क्या आप
कल्पना कर सकते हैं शक्कर के दाने के बराबर के किसी ऐसे कंप्यूटर की,
जिसमें विश्व के सबसे बडे पुस्तकालय की समस्त पुस्तकों की समग्र जानकारी
संग्रहीत हो या किसी ऐसी मशीन की, जो हमारी कोशिकाओं में घुसकर रोगकारक
कीटाणुओं पर नजर रख सके या फिर छोटे-छोटे कार्बन परमाणुओं से बनाए गए किसी
ऐसे टेनिस रैकेट की, जो साधारण रैकेट से कहीं अधिक हल्का और स्टील से कई
गुना ज्यादा मजबूत हो। कपडों पर लगाए जा सकने वाले किसी ऐसे बायोसेंसर की
कल्पना करके देखिए, जो जैव-युद्ध के जानलेवा हथियार एंथ्रेक्स (एक जीवाणु)
के आक्रमण का पता महज कुछ मिनटों में लगा लेगा। परी-कथाओं जैसा लगता है न
ये सब? पर ये कोरी कल्पना नहीं है। विज्ञान ने इन कल्पनाओं में वास्तविकता
के रंग भर दिए हैं नैनोटेक्नोलॉजी के जरिए।
क्या है नैनो टेक्नोलॉजी नैनो-टेक्नोलॉजी वह अप्लाइड साइंस है, जिसमें 100 नैनोमीटर से छोटे पार्टिकल्स पर भी काम किया जाता है। आज इस तकनीक की मदद से हर क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यदि विस्तार से जानें, तो नैनो एक ग्रीक शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है बौना। नैनोटेक्नोलॉजी में काम आने वाले पदाथरें को नैनोमैटेरियल्स कहा जाता है। नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग वर्षो से बहुलक (पॉलीमर) तथा कम्प्यूटर चिप्स में हो रहा है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी और कम्प्यूटर, भवन-निर्माण सामग्री, वस्त्र उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूर-संचार, घरेलू उपकरण, कागज और पैकिंग उद्योग, आहार, वैज्ञानिक उपकरण, चिकित्सा और स्वास्थ्य, खेल जगत, ऑटोमोबाइल्स, अंतरिक्ष विज्ञान, कॉस्मेटिक्स, अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्र में इसका उपयोग होता है। कोर्स और योग्यता समय के साथ-साथ करियर के विकल्प बढ गए हैं। नैनोटेक्नोलॉजी में पीजी करने के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व गणित में 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक या एमटेक करने के लिए मैटेरियल साइंस, मैकेनिकल, बायोमेडिकल, केमिकल, बायोटेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड कम्प्यूटर साइंस में से किसी भी विषय से बीटेक की डिग्री आवश्यक है। फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स नैनो टेक्नोलॉजी का कार्य क्षेत्र बहुत ही व्यापक और विस्तृत है। आज हर क्षेत्र में इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। इंजीनियरिंग साइंस, मैटेरियल साइंस, इंस्ट्रूमेंटेशन, डिवाइस फेब्रिकेशन और ड्रग डिलीवरी सिस्टम में होने वाली हर नई खोज का कम से कम एक कंपोनेंट नैनो टेक्नोलॉजी से संबंधित होता है। दुनिया का शायद ही कोई क्षेत्र इससे अछूता रहा हो। बायो-मेडिकल अनुसंधान में तो नैनोमेडिसीन ने जैसे करिश्मा कर दिखाया है और इस करिश्मे के पीछे हैं छोटे-छोटे नैनोपार्टिकल्स। कोशिकाओं में ये पार्टिकल्स बडे आराम से, बेरोक-टोक घूम-फिर सकते हैं। खाद्य सामग्री निर्माण, संसाधन, सुरक्षा और डिब्बाबंदी का प्रत्येक चरण नैनोटेक्नोलॉजी के बिना अधूरा है। सूक्ष्मजीव प्रतिरोधक लेप (नैनोपेंट) भोजन को लम्बे समय तक खराब होने से बचाते हैं। भोजन में होने वाले जैविक और रासायनिक परिवर्तनों की पहचान और उपचार अब बहुत आसानी से किया जा सकता है। आसानी से साफ होने वाले तथा खरोंच प्रतिरोधी पौधों की पोषक पदार्थ ग्राहक क्षमता बढाने वाले और रोगों से बचाने वाले नैनोप्रोडक्ट्स निश्चित ही कृषि क्षेत्र में क्रांति ला देंगे। अब बाजार में ऐसे नैनोलोशन भी आ गए हैं, जो न केवल आपकी कोशिकाओं को जवान और तंदुरूस्त बनाएंगे, बल्कि बुढापे और बीमारियों से भी आपको कोसों दूर रखेंगे। कहां मिलेगी नौकरी यह क्षेत्र देखने में भले ही आकर्षक हो, लेकिन इस क्षेत्र में चुनौतियां भी कम नहीं हैं। इसमें रिसर्च को तवज्जो दी जाती है। इस क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। आप नैनो मेडिसिन, बायोइन्फोर्मेटिक्स, स्टेम सेल डेवलपमेंट, नैनो टॉक्सीकोलॉजी और नैनो पावर जनरेटिंग सेक्टर में संभावनाएं तलाश कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र के छात्रों के लिए हेल्थ इंडस्ट्री, एग्रिकल्चर, एन्वॉयरनमेंट इंडस्ट्री, स्पेस रिसर्च, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, जेनेटिक्स, प्राइवेट रिसर्च इंस्टीट्यूट, बायोटेक्नोलॉजी, फोरेसिंक साइंस जैसे क्षेत्रों में भी काफी अवसर हैं। आप चाहें तो टेक्सटाइल इंडस्ट्री, फार्मास्युटिकल कंपनियों में भी नौकरी की तलाश कर सकते हैं। वेतन वेतन आपकी योग्यता और अनुभव पर निर्भर करता है। इस क्षेत्र में कमाई की कोई सीमा नहीं है। दिनोंदिन बढती नैनो टेक्नोलॉजिस्ट की मांग ने इस क्षेत्र में कमाई के भी कई अवसर खोले हैं। वैसे, आपका वेतन आपकी कंपनी पर निर्भर करता है। सरकारी सेक्टर में एक एमटेक व्यक्ति 30 हजार रुपये प्रतिमाह आसानी से कमा सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह फ्यूचर के साथ-साथ वर्तमान का करियर है। यदि इससे संबंधित डिग्री, डिप्लोमा कोर्स कर लेते हैं, तो आपको बेहतर सैलरी अवश्य मिलेगी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर, दिल्ली, मुंबई जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री, दिल्ली गुरु गोविंद सिंह यूनिवर्सिटी, दिल्ली गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी, हरियाणा एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी, नोएडा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सांइस, बेंगलुरु मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल अमृता सेंटर फॉर नैनोसाइंस, कोच्ची जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एंडवास साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरु |
Monday, November 30, 2015
नैनो है नया करियर
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