Saturday, May 21, 2022

रेडियोलॉजी में करियर

रेडियोलॉजी चिकित्सा विज्ञान की हाइटेक शाखा है,जो विभिन्न रोगों, शारीरिक गड़बडिय़ों की पहचान और उपचार में मदद करती है। आज रेडियोलॉजी की अनेक क्षमताओं का व्यापक विस्तार हो पाया है। अब यह क्षेत्र चिकित्सा विज्ञान में स्नातकों के लिए एक अति महत्वाकांक्षी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम बन गया है। एक रेडियोलॉजिस्ट लंबे समय तक क्लीनिकल कार्य और संबंधित शोध करने के बाद रेडियोलॉजी के एक या अधिक उपक्षेत्रों में भी महारत हासिल कर सकता है। मेडिकल प्रोफेशन का दायरा सिर्फ डाक्टर और नर्स तक ही सीमित नहीं है। इससे कई और लोग भी जुड़े हुए हैं, जिनकी भूमिका अहम होती है। उन्हीं में से एक है रेडियोलॉजिस्ट।

दरअसल किसी भी बीमारी के सफल और सही इलाज के लिए पहले बीमारी की पहचान बेहद जरूरी है। बीमारी की पहचान के लिए कई बार मरीज के शरीर के अंदरूनी हिस्सों की जांच की जाती है, जिसे रेडियोलॉजी कहा जाता है। रेडियोलॉजी को दो भागों में बांटा गया है। पहला डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी और दूसरा थेराप्यूटिक रेडियोलॉजी। रेडियोलॉजी चिकित्सा विज्ञान की हाइटेक शाखा है, जो विभिन्न रोगों, शारीरिक गड़बडिय़ों की पहचान और उपचार में मदद करती है

क्या हों गुण 
एक्स- रे करते वक्त रेडियो एक्टिव किरणों से मरीज और आसपास के लोगों का बचाव करना।
किरणों का साइड इफेक्ट न हो इस बात की पुष्टि करना।
रेडियोग्राफिक उपकरणों, मशीनों की देखभाल करना।
पेशेंट के रिकार्ड्स भी मेंटेन करना।
डाक्टर्स के आदेशों का पालन करना।
शिफ्ट में काम करना।
सेवाभाव का जज्बा।
मरीज को समझने की क्षमता।
सतर्कता, धैर्य, हार्डवर्किंग और मृदुभाषी होना।

रेडियोलॉजी के प्रकार 
सरल रेडियोग्राफी और अल्ट्रासाउंड से जुड़े हुए टेस्ट
कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (अंदरूनी हिस्से का टेस्ट)
मैगनेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआई)
पोजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी
सीटी या एमआरआई
स्तन संबंधित बीमारियों की रेडियोलॉजी
कार्डियोवस्क्युलर रेडियोलॉजी
सीने संबंधित बीमारियों की रेडियोलॉजी
 पेट से संबंधित (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) की रेडियोलॉजी
गले से संबंधित बीमारियों की रेडियोलॉजी
मस्तिष्क संबंधित बीमारियों की रेडियोलॉजी

कोर्सेज 
बीएससी इन रेडियोलॉजी -3 साल
सर्टिफिकेट इन रेडियोग्राफी -1 साल
डिप्लोमा इन एक्स-रे टेक्नीशियन -1 साल
पीजी डिप्लोमा इन रेडियो थैरेपी टेक्नोलॉजी -2 साल

रोजगार की संभावनाएं 
रेडियोलॉजी कोर्स करने के बाद आप सरकारी तथा प्राइवेट अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लीनिक, मिलिट्री सर्विस, शिक्षा संस्थानों तथा रिसर्च लैबोरेटरी आदि में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी हैल्थ सेक्टर में विशेषज्ञ और ट्रेंड रेडियोलॉजिस्ट की काफी जरूरत महसूस की जा रही है।

विशेषज्ञता के क्षेत्र 
रेडियोग्राफी के तहत एक्स-रे, फ्लोरोस्कोपी, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, मैगनेटिक रेजोनेंस इमेजिंग, एंजियोग्राफी और पोसोट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी जैसे टेस्ट आते हैं।

आवश्यक योग्यताएं 
इस क्षेत्र से संबंधित स्नातक डिग्री, सर्टिफिकेट तथा डिप्लोमा कोर्स करने के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री व बॉयोलॉजी में 50 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं पास होना जरूरी है। यदि आप साइंस विषयों में स्नातक हैं, तो पीजी डिप्लोमा कोर्स कर सकते हैं। गौरतलब है कि इसमें प्रवेश मुख्यत: बारहवीं पास अंकों के आधार पर ही होता है, लेकिन कुछ संस्थान एंट्रेंस टेस्ट व इंटरव्यू के आधार पर भी चयन करते हैं।

कार्य
रेडियोलॉजिस्ट शरीर के विभिन्न अंगों का एक्स- रे करते हैं। एक्स- रे करते वक्त मरीज तथा आसपास के लोगों पर रेडियोएक्टिव किरणों का साइड इफेक्ट न हो, इस बात की निगरानी भी रखते हैं। इसके अलावा वे रेडियोग्राफिक उपकरणों की देखभाल तथा रोगियों के रिकार्ड्स भी मेंटेन करते हैं ।

रेडियोलॉजी के फायदे 
रेडियोलॉजिस्ट अलग- अलग प्रकार की तकनीकों का प्रयोग करते हैं। जिससे डाक्टर्स को मरीजों की स्थिति और बीमारियों के बारे में पता चलता है। यह एक तरह की मदद है जो एक्स- रे टेक्नीशियन या रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सा के दौरान डाक्टर्स को देता है। रेडियोलॉजी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अलग- अलग टेस्ट के जरिये यह पता चल सकता है कि किस मरीज को क्या बीमारी है और उसे किस तरह का उपचार दिया जाना है।

प्रमुख संस्थान 
ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, नई दिल्ली
आईजीएमसी, शिमला, हिमाचल प्रदेश
डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज, टांडा कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज झांसी, उत्तर प्रदेश
पटना मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल पटना, बिहार
दरभंगा मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल दरभंगा, बिहार
मेडिकल कालेज पटियाला, पंजाब
बीजे मेडिकल कालेज, अहमदाबाद गुजरात
क्रिश्चियन मेडिकल स्कूल वैल्लूर, तमिलनाडु
मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल, कोलकाता
गवर्नमेंट मेडिकल कालेज पटियाला, पंजाब
टाटा मेमोरियल हास्पिटल, परेल, मुंबई

वेतनमान 
इससे जुड़े चिकित्सकों की आय अलग-अलग होती है और यह कार्यस्थल और कार्यक्षमता पर निर्भर करती है। किसी शैक्षणिक अस्पताल में वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टर (तीन वर्षों का अनुभव) को लगभग 50 से 60 हजार रुपए मासिक वेतन मिलते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रतिमाह 70 हजार रुपए से अधिक मिलते हैं। एसोसिएट प्रोफेसर (लगभग आठ वर्षों का अनुभव) प्रतिमाह 75 हजार रुपए मिलते हैं। प्राइवेट कारपोरेट अस्पतालों में एक साल के अनुभव वाले असिस्टेंट कंसल्टेंट का प्रतिमाह 1.2 लाख रुपए तक का वेतन पैकेज हो सकता है।

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