देश-दुनिया में डाटा साइंस प्रोफेशनल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। जितनी इनकी डिमांड है, उस हिसाब से प्रोफेशनल्स नहीं मिल पा रहे हैं। आउटबाउंड हायरिंग स्टार्टअप बिलॉन्ग की टैलेंट सप्लाई इंडेक्स 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में चार गुना तेजी से डाटा साइंटिस्ट्स की मांग बढ़ी है। पिछले एक साल में डाटा साइंटिस्ट्स की मांग में 417 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आइए, जानते हैं कैसे इस ग्रोइंग फील्ड में करियर बनाया जा सकता है?
टेक्नोलॉजी की दुनिया तेजी से बदल रही है। आज तकरीबन हर फील्ड में इसका इस्तेमाल होने लगा है। जिसकी वजह से जॉब्स के नए-नए अवसर भी सामने आ रहे हैं। इस फील्ड में खासकर डाटा साइंटिस्ट प्रोफेशनल्स की डिमांड पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है।
इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, 2018 में देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के तहत डाटा साइंटिस्ट सहित डाटा से जुड़े करीब पांच लाख विशेषज्ञों की मांग है, जो 2021 तक बढ़कर 7.5 लाख से ज्यादा हो जाएगी। आईटी मंत्रालय के मुताबिक, एआई के तहत डाटा साइंटिस्ट के अलावा, डाटा आर्किटेक्ट और सॉफ्टवेयर इंजीनियर की मांग भी बढ़ रही है।
सबसे ज्यादा डिमांड डाटा साइंटिस्ट की है, जो खोए हुए डाटा खोजने, गड़बड़ियों को दूर करने और तमाम खामियों से बचाव करने में मददगार होते हैं। फिलहाल सर्विस प्रोवाइडर के बीच 2.5 लाख, स्टार्टअप में 25 हजार, आईटी कंपनियों में 26 हजार, अन्य क्षेत्र की कंपनियों को 1.40 लाख और विदेशी कंपनियों में 92 हजार डाटा साइंटिस्ट्स की जरूरत है।
डिमांड है भरपूर
रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन साल में करीब पांच लाख से ज्यादा डाटा साइंटिस्ट की जरूरत होगी। कंपनियों, संस्थानों और हेल्थकेयर क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में इसकी डिमांड बढ़ी है। आने वाले दिनों में डिजिटल क्षेत्र में भारत दुनिया में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
डाटा साइंटिस्ट गायब हुए डाटा को खोजने में मुख्य भूमिका निभाता है। साथ ही, यह तकनीक का इस्तेमाल करके डाटा का अध्ययन और उस पर निर्णय लेता है। वैसे देखा जाए, तो कुल 5.11 लाख डाटा साइंटिस्ट की मांग की तुलना में देश में महज 1.44 लाख कुशल प्रोफेशनल्स मौजूद हैं।
नेचर ऑफ वर्क
डाटा साइंटिस्ट, डाटा से जुड़ी स्टडी करते हैं। इसके तहत डाटा को जुटाकर उनके अध्ययन और एनालिसिस के माध्यम से भविष्य की योजना बनाई जा सकती है। साथ ही, डाटा साइंटिस्ट अपनी कंपनी के लिए डाटा एनालिसिस करते हैं, जिससे उसे बिजनेस में फायदा हो। डाटा साइंस में आंकड़े के विश्लेषण को तीन भागों में बांटा जाता है।
पहले डाटा को जुटाया जाता है और उनको स्टोर किया जाता है। उसके बाद डाटा की पैकेजिंग यानी विभिन्न श्रेणियों के हिसाब से उनकी छंटाई की जाती है और अंत में डाटा की डिलिवरी की जाती है। डाटा साइंटिस्ट के पास प्रोग्रामिंग, स्टेटिस्टिक्स, मैथमेटिक्स और कंप्यूटर की अच्छी जानकारी होती है।
वे डाटा को जमा करके उनका बहुत ही बारीकी से विश्लेषण करते हैं। इसके लिए वे स्टेटिस्टिक्स और मैथ्स के टूल्स का उपयोग करते हैं। इसको वे पॉवर प्वाइंट, एक्सल, गूगल विजुअलाइजेशन के जरिए प्रस्तुत करते हैं। इनके पास किसी भी तरह के डाटा को बेहतर तरीके से विजुअलाइज करने की क्षमता होती है।
साथ ही, विभिन्न सेक्टरों द्वारा दिए गए उलझाऊ और जटिल डाटा में से अहम जानकारियों को बारीकी से खंगालते हैं। वे यह भी पता लगाते हैं कि किस वजह से कंपनी की स्थिति में गिरावट आ रही है या कंपनी के लिए कौन-सा नया उद्यम ज्यादा फायदेमंद होगा।
क्वालिफिकेशन
डाटा साइंटिस्ट बनने के लिए कैंडिडेट के पास मैथ्स, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, अप्लाइड साइंस, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमटेक और एमएस की डिग्री होना जरूरी है। यही नहीं कैंडिडेट्स को सांख्यिकी मॉडलिंग, प्रॉबेबिलिटी की नॉलेज होना बहुत जरूरी है।
इसके अलावा, पाइथन, जावा, आर, एसएएस जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की समझ होना भी बेहद जरूरी है। एडवांस्ड सर्टिफिकेट और एडवांस्ड प्रोग्राम जैसे कुछ प्रोग्राम के लिए इंजीनियरिंग या मैथ्स या स्टेटिस्टिक्स में बैचलर डिग्री या मास्टर डिग्री होने के साथ-साथ दो वर्ष का अनुभव भी चाहिए।
मेन कोर्सेस
डाटा साइंटिस्ट की पढ़ाई के लिए देश में कई संस्थानों द्वारा बिजनेस एनालिटिक्स स्पेशलाइजेशन में शॉर्ट टर्म कोर्स कराए जा रहे हैं। आईआईएम कोलकाता, आईएसआई कोलकाता और आईआईटी खड़गपुर ने मिल कर दो वर्षीय फुलटाइम पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एनालिटिक्स प्रोग्राम की शुरुआत की है।
इसके अलावा, एडवांस्ड सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन बिजनेस एनालिटिक्स, एग्जिक्युटिव प्रोग्राम इन बिजनेस एनालिटिक्स, एडवांस्ड बिजनेस एनालिटिक्स एंड बिजनेस ऑप्टिमाइजेशन प्रोग्राम, मास्टर्स इन मैनेजमेंट, पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन मार्केट रिसर्च एंड डाटा एनालिटिक्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस एनालिटिक्स जैसे कोर्स किए जा सकते हैं।
जॉब्स ऑप्शन
इस फील्ड में आप डाटा साइंटिस्ट, डाटा एनालिस्ट, सीनियर इंफॉर्मेशन एनालिस्ट, इंफॉर्मेशन ऑफिसर, डाटा ऑफिसर, सॉफ्टवेयर टेस्टर, सपोर्ट एनालिस्ट और बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर करियर बना सकते हैं। इस फील्ड में सरकारी और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में जॉब के बहुत मौके हैं।
अगर प्राइवेट सेक्टर की बात करें, तो आइटी, बैंक्स, इंश्योरेंस, फाइनेंस, टेलीकॉम, ई-कॉमर्स, रिटेल और आउटसोर्सिंग कंपनीज में ऐसे प्रोफेशनल्स की बहुत डिमांड है। इसके अलावा, युवाओं के लिए कंस्ट्रक्शन, यूटिलिटी, ऑयल/गैस/माइनिंग, हॉस्पिटल्स एंड हेल्थकेयर, ट्रांसपोर्टेशन, कंसल्टिंग और मैन्युफेक्चरिंग कंपनीज में भी काफी संभावनाएं हैं।
अगर चाहें तो कॉलेज या यूनिवर्सिटीज के रिसर्च विंग से भी जुड़ सकते हैं। डाटा प्रोफेशनल्स की डिमांड अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में भी बहुत है। कई बड़ी कंपनियों जैसे गूगल, अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, ईबे, लिंक्डइन, फेसबुक और ट्विटर जैसी कंपनीज को भी डाटा साइंटिस्ट्स की जरूरत पड़ती है।
सैलरी
डाटा साइंटिस्ट्स की सैलरी उसके अनुभव पर भी निर्भर करती है। लेकिन यह काफी हाई-पेइंग जॉब है। अगर एवरेज सैलरी की बात की जाए, तो डाटा साइंटिस्ट्स को करीब 70-80 लाख रुपए सालाना तक मिल सकता है। हालांकि शुरुआती दौर में प्रोफेशनल्स को 8 से 10 लाख रुपए का सालाना पैकेज आसानी से मिल जाता है।
प्रमुख संस्थान
आईएसआई, कोलकाता
वेबसाइट: www.isical.ac.in
आईआईएम, कोलकाता, लखनऊ
वेबसाइट: www.iimcal/l.ac.in
आईआईटी, खड़गपुर
वेबसाइट: www,iitkgp.ac.in
एमआईसीए, अहमदाबाद
वेबसाइट: www.mica.ac.in
-आईआईएससी, बेंगलुरु
वेबसाइट: www,iisc.ernet.in
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