मेडिकल स्ट्रीम में डॉक्टरी की पढ़ाई करना
हर स्टूडेंट का सपना होता है लेकिन अक्सर परीक्षा में कम अंक आने की वजह
से या फिर आर्थिक तंगी के कारण छात्र चाह कर भी मेडिकल लाइन में नहीं जा
पाते। ऐसे स्टूडेंट्स के लिए ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन का कोर्स मेडिकल
क्षेत्र में करियर बनाने के लिए एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। यूं तो यह
कोर्स पैरामेडिकल के तहत आता है लेकिन इसकी डिमांड आज हर बड़े व छोटे
अस्पताल में है। ऑपरेशन टेक्नीशियन की इसी मांग को देखते हुए विद्यार्थियों
में ये नए करियर विकल्प के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। आज इससे संबंधित
कोर्स कई मेडिकल कॉलेज और इंस्टीट्यूट में उपलब्ध हैं।
ऑपरेशन टेक्नीशियन का काम
ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के काम में ऑपरेशन टूल्स से लेकर ऑपरेशन थियेटर की हाइजीनिक सफाई तक का विशेष ध्यान रखना शामिल है। ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन धैर्यपूर्वक डॉक्टरों की मदद करता है। वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि ऑपरेशन थियेटर पूर्ण रूप से बेक्टीरिया तथा वायरस से मुक्त हो। वह ऑपरेशन थियेटर तैयार करने से लेकर सेक्शन मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि भी चेक करता है। इसके अलावा मरीज को ओपीडी वार्ड से ऑपरेशन थियेटर तक लाने-ले जाने का काम, सर्जरी से पहले ऑपरेशन से संबंधित सभी टूल्स और इक्विपमेंट्स को चेक करना और उसे प्रबंधित करना, सर्जरी के दौरान सर्जन और नर्स की तकनीकी तौर पर सहायता करना, मरीज को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन यानी एन्सथिसीया देना, ऑपरेशन थियेटर की साफ-सफाई, सर्जिकल टूल्स का रखरखाव वगैरह वगैरह।
ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के काम में ऑपरेशन टूल्स से लेकर ऑपरेशन थियेटर की हाइजीनिक सफाई तक का विशेष ध्यान रखना शामिल है। ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन धैर्यपूर्वक डॉक्टरों की मदद करता है। वह इस बात का पूरा ध्यान रखता है कि ऑपरेशन थियेटर पूर्ण रूप से बेक्टीरिया तथा वायरस से मुक्त हो। वह ऑपरेशन थियेटर तैयार करने से लेकर सेक्शन मशीन, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि भी चेक करता है। इसके अलावा मरीज को ओपीडी वार्ड से ऑपरेशन थियेटर तक लाने-ले जाने का काम, सर्जरी से पहले ऑपरेशन से संबंधित सभी टूल्स और इक्विपमेंट्स को चेक करना और उसे प्रबंधित करना, सर्जरी के दौरान सर्जन और नर्स की तकनीकी तौर पर सहायता करना, मरीज को ऑपरेशन के दौरान बेहोशी का इंजेक्शन यानी एन्सथिसीया देना, ऑपरेशन थियेटर की साफ-सफाई, सर्जिकल टूल्स का रखरखाव वगैरह वगैरह।
कौन कौन से हैं कोर्स
डीपीएमआई की प्रिंसिपल डॉक्टर अरुणा सिंह के मुताबिक, ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के तीन वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एनॉटोमी, फिजियोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, क्लीनिकल बायो केमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी, पैरास्ट्रोलॉजी, सेरालॉजी,विरोलॉजी, क्लीनिकल पैथोलॉजी, हैमेटोलॉजी और ब्लड बैंकिंग मैनेजमेंट, हिस्टो पैथोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर मैनेजमेंट एंड एथिक्स, ऑपरेशन थियेटर प्लानिंग एंड ऑर्गेनाइजिंग, कम्युनिकेशन, पर्सनल डेवलपमेंट एंड रिलेशन आदि का गहनता से अध्ययन कराया जाता है। कुछ अस्पतालों में चयन के बाद प्रशिक्षण के दौरान ही छात्रों को संस्थान की ओर से ही कुछ धनराशि प्रदान की जाने लगती है। सरकारी अस्पतालों व देश में तेजी से बढ़ते निजी अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के लिए रोजगार के खूब अवसर हैं।
डीपीएमआई की प्रिंसिपल डॉक्टर अरुणा सिंह के मुताबिक, ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के तीन वर्षीय कोर्स के अंतर्गत एनॉटोमी, फिजियोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, क्लीनिकल बायो केमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी, पैरास्ट्रोलॉजी, सेरालॉजी,विरोलॉजी, क्लीनिकल पैथोलॉजी, हैमेटोलॉजी और ब्लड बैंकिंग मैनेजमेंट, हिस्टो पैथोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर मैनेजमेंट एंड एथिक्स, ऑपरेशन थियेटर प्लानिंग एंड ऑर्गेनाइजिंग, कम्युनिकेशन, पर्सनल डेवलपमेंट एंड रिलेशन आदि का गहनता से अध्ययन कराया जाता है। कुछ अस्पतालों में चयन के बाद प्रशिक्षण के दौरान ही छात्रों को संस्थान की ओर से ही कुछ धनराशि प्रदान की जाने लगती है। सरकारी अस्पतालों व देश में तेजी से बढ़ते निजी अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटर टेक्नीशियन के लिए रोजगार के खूब अवसर हैं।
योग्यता
इस कोर्स के लिए विद्यार्थियों का 12वीं विज्ञान विषयों से पास होना अनिवार्य है और इसके साथ-साथ पीसीएम, पीसीबी और कैमिस्ट्री,बॉटनी और जूलॉजी (सीबीजेड) जैसे विषयों में 40 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। कोर्स की अवधि 2 वर्ष है और 3 माह की इंटर्नशिप है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपकी उम्र कम से कम 17 साल और अधिकतम 40 साल है।
इस कोर्स के लिए विद्यार्थियों का 12वीं विज्ञान विषयों से पास होना अनिवार्य है और इसके साथ-साथ पीसीएम, पीसीबी और कैमिस्ट्री,बॉटनी और जूलॉजी (सीबीजेड) जैसे विषयों में 40 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। कोर्स की अवधि 2 वर्ष है और 3 माह की इंटर्नशिप है। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपकी उम्र कम से कम 17 साल और अधिकतम 40 साल है।
स्किल्स
ऑपरेशन टेक्नीशियन की कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होनी चाहिए। अपने काम के प्रति सजग और अंडर प्रेशर सिचुएशन में काम का भार संभालने की क्षमता होनी चाहिए। ऑपरेशन टेक्नीशियन का हर काम आर्गनाइज तरीके से होना चाहिए। शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य है।
ऑपरेशन टेक्नीशियन की कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होनी चाहिए। अपने काम के प्रति सजग और अंडर प्रेशर सिचुएशन में काम का भार संभालने की क्षमता होनी चाहिए। ऑपरेशन टेक्नीशियन का हर काम आर्गनाइज तरीके से होना चाहिए। शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य है।
कहां-कहां हैं मौके
डीपीएमआई की प्रिंसिपल डॉक्टर अरुणा सिंह के मुताबिक किसी भी बड़े व छोटे सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों, लैब्स, आईकेयर सेंटर, मेडिकल लेबोरेट्री वगैरह में बेशुमार जॉब्स हैं। यानि जहां भी अस्पताल है वहां ऑपरेशन थियेटर है तो जाहिर ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन की जरूरत है।
डीपीएमआई की प्रिंसिपल डॉक्टर अरुणा सिंह के मुताबिक किसी भी बड़े व छोटे सरकारी के साथ साथ निजी अस्पतालों, लैब्स, आईकेयर सेंटर, मेडिकल लेबोरेट्री वगैरह में बेशुमार जॉब्स हैं। यानि जहां भी अस्पताल है वहां ऑपरेशन थियेटर है तो जाहिर ऑपरेशन थियेटर टेक्निशियन की जरूरत है।
वेतन
ऑपरेशन टेक्नीशियन के लिए छोटे से लेकर बड़े हॉस्पिटलों में रोजगार के अवसर हैं। इनका शुरुआती वेतन 12 हजार से 15 हजार है। तजुर्बे के साथ साथ वेतन में इजाफा होता चला जाता है। इसमें स्वरोजगार की भी संभावनाएं हैं।
ऑपरेशन टेक्नीशियन के लिए छोटे से लेकर बड़े हॉस्पिटलों में रोजगार के अवसर हैं। इनका शुरुआती वेतन 12 हजार से 15 हजार है। तजुर्बे के साथ साथ वेतन में इजाफा होता चला जाता है। इसमें स्वरोजगार की भी संभावनाएं हैं।
प्रमुख संस्थान
- दिल्ली पेरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली,वेबसाइट : www.dpmiindia.com
- शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ पारामेडिकल टेक्नोलॉजी, चंडीगढ़,वेबसाइट : www.shivalikinstitute.org
- पारा मेडिकल कॉलेज, दुर्गापुर, पश्चिम बंगाल वेबसाइट: www.paramedicalcollege
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पारामेडिकल साइंसेज, लखनऊ,वेबसाइट : www.iipsinstitute.com
- डिपार्टमेंट ऑफ पैथालॉजी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़,वेबसाइट www.amu.ac.in
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