Wednesday, July 6, 2022

वाइल्ड लाइफ में करियर

यदि प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखना है और आने वाली पीढ़ी को एक स्वस्थ पर्यावरण मुहैया करवाना है, तो जीव जंतुओं के बीच की कड़ी को बनाए रखना होगा। अगर आपको वन क्षेत्र और जंगली जीव-जंतुओं से प्यार है, वन क्षेत्र में समय बिताने में आपको आनंद आता है, यदि वाइल्ड लाइफ आपको आकर्षित करता है, तो वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में आप शानदार करियर बना सकते हैं। आज हम अापको बता रहे है कि कैसे आप इस फील्ड में करियर बना सकते है 

कैसे पहुंचें मुकाम पर 
इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए विज्ञान विषय से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है और 12वीं के बाद बायोलॉजिकल साइंस से बीएससी की डिग्री जरूरी है। एग्रीकल्चर में बैचलर डिग्री भी इस क्षेत्र में प्रवेश दिला सकती है। फोरेस्ट्री या एन्वायरनमेंटल साइंस से भी स्नातक की डिग्री ली जा सकती है। बीएससी के बाद वाइल्ड लाइफ साइंस से एमएससी करने वालों के लिए भी यह क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा हुआ है।

रोजगार के अवसर 
आज इस क्षेत्र में संभावनाओं की कमी नहीं है। अपेक्षित डिग्री हासिल करने के बाद मुंबई नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी, वर्ल्ड वाइड फंड, वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के अलावा कई ऐसे आर्गेनाइजेशंज हैं, जिनमें रिसर्चज और प्रोजेक्ट आफिसर्ज के रूप में काम कर सकते हैं। वाइल्ड बायोलॉजिस्ट के क्षेत्र में भी भरपूर अवसर हैं। इस क्षेत्र में कोर्स पूरा करने के बाद वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरीज, एन्वायरनमेंटल एजेंसी, जूलॉजिकल फर्म, एन्वायरनमेंटल कंसल्टेंसी फर्म, नॉन गवर्नमेंटल आर्गेनाइजेशन, एग्रीकल्चरल कंसल्टेंट फर्म, इंडियन काउंसिल ऑफ फोरेस्ट रिसर्च एंड एजुकेशन और ईको रिहैबिलीटेशन फर्मों में नौकरी पा सकते हैं।

सैलरी 
प्राइवेट सेक्टर में वाइल्ड लाइफ साइंटिस्ट को 20 से 25 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता है। यह वेतन सीनियोरिटी और अनुभव के साथ बढ़ता जाता है। पीएचडी होल्डर एक वरिष्ठ वैज्ञानिक का 50 हजार प्रतिमाह वेतन हो सकता है। इसके विपरीत एनजीओ या सरकारी विभाग में वाइल्ड लाइफ साइंस से जुड़े कर्मचारियों को काफी अच्छे वेतनमान पर नौकरियां मिलती हैं।

योग्यता
बायोलॉजी, मैथमेटिक्स तथा स्टेटिस्टिक्स में मजबूत पकड़ हो।
वन्य जीवन के प्रति आकर्षण हो।
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल व आंतरिक दक्षता हो।
कम्प्यूटर पर काम करने की जानकारी हो।

क्या करना होता है काम 
फील्ड साइट पर पहुंच कर डाटा एकत्र करना।
फील्ड साइट की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक ऊबड़-खाबड़ और मुश्किल रास्तों पर चढ़ाई या ड्राइव करना होता है।
वन्य जीव विशेषज्ञों से मिलना और बातचीत करना।
साइंटिफिक पेपर, टेक्निकल रिपोर्ट या पॉपुलर ऑर्टिकल्स का काम पूरा करना या अनुदान या वित्तीय सहायता के लिए लिखना तथा नीति निर्माताओं या कॉलेबोरेटर्स से मुलाकात करना।

जोखिम के साथ पैसा भी 
यदि आपको प्रकृति और वन्य जीवों से थोड़ा भी लगाव है या इनके क्रियाकलापों और जीवन को जानने में आपकी विशेष रुचि है तो समझ लीजिए आपको रोजगार की राहें खुल गई हैं। क्योंकि सरकारी संस्थाओं के अलावा देश-विदेश के एनजीओ भी वाइल्ड लाइफ से जुड़े कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की तलाश करते रहते हैं। हालांकि इस क्षेत्र में अन्य क्षेत्रों की तरह सुविधाएं नहीं हैं, लेकिन आपमें काम करने का जुनून है तो पैसे कोई मायने नहीं रखते। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के काम को समझते हुए संस्थान इस क्षेत्र से जुड़े पेशवरों को धन संबंधी समस्याएं नहीं आने देते।

कोर्स 
बीएससी इन वाइल्ड लाइफ
एमएससी इन वाइल्ड लाइफ बायोलॉजी
एमएससी इन वाइल्ड लाइफ
पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री इन वाइल्ड लाइफ साइंस
अंडर ग्रेजुएट कोर्स इन वाइल्ड लाइफ
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडवांस्ड वाइल्ड लाइफ साइंस
बीएससी इन फोरेस्ट्री इन वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट
डिप्लोमा इन जू एंड वाइल्ड एनिमल हैल्थ केयर एंड मैनेजमेंट
सर्टिफिकेट कोर्स इन वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट

प्रमुख संस्थान 
वाइल्ड लाइफ इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया,देहरादून
हिमाचल फोरेस्ट रिसर्च इंस्टीच्यूट, शिमला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, बंगलूर
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बंगलूर
नेचर कंजरवेशन फाउंडेशन, मैसूर
सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट, गुजरात
गुरु घासीराम विश्वविद्यालय बिलासपुर, मध्यप्रदेश
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अलीगढ़, उत्तरप्रदेश

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