ये पेशेवर विंड एनर्जी और सोलर पॉवर जैसे क्लीन एनर्जी सोर्सेज से एनवायरनमेंट के अनुकूल एनर्जी प्रोडक्शन को लगातार बढ़ाने की कोशिश करते हैं. ये लोग एनर्जी-एफिशिएंट मशीनरी डिजाइन करने के साथ ही एनर्जी एक्सट्रैक्शन के नये साधन और एनर्जी प्रोडक्शन के नए विकल्प तैयार करते हैं और उनकी निगरानी भी करते हैं. इन पेशेवरों को सालाना 4 – 8 लाख रुपये का सैलरी पैकेज मिलता है.
· वाटर नेटवर्क प्लानिंग इंजीनियर्स
इन पेशेवरों का काम वाटर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क की प्लानिंग बनाना और डिजाइन तैयार करना है ताकि पानी जैसे प्राकृतिक संसाधन का समुचित उपयोग हो सके. हमारे देश में इन पेशेवरों को एवरेज 3 – 6 लाख रुपये का सालाना सैलरी पैकेज मिलता है.
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी के अन्य करियर ऑप्शन्स
• विंड टरबाइन फैब्रिकेटर
• सोलर फैब्रिकेटर
• अल्टरनेटिव एनर्जी रिसर्चर
• एनर्जी सिस्टम इंजीनियर
• एनर्जी की फील्ड से संबद्ध डाटा एनालिस्ट/ डाटा साइंटिस्ट
भारत और विदेशों में रिन्यूएबल एनर्जी का सैलरी पैकेज
भारत में रिन्यूएबल एनर्जी की फील्ड में फ्रेशर्स को एवरेज 4 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है और इस फील्ड में कुछ वर्षों के कार्य-अनुभव के बाद इंजीनियर्स को मिलने वाला ये सैलरी पैकेज अधिकतम 15 लाख रुपये सालाना तक हो जाता है. इस फील्ड में लेक्चरर्स और प्रोफेसर्स को भी संबध एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के निर्धारित मानकों के मुताबिक आकर्षक सैलरी पैकेज मिलता है जो बढ़ते हुए अनुभव के साथ बढ़ता ही जाता है. टेक्निकल प्रोडक्ट मैनेजर्स को एवरेज 2 – 5 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है. सरकारी क्षेत्र की तुलना में प्राइवेट सेक्टर में इन पेशेवरों को ज्यादा बेहतरीन सैलरी पैकेज पर काम मिलता है. पोस्ट और कार्य-अनुभव के मुताबिक सैलरी पैकेज में काफी अंतर हो सकता है. विदेशों में यह सैलरी पैकेज एवरेज 20 हजार – 28 हजार पौंड सालाना तक है.