Friday, May 27, 2022

Company Secretary कैसे बनें

 एक कंपनी सेक्रेटरी कंपनी की कानूनी और प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने का काम करता है। यदि इस क्षेत्र में रुचि है तो आप भी बन सकते हैं सीएस। ऐसे अहम पद पर काम करने वाले व्यक्ति को कंपनी सचिव बनने के लिए एक कड़ी परीक्षा और अभ्यास से गुजरना जरूरी है। इस क्षेत्र में आने से पहले उसे कंपनी सचिव का कोर्स करना होता है। यह कोर्स पूरे देश में जो संस्था कराती है, उसका नाम है दि इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया। कॉस्ट और टैक्स के टीचर हेमेंद्र सोनी बताते हैं “कंपनी की प्रशासनिक जिम्मेदारियों को संभालने का काम आमतौर पर सीएस यानी कंपनी सेक्रेटरी ही करता है। कंपनी में कानून का पालन हो रहा है या नहीं, उसका विकास किस दिशा में हो रहा है, इसे सेक्रेटरी ही देखता है। उसे लॉ, मैनेजमेंट, फाइनेंस और कॉरपोरेट गवर्नेस जैसे अनेक विषयों की जानकारी रखनी होती है। वह किसी कंपनी के बोर्ड ऑफ गवर्नेस, शेयरधारकों, सरकार और अन्य एजेंसियों को जोड़ने वाली कड़ी है।”

 वह आगे बताते हैं “कॉरपोरेट लॉ, सुरक्षा कानून, कैपिटल मार्केट और कॉरपोरेट गवर्नेस का जानकार होने की वजह से सीएस कंपनी का आंतरिक कानूनी विशेषज्ञ होता है। वह कॉरपोरेट प्लानर और रणनीतिक मैनेजर का काम भी करता है।” ऐसे अहम पद पर काम करने वाले व्यक्ति को कंपनी सचिव बनने के लिए एक कड़ी परीक्षा और अभ्यास से गुजरना जरूरी है। इस क्षेत्र में आने से पहले उसे कंपनी सचिव का कोर्स करना होता है। यह कोर्स पूरे देश में जो संस्था कराती है, उसका नाम है दि इंस्टीटय़ूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया।

 कॉस्ट और टैक्स के टीचर हेमेंद्र सोनी बताते हैं कि कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए तीन स्तर की परीक्षा को पास करना जरूरी होता है। सीएस कोर्स में दाखिला पूरे साल खुला रहता है। इसके लिए प्रवेश परीक्षा या साक्षात्कार नहीं होता, सिर्फ रजिस्ट्रेशन कराना ही काफी है। साइंस, आर्ट्स या कॉमर्स, सभी विषय के छात्र इसमें आ सकते हैं। फाइन आर्ट्स के छात्र को दाखिला नहीं दिया जाता। इससे जुड़ी संस्था पत्राचार माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षित करती है। कंपनी सेक्रेटरी बनने के लिए आपको बारहवीं के बाद 8 महीने का फाउंडेशन कोर्स करने के बाद एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में दाखिला ले सकते हैं। इसके बाद प्रोफेशनल प्रोग्राम कर सकते हैं। यदि आप ग्रेजुएट हैं तो और कंपनी सेक्रेटरी का कोर्स करना चाहते हैं इसके लिए आप सीधा एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम में प्रवेश ले सकते हैं। इसके बाद प्रोफेशनल प्रोग्राम और प्रैक्टिकल ट्रैनिंग करनी होती है। प्रोफेशनल प्रोग्राम करने के बाद ICSI (Institute of Company Secretaries of India) के एसोसिएट मेंबर बन जाते हैं। दाखिले का कार्यक्रम हमेंद्र बताते हैं कोर्स में दाखिला लेने वालों के लिए परीक्षा साल में दो बार जून और दिसम्बर में होती है। उदाहरण के तौर पर अगर आपको फाउंडेशन प्रोग्राम के तहत दिसम्बर में आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होना है तो इसके लिए 31 मार्च तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जून की परीक्षा में शामिल होने के लिए 30 सितम्बर तक रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है। इसी तरह एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम के लिए दिसम्बर में होने वाली परीक्षा के लिए 28 फरवरी तक और अगले साल जून की परीक्षा के लिए एक वर्ष पहले 31 अगस्त तक रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है। रजिस्ट्रेशन से परीक्षा की तिथि के बीच कम से कम नौ माह का गैप होना जरूरी है। नौकरी के अवसर कंपनी सेक्रेटरी की डिग्री हासिल करने वाला छात्र रोजगार के रूप में निजी प्रैक्टिस शुरू कर सकता है। पांच करोड़ से ऊपर के शेयर वाली कंपनी को एक ऐसा पूर्णकालिक कंपनी सेक्रेटरी रखना जरूरी होता है, जो आईसीएसआई का सदस्य भी हो। बैंक और वित्तीय संस्थाओं में ऐसे छात्रों के लिए काम करने के ढेरों अवसर हैं। कंपनी के काम में सीएस आज ज्यादातर संस्थानों की जरूरत बन गया है। भारत में ही नहीं, विदेशों में भी जैसे अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, सिंगापुर, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और मध्य-पूर्व अफ्रीका के देशों में कंपनी सेक्रेटरी के लिए काम के अवसर हैं। ग्लोबलाइजेशन के दौर में कंपनियों को ऐसे दक्ष लोगों की खासी जरूरत है, जो कंपनी से जुड़े कानून और उसे इस्तेमाल की तरकीब जानते हैं। सीएस कोर्स विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी कोर्स में दाखिले के लिए स्वीकृत है। आईसीएसआई कॉरपोरेट गवर्नेंस में पोस्ट मेम्बरशिप क्वालिफिकेशन कोर्स भी कराती है। फीस फाउंडेशन कोर्स की फीस 3600 रुपए, एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम में कॉमर्स छात्रों के लिए 7000 और गैर कॉमर्स छात्रों के लिए 7750 और प्रोफेशनल कोर्स की फीस 7500 रुपए है।

 कंपनी सेक्रेटरी कोर्स में क्या है? कंपनी सेक्रेटरी कोर्स के तहत फाउंडेशन में चार पेपरों की तैयारी करनी होती है। इसमें अंग्रेजी और बिजनेस कम्युनिकेशन, अर्थशास्त्र व सांख्यिकी, फाइनेंशियल अकाउंटिंग तथा बिजनेस लॉ व मैनेजमेंट एलिमेंट जैसी चीजों के बारे में बताया जाता है। एग्जिक्यूटिव कोर्स में छह पेपर पढ़ाए जाते हैं। इनमें जनरल और कमर्शियल लॉ, कंपनी अकाउंट्स, कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटिंग, टैक्स लॉ आदि के बारे में बताया जाता है। कंपनी लॉ, आर्थिक और श्रम कानून, सुरक्षा से जुड़े कानून आदि के बारे में बताया जाता है। एग्जिक्यूटिव कोर्स को पूरा करने के बाद प्रोफेशनल प्रोग्राम में अलग-अलग मॉडयूल्स में 8 पेपरों की तैयारी करवाई जाती है। इसमें कंपनी सेक्रेटेरियल प्रैक्टिस, ड्राफ्टिंग, फॉरेक्स मैनेजमेंट, स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट, एडवांस्ड टैक्स लॉ एंड प्रैक्टिस, गवर्नेस, बिजनेस एथिक्स आदि के बारे में बताया जाता है। एग्जिक्यूटिव और प्रोफेशनल परीक्षा पास करने के बाद छात्र को प्रैक्टिकल और मैनेजमेंट ट्रेनिंग के लिए जाना पड़ता है। इसके बाद ही उसे कंपनी सेक्रेटरी की योग्यता प्रदान की जाती है। एग्जिक्यूटिव प्रोग्राम या प्रोफेशनल प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्र को 15 माह किसी कंपनी के तहत ट्रेनिंग प्रोग्राम करना होता है। इस दौरान उसे कंपनी द्वारा स्टाइपेंड भी दिया जाता है। इसके अलावा 15 दिन की किसी स्पेशलाइज्ड एजेंसी में ट्रेनिंग भी होती है। सीएस प्रोफेशनल प्रोग्राम पूरा करने के बाद छात्र अपने नाम के आगे एसोसिएट मेम्बर के रूप में संस्थान में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। प्रमुख संस्थान 
दि इंस्टीटय़ूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) वेबसाइट- www.icai.org
 (हेड ऑफिस नई दिल्ली में स्थित है। इसके चार रीजनल ऑफिस मुंबई, कोलकाता, चेन्नई तथा कानपुर में हैं, जबकि पूरे देश में 87 शाखाएं और विदेशों में नौ चैप्टर मौजूद हैं) वेतनमान कोर्स पूरा करने वाले छात्रों के लिए संस्थान हर साल प्लेसमेंट का कार्यक्रम आयोजित करता है। इसमें जरूरत के हिसाब से छात्रों के चयन के लिए बैंक, सरकारी और निजी सेक्टर की कंपनियां आमतौर पर साक्षात्कार लेने आती हैं। हाल के दिनों में कंपनी सेक्रेटरी का पैकेज सालाना 3 से 5 लाख तक का रहा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पैकेज इससे अधिक होता है।

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