लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट एेसी प्रक्रिया है,
जिसमें जानकारी, गुड्स और अन्य संसाधनों को शुरुआत से लेकर सप्लाई तक
कस्टमर की जरूरतों के अनुसार मैनेज किया जाता है। अन्य शब्दों मंे कहें, तो
यह खरीद, ट्रांसपोर्टेशन, स्टोरेज और मटीरियल के डिस्ट्रीब्यूशन को मैनेज
करना है। सप्लाई चेन मैनेजमेंट इसका ही एक हिस्सा है, जिसमें इंवेंट्री,
ट्रांसपोर्टेशन, वेयरहाउसिंग, मटीरियल हैंडलिंग और पैकेजिंग भी शामिल है।
घर, ऑफिस अौर फैक्टरी में होने वाले मटीरियल की सप्लाई की जिम्मेदारी
लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट कंपनी की होती है।
भारत में मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल,
एफएमसीजी और ई-कॉमर्स में तेजी के कारण लॉजिस्टिक्स मार्केट के 2020 तक
सालाना 12.17 फीसदी की दर से बढ़ने की संभावना है। भारत फिलहाल लॉजिस्टिक्स
में जीडीपी का 14.4 फीसदी खर्च करता है, जो विकसित देशों में हाेने वाले 8
फीसदी खर्च से कहीं ज्यादा है। नेशनल स्किल डेवलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार
फिलहाल भारत के लॉजिस्टिक्स मार्केट में 1.7 करोड़ एम्प्लाॅई काम कर रहे
हैं और 2022 तक 1.11 करोड़ अतिरिक्त एम्प्लॉई की आवश्यकता होगी।
देश के फ्रेट ट्रांसपोर्ट मार्केट के 2020
तक 13.35 फीसदी की सालाना दर से बढ़ने की संभावना है। देश के फ्रेट
ट्रांसपोर्ट में लगभग 60 फीसदी हिस्सा रोड फ्रेट का है और 2020 तक इसके 15
फीसदी की सालाना दर से बढ़ने की संभावना है। लॉजिस्टिक्स कई प्रकार का हो
सकता है जैसे प्रोडक्शन, बिज़नेस और प्रोफेशनल लॉजिस्टिक्स।
अधिकतर कोर्स पीजी स्तर के
लॉजिस्टिक मैनेजमेंट के क्षेत्र में
कॅरिअर बनाने के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके लिए पार्ट टाइम,
सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा और पीजी डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश
लिया जा सकता है। किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री करने वाले छात्र इसमें
प्रवेश ले सकते हैं। प्रमुख कोर्स में पीजी डिप्लोमा इन लॉजिस्टिक्स
मैनेजमेंट, एमबीए इन लॉजिस्टिक एंड सप्लाई चेन मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन
लॉजिस्टिक्स एंड पोर्ट मैनेजमेंट और एग्जीक्यूटिव पीजी डिप्लोमा इन बिज़नेस
लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट एंड एससीएम शामिल हैं। शीर्ष संस्थानों में प्रवेश
कैट, मैट, ज़ैट जैसी परीक्षाओं के स्कोर के आधार पर मिलता है। एग्जीक्यूटिव
कोर्स में प्रवेश के लिए एक्सपीरियंस जरूरी है।
सभी तरह की कंपनियों में अवसर
छोटी और बड़ी सभी तरह की कम्पनियों में
लॉजिस्टिक्स मैनेजर की जरूरत होती है। कई संस्थाएं विश्वभर में लॉजिस्टिक
मैनेजर की नियुक्ति करती हैं। यह कम्पनियां मैन्युफैक्चरर, होलसेलर,
इलेक्ट्रिसिटी सप्लायर, लोकल गवर्नमेंट से लेकर आर्मी और चैरिटी संस्थाएं
भी हो सकती हैं। रिटेल, क्लियरिंग एंड फाॅरवर्डिंग कंपनी, कूरियर एंड
सप्लाई चेन मैनेजमेंट एंटरप्राइजेस में कॅरिअर की बेहतर संभावनाएं होती
हैं। इसमें कस्टमर सर्विस मैनेजर, लॉजिस्टिक मैनेजर, मटीरियल मैनेजर,
पर्चेस मैनेजर और इंवेंट्री कंट्रोल मैनेजर के पदों पर जॉब की जा सकती है।
कमाई
इस क्षेत्र में सैलरी पैकेज आमतौर पर
अच्छे होते हैं। फ्रेशर को क्वालिफिकेशन और संस्थान के आधार पर प्रति माह
12 हजार से 20 हजार रुपए तक मिलने की संभावना होती है। कुछ वर्ष के अनुभव
के बाद 35 हजार से 50 हजार रुपए प्रति माह का सैलरी पैकेज मिल सकता है।
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