Saturday, November 25, 2017

राजनीतिक विज्ञान में करियर

राजनीति विज्ञान एक सामाजिक विज्ञान हैजो राजनीति के सिद्धांत और व्यवहार तथा राजनीतिक व्यवस्था के विवेचन एवं विश्लेषण से जुड़ा हुआ है। इस विषय के कई उपभाग हैं । जैसे-राजनीतिक सिद्धांतलोक नीतिराष्ट्रीय राजनीतिअंतरराष्ट्रीय संबंध,  तुलनात्मक राजनीति आदि। इससे पता चलता है कि यह विषय व्यापक क्षेत्र को कवर करता है तथा इस विषय का अध्ययन करने के बाद विविध क्षेत्रों में एवं विभिन्न भूमिकाओं में कार्य करने का अवसर मिल सकता है
राजनीति अपने पुरातन स्वरूप में बड़े बदलाव कर रही हैजो पूरी दुनिया की सामाजिक संरचनाओं को भी प्रभावित कर रही है। ढेरों ऐसे संगठन इस बदलाव को समझने और नई रणनीतियों को बनाने के लिए बन रहे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। तमाम राजनीतिक दल अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए नए तरीके और आइडियाज पर काम कर रहे हैं। थिंक टैंक और संगठन तक में आधुनिक तौर तरीकों से बदलाव किए जा रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों की बाजार में मांग पैदा हो रही है जो इन बदलावों को बेहतर तरीके से समझते हों या राजनीतिक समझ को बेहतर करने में सक्षम हों। पॉलिटिकल साइंटिस्ट और थिंक टैंक जैसे नए पदनामों के साथ राजनीति विज्ञान ने आधुनिक दुनिया में बेहतर करियर बनाने के ढेरों नए अवसर पैदा किए हैं। राजनीतिक सिद्धांतलोकनीतिराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिवैश्विक संबंध और तुलनात्मक राजनीति जैसे क्षेत्र उनका स्वागत करने के लिए हाथ पसारे खड़े हैं।
क्या पढ़ना होगा
राजनीति विज्ञान में स्नातक के अलावा इंटेलेक्चुअल प्रॅपर्टी राइट्सइंटरनेशनल रिलेशंसलोकल गवर्नेंसपब्लिक एडमिनिस्ट्रेशनपॉलिटिक्सपब्लिक पॉलिसी में स्नातकोत्तरएमफिल और पीएचडी की जा सकती है। क्षेत्र विशेष में अपनी विशेषज्ञता बढ़ाने के लिए मिनिस्ट्रीपंचायती राजइंडियन पॉलिटिकल सिस्टम और गुड गवर्नेंस में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज भी भारत में उपलब्ध हैं।
सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं
राजनीति विज्ञान सिर्फ  विचार समझने और विकसित करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि उसे प्रचारित और प्रसारित करने तक आगे बढ़ चुकी है। यह जनमत निर्माण के लिए सोचने से आगे लिखने और बेहतर वक्ता होने तक की मांग करती है इसलिए इस क्षेत्र में करियर निर्माण के लिए सोचने वाले युवाओं को अपने पूरे व्यक्तित्व पर भी काम करना होगा। इस विधा में महारत रखने वाले उम्मीदवारों के लिए लॉ फर्म्समार्केटिंग रिसर्च फम्सफील्ड रिसर्चलॉ इंफोर्समेंट एजेंसी जैसे पुलिस एवं न्यायालय आदिपब्लिशिंग फर्म्सराजनीतिक दल और विभिन्न व्यवसायों में ढेरों बेहतरीन जॉब ऑफर्स इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा वे पॉलिसी एनालिस्टपॉलिटिकल कंमेटेटरपॉलिटिकल राइटरसर्वे कंडक्टरप्री पोल एनालिस्टपब्लिक अफेयर्स रिसर्च एनालिस्टपब्लिक ओपिनियन एनालिस्टकैम्पेन वर्करकैम्पेन डिजाइनरविभिन्न मीडिया समूहों या अखबार में पॉलिटिकल कॉरसपॉन्डेंट या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेटर जैसे पद संभाल सकते हैं।
यहां से कर सकते हैं कोर्स
*     हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालयशिमला
*     पीजी कालेजधर्मशाला(हिमाचल प्रदेश)
*     राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयबिलासपुर
*     राजकीय सनातकोत्तर महाविद्यालयसरकाघाट
*     राजकीय महाविद्यालयबैजनाथ
*     दिल्ली विश्वविद्यालयदिल्ली
*     हैदराबाद विश्वविद्यालयहैदराबाद
*     कलकत्ता विश्वविद्यालयप. बंगाल
*     पुणे श्विवविद्यालयपुणे
*     बनारस हिंदू विश्वविद्यालयवाराणसी
*     हिंदू कालेजदिल्ली
*     पंजाब विश्वविद्यालयचंडीगढ़
राजनीति विज्ञान का अन्य समाज विज्ञानों से संबंध
समाजशास्त्रों में पारस्परिक अंतर्निर्भरता पाई जाती है। कोई भी एक समाज विज्ञान समाज का उचित एवं समग्र अध्ययन नहीं कर सकता। इसलिए तमाम समाजशास्त्र आपस में संबंधित हैं और अंतर्शास्त्रीय अध्ययन पद्धति ने फिर से समाजशास्त्रों के इस संबंध को उभार दिया है। आज राजनीतिक अर्थशास्त्रराजनीतिक नैतिकताराजनीतिक इतिहासराजनीतिक समाजशास्त्रराजनीतिक मनोविज्ञान तथा राजनीतिक भूगोल आदि विभिन्न राजनीति विज्ञान की नई शाखाओं का खुलना इस बात का प्रतीक है कि राजनीति विज्ञान अन्य समाज विज्ञानों से संबंध स्थापित किए बिना नहीं चल सकता।
बदलता स्वरूप
यूनानी विचारकों के समय से लेकर आधुनिक काल तक के विभिन्न चिन्तकोंसिद्धांतवेत्ताओं और विश्लेषकों के योगदानों से राजनीति विज्ञान के रूपअध्ययन सामग्री एवं उसकी परंपराएं समय-समय पर परिवर्तित होती रही हैं। तद्नुरूप इस विषय का निरंतर विकास होता रहा है। इस विकासक्रम में राजनीति विज्ञान के अध्ययन के संबंध में दो प्रमुख दृष्टिकोणों का उदय हुआ है। परंपरागत दृष्टिकोण एवं आधुनिक दृष्टिकोण। पारंपरिक या परंपरागत दृष्टिकोण राज्य प्रधानता का परिचय देता है जबकि आधुनिक दृष्टिकोण प्रक्रिया प्रधानता का।
वेतनमान
इस क्षेत्र में वेतनमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस पद पद हैं और क्या आप का क्षेत्र सरकारी है या निजी क्षेत्र में आप कार्यरत हैं। स्कूल में अध्यापन कार्य में आरंभ में 10 से 15 हजार तक वेतन मिलता है। कालेज में 35 से 40 हजार तक वेतनमान है।
महत्त्व
राजनीति विज्ञान का महत्त्व इस तथ्य से प्रकट होता है कि आज राजनीतिक प्रक्रिया का अध्ययन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार की राजनीति को समझने के लिए आवश्यक है। प्रक्रिया के अध्ययन से ही वास्तविक राजनीति एवं उनके भीतर अवस्थित तथ्यों का ज्ञान संभव है।
अवसरों की  भरमार
सिविल सेवा
राजनीति विज्ञान सिविल सेवा और राज्य सिविल परीक्षाओं में एक ऑप्शनल विषय के रूप में काफी लोकप्रिय है। पढ़ने में सुविधाजनक होनेआसानी से पाठ्य सामग्री और कोचिंग की सुविधा उपलब्ध होने के कारण कम परिश्रम में अच्छे अंक प्राप्त किए जा सकते हैं। सामान्य अध्ययन (जनरल स्टडी) प्री एवं मुख्य परीक्षा के 25 फीसदी प्रश्न राजनीति शास्त्र से जुड़े होते हैं। इसके अलावा राजनीति विज्ञान देश-विदेश की घटनाओं के विश्लेषण के साथ ही निबंध लेखन को भी आसान बनाता है।
कानून
पॉलिटिकल साइंस का बैकग्राउंड लॉ करने के लिए अच्छा माना जाता है। एलएलबी करके कानून के क्षेत्र में स्थान बना सकते हैं।
समाज सेवा
राजनीति विज्ञान का अध्ययन समाज के विभिन्न अवयवराजनीति संगठन आदि को समझने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है और इस प्रकार यह समाज सेवा और राजनीति के क्षेत्र में कार्य करने के लिए बहुत ही सहयोगी साबित हो सकता है। यह एक ऐसा विषय हैजो समाज सेवा के लिए प्रेरित करता है। समाज सेवा के जरिए जनप्रतिनिधि बना जा सकता है और लोकतंत्र को मजबूत करने में एक सशक्त भूमिका अदा की जा सकती है। राजनीति विज्ञान विषय में ग्रेजुएट होने पर एक बेहतर वक्ता तथा जनप्रतिनिधि बनने में सुविधा होती है।
राजनीतिक विश्लेषक
राजनीति विज्ञान में पीजी की डिग्री हासिल करने एवं राजनीतिक दर्शनअंतरराष्ट्रीय संबंधसंविधान में दिलचस्पी रखने वाला राजनीतिक विश्लेषक बन सकता है। दूतावासों और स्वयंसेवी संगठनों में भी बेहतर अवसर हो सकते हैं। उच्च शिक्षा हासिल करके चुनाव विश्लेषक भी बना जा सकता है। इसके अलावा एमफिल या पीएचडी करने और किसी प्रोजेक्ट का अनुभव हासिल करने के बाद स्वतंत्र रूप से किसी सामाजिक विषय पर प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले सकते हैं। कई राजनीतिक अनुसंधान एवं विश्लेषण संस्थानों में प्रतिष्ठित पदों पर कार्य करने का अवसर मिल सकता है।
उच्च शिक्षा में संभावनाएं
यदि राजनीति विज्ञान से बीए ऑनर्स करने के बाद बीएड करते हैंतो किसी सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में इस विषय के शिक्षक बन सकते हैं। वहीं एमए करने के बाद नेट व पीएचडी करके किसी भी कालेज में लेक्चरर या प्रोफेसर भी बन सकते हैं।
पत्रकारिता
राजनीति विज्ञान का ज्ञान देश-विदेश की घटनाओं का विश्लेषण एवं समीक्षा करने में सक्षम बनाता है। मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता का कोर्स करके प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में नौकरी की तलाश की जा सकती है।
और भी हैं विकल्प
राजनीति विज्ञान से ऑनर्स करने के बाद बैंकन्यायिक सेवाभारतीय प्रशासनिक सेवाविदेश सेवामानवाधिकारवकालतएमबीएरिसर्च इंस्टीच्यूटवर्ल्ड ट्रेड आर्र्गेनाइजेशनबिजनेस एडमिनिस्ट्रेशनपब्लिक रिलेशन आदि में भी नौकरी की तलाश की जा सकती है।
किस तरह का काम
किसी भी विषय की पढ़ाई करने वाला छात्र राजनीति विज्ञान को अपना सकता है। इसके लिए देश से संबंधित मसलों की गहन खोज-परख तथा जांच-पड़ताल करने की जरूरत होती है। राजनीति विज्ञान विभिन्न सरकारी विभागों की वित्तीय गतिविधियों पर नियंत्रण करने का अवसर देता है। बजट और उसकी प्रक्रिया के निर्धारणउसकी विशेषताओंउद्देश्यों तथा बजट के विभिन्न सिद्घांतों तथा बजट लागू करने में राजनीतिक विज्ञान का अपना महत्त्व होता है। यह कर्मचारी को संस्थान की अवधारणा तथा संगठन में मानव व्यवहार के आकलन में भी मदद करता है।
अर्थ एवं परिभाषा
राजनीति’ का पर्यायवाची अंग्रेजी शब्द पॉलिटिक्स’ यूनानी भाषा के पॉलिस’ शब्द से बना है जिसका अर्थ नगर अथवा राज्य है। प्राचीन यूनान में प्रत्येक नगर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में संगठित होता था और पॉलिटिक्स शब्द से उन नगर राज्यों से संबंधित शासन की विद्या का बोध होता था। धीरे-धीरे नगर राज्यों का स्थान राष्ट्रीय राज्यों ने ले लिया अतः राजनीति भी राज्य के विस्तृत रूप से संबंधित विद्या हो गई। संक्षेप में राजनीति विज्ञान के अन्तर्गत राज्यसरकार तथा अन्य सम्बंधित संगठनों व संस्थाओं काए मानव के राजनीतिक जीवन के संदर्भ में अध्ययन किया जाता है।
परिचय
राजनीति विज्ञान का उद्भव अत्यन्त प्राचीन है। यूनानी विचारक अरस्तू को राजनीति विज्ञान का पितामह कहा जाता है। यूनानी चिंतन में प्लेटो का आदर्शवाद एवं अरस्तू का बुद्धिवाद समाहित है। राजनीति शास्त्र या राजनीति विज्ञान अत्यन्त प्राचीन विषय है। प्रारंभ में इसे स्वतंत्र विषय के रूप में नहीं स्वीकारा गया। राजनीति विज्ञान का अध्ययन नीतिशास्त्रदर्शनशास्त्रइतिहास,एवं विधि शास्त्र आदि की अवधारणाओं के आधार पर ही करने की परंपरा थी। आधुनिक समय में इसे न केवल स्वतंत्र विषय के रूप में स्वीकारा गया अपितु सामाजिक विज्ञानों के सन्दर्भों में इसका पर्याप्त विकास भी हुआ।
शैक्षणिक योग्यता
12वीं के बाद राजनीति विज्ञान में स्नातक डिग्री ली जा सकती है और उसके बाद स्नातकोत्तर किया जा सकता है। पीएचडी का विकल्प भी इसमें खुला है। जो विद्यार्थी कला क्षेत्र में स्नातक करना चाहते हैंवे राजनीति विज्ञान में ऑनर्स कर सकते हैं या पास कोर्स में एक विषय के रूप में इसे रख सकते हैं।
अध्ययन का विस्तृत क्षेत्र
राजनीति विज्ञान एक सामाजिक अध्ययन  है जो सरकार और राजनीति के अध्ययन से संबंधित है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं। राजनीतिक चिंतनराजनीतिक सिद्धांतराजनीतिक दर्शनराजनीतिक विचारधारासंस्थागत या संरचनागत ढांचातुलनात्मक राजनीतिलोक प्रशासनअंतरराष्ट्रीय कानून और संगठन आदि।

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