एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स एविएशन क्षेत्र के लिए महत्त्वपूर्ण
भूमिका निभाते हैं। वे एयरक्राफ्ट के उड़ने से पहले यह सुनिश्चित करते हैं
कि एयरक्राफ्ट बेहतर स्थिति में है या नहीं। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर
को सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है, जिससे लोगों को आने वाले
खतरों से बचाया जा सके। एक एयरक्राफ्ट इंजीनियर का काम यह विश्वास दिलाने
का होता है कि एयरक्राफ्ट उड़ने के लिए तैयार है या नहीं। प्रत्येक विमान
के नियमित रख-रखाव एवं उड़ान के लिए कई एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर्स
एवं तकनीशियन का होना अनिवार्य होता है। कोई विमान तब तक उड़ान नहीं भर
सकता, जब तक कि एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर द्वारा उस विमान को उड़ान
योग्य प्रमाण-पत्र नहीं दे दिया जाता। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर हेतु
विमानन उद्योग में रोजगार के अवसर अधिक है। वर्तमान में स्थिति यह है कि
देश में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों के न होने के कारण इस क्षेत्र में
उच्च वेतनमान पर दूसरे देशों की सेवाएं ली जा रही हैं। देश में महानिदेशक,
सिविल विमानन विभाग, भारत सरकार द्वारा मान्यता-प्राप्त प्रशिक्षण
संस्थानों में एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग की शिक्षा दी जाती है।
शैक्षणिक योग्यता
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की अवधि तीन वर्ष होती है। जिन छात्रों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषयों के साथ 50 प्रतिशत अंकों सहित बारहवीं की परीक्षा पास की है या इंजीनियरिंग की किसी भी बं्राच में तीन साल का डिप्लोमा या बारहवीं के बाद बीएससी डिग्री प्राप्त किए हुए छात्र एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग के कोर्सों में प्रवेश पा सकते हैं।
कोर्स
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके लिए आपको एएमई (एसोसिएट मेंबरशिप एग्जाम) पास करना होता है। यह कोई डिग्री प्रोग्राम नहीं है, बल्कि एक स्पेशलाइज्ड लाइसेंसिंग प्रोग्राम है, जिसमें एयरक्राफ्ट की सर्विस और मेंटेनेंस के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग केवल उन्हीं संस्थानों में दी जाती है, जो डीजीसीए द्वारा स्वीकृत होते हैं। इसके साथ ही इन संस्थानों में एएमई परीक्षा की तैयारी के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है। यह परीक्षा एयरोनाटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ली जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद डीजीसीए आपको एएमई लाइसेंस प्रदान करता है, जिससे आप भारतीय विश्वविद्यालयों में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक कोर्स के लिए प्रवेश पा सकते हैं। तीन साल के एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनिरिंग लाइसेंस कोर्स भारत में कई सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा करवाए जाते हैं, जो डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं। जिन्हें करके आप एविएशन के क्षेत्र में अच्छे वेतनमान के साथ रोजगार पा सकते हैं।
रोजगार के अवसर
जिन लोगों ने सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरी कर ली है और डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, वे एयरपोर्ट्स और एयरक्राफ्ट मैन्युफेक्चरिंग या मेंटेनेंस फर्मों के साथ बेहतर वेतनमान पर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती तादाद को देखते हुए एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों की मांग में बढ़ोतरी हुई है। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप फ्लाइट एंड ग्राउंड इंस्ट्रक्टर, फ्लाइट डिस्पैचर, फैक्टर फैसिलेटर और एविएशन डाक्टर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। इसके साथ ही निजी या सरकारी कालेजांे और विश्वविद्यालयों में टीचिंग में भी रोजगार की बेहतर संभावनाएं हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में वेतनमान सरकारी क्षेत्र के मुकाबले निजी क्षेत्र में अधिक होता है। सरकारी क्षेत्रों जैसे एचएएल और एनएएल आदि में शुरुआत में लगभग 8000 से 10000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। जो व्यक्ति रिसर्च संस्थाओं जैसे इसरो और डीआरडीओ में काम करना चाहते हैं, वे 12000 से 18000 रुपए प्रति माह कमा सकते हैं। मैनेजमेंट डिग्री के साथ-साथ इंजीनियरिंग गे्रजुएट्स शुरुआत में 10000 से 40000 रुपए प्रतिमाह आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में उच्च योग्यता और अनुभव रखने वाला व्यक्ति 40000 से 1.25 लाख रुपए प्रति महीना कमा सकता है।
कोर्स
1. डिप्लोमा इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
2. डिग्री इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
3. एमई इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
4. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
5. सर्टिफिकेट कोर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
6. शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
7. बीएससी ऑनर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
8. बैचलर डिग्री इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
9. अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
10. एसोसिएट डिग्री प्रोग्राम इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
संस्थान
1. पंजाब इंजीनियरिंग कालेज, चंडीगढ़
2. गुरुकुल विद्यापीठ, बनूर, पटियाला
3. पंजाब एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग कालेज, पटियाला
4. पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
5. डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, चंडीगढ़
6. इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग, नई दिल्ली
7. स्टार एविएशन अकादमी, गुड़गांव
8. स्कूल ऑफ एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
9. स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक्स, नई दिल्ली
10. नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, देहरादून
11. इंस्टीच्यूट ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, बहादुरगढ़, हरियाणा
शैक्षणिक योग्यता
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की अवधि तीन वर्ष होती है। जिन छात्रों ने फिजिक्स, केमिस्ट्री और गणित विषयों के साथ 50 प्रतिशत अंकों सहित बारहवीं की परीक्षा पास की है या इंजीनियरिंग की किसी भी बं्राच में तीन साल का डिप्लोमा या बारहवीं के बाद बीएससी डिग्री प्राप्त किए हुए छात्र एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग के कोर्सों में प्रवेश पा सकते हैं।
कोर्स
एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर बनने के लिए सबसे पहले आपको डीजीसीए (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से लाइसेंस प्राप्त करना आवश्यक होता है। इसके लिए आपको एएमई (एसोसिएट मेंबरशिप एग्जाम) पास करना होता है। यह कोई डिग्री प्रोग्राम नहीं है, बल्कि एक स्पेशलाइज्ड लाइसेंसिंग प्रोग्राम है, जिसमें एयरक्राफ्ट की सर्विस और मेंटेनेंस के बारे में ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग केवल उन्हीं संस्थानों में दी जाती है, जो डीजीसीए द्वारा स्वीकृत होते हैं। इसके साथ ही इन संस्थानों में एएमई परीक्षा की तैयारी के लिए ट्रेनिंग भी दी जाती है। यह परीक्षा एयरोनाटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा ली जाती है। इस परीक्षा को पास करने के बाद डीजीसीए आपको एएमई लाइसेंस प्रदान करता है, जिससे आप भारतीय विश्वविद्यालयों में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीई या बीटेक कोर्स के लिए प्रवेश पा सकते हैं। तीन साल के एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनिरिंग लाइसेंस कोर्स भारत में कई सरकारी और निजी संस्थानों द्वारा करवाए जाते हैं, जो डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं। जिन्हें करके आप एविएशन के क्षेत्र में अच्छे वेतनमान के साथ रोजगार पा सकते हैं।
रोजगार के अवसर
जिन लोगों ने सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरी कर ली है और डीजीसीए (डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन) से लाइसेंस प्राप्त कर लिया है, वे एयरपोर्ट्स और एयरक्राफ्ट मैन्युफेक्चरिंग या मेंटेनेंस फर्मों के साथ बेहतर वेतनमान पर नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र में एयरक्राफ्ट्स की बढ़ती तादाद को देखते हुए एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों की मांग में बढ़ोतरी हुई है। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप फ्लाइट एंड ग्राउंड इंस्ट्रक्टर, फ्लाइट डिस्पैचर, फैक्टर फैसिलेटर और एविएशन डाक्टर के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। इसके साथ ही निजी या सरकारी कालेजांे और विश्वविद्यालयों में टीचिंग में भी रोजगार की बेहतर संभावनाएं हैं।
वेतनमान
इस क्षेत्र में वेतनमान सरकारी क्षेत्र के मुकाबले निजी क्षेत्र में अधिक होता है। सरकारी क्षेत्रों जैसे एचएएल और एनएएल आदि में शुरुआत में लगभग 8000 से 10000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। जो व्यक्ति रिसर्च संस्थाओं जैसे इसरो और डीआरडीओ में काम करना चाहते हैं, वे 12000 से 18000 रुपए प्रति माह कमा सकते हैं। मैनेजमेंट डिग्री के साथ-साथ इंजीनियरिंग गे्रजुएट्स शुरुआत में 10000 से 40000 रुपए प्रतिमाह आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में उच्च योग्यता और अनुभव रखने वाला व्यक्ति 40000 से 1.25 लाख रुपए प्रति महीना कमा सकता है।
कोर्स
1. डिप्लोमा इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
2. डिग्री इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
3. एमई इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
4. पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
5. सर्टिफिकेट कोर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
6. शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
7. बीएससी ऑनर्स इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
8. बैचलर डिग्री इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
9. अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
10. एसोसिएट डिग्री प्रोग्राम इन एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग
संस्थान
1. पंजाब इंजीनियरिंग कालेज, चंडीगढ़
2. गुरुकुल विद्यापीठ, बनूर, पटियाला
3. पंजाब एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग कालेज, पटियाला
4. पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला
5. डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग, चंडीगढ़
6. इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ एयरक्राफ्ट इंजीनियरिंग, नई दिल्ली
7. स्टार एविएशन अकादमी, गुड़गांव
8. स्कूल ऑफ एविएशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
9. स्कूल ऑफ एयरोनॉटिक्स, नई दिल्ली
10. नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, देहरादून
11. इंस्टीच्यूट ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, बहादुरगढ़, हरियाणा